2023 में शिवरात्रि कब की है

  1. Ashadha Masik Shivratri 2023 Date Shubh Muhurat Lord Shiva Puja At Night Significance
  2. महाशिवरात्रि 2023 में कब है ? Mahashivratri 2023 Mein Kab Hai
  3. Magh Shivaratri 2023: साल की पहली मासिक शिवरात्रि कब है? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
  4. Masik Shivratri 2023: आज रखा जाएगा आषाढ़ मासिक शिवरात्रि व्रत, भगवान शिव की कृपा से मिलेगा मनचाहा जीवनसाथी
  5. Masik Shivratri 2023 Date Time image Rituals importance Significance puja vidhi Shivratri totke
  6. सावन की शिवरात्रि कब है 2023?
  7. 2023 में महाशिवरात्रि कब है New Delhi, India में
  8. Mahashivratri 2023 Date Time Puja Vidhi Lord Shiva Worship Significance
  9. Masik Shivratri 2023: आज रखा जाएगा आषाढ़ मासिक शिवरात्रि व्रत, भगवान शिव की कृपा से मिलेगा मनचाहा जीवनसाथी
  10. 2023 में महाशिवरात्रि कब है New Delhi, India में


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Ashadha Masik Shivratri 2023 Date Shubh Muhurat Lord Shiva Puja At Night Significance

Ashadha Masik Shivratri 2023: त्रिनेत्रधारी भगवान शंकर को भोलेनाथ कहा गया है, शिव मन के भोले हैं. कहते हैं जो सच्चे मन से एक लोटा जल शिवलिंग पर अर्पित कर दे तो महादेव उसके समस्त कष्ट हर लेते हैं. वैसे तो हर सोमवार शिव जी को समर्पित है लेकिन हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि महादेव को प्रसन्न करने के लिए उत्तम मानी गई है, इस तिथि के मासिक शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है. शिव की प्रिय शिवरात्रि तिथि पर रात्रि में जागरण कर पूजा करने का विधान है. मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से कभी न खत्म होने वाला पुण्य प्राप्त होता है. आइए जानते हैं आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि व्रत की डेट, मुहूर्त और पूजा विधि. आषाढ़ मासिक शिवरात्रि 2023 डेट (Ashadha Masik Shivratri 2023 Date) आषाढ़ महीने की मासिक शिवरात्रि का व्रत 16 जून 2023 को रखा जाएगा. समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए शिवरात्रि के दिन शिवलिंग का रुद्राभिषेक करना बहुत शुभ फलदायी माना जाता है. इस तिथि पर शिव जी का विवाह हुआ था वहीं कुछ मान्यताओं के अनुसार इसी तिथि पर पहली बार महादेव का शिवलिंग के रूप में प्राक्ट्य माना जाता है. आषाढ़ मासिक शिवरात्रि 2023 मुहूर्त (Ashadha Masik Shivratri 2023 Muhurat) पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 16 जून 2023 को सुबह 08 बजकर 39 मिनट पर होगा और इसकी समाप्ति 17 जून 2023 को सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर पर होगी. • शिव पूजा का समय - 17 जून 2023, प्रात: 12.02 - प्रात: 12.42 रात्रि में क्यों होती है शिव पूजा (Shiv Puja at Night Significance) चतुर्दशी तिथि पर रात्रि में शिव का विवाह हुआ था. शिव संहार के देवता है, इसलिए उन्हें रात्रि प्रिय है. रात्रि संहार काल की प्रति...

महाशिवरात्रि 2023 में कब है ? Mahashivratri 2023 Mein Kab Hai

Mahashivratri Vrat 2023- भारत में सनातन धर्म में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से महाशिवरात्रि एक है. दुनिया में भारतीय लोगों को भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने के लिए जाना जाता हैं. यह पर्व लूनी-सौर महीने में माह में आता है, जो हिंदू पंचांग या कैलेंडर के अनुसार 13 वें या 14 वें दिन आता है. महाशिवरात्रि का पर्व साल में एक बार आता है, जो शीत ऋतु के अंत और ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत में मनाया जाता है. प्राचीन धर्म ग्रंथों के अनुसार यह शुभ त्योहार हिंदू पंचांग के माघ या फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की अमावस्या की चौथी रात को आता है जो अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार फरवरी या मार्च में आता है. चलिए इस पोस्ट में हम अब जानते है की साल 2023 में महाशिवरात्रि कब है- 2023 Mein Mahashivratri Kab Hai. Maha Shivratri 2021 Significance महाशिवरात्रि 2023 में कब है – 2023 Mein Mahashivratri Kab Hai Table of Contents • • • • • शिवरात्रि (भगवान शिव की पूजा की रात) फाल्गुन माह की अमावस्या से एक रात पूर्व मतलब चतुर्दशी के शुरू होते ही, सीधे शब्दों में कहा जाए तो, जब हिंदू भगवान शिव की विशेष प्रार्थना करते हैं. जो माया और भ्रम के विनाश के स्वामी हैं. 2023 Mein Mahashivratri Kab Hai- साल 2023 में महाशिवरात्रि 18 फरवरी 2023 दिन शनिवार की है। महाशिवरात्रि 2023 मुहूर्त का समय- Mahashivratri 2023 Puja Muhurat kya hai आपकों जानना जरूरी है कि महाशिवरात्रि शब्द तीन शब्दों के समायोजन से बना हैं, ‘महा’ का अर्थ है ‘महान’ ‘शिव’ हमारे देवता हैं और ‘रात्रि’ का अर्थ है ‘रात’. इन तीनों का शाब्दिक अर्थ “शिव की महान रात” है. हिंदू धर्म में पौराणिक मान्यताएं है कि, जब हम अपनी प्रार्थना भगवान शिव को अर्पित करते हैं. हमें...

Magh Shivaratri 2023: साल की पहली मासिक शिवरात्रि कब है? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

मासिक शिवरात्रि का शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है. यह दिन भगवान शिव को समर्पित होता है. हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. मान्यता है कि इस दिन पूजा-पाठ करने से बाबा भोलेनाथ अपने भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. इस महीने मासिक शिवरात्रि 20 जनवरी को है. आइए पूजा मुहूर्त और महत्व के बारे में जानते हैं. शुभ मुहूर्त वैदिक पंचांग के मुताबिक इस साल माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी ति​थि 20 जनवरी को सुबह 09 बजकर 58 मिनट पर आरंभ हो रही है. यह ति​थि 21 जनवरी को सुबह 06 बजकर 16 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. मासिक शिवरात्रि की पूजा निशीथ काल में करने का विधान है. इसलिए मासिक शिवरात्रि 20 जनवरी को ही मनाई जाएगी. पूजा का मुहूर्त रात 12 बजकर 05 मिनट से देर रात 12 बजकर 59 मिनट तक है. वहीं जिन लोगों को निशा काल में पूजा नहीं करनी है, वे 20 जनवरी को सुबह माघ मासिक शिवरात्रि की पूजा कर सकते हैं. इस दिन भद्रा भी लग रही है लेकिन भद्रा का प्रभाव पृथ्वी पर नहीं होगा. क्योंकि यह पाताल लोक की भद्रा हैं। जानिए महत्व मान्यता के अनुसार जो लोग मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत रखते हैं, उन पर भगवान शिव की हमेशा कृपा रहती है. साथ ही शिव जी की उपासना करने से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं. पूजा विधि 1. मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठें और नित्यकर्म के बाद स्नान करें. 2. फिर घर के मंदिर में दीप जलाएं. सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें. 3. यदि आपके घर में शिवलिंग है तो शिवलिंग का गंगा जल से अभिषेक करें. 4. जिनके घर में शिवलिंग नहीं है वे भोले बाबा का ध्यान करें. भगवान शिव की आरती करें. 5. भगवान शिव के साथ माता पार्वती की आरती भी करें. इन बातों का रखें ध्यान मासि...

Masik Shivratri 2023: आज रखा जाएगा आषाढ़ मासिक शिवरात्रि व्रत, भगवान शिव की कृपा से मिलेगा मनचाहा जीवनसाथी

डीएनए हिंदीः हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2023) का व्रत रखा जाता है. मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2023) भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिए बहुत ही खास माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा (Masik Shivratri 2023 Puja) करने से दांपत्य जीवन की परेशानियां दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. जून महीने में आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि (Ashadha Masik Shivratri 2023) आने वाली है तो चलिए आषाढ़ मासिक शिवरात्रि (Ashadha Masik Shivratri 2023) की तिथि और पूजा मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में जानते हैं. आषाढ़ मासिक शिवरात्रि 2023 तिथि (Ashadha Masik Shivratri 2023 Date) आषाढ़ माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 16 जून 2023 को सुबह 8ः39 से हो रही है जिसका समापन अगले दिन 17 जून 2023 को सुबह 9ः11 पर होगा. मासिक शिवरात्रि की पूजा निशिता काल में की जाती है ऐसे में शिवरात्रि व्रत 16 जून 2023 को रखा जाएगा. आषाढ़ मासिक शिवरात्रि 2023 पूजा मुहूर्त (Ashadha Masik Shivratri 2023 Puja Muhurat) जून में आषाढ़ मासिक शिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5ः23 से सुबह 10ः37 तक रहेगा. दोपहर के समय पूजा मुहूर्त 12ः22 से दोपहर को 2ः07 तक होगा. लाभ-उन्नति पूजा मुहूर्त रात को 9ः51 से 11ः07 तक रहेगा. आषाढ़ मासिक शिवरात्रि 2023 पूजा विधि (Ashadha Masik Shivratri 2023 Puja Vidhi) मासिक शिवरात्रि महत्व (Masik Shivratri Significance) भगवान शिव की पूजा के लिए मासिक शिवरात्रि का व्रत बहुत ही शुभ होता है. इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने से दांपत्य जीवन की सभी समस्याओं...

Masik Shivratri 2023 Date Time image Rituals importance Significance puja vidhi Shivratri totke

Masik Shivratri 2023 Date Time image Rituals importance Significance puja vidhi Shivratri totke | Masik Shivratri: मासिक शिवरात्रि पर महादेव की करें ऐसे पूजा, जानें रात्रि में शिव जी की पूजा का महत्व | Hindi News, Himachal Pradesh Masik Shivratri: मासिक शिवरात्रि पर महादेव की करें ऐसे पूजा, जानें रात्रि में शिव जी की पूजा का महत्व Masik Shivratri 2023 Date: हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि हर माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि और चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. ऐसी मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि के अवसर पर मध्यरात्रि भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से भक्तों पर महादेव की असीम कृपा बनती है. साथ ही शिव जी भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं. Jai Shree Ram: देखें प्रभु श्री राम की अलौकिक और भव्य तस्वीर बता दें, मासिक शिवरात्रि का व्रत पुरुष और महिलाएं दोनों रखती हैं. ये व्रत कुंवारी कन्या भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए रख सकती है. रखती हैं. बता दें, इस बार आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि गुरुवार 16 जून को पड़ रही है. शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त सुबह 8 बजकर 39 मिनट से लेकर अगले दिन दिनांक 17 जून को सुबह 09 बजकर 11 मिनट तक पर खत्म होगी. मान्यता के अनुसार, ऐसा बताया गया है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने वाले भक्तों पर भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की हमेशा कृपा बनीं रहती है. साथ ही घर परिवार में और गृहस्थ जीवन में खुशहाली आती है. पूजा करते वक्त पढ़ें ये मंत्र ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्. ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ. ऊँ नम: शिवाय. ओम साधो जातये नम:. जानें रात्रि में शिव जी की पूजा का महत्व बता...

सावन की शिवरात्रि कब है 2023?

सवाल: सावन की शिवरात्रि कब है 2023? सावन की शिवरात्रि एक ऐसा पर्व है जिसमें भगवान शिव की पूजा की जाती है। सावन की शिवरात्रि 2023 में 21 जुलाई को मनाई जाएगी। इस दिन, भक्त शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, बेलपत्र, फूल, चंदन, सिन्दूर, अक्षत, मोली, धूप-दीप, प्रसाद आदि का अभिषेक करते हैं। सावन की शिवरात्रि का महत्व है कि इस दिन पूजा करने से मनुष्य को पापों से मुक्ति मिलती है, संकटों से रक्षा होती है, सुख-समृद्धि प्राप्त होती है, संतान की प्राप्ति होती है, स्वास्थ्य में सुधार होता है, मन में शांति होती है, और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

2023 में महाशिवरात्रि कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2023 में महाशिवरात्रि कब है व महाशिवरात्रि 2023 की तारीख व मुहूर्त। महाशिवरात्रि हिन्दुओं के सबसे बड़े पर्वों में से एक है। दक्षिण भारतीय पंचांग (अमावस्यान्त पंचांग) के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को यह पर्व मनाया जाता है। वहीं उत्तर भारतीय पंचांग (पूर्णिमान्त पंचांग) के मुताबिक़ फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का आयोजन होता है। पूर्णिमान्त व अमावस्यान्त दोनों ही पंचांगों के अनुसार महाशिवरात्रि एक ही दिन पड़ती है, इसलिए अंग्रेज़ी कैलेंडर के हिसाब से पर्व की तारीख़ वही रहती है। इस दिन शिव-भक्त मंदिरों में शिवलिंग पर बेल-पत्र आदि चढ़ाकर पूजा, व्रत तथा रात्रि-जागरण करते हैं। महाशिवरात्रि व्रत का शास्त्रोक्त नियम महाशिवरात्रि व्रत कब मनाया जाए, इसके लिए शास्त्रों के अनुसार निम्न नियम तय किए गए हैं - 1. चतुर्दशी पहले ही दिन निशीथव्यापिनी हो, तो उसी दिन महाशिवरात्रि मनाते हैं। रात्रि का आठवाँ मुहूर्त निशीथ काल कहलाता है। सरल शब्दों में कहें तो जब चतुर्दशी तिथि शुरू हो और रात का आठवाँ मुहूर्त चतुर्दशी तिथि में ही पड़ रहा हो, तो उसी दिन शिवरात्रि मनानी चाहिए। 2. चतुर्दशी दूसरे दिन निशीथकाल के पहले हिस्से को छुए और पहले दिन पूरे निशीथ को व्याप्त करे, तो पहले दिन ही महाशिवरात्रि का आयोजन किया जाता है। 3. उपर्युक्त दो स्थितियों को छोड़कर बाक़ी हर स्थिति में व्रत अगले दिन ही किया जाता है। शिवरात्रि व्रत की पूजा-विधि 1. मिट्टी के लोटे में पानी या दूध भरकर, ऊपर से बेलपत्र, आक-धतूरे के फूल, चावल आदि डालकर ‘शिवलिंग’ पर चढ़ाना चाहिए। अगर आस-पास कोई शिव मंदिर नहीं है, तो घर में ही मिट्टी का शिवलिंग बनाकर उनका पूजन किया जाना चाहिए। 2. शिव पुराण का ...

Mahashivratri 2023 Date Time Puja Vidhi Lord Shiva Worship Significance

Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि भगवान शिव के भक्तों के लिए बेहद पावन उत्सव का दिन है. महादेव के भक्त हर साल इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं. महाशिवरात्रि का पर्व माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मनाया जाता है. ऐसे में भगवान शिव के भक्तों में जानने की इच्छा है कि अगले साल महाशिवरात्रि कब है. शुभ मुहूर्त क्या है? क्यों मनाई जाती महाशिवरात्रि है. आइए जानते हैं. महाशिवरात्रि 2022 डेट हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2023 में 18 फरवरी शनिवार को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाएगा.साल 2023 आने वाला हैं. कहते हैं कि इस तिथि पर महादेव ने वैराग्य जीवन छोड़कर गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था. महाशिवरात्रि पूजा शुभ मुहूर्त वैसे तो महा शिवरात्रि की पूजा चार पहर में की जाती है लेकिन भक्त अपनी सुविधानुसार पूजा कर सकते हैं. निशिता काल यानी की मध्यरात्रि में महाशिवरात्रि की पूजा करना सबसे शुभ माना जाता है. 18 फरवरी 2023 यानी रविवार मध्यरात्रि में 12 बजकर 15 मिनिट से 01 बजकर 06 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है. शिव शक्ति का मिलन महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है इसके पीछे कई पौराणिक कहानियां छुपी हुई हैं. पौराणिक कथाओं के मुताबिक महा शिवरात्रि के दिन शिव और शक्ति का मिलन हुआ था. महाशिवरात्रि की पूरी रात महादेव के भक्त अपने आराध्य की पूजा के लिए जागरण करते हैं. शिवभक्त इस दिन शिवजी की शादी का उत्सव मनाते हैं. मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन शिव जी के साथ शक्ति की शादी हुई थी. पहली बार प्रकट हुए थे महादेव कुछ पौराणिक कहानियां ये भी कहती हैं कि महाशिवरात्रि के दिन शिवजी पहली बार प्रकट हुए थे. शिव का प्राकट्य ज्योतिर्लिंग यानी अग्नि के शिवलिंग के रूप में था. ऐसा शिवलिंग जिसका ना तो आद...

Masik Shivratri 2023: आज रखा जाएगा आषाढ़ मासिक शिवरात्रि व्रत, भगवान शिव की कृपा से मिलेगा मनचाहा जीवनसाथी

डीएनए हिंदीः हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2023) का व्रत रखा जाता है. मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2023) भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिए बहुत ही खास माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा (Masik Shivratri 2023 Puja) करने से दांपत्य जीवन की परेशानियां दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. जून महीने में आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि (Ashadha Masik Shivratri 2023) आने वाली है तो चलिए आषाढ़ मासिक शिवरात्रि (Ashadha Masik Shivratri 2023) की तिथि और पूजा मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में जानते हैं. आषाढ़ मासिक शिवरात्रि 2023 तिथि (Ashadha Masik Shivratri 2023 Date) आषाढ़ माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 16 जून 2023 को सुबह 8ः39 से हो रही है जिसका समापन अगले दिन 17 जून 2023 को सुबह 9ः11 पर होगा. मासिक शिवरात्रि की पूजा निशिता काल में की जाती है ऐसे में शिवरात्रि व्रत 16 जून 2023 को रखा जाएगा. आषाढ़ मासिक शिवरात्रि 2023 पूजा मुहूर्त (Ashadha Masik Shivratri 2023 Puja Muhurat) जून में आषाढ़ मासिक शिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5ः23 से सुबह 10ः37 तक रहेगा. दोपहर के समय पूजा मुहूर्त 12ः22 से दोपहर को 2ः07 तक होगा. लाभ-उन्नति पूजा मुहूर्त रात को 9ः51 से 11ः07 तक रहेगा. आषाढ़ मासिक शिवरात्रि 2023 पूजा विधि (Ashadha Masik Shivratri 2023 Puja Vidhi) मासिक शिवरात्रि महत्व (Masik Shivratri Significance) भगवान शिव की पूजा के लिए मासिक शिवरात्रि का व्रत बहुत ही शुभ होता है. इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने से दांपत्य जीवन की सभी समस्याओं...

2023 में महाशिवरात्रि कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2023 में महाशिवरात्रि कब है व महाशिवरात्रि 2023 की तारीख व मुहूर्त। महाशिवरात्रि हिन्दुओं के सबसे बड़े पर्वों में से एक है। दक्षिण भारतीय पंचांग (अमावस्यान्त पंचांग) के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को यह पर्व मनाया जाता है। वहीं उत्तर भारतीय पंचांग (पूर्णिमान्त पंचांग) के मुताबिक़ फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का आयोजन होता है। पूर्णिमान्त व अमावस्यान्त दोनों ही पंचांगों के अनुसार महाशिवरात्रि एक ही दिन पड़ती है, इसलिए अंग्रेज़ी कैलेंडर के हिसाब से पर्व की तारीख़ वही रहती है। इस दिन शिव-भक्त मंदिरों में शिवलिंग पर बेल-पत्र आदि चढ़ाकर पूजा, व्रत तथा रात्रि-जागरण करते हैं। महाशिवरात्रि व्रत का शास्त्रोक्त नियम महाशिवरात्रि व्रत कब मनाया जाए, इसके लिए शास्त्रों के अनुसार निम्न नियम तय किए गए हैं - 1. चतुर्दशी पहले ही दिन निशीथव्यापिनी हो, तो उसी दिन महाशिवरात्रि मनाते हैं। रात्रि का आठवाँ मुहूर्त निशीथ काल कहलाता है। सरल शब्दों में कहें तो जब चतुर्दशी तिथि शुरू हो और रात का आठवाँ मुहूर्त चतुर्दशी तिथि में ही पड़ रहा हो, तो उसी दिन शिवरात्रि मनानी चाहिए। 2. चतुर्दशी दूसरे दिन निशीथकाल के पहले हिस्से को छुए और पहले दिन पूरे निशीथ को व्याप्त करे, तो पहले दिन ही महाशिवरात्रि का आयोजन किया जाता है। 3. उपर्युक्त दो स्थितियों को छोड़कर बाक़ी हर स्थिति में व्रत अगले दिन ही किया जाता है। शिवरात्रि व्रत की पूजा-विधि 1. मिट्टी के लोटे में पानी या दूध भरकर, ऊपर से बेलपत्र, आक-धतूरे के फूल, चावल आदि डालकर ‘शिवलिंग’ पर चढ़ाना चाहिए। अगर आस-पास कोई शिव मंदिर नहीं है, तो घर में ही मिट्टी का शिवलिंग बनाकर उनका पूजन किया जाना चाहिए। 2. शिव पुराण का ...