Bhagat singh dialogue in hindi

  1. हुतात्मा भगतसिंग जीवनी
  2. bhagat singh quotes in hindi with Dialogue, Slogan and Thoughts & Status
  3. भगत सिंह के 51 प्रेरक विचार, जो आज भी हमें राह दिखाते हैं
  4. Ten Poems on Bhagat Singh


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हुतात्मा भगतसिंग जीवनी

गुलामभारतकोआजादकरवानेकेलिएभगतसिंहद्धाराकिएगएत्यागऔरबलिदानकोकभीभुलायानहींजासकता। शहीद-ए-आजमभगतसिंह ( Shaheed Bhagat Singh) एकऐसेक्रांतिकारीथे, जोदेशकीआजादीकेलिएहंसते-हंसतेफांसेकेफंदेपरचढ़गएथे।भगतसिंहकीशहादतउससमयहुईथी, जबदेशकोक्रान्तिकेसुनामीकीसख्तजरूरतथीऔरवहींयहीसुनामीअंग्रेजोंकेशासनकेतबाहीकाकारणबनीउनकीशहादतसेनाकेवलदेशकेयुवाओंमेंबल्किबच्चे-बच्चेमेंअंग्रेजोंकेखिलाफरोषभरगयाथा। यहीनहींभारतकीआजादीकेसमयभगतसिंह ( Bhagat Singh) सभीनौजवानोंकेलिएयूथआइकॉनथे, जोउन्हेंदेशकीरक्षाकीलिएआगेआनेकेलिएप्रेरितकरतेथे।महानक्रांतिकारीभगतसिंहकाअल्पजीवनभीवाकईप्रेरणादेनेवालाहै, जिन्होंनेअपनेबेहदकमसमयकेहीजीवनकालमेंअटूटसंघर्षदेखाथा। आजहमअपनेइसलेखमेंइस महानक्रांतिकारीभगतसिंहकेजीवनकेबारेमेंबताएंगेजिनकानामस्वर्णअक्षरोंमेंइतिहासकेपन्नोंमेंअमरहै।उनकेनामसेहीअंग्रेजडरजातेथेऔरउनकीपैरोंतलेजमीनखिसकजातीथी।जिनकाकहनाथाकि– लिखरहाहूंअंजाम, जिसकाकलआगाजआएगा। मेरेलहूकाएकएककतराइन्कलाबलाएगा।। महानक्रांतिकारीभगतसिंहजीवनी– Bhagat Singh Biography in Hindi Bhagat Singh Picture शहीदभगतसिंहकीजानकारी– Bhagat Singh Information in Hindi नाम (Name) सरदारभगतसिंह ( Bhagat Singh) जन्म (Birthday) 27 सितम्बर 1907 जन्मस्थान (Birthplace) बंगा, जरंवालातहसील, पंजाब, ब्रिटिशभारत, (अबपकिस्तानमें) माता (Mother Name) विद्यावतीकौर पिता (Father Name) सरदारकिशनसिंहसिन्धु मृत्यु (Death) 23 मार्च 1931, लाहौर विवाह (Wife Name) विवाहनहीकिया। महानक्रांतिकारीभगतसिंहकाप्रेरकवाक्य; “सरफ़रोशीकीतमन्नाअबहमारेदिलमेंहै,देखनाहैज़ोरकितनाबाज़ू-ए-क़ातिलमेंहै” महानक्रांतिकारीभगतसिंहकाजन्म, परिवारऔरप्रारंभिकजीवन– Bhagat Singh Birthday, Family in Hindi महानक्रांतिकार...

bhagat singh quotes in hindi with Dialogue, Slogan and Thoughts & Status

Bhagat Singh Quotes In Hindi – ये भारत जिसको हम इतना प्यार करते है उसको आज़ादी आसानी से ही नहीं मिल गयी | इसके लिए हमारे कई हमारे पूर्बज हमारे भाई – बहनो ने अपने प्राण युही निछावर कर दिए उन्ही में से एक भगत सिंह है जिनके बारे में हम आज जाने गे | पहले लाहौर में बर्नी सैंडर्स की हत्या और उसके बाद दिल्ली की केन्द्रीय संसद में बम-विस्फोट करके ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध खुले विद्रोह को बुलन्दी प्रदान करने वाले भगत सिंह का जन्म 27 सितंबर 1907 को लायलपुर जिले के बंगा में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। चन्द्रशेखर आजाद व पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर इन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अभूतपूर्व स...

भगत सिंह के 51 प्रेरक विचार, जो आज भी हमें राह दिखाते हैं

आज हम आपके लिए भगत सिंह के अनमोल वचन Bhagat Singh Quotes in Hindi लेकर आए हैं। शहीदे आज़म भगत सिंह का नाम सुनते ही हर भारतीय के खून में देशभक्ति का तूफान उमड़ पड़ता है। मात्र 23 वर्ष की आयु में भगत सिंह स्वतंत्रता की लड़ाई में हंसते-हंसते फांसी पर झूल गये। उन्होंने न सिर्फ स्वयं को देश की आज़ादी की खातिर बलिदान कर दिया, वरन यह बताया कि उनके लिए देश और आज़ादी के मायने क्या हैं। यही कारण है कि उनके विचार आज भी हमें प्रेरित करते हैं। यही कारण है कि आज भी लोग गूगल पर Bhagat Singh Slogan in Hindi सर्च करते रहते हैं। हमें उम्मीद है कि भगत सिंह के प्रेरक विचार Bhagat Singh Dialogue in Hindi आपको अवश्य पसंद आएंगे। दिल से निकलेगी न मरकर भी वतन की उल्फत, मेरी मिट्ठी से भी खूशबू-ए-वतन आएगी। लिख रह हूँ मैं अंजाम जिसका कल आगाज़ आएगा… मेरे लहू का हर एक क़तरा इंकलाब लाएगा। मेरे सीने में जो भी जख्म है वो सब तो फूलो के गुच्छे है हमे तो पागल ही रहने दो हम पागल ही बनकर अच्छे है। मेरी भावनाएं मेरी कलम से इस तरह रूबरू हैं अगर मैं इश्क भी लिखना चाहूं तो हमेशा इन्कलाब लिखा जाता है। इंसानों को कुचलकर आप उनके विचारों को नहीं मार सकते। क्रांतिकारी सोच के दो आवश्यक लक्षण हैं– बेरहम निंदा तथा स्वतंत्र सोच। मैं इस बात पर जोर देता हूँ कि मैं महत्वकांक्षा, आशा और जीवन के प्रति आकर्षण से भरा हुआ हूँ पर ज़रूरत पड़ने पर मैं ये सब त्याग सकता हूँ और वही सच्चा बलिदान है। व्यक्ति की हत्या करना सरल है परन्तु विचारों की हत्या आप नहीं कर सकते। आप Bhagat Singh Quotes in Hindi का 10वां वचन पढ़ रहे हैं। आशा है आपको ये अनमोल वचन पसंद आ रहे होंगे। महान साम्राज्य ध्वंस हो जाते हैं पर विचार जिंदा रहते हैं। बम और पिस्तौल स...

Ten Poems on Bhagat Singh

[(These poems have been sent to us, for publication in Mainstream Annual 2008, by Professor Chaman Lal, Chairperson, Centre of Indian Languages, Jawaharlal Nehru University, New Delhi, with the following note: “While searching for writings on Bhagat Singh, I came across some poems on Bhagat Singh in the P.C. Joshi Archives of the JNU, New Delhi. It was a pleasant surprise for me as these poems are collected from Home Ministry files. These are proscribed poems published in different Indian languages—Hindi, Punjabi, Urdu and Tamil. All over the country, poems were published mostly after the execution of Bhagat Singh, Rajguru and Sukhdev on March 23, 1931. Most of the poems were published in 1931 and proscribed in 1931-32. It seems the English translations were done by colonial officials in order to get orders from superior British officers for proscribing the literature. P.C. Joshi’s own comments are not there, but on one poem, it seems Joshi had written about the Act or Ordinance which was promugulated to proscribe these publications, which is referred to by Joshi as “extra-ordinary, extra-judicial powers verging on martial law”. It is a fitting tribute to P.C. Joshi to see his collection of proscribed poems on Bhagat Singh published in his birth centenary year, courtesy the P.C. Joshi Archives of the JNU, which allowed photocopying this precious collection. “The tenth poem is a recent one by the celebrated Pakistani poet Fahmida Riyaz who, on reading about the controversy ...