आगे नाथ न पीछे पगहा का भावार्थ

  1. CBSE Class 6 Hindi Grammar मुहावरे और लोकोक्तियाँ
  2. 60+ हिंदी कहावतें
  3. [Solved] "आगे नाथ न पीछे पगहा"
  4. लोकोक्तियाँ
  5. [Solved] 'पूर्णतः बंधनरहित' अ
  6. 200+ कहावतें
  7. "आगे नाथ न पीछे पगहा" कहावत का सही अर्थ है


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CBSE Class 6 Hindi Grammar मुहावरे और लोकोक्तियाँ

CBSE Class 6 Hindi Grammar मुहावरे और लोकोक्तियाँ ‘मुहावरा’ शब्द अरबी भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है-अभ्यास। हिंदी भाषा को सुंदर और प्रभावशाली बनाने के लिए हम मुहावरों और लोकोक्तियों का प्रयोग करते हैं। मुहावरा ऐसा शब्द-समूह या वाक्यांश होता है जो अपने शाब्दिक अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ को प्रकट करता है। विशेष अर्थ में प्रयुक्त होने वाले ये वाक्यांश ही मुहावरे कहलाते हैं। हिंदी भाषा में मुहावरों का प्रयोग भाषा को सुंदर, प्रभावशाली, संक्षिप्त तथा सरल बनाने के लिए किया जाता है। इनके विशेष अर्थ कभी नहीं बदलते। ये सदैव एक-से रहते हैं। ये लिंग, वचन और क्रिया के अनुसार वाक्यों में प्रयुक्त होते हैं। इस प्रकार जो वाक्यांश अपने सामान्य अर्थ को छोड़कर विशेष अर्थ को प्रकट करता है, वह मुहावरा कहलाता है। नीचे कुछ महत्वपूर्ण मुहावरे दिए जा रहे हैं – • अगर-मगर करना (टाल-मटोल करना) – माँ ने अंकित से पढ़ने के लिए कहा तो वह अगर-मगर करने लगा। • आँखें चुराना (अपने को छिपाना) – गलत काम करके आँखें चुराने से कुछ नहीं होगा। • आँखें खुलना (होश आना) – जब पांडव जुए में अपना सब कुछ हार गए तो उनकी आँखें खुलीं। • आँखों का तारा (अतिप्रिय) – हर बेटा अपनी माँ की आँखों का तारा होता है। • आँखों में धूल झोंकना (धोखा देना) – ठग यात्री की आँखों में धूल झोंककर उसका सामान लेकर भाग गया। • आसमान सिर पर उठाना (बहुत शोर करना) – अध्यापक के कक्षा से चले जाने पर बच्चों ने आसमान सिर पर उठा लिया। • ईद का चाँद होना (बहुत दिनों बाद दिखाई देना) – अरे आयुष! कहाँ रहते हो? तुम तो ईद का चाँद हो गए हो। • कान भरना (चुगली करना) – विशाल को कान भरने की बुरी आदत है। • खाक छाननी (दर-दर भटकना) – नौकरी की तलाश में बेचारा म...

60+ हिंदी कहावतें

अक्सर वह इनके अर्थ खोजते रहते है लेकिन उनको सही माध्यम नहीं मिल पाता है वर्तमान में तो कहावतें यूपीएससी ,आईएएस जैसी परीक्षाओं में भी पूछी जाने लगी है इसलिए इनका महत्व और भी बढ़ जाता है। यह कहावत है इतनी रोचक होती है कि हम शब्दों में भी अपना पूरा अर्थ यह होती है। इसीलिए इनको बोलने में जितना मजा आता है उतना ही इनका अर्थ भी गहरा होता है. विद्यार्थियों के लिए हमने कुछ प्रसिद्ध कहावतें यहां पर लिखी हैं जिससे वह इनको पढ़कर इन के अर्थ को जान पाए। विषय-सूची 1 • • • Hindi Kahawat with Pictures 1. अकसीर की बूटी – अचूक औषधि। 2. अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता – एक व्यक्ति बड़ा कार्य नहीं कर सकता। 3. अगिया वैताल – शक्तिशाली व्यक्ति। 4. अधजल गगरी छलकत जाए – ओछा व्यक्ति इतरा कर कार्य करता है। 5. अपनी करनी पार उतरनी – कर्म फल भोगना ही पड़ता है। 6. अंधा क्या चाहे दो आंखें – इच्छित वस्तु पाना। 7. अंधा पीसे कुत्ता खाए – परिश्रम कोई और करे लाभ कोई और पाए। 8. अंधेर नगरी चौपट राजा – नियम व्यवस्था शून्य अयोग्य प्रशासन। 9. अंधे के हाथ बटेर – अयोग्य असमर्थ को बड़ा लाभ मिलना। 10. अंधे की लाठी – एकमात्र सहारा। 11. ऊंची दुकान फीके पकवान – नाम मात्र का बड़प्पन। 12. चने के साथ घुन भी पिसता है – अपराधी के संग निर्दोष भी दोषी होता है। 13. चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए – अत्यधिक कंजूसी। 14. चोर चोर मौसेरे भाई – दोषी लोगों का आपस में मेल होना। 15. चोरी की होरी – पाप पूर्ण कमाई का विनाश। 16. चोबी जी गए छब्बेजी बनने, दुब्बे जी रह गए – लाभ प्राप्ति की अपेक्षा हानि होना। 17. ऊंट के मुंह में जीरा – अधिक आवश्यकता कम प्राप्ति। 18. उतर गई लोई क्या करेगा कोई – लोक लाज जाने पर निंदा से क्या भय। 19. उधो का लेना न माधो का द...

[Solved] "आगे नाथ न पीछे पगहा"

उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "परम स्वतंत्र" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है। Key Points • आगे नाथ न पीछे पगहा :- परम स्वतंत्र • जब किसी व्यक्ति पर किसी चिज की जिम्मेदारी नही होती है यानि वह पूर्णतया बंधनरहित होता है तो ऐसे लोगो के लिए ही इस मुहावरे का प्रयोग किया ‌‌‌जाता है । Additional Information • वाक्य प्रयोग • प्रणवीर आगे नाथ न पीछे पगहा है उसे भला दिन रात काम करने की क्या जरूरत है । • खिचड़दास का पिता धनवान होने के कारण से खिचड़दास आगे नाथ न पीछे पगहा बना फिरता है ।

लोकोक्तियाँ

लोकोक्ति की परिभाषा (कहावत की परिभाषा Definition of proverbs in Hindi) लोकोक्ति (Lokokti) शब्द का निर्माण दो शब्दों, “लोक’ और “उक्ति” से मिल कर हुआ है। “लोकोक्ति शब्द का अर्थ है लोक द्वारा कही गई अर्थात लोक-कथन या लोक में प्रचलित उक्ति। “लोकोक्ति” को संस्कृत में एक अलंकार भी माना गया है। जनमानस की भाषा में लोकोक्ति को कहावत भी कहा गया है। हालांकि साहित्य के विद्वान कहावत और लोकोक्ति में कुछ अंतर मानते हैं। उनके अनुसार कहावतें वे होती हैं जिनके साथ कोई न कोई कथा जुड़ी होती है जैसे “छछूंदर के सिर में चमेली का तेल”, “अंगूर खट्टे हैं”, “अब पछताए होत क्या जब चिड़ियाँ चुग गई खेत” आदि कहावतें किसी न किसी कथा से जुड़ी हुई हैं। कहावत का अर्थ हिंदी में लोकोक्ति ही माना जाता है। Advertisement कहावतें किसी स्थान विशेष में ज्यादा प्रचलित होती हैं यानी किसी क्षेत्र में कुछ कहावतें ज्यादा प्रसिद्ध हो सकती हैं और किसी दूसरे क्षेत्र में कुछ अन्य लोकोक्तियाँ ज्यादा प्रचालन में पाई जा सकती हैं। हिन्दी और इसकी बोलियों में संदेशपूर्ण और प्रेरक कहावत कहने की परंपरा है। लोकोक्ति किसको कहते हैं: भाषा शास्त्र की दृष्टि से लोकोक्ति (Lokokti) उस कथन को कहते हैं जिसमें किसी प्रसंग विशेष का अर्थ स्पष्ट करने के लिए प्रयोग में लाई जाती हैं। जैसे कि “अंधा क्या चाहे दो आँखें’ इस कथन द्वारा स्पष्ट भाव का अर्थ है कि जिस व्यक्ति के पास जिस वस्तु का अभाव होता है उसे उसी वस्तु की चाह होती है। Advertisement साहित्य के जानकारों के अनुसार लोकोक्तियों और मुहावरों का कोई रचयिता नहीं होता क्योंकि इनका जनक लोक कथाएँ आदि होती हैं। कई बार लोग लोकोक्तियों (कहावतों) और मुहावरों को एक ही समझने की भूल कर बैठते हैं। हमने इस ले...

[Solved] 'पूर्णतः बंधनरहित' अ

सही उत्तर है - 'पूर्णतः बंधनरहित' l Key Points • 'आगे नाथ न पीछे पगहा'लोकोक्ति का अर्थ है - पूर्णतः बंधनरहित l • इस प्रकार ' आगे नाथ न पीछे पगहा'दिए गए प्रश्न के लिए सही विकल्प है l • लोकोक्ति का वाक्य प्रयोग :- • प्रणवीर आगे नाथ न पीछे पगहा है, उसे भला दिन रात काम करने की क्या जरूरत है। अन्य विकल्पों का विश्लेषण :- • थोथा चना बाजे घना - दिखावा बहुत करना परन्तु सार न होना होता है। • आप भला तो जग भला - भले आदमी को सब लोग भले ही मिलते हैं l • अपना रख पराया चख - अपना बचा कर दूसरों का हड़प करना l Additional Information • बहुत अधिक प्रचलित और लोगों के मुँहचढ़े वाक्य लोकोक्तिके तौर पर जाने जाते हैं। • लोकोक्तिको कहावतें भी कहते हैं। • प्रत्येक लोकोक्ति के पीछे कोई न कोई घटना व कहानी होती है। • कुछ अन्य प्रचलित लोकोक्तियां और उनके अर्थ :- • अंधों में काना राजा - गुणहीन व्यक्तियों में कम गुण वाला व्यक्ति माना जाता है • अधजल गगरी छलकत जाए - अयोग्य व्यक्ति ही अधिक इतराता है • एक पंथ दो काज - एक कार्य से दोहरा लाभ

200+ कहावतें

इस पोस्ट में आप कहावत से संबंधित समस्त जानकारी पढ़ेंगे तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें। पिछले पोस्ट में हमने चलिए आज हम कहावत की परिभाषा, विशेषताएं और उदाहरण की जानकारी को पढ़ते और समझते हैं। कहावत किसे कहते हैं “कहावत” का अर्थ कही हुई बात होता है। जिस पद समूह में अनुभव की गई कोई बात सुंदर और प्रभावशाली ढंग से कही जाती है उसे कहावत कहते हैं। कहावतों की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित विशेषताओं के आधार पर हम किसी वाक्यांश को कहावत कह सकते हैं। • इनमें थोड़ी सी बात में बहुत कुछ कह दिया जाता हैं। • यह किसी भी • इसका प्रयोग करने से भाषा आसान, प्रभावी और कलात्मक बनती हैं। • इनका आधार घटना और परिस्थिति होती हैं। कहावत के उदाहरण 1. अधजल गगरी छलकत जाए : थोड़ी जानकारी वाला बढ़ चढ़कर बोलता है। 2. घर की मुर्गी दाल बराबर : अपने पास की चीज का महत्व नहीं होता। 3. ऊंची दुकान फीके पकवान : सिर्फ बाहरी दिखावा करना। 4. चोर चोर मौसेरे भाई : बुरे आदमियों का परस्पर संबंध हो जाता है। 5. डूबते को तिनके का सहारा : असहाय को थोड़ा भी सहारा काफी होता है। 11. जिसकी लाठी उसकी भैंस : बलवानों का बोलबाला। 12. काला अक्षर भैंस बराबर : अक्षर ज्ञान से बिल्कुल शून्य होना। 13. खाली दिमाग शैतान का घर : जो मनुष्य बेकार होता है उसे तरह-तरह के खुराफात सूझते हैं। 14. एक आवे के बर्तन : सबका एक जैसा होना। 15. ऊंट घोड़े बहे जाए गधा कहे कितना पानी : जब किसी काम को शक्तिशाली लोग ना कर सके और कोई कमजोर आदमी उसे करना चाहे। 21. एक लख पूत सवा लख नाती, ता रावण घर दिया न बाती : धनी व्यक्ति का पूरी तरह विनाश हो जाना। 22. समय पाय तरुवर फले, कतवो सीचे नीर : प्रत्येक काम एक निश्चित समय पर पूरा होता है। 23. अपना रख पराया चख : अपनी चीज संभाल...

"आगे नाथ न पीछे पगहा" कहावत का सही अर्थ है

Correct Answer - Option 4 : परम स्वतंत्र उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "परम स्वतंत्र" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है। • आगे नाथ न पीछे पगहा :- परम स्वतंत्र • जब किसी व्यक्ति पर किसी चिज की जिम्मेदारी नही होती है यानि वह पूर्णतया बंधनरहित होता है तो ऐसे लोगो के लिए ही इस मुहावरे का प्रयोग किया ‌‌‌जाता है । • वाक्य प्रयोग • प्रणवीर आगे नाथ न पीछे पगहा है उसे भला दिन रात काम करने की क्या जरूरत है । • खिचड़दास का पिता धनवान होने के कारण से खिचड़दास आगे नाथ न पीछे पगहा बना फिरता है ।