आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय pdf

  1. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का जीवन परिचय , रचनाएँ एवं lekhan शैली
  2. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का जीवन परिचय
  3. रामचन्द्र शुक्ल
  4. आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय: Aacharya Ramchandra Shukla ka jivan Parichay in Hindi
  5. रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय
  6. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का जीवन परिचय और साहित्य
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आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का जीवन परिचय , रचनाएँ एवं lekhan शैली

Table of Contents • • • • • • • • रूपरेखा • प्रस्तावना • जीवन परिचय • रचनाएं • हिन्दी साहित्य में शुक्ल जी का योगदान • उपसंहार प्रस्तावना मेरे सबसे प्रिय लेखक, निबन्धकार एवं हिन्दी में वैज्ञानिक समालोचना के जन्मदाता आचार्य रामचन्द्र शुक्ल जी हैं।आचार्य रामचन्द्र शुक्ल जी हिन्दी के अद्भुत समालोचक, उच्चकोटि के निबन्धकार तथा सहृदय एवं भावुक कवि थे। उनकी जैसी मौलिक विवेचना शक्ति लेखकों के मनोभावों का सूक्ष्म निरीक्षण तथा गुण-दोषों के मूल्यांकन की अपूर्व क्षमता आज तक के समालोचकों! एवं निबन्धकारों में दृष्टिगोचर नहीं होती। हिन्दी गद्य साहित्य में जो स्थान शुक्ल जी को प्राप्त है, वह स्थान अन्य किसी लेखक को नहीं मिल पाया। जीवन परिचय आचार्य रामचन्द्र शुक्ल जी का जन्म सम्वत् 1941 में बस्ती जिले के अगोना ग्राम में हुआ था। शुक्ल जी के पिता का नाम चन्द्रबली था, जो सुपरवाइजर कानूनगो थे। हम्मीरपुर से स्थानान्तरित होकर जब ये राठी ग्राम में पहुँचे तब शुक्ल जी की शिक्षा का श्रीगणेश हुआ। inhe घर पर संस्कृत का अध्ययन कराया जाता था और स्थानीय मिडिल स्कूल में उर्दू और अंग्रेजी का लन्दन मिशन स्कूल से हाई स्कूल परीक्षा उत्तीर्ण कर लेने के पश्चात् शुक्ल जी इण्टर में पढ़ने के लिये प्रयाग आये। पढ़ना आरम्भ किया। गणित में कमजोर होने के कारण परीक्षा में सफल न हो सके। इसके पश्चात् इन्होंने एक अंग्रेजी ऑफिस में बीस रुपये मासिक की क्लक कर ली। परन्तु उनकी स्वाभिमानी प्रकृति को यह कार्य रुचिकर न लगा। फलस्वरूप उन्होंने त्याग-पत्र दे दिया और मिर्जापुर के मिशन स्कूल में ड्राइंग मास्टर हो गए। इसी बीच उनके कई साहित्यिक निबन्ध “सरस्वती” में प्रकाशित हुए तथा साहित्य प्रेमियों द्वारा सम्मानित हुए। शुक्ल जी की साहित...

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का जीवन परिचय

Table of Contents • • • • • • • • • • • • आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का जीवन परिचय हिन्दी-साहित्य के प्रमुख निबंधकार एवं आलोचक आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का जन्म सन् 1884 को उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के अगोना नामक गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री चन्द्रबली था। प्रारम्भिक शिक्षा मिर्जापुर के जुबली स्कूल से प्राप्त करने के उपरांत उन्होंने मिशन हाई स्कूल से फाइनल की परीक्षा पास की। परन्तु वे आगे पढ़ाई जारी न रख सके। कुछ समय के लिए उन्होंने मिशन हाई स्कूल में ही चित्रकला अध्यापक के रूप में शिक्षण कार्य किया तथा वे नायब तहसीलदार भी चुने गए। परन्तु शीघ्र ही उन्होंने इस पद से त्यागपत्र दे दिया। सन् 1908 में वे नागरी प्रचारिणी सभा के ‘हिन्दी शब्द सागर’ शीर्षक शब्दकोश निर्माण में सह-सम्पादक के रूप में नियुक्त हुए। इसके अतिरिक्त वे काशी विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में प्राध्यापक व सन् 1937 ई. में बाबू श्यामसुंदर के अपने अवकाश ग्रहण करने पर हिन्दी विभागाध्यक्ष भी रहे। सन् 1941 में हिन्दी की इस महान् विभूति का स्वर्गवास हो गया। Ramchandra Shukla Ka Jivan Parichay नाम रामचंद्र शुक्ल जन्म 4 अक्टूबर सन् 1884 ई. जन्म स्थान बस्ती जिले का अगोना ग्राम पिता का नाम चंद्रबली शुक्ल शिक्षा-दीक्षा हाई स्कूल फाइनल व्यवसाय चित्रकला अध्यापक, हिंदी अध्यापक, लेखक साहित्य में स्थान आलोचना सम्राट लेखन विधा आलोचना, निबंध, पत्रिका काव्य, इतिहास आदि। प्रसिद्ध पुस्तक हिंदी साहित्य का इतिहास निधन सन् 1941 ई. जीवन आयु लगभग 57 वर्ष रामचन्द्र शुक्ल की प्रमुख साहित्यिक रचनाएँ आचार्य शुक्ल ने अपनी बहुमुखी प्रतिभा का परिचय देते हुए साहित्य की अनेक विधाओं में लेखनी चलाई। उनकी प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित है:- (i) कहानि...

रामचन्द्र शुक्ल

Biography of Acharya Ramchandra Shukla in Hindi Ramchandra Shukla Biography in Hindi / Ramchandra Shukla Jeevan Parichay / Ramchandra Shukla Jivan Parichay/ रामचन्द्र शुक्ल : नाम रामचन्द्र शुक्ल उपाधि आचार्य जन्म 4 अक्टूबर, 1884 ई. जन्मस्थान अगौना गांव, बस्ती, उत्तरप्रदेश मृत्यु 2 फरवरी, 1941 ई. मृत्युस्थान वाराणसी जिला, उत्तर प्रदेश पेशा लेखक, पत्रकार माता निवासी देवी पिता चन्द्रबली शुक्ल प्रमुख रचनाएँ चिंतामणि, रसमीमांसा, विचारवीथी, त्रिवेणी भाषा संस्कृतनिष्ठ, शुद्ध तथा परिमार्जित खड़ीबोली शैली वर्णनात्मक, विवेचनात्मक, भावात्मक, व्याख्यात्मक शैली तथा हास्य-व्यंग्य-प्रधान शैली का प्रयोग साहित्य काल आधुनिक काल विधाएं आलोचना, कहानी, निबन्ध, साहित्येतिहास सम्पादन काशी नागरी प्रचारिणी का सम्पादन कार्य आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का जीवन परिचय हिन्दी के इस प्रतिभासम्पन्न साहित्यकार का जन्म सन् 1884 ई० में बस्ती जिले के अगोना नामक ग्राम में हुआ था। इनके पिता का नाम पं० चन्द्रबली शुक्ल था, जो सुपरवाइजर कानूनगो थे। बालक रामचन्द्र शुक्ल ने एण्ट्रेन्स (हाईस्कूल) की परीक्षा मिर्जापुर जिले के मिशन स्कूल से उत्तीर्ण की। गणित में कमजोर होने के कारण इनकी शिक्षा आगे नहीं बढ़ सकी। इण्टर की परीक्षा के लिए कायस्थ पाठशाला, इलाहाबाद में प्रवेश लिया, किन्त अन्तिम वर्ष की परीक्षा से पूर्व ही विद्यालय छूट गया। इन्होंने मिर्जापुर के न्यायालय में नौकरी कर ली, किन्त स्वभावानुकूल न होने के कारण छोड़ दी और मिर्जापुर के मिशन स्कूल में चित्रकला के अध्यापक हो गये। इसी बीच स्वाध्याय से इन्होंने हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, बंगला आदि भाषाओं का अच्छा ज्ञान प्राप्त कर लिया और पत्र-पत्रिकाओं में लिखना आरम्भ कर दिया...

आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय: Aacharya Ramchandra Shukla ka jivan Parichay in Hindi

Aacharya Ramchandra Shukla ka jivan Parichay: आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय, बायोग्राफी, जीवनी, निबंध,अनमोल विचार, राजनितिक विचार, जयंती, शिक्षा, धर्म, जाति, मृत्यु कब हुई थी,आत्मकथा (Tulsidas Biography uotes, Biography in Hindi) (Jeevan Parichay, Jayanti, Speech, History, University, Quotes, Caste, Religion) Aacharya Ramchandra Shukla ka jivan Parichay: इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय और आपको बहुत ही आसान भाषा में बताएंगे और आप जो भी जानकारी देने के लिए आए हैं आपको सारी जानकारी इस आर्टिकल में मिल जाएगा इस आर्टिकल को आप पूरा जरूर पढ़ें Aacharya Ramchandra Shukla ka jivan Parichay प्रश्न पर क्लिक करें और उत्तर पर जाएं • • • • • • • • • • • • • • आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय हिंदी में Aacharya Ramchandra Shukla ka jivan Parichay: नाम Name आचार्य रामचन्द्र शुक्ल पिता का नाम father’s name चन्द्रबली शुक्ल जन्म-स्थान birth place अगोना (बस्ती – उ.प्र.) जन्म Birth सन् 1884 ई. मृत्यु death सन् 1941 ई. प्रमुख रचनाएँ major works रसमीमांसा, चिंतामणि, विचारवीथी, त्रिवेणी, मित्रता उपलब्धि achievement निबन्धकार, अनुवादक, आलोचक, सम्पादक जन्म काल birth time रीति काल आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय: Aacharya Ramchandra Shukla ka jivan Parichay आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय हिंदी भाषा के संबंध साहित्यकार आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जन्म उत्तर प्रदेश के वर्षा जिले के अगोना नामक गांव में सन् 1884 ई. में हुआ था इसके पिता का नाम आचार्य रामचन्द्र शुक्ल सरकारी कर्मचारी थे हाई स्कूल की परीक्षा मिर्जापुर से उत्तीर्ण करने के बाद इसका शिक्षा कर्म ...

रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय

आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जन्म बस्ती जिले के आगोन नामक एक गांव मे सन् 1884 मे हुआ था। आचार्य रामचंद्र शुक्ल साहित्य के कालजयी समीक्षक, इतिहासकार एवं साहित्यकार थे। शुक्ल जी के पिता का नाम चंद्रबली था। जब यह नौ बर्ष के थे तब ही इनकी माता का निधन हो गया था। अपनी माँ के सुख के अभाव के साथ-साथ अपनी सोतेली माँ से मिलने वाले दुःख ने उनके व्यक्तित्व को अल्पायु में ही परिपक्व बना दिया था। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा हमीरपूर मे हुई थी। इनके पिता जी की इच्छानुसार इनके लिए अंग्रेजी और उर्दू के अध्ययन की व्यवस्था की गई थी। लेकिन आचार्य रामचंद्र शुक्ल अपनी स्वतः रूचि एवं लगन के कारण छिप-छिपकर हिन्दी का अध्ययन भी करते थे। इन्होंने आगे चलकर साहित्य, मनोविज्ञान, इतिहास आदि का भी गहन अध्ययन किया था। आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने कुछ दिनों तक मिर्जापुर के कलेक्ट्रेट कार्यालय एवं एक मिशन स्कूल मे नौकरी की। इसके बाद इन्होंने काशी आकर ‘हिन्दी शब्द सागर’ के सम्पादन कार्य मे लग गए। काशी नागरी प्रचारिणी सभा के विभिन्न कार्यों को करते हुए इनमें साहित्यक प्रतिभा चमक उठी। श्री आचार्य रामचंद्र शुक्ल सन् 1937 ई. मे बनारस हिन्दू विश्व विद्यालय के विभागाध्यक्ष के पद पर नियुक्त हुए और इसी पद पर रहते हुए सन् 1940 मे आचार्य रामचंद्र शुक्ल का देहांत हो गया। हिन्दी साहित्य का इतिहास आचार्य रामचंद्र शुक्ल की अमर-कृति है। जो हिन्दी साहित्य के इतिहासकारों के मार्गदर्शन और अभिप्रेरण का अक्षय स्त्रोत है। शुक्ल जी की रचनाशीलता और क्रियाशीलता से सजे उनके व्यक्तित्व और कृतित्व की हिन्दी जगत मे विशिष्ट छाप है। आचार्य रामचंद्र शुक्ल के निबंधों मे भारतीय और पाश्चात्य निबंध शैलियो का समन्वय है। उनकी अप्रतिम प्रतिभा-कौशल के दर्शन म...

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का जीवन परिचय और साहित्य

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का जीवन परिचय और साहित्य : हिन्दी साहित्य इतिहास के सुप्रसिद्ध लेखक एवं निबंधकार आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का जन्म उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के अगोना नामक गाँव में सन् 1884 ईस्वी में हुआ था। इनके पिता का नाम पंडित चन्द्रबली शुक्ल था। अपनी शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् कुछ समय तक इन्होनें मिर्ज़ापुर के विद्यालय में अध्यापक के रूप में कार्य किया था। सन् 1908 ईस्वी में उन्होनें नागरी प्रचारिणी सभा, काशी के‘हिन्दी-शब्द-सागर’ के सह सम्पादक के रूप में कार्य किया तथा‘नगरी प्रचारिणी’ पत्रिका का सम्पादन भी किया। कुछ समय तक इन्होनें काशी विश्वविद्यालय में हिन्दी-प्राध्यापक के रूप में भी कार्य किया था। 2 फरवरी, 1941 को इनकी मृत्यु हो गयी थी। जीवन परिचय : हिन्दी साहित्य इतिहास के सुप्रसिद्ध लेखक एवं निबंधकार आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का जन्म उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के अगोना नामक गाँव में सन् 1884 ईस्वीमें हुआ था। इनके पिता का नाम पंडित चन्द्रबली शुक्ल था। अपनी शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् कुछ समय तक इन्होनें मिर्ज़ापुर के विद्यालय में अध्यापक के रूप में कार्य किया था। सन् 1908 ईस्वीमें उन्होनें नागरी प्रचारिणी सभा, काशी के‘हिन्दी-शब्द-सागर’ के सह सम्पादक के रूप में कार्य किया तथा‘नगरी प्रचारिणी’ पत्रिका का सम्पादन भी किया। कुछ समय तक इन्होनें काशी विश्वविद्यालय में हिन्दी-प्राध्यापक के रूप में भी कार्य किया था। 2 फरवरी, 1941 को इनकी मृत्यु हो गयी थी। आचार्य शुक्ल अत्यन्त सरल तथा सहज व्यक्तित्व के स्वामी थे। वे श्याम वर्ण, मंझले कद तथा लम्बी-लम्बी मूछोंवाले सामान्य व्यक्तियों जैसे लगते थे। बाहर जाते समय वे पाश्चात्य वेशभूषा अर्थात् कोट, पैण्ट, टाई लगाकर निकलते थे ...

आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय

Acharya Ramchandra Shukla Ka Jivan Parichay in Hindi : आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय हिंदी में – आचार्य रामचंद्र शुक्ल हिंदी जगत के उच्च कोटि के लेखक थे। इन्होने अपने जीवन में बहुत से कहानियां, निबंध, साहित्य, कथाएं, तथा कविताओं के माध्यम से लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई है। खासकर निबंध के क्षेत्र में रामचंद्र शुक्ल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इन्होने तीन प्रकार की कृतियों मौलिक कृतियों, अनुदित कृतियों तथा सम्पादित कृतियों का उल्लेख अपनी कहानियों में प्रदर्शित किया। रामचंद्र शुक्ल की भाषा हिंदी गद्य-साहित्य की खड़ी भाषा के दो रूपों जटिल तथा सरल और व्यावहारिक रूप में वर्णित है। अगर शैली की बात करें तो इन्होंने अपनी रचनाओं में आलोचनात्मक शैली, भावात्मक शैली तथा गवेषणात्मक शैली का प्रयोग किया है। आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में अधिकांश पूछा जाता है। इसलिए हमने बहुत ही सरल भाषा में आचार्य रामचंद्र शुक्ल की जीवनी (Acharya Ramchandra Shukla Ki Jeevani) उपलब्ध कराया है। आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय एक नजर में : Acharya Ramchandra Shukla Ki Jeevani Highlights लेखक आचार्य रामचंद्र शुक्ल। जन्म 04 अक्टूबर 1884. मृत्यू 02 फरवरी 1941. शिक्षा हिन्दू विश्व विद्यालय। व्यवसाय हिंदी गद्य के लेखक। माता का नाम विभाषी पिता का नाम पं॰ चंद्रबली शुक्ल कृतियाँ मौलिक कृतियाँ, अनूदित कृतियाँ तथा सम्पादित कृतियाँ। भाषा 1- क्लिष्ट और जटिल, 2- सरल और व्यवहारिक। यह भी जरूर पढ़ें : आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जन्म उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के अगोना गांव में हुआ था। इनका जन्म सन 1884 में पिता पंडित चन्द्रबली शुक्ल तथा माता विभाषी के घ...