छत्रपति शिवाजी महाराज निबंध in hindi

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छत्रपति शिवाजी महाराज हिंदी निबंध Chhatrapati Shivaji Maharaj Essay in Hindi

आज हम छत्रपति शिवाजी महाराज हिंदी निबंध पढ़ेंगे। आप Chhatrapati Shivaji Maharaj Essay in Hindi को ध्यान से और मन लगाकर पढ़ें और समझें। यहां पर दिया गया निबंध कक्षा (For Class) 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, के विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त हैं। Also Read – My Picnic Essay in Marathi छत्रपति शिवाजी महाराज हिंदी निबंध Chhatrapati Shivaji Maharaj Essay in Hindi छत्रपति शिवाजी महाराज या शिवाजी राजे भोसले भारत के महान योद्धा एवं रणनीतिकार थे, जिन्होंने 1674 में, पश्चिम भारत मराठा साम्राज्य की नींव रखी। शिवाजी का जन्म 1627 को शिवनेरी के पहाड़ी किले में हुआ था। यह किला पूना के उत्तर में था। ये शाहजी भोसले और माता जीजाबाई के पुत्र थे। उन्हें विश्वास था कि उनका पुत्र हिंदूधर्म और सभ्यता-संस्कृति का महान संरक्षक होगा। इसीलिए उन्होंने जहां उनमें दयालुता, सौम्यता, प्रेम और परस्पर सहयोग जैसे सौम्य भाव भरे थे, वहीं उन्हें ऐसा वीर, साहसी, न्यायप्रिय और कुशल योद्धा भी बनाया था, जिसके नाम से ही शत्रु कांप जाता था। शिवाजी के पिता बीजापुर के राजा की नौकरी में थे। वे अधिकतर घर से दूर रहते थे, इसलिए शिवाजी को केवल अपनी मां की संगति मिली। उनको नियमित शिक्षा नहीं मिल सकी। उनकी मां ने उन्हें एक साधारण बालक के समान पाला। वे रामायण और महाभारत की कहानियां सुनने के शौकीन थे। इन कहानियों का उनके मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ा। उनका देश के प्रति अगाध प्रेम और उनका शक्तिशाली चरित्र इन्हीं संस्कारों का परिणाम था। शिवाजी एक वीर पुरुष थे और छापामार युद्ध की कला में भी प्रवीण थे। मुगल इन्हें ‘पहाड़ी चूहा’ कहते थे। औरंगजेब जब इन्हें हराने में असफल रहा तो उन्हें धोखे से उसने कैद कर लिया। वहां शिवाजी एक मिठाई के टोकरे म...

छत्रपति शिवाजी महाराज पर हिन्दी निबंध

परिचय : छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) एक भारतीय शासक थे जिन्होंने मराठा साम्राज्य खड़ा किया था इसीलिए उन्हें एक अग्रगण्य वीर एवं अमर स्वतंत्रता-सेनानी स्वीकार किया जाता है। वीर शिवाजी राष्ट्रीयता के जीवंत प्रतीक एवं परिचायक थे। इसी कारण निकट अतीत के राष्ट्रपुरुषों में महाराणा प्रताप के साथ-साथ इनकी भी गणना की जाती है। छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1627 को मराठा परिवार में महाराष्ट्र के शिवनेरी में हुआ। शिवाजी के पिता शाहजी और माता जीजाबाई थीं। माता जीजाबाई धार्मिक स्वभाव वाली होते हुए भी गुण-स्वभाव और व्यवहार में वीरंगना नारी थीं। परिवार एवं गुरु : छत्रपति शिवाजी महाराज (Shivaji Maharaj) का विवाह सन् 14 मई 1640 में सइबाई निंबालकर के साथ हुआ था। उनके पुत्र का नाम संभाजी था। संभाजी शिवाजी के ज्येष्ठ पुत्र और उत्तराधिकारी थे जिसने 1680 से 1689 ई. तक राज्य किया। संभाजी में अपने पिता की कर्मठता और दृढ़ संकल्प का अभाव था। संभाजी की पत्नी का नाम येसुबाई था। उनके पुत्र और उत्तराधिकारी राजाराम थे। शिवाजी के समर्थ गुरु रामदास का नाम भारत के साधु-संतों व विद्वत समाज में सुविख्यात है। शिवाजी का पराक्रम : युवावस्था में आते ही उनका खेल वास्तविक कर्म शत्रु बनकर शत्रुओं पर आक्रमण कर उनके किले आदि भी जीतने लगे। जैसे ही शिवाजी ने पुरंदर और तोरण जैसे किलों पर अपना अधिकार जमाया, वैसे ही उनके नाम और कर्म की सारे दक्षिण में धूम मच गई, यह खबर आग की तरह आगरा और दिल्ली तक जा पहुंची। अत्याचारी किस्म के यवन और उनके सहायक सभी शासक उनका नाम सुनकर ही मारे डर के बगलें झांकने लगे। तब बीजापुर के शासक ने शिवाजी को जीवित अथवा मुर्दा पकड़ लाने का आदेश देकर अपने मक्कार सेनापति अफ...

Essay on Shivaji Maharaj in Hindi

In this article, we are providing an Essay on Shivaji Maharaj in Hindi- छत्रपति शिवाजी महाराज निबंध- जीवन परिचय, जीवन की प्रमुख घटनाएँ& Shivaji Maharaj Biography / History in Hindi Essay on Shivaji Maharaj in Hindi- छत्रपति शिवाजी महाराज निबंध Chhatrapati Shivaji Maharaj Nibandh बीजापुर में मुसलमान शासक था। उसी समय सन् 1627 ई० में शिवनेरी दुर्ग में एक सितारा चमका। शाहजी की धर्मपत्नी जीजाबाई की कोख से एक बालक जन्मा, जिसका नाम छत्रपति शिवाजी था । आपके जन्म के कुछ समय पश्चात सौत के आ जाने से जीजाबाई शिवनेरी दुर्ग छोड़कर पूना चली आईं। आप विश्व में प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ कहलाये। आपका उच्च चरित्र बनाने में माता ने कुछ उठा न रखा था। आप ने बचपन में अपनी माता से धार्मिक पुस्तकें रामायण, महाभारत और बड़े-बड़े वीर योद्धाओं की कहानियाँ सुनीं, जिससे आप में शौर्य और उत्साह कूट-कूट कर भर गया । आप शैशवकाल से ही मल्ल-युद्ध, भाले-बर्छ और बाण-विद्या सीखने लग गए थे। आप थोड़े दिनों में ही सब कुछ सीख गए। आप पर जातीय और प्रेमभरी शिक्षाओं का प्रभाव समर्थ गुरु रामदास जी का पड़ा। अभी बचपन ही था, आपने बालकों के दल बना-बनाकर कृत्रिम युद्ध आरम्भ कर दिए। फिर कुछ ही काल में अपनी शक्ति बढ़ा ली । आपके पिता शाहजी बीजापुर के बादशाह के यहाँ उच्च पद पर थे। वे चाहते थे कि शिवाजी भी बादशाहत में ही कोई उच्च-पद प्राप्त करें। परन्तु शिवाजी पर कुछ और ही रंग चढ़ा था। आपने उधर कुछ ध्यान ही न दिया और दल बनाकर बीजापुर के दुर्गों पर धावे बोलने लगे। 19 वर्ष की आयु में ही शक्ति बढ़ानी आरम्भ की और दो ही वर्षों बाद तोरण, सिंहगढ़, पुरन्दर आदि दुर्गों पर अधिकार जमा करके मुगलों से भिड़ने लगे। आपके पास सेना थोड़ी थी। डटकर सामना करन...

छत्रपति शिवाजी महाराज पर निबंध

छत्रपति शिवाजी महाराज पर हिंदी निबंध - छत्रपति शिवाजी महाराज पर निबंध कक्षा 1, 2, 3 और 4 के लिए - Essay writing on Chhatrapati Shivaji Maharaj - Essay on Chhatrapati Shivaji Maharaj in hindi for Class 1, 2, 3 and 4 Kids, Childrens and Teachers. Chhatrapati Shivaji Maharaj Essay in Hindi for Class 1, 2, 3, and 4 Children and Kids - Chhatrapati Shivaji Maharaj Essay in Hindi in 50, 100, 150, 200, 250, 300 Words छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे देश के एक महान राजा थे। छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म सन १६२७ में हुआ था। उनके पिताजी का नाम शहाजी और माताजी का नाम जीजाबाई था। उनके गुरु का नाम दादाजी कोंडदेव था। इनकी माता जीजाबाई एक धार्मिक विचारों की महिला थीं। छत्रपित शिवाजी के चारित्रिक निर्माण में उनकी माता जीजाबाई का विशेष योगदान था। अपनी माँ से उन्होंने स्त्रियों और सब धर्मों का सम्मान करना सीखा। छत्रपित शिवाजी की शिक्षा माता जीजाबाई के संरक्षण में हुई थी। माता जीजाबाई धार्मिक प्रवृत्ती की महिला थीं। इसी कारण उन्होंने बालक शिवा का पालन-पोषण रामायण, महाभारत तथा अन्य भारतीय र्वोरात्म्पाओं की उज्जल कहानियाँ सुना और शिक्षा देकर किया था । धर्म, संस्कृति और राजनीति की भी उचित शिक्षा दिलवाई थी। छत्रपित शिवाजी बचपन से ही मलयुद्ध, भाले बरछे, तीर तलवार, घुड़सवारी तथा बाण विद्या में प्रवीण थे। दादा कौंडदेव ने इन्हें युद्ध कौशल और शासन प्रबन्ध में निपुण कर दिया था। अपनी निर्मित सेना से उन्होंने उन्नीस वर्ष की आयु में ही तोरण, सिंहगढ़ आदि किलों पर अधिकार जमा लिया। छत्रपति शिवाजी महाराज मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे। जैसे प्रकार आज भारत स्वाधीन तथा एक ही केन्द्रीय सत्ता के अधीन है, इसी प्रकार पूर...

शिवाजी महाराज पर निबंध (Essay on Shivaji Maharaj in Hindi) – HistoryDekho.com

प्रस्तावना शिवाजी जयंती यह दिन महान शासक छत्रपति शिवाजी का जन्मदिन है। शिवाजी भोंसले, जिन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम से जाना जाता है, भोंसले मराठा कबीले के एक भारतीय योद्धा राजा थे। छत्रपति शिवाजी का जन्म शिवनेरी के पहाड़ी किले में जीजाबाई और शाहजी भोंसले से हुआ था। एक निडर नेता स्थानीय देवी शिवई के नाम पर उनका नाम रखा गया। छत्रपति शिवाजी मराठा राष्ट्र के निर्माता थे और कई मराठा प्रमुखों को एकजुट करने में सहायक थे। वह मुख्य रूप से महाभारत, रामायण और अन्य पवित्र पुस्तकों से प्रभावित थे जो उनकी मां ने उन्हें समझाया था। शिवाजी ने सत्ता हासिल करने के अपने पिता के असफल प्रयासों से बहुत ज्ञान प्राप्त किया और अपने पिता की सैन्य रणनीति और शांतिपूर्ण कूटनीति से प्रेरित थे। उन्हें संस्कृत और हिंदू शास्त्रों का बहुत ज्ञान था। शिवाजी ने गोमजी नाइक और बाजी पसालकर से प्रशिक्षण प्राप्त किया और एक निडर नेता बने। शिवाजी महाराज की वीरता अपने शुरुआती दिनों में शिवाजी स्थानीय युवाओं को उनकी आदर्शवादी गतिविधियों का अनुसरण करने के लिए प्रेरित करने में सफल रहे। शिवाजी ने 17 साल की उम्र में बीजापुर के तोरण किले पर हमला किया और साल 1654 तक कोंकण तट पर कोंडाना, रायगढ़ किला और पश्चिमी घाटों पर अधिकार कर लिया। शिवाजी की सत्ता में वृद्धि को नष्ट करने के लिए, आदिलशाह ने धोखे से उनके पिता को गिरफ्तार कर लिया और शिवाजी और उनके भाई संभाजी के खिलाफ सेना भेज दी। शिवाजी को नष्ट करने के लिए भेजे गए अफ़ज़ल खान को उसके द्वारा मारा गया था। शिवाजी और बीजापुर की सेनाओं के बीच प्रतापगढ़ की लड़ाई में, शिवाजी नायक बन गए। शिवाजी के नेतृत्व में, मुगलों को पीछे धकेल दिया गया। शिवाजी को 1674 में रायगढ़ किले में छत्...

छत्रपति शिवाजी महाराज पर निबंध (Essay on Shivaji Maharaj in Hindi) – HistoryDekho.com

प्रस्तावना छत्रपति शिवाजी महाराज की सबसे बहादुर, बुद्धिमान, श्यूरवीर और अच्छे शासक में गिनती होती है। उनका जन्म महाराष्ट्र के शिवनारी किले में मराठा परिवार में 19 फरवरी 1630 को हुआ था। उनके पिता का नाम शाहजी और माता का नाम जिजाबाई था। शिवाजी महाराज का प्रारंभिक शिक्षण भी उनकी माँ जिजाबाई के हाथों ही हुआ था। शिवाजी महाराज का इतिहास शिवाजी महाराज ने महाभारत और अन्य भारतीय विराट से उज्ज्वल कहानियां सुनीं और सिखी। बचपन में, शिवाजी अपनी उम्र के बच्चों को इकट्ठा करके खेल खेला करते थे और जिनमे मुख्य खेल था किले को जीतने का। दादाजी कोंडदेव के प्रशिक्षण में, शिवाजी महाराज नें युद्ध के कौशल को भी अपना उद्देश्य बनाये। शिवाजी के बचपन में कई लोग ऐसे आये जो उनकी प्रेरणा बने और उस प्रेरणा और सिख को उन्होंने खुद तो सिख भी और दूसरों को भी निरंतर प्रेरित करते रहे। शिवाजी महाराज के मां का नाम जिजबाई था, जो बहुत ही तेज व बुद्धिमान और बहुत धार्मिक महिला थीं। जब शिवाजी महाराज के पिता की शादी दूसरी महिला से हुई थी, तो श्रीमती जिजाबाई शिवाजी के साथ पूना आए। तब शिवाजी महाराज ने जिजाबाई से माताओं के संरक्षण में शैक्षिक नीति हासिल की। दादाजी कोंडदेव के संरक्षण में, वह कभी-कभी युद्ध की कला भी सीखते। धर्म, संस्कृति और राजनीति के क्षेत्र में भी शिक्षा हासिल किए। उस युग में, शिवाजी एक राष्ट्रवादी योद्धा थे जिनका स्वतंत्रता से बड़ा और कोई मकसद नहीं था। उन्होंने हर जाती के लोगों को अपने हृदय से लगाया और किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया। शिवाजी महाराज की व्यक्तिगत ज़िन्दगी छत्रपति शिवाजी महाराज ने 14 मई, 1640 को सईबाई निंबालकर से शादी की और उन्होंने एक पुत्र को जन्म दिया, जिनका नाम था संभाजी महाराज। शिवाजी ...

छत्रपति शिवाजी महाराज पर हिन्दी निबंध

परिचय : छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) एक भारतीय शासक थे जिन्होंने मराठा साम्राज्य खड़ा किया था इसीलिए उन्हें एक अग्रगण्य वीर एवं अमर स्वतंत्रता-सेनानी स्वीकार किया जाता है। वीर शिवाजी राष्ट्रीयता के जीवंत प्रतीक एवं परिचायक थे। इसी कारण निकट अतीत के राष्ट्रपुरुषों में महाराणा प्रताप के साथ-साथ इनकी भी गणना की जाती है। छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1627 को मराठा परिवार में महाराष्ट्र के शिवनेरी में हुआ। शिवाजी के पिता शाहजी और माता जीजाबाई थीं। माता जीजाबाई धार्मिक स्वभाव वाली होते हुए भी गुण-स्वभाव और व्यवहार में वीरंगना नारी थीं। परिवार एवं गुरु : छत्रपति शिवाजी महाराज (Shivaji Maharaj) का विवाह सन् 14 मई 1640 में सइबाई निंबालकर के साथ हुआ था। उनके पुत्र का नाम संभाजी था। संभाजी शिवाजी के ज्येष्ठ पुत्र और उत्तराधिकारी थे जिसने 1680 से 1689 ई. तक राज्य किया। संभाजी में अपने पिता की कर्मठता और दृढ़ संकल्प का अभाव था। संभाजी की पत्नी का नाम येसुबाई था। उनके पुत्र और उत्तराधिकारी राजाराम थे। शिवाजी के समर्थ गुरु रामदास का नाम भारत के साधु-संतों व विद्वत समाज में सुविख्यात है। शिवाजी का पराक्रम : युवावस्था में आते ही उनका खेल वास्तविक कर्म शत्रु बनकर शत्रुओं पर आक्रमण कर उनके किले आदि भी जीतने लगे। जैसे ही शिवाजी ने पुरंदर और तोरण जैसे किलों पर अपना अधिकार जमाया, वैसे ही उनके नाम और कर्म की सारे दक्षिण में धूम मच गई, यह खबर आग की तरह आगरा और दिल्ली तक जा पहुंची। अत्याचारी किस्म के यवन और उनके सहायक सभी शासक उनका नाम सुनकर ही मारे डर के बगलें झांकने लगे। तब बीजापुर के शासक ने शिवाजी को जीवित अथवा मुर्दा पकड़ लाने का आदेश देकर अपने मक्कार सेनापति अफ...

शिवाजी महाराज पर निबंध (Essay on Shivaji Maharaj in Hindi) – HistoryDekho.com

प्रस्तावना शिवाजी जयंती यह दिन महान शासक छत्रपति शिवाजी का जन्मदिन है। शिवाजी भोंसले, जिन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम से जाना जाता है, भोंसले मराठा कबीले के एक भारतीय योद्धा राजा थे। छत्रपति शिवाजी का जन्म शिवनेरी के पहाड़ी किले में जीजाबाई और शाहजी भोंसले से हुआ था। एक निडर नेता स्थानीय देवी शिवई के नाम पर उनका नाम रखा गया। छत्रपति शिवाजी मराठा राष्ट्र के निर्माता थे और कई मराठा प्रमुखों को एकजुट करने में सहायक थे। वह मुख्य रूप से महाभारत, रामायण और अन्य पवित्र पुस्तकों से प्रभावित थे जो उनकी मां ने उन्हें समझाया था। शिवाजी ने सत्ता हासिल करने के अपने पिता के असफल प्रयासों से बहुत ज्ञान प्राप्त किया और अपने पिता की सैन्य रणनीति और शांतिपूर्ण कूटनीति से प्रेरित थे। उन्हें संस्कृत और हिंदू शास्त्रों का बहुत ज्ञान था। शिवाजी ने गोमजी नाइक और बाजी पसालकर से प्रशिक्षण प्राप्त किया और एक निडर नेता बने। शिवाजी महाराज की वीरता अपने शुरुआती दिनों में शिवाजी स्थानीय युवाओं को उनकी आदर्शवादी गतिविधियों का अनुसरण करने के लिए प्रेरित करने में सफल रहे। शिवाजी ने 17 साल की उम्र में बीजापुर के तोरण किले पर हमला किया और साल 1654 तक कोंकण तट पर कोंडाना, रायगढ़ किला और पश्चिमी घाटों पर अधिकार कर लिया। शिवाजी की सत्ता में वृद्धि को नष्ट करने के लिए, आदिलशाह ने धोखे से उनके पिता को गिरफ्तार कर लिया और शिवाजी और उनके भाई संभाजी के खिलाफ सेना भेज दी। शिवाजी को नष्ट करने के लिए भेजे गए अफ़ज़ल खान को उसके द्वारा मारा गया था। शिवाजी और बीजापुर की सेनाओं के बीच प्रतापगढ़ की लड़ाई में, शिवाजी नायक बन गए। शिवाजी के नेतृत्व में, मुगलों को पीछे धकेल दिया गया। शिवाजी को 1674 में रायगढ़ किले में छत्...

छत्रपति शिवाजी महाराज हिंदी निबंध Chhatrapati Shivaji Maharaj Essay in Hindi

आज हम छत्रपति शिवाजी महाराज हिंदी निबंध पढ़ेंगे। आप Chhatrapati Shivaji Maharaj Essay in Hindi को ध्यान से और मन लगाकर पढ़ें और समझें। यहां पर दिया गया निबंध कक्षा (For Class) 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, के विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त हैं। Also Read – My Picnic Essay in Marathi छत्रपति शिवाजी महाराज हिंदी निबंध Chhatrapati Shivaji Maharaj Essay in Hindi छत्रपति शिवाजी महाराज या शिवाजी राजे भोसले भारत के महान योद्धा एवं रणनीतिकार थे, जिन्होंने 1674 में, पश्चिम भारत मराठा साम्राज्य की नींव रखी। शिवाजी का जन्म 1627 को शिवनेरी के पहाड़ी किले में हुआ था। यह किला पूना के उत्तर में था। ये शाहजी भोसले और माता जीजाबाई के पुत्र थे। उन्हें विश्वास था कि उनका पुत्र हिंदूधर्म और सभ्यता-संस्कृति का महान संरक्षक होगा। इसीलिए उन्होंने जहां उनमें दयालुता, सौम्यता, प्रेम और परस्पर सहयोग जैसे सौम्य भाव भरे थे, वहीं उन्हें ऐसा वीर, साहसी, न्यायप्रिय और कुशल योद्धा भी बनाया था, जिसके नाम से ही शत्रु कांप जाता था। शिवाजी के पिता बीजापुर के राजा की नौकरी में थे। वे अधिकतर घर से दूर रहते थे, इसलिए शिवाजी को केवल अपनी मां की संगति मिली। उनको नियमित शिक्षा नहीं मिल सकी। उनकी मां ने उन्हें एक साधारण बालक के समान पाला। वे रामायण और महाभारत की कहानियां सुनने के शौकीन थे। इन कहानियों का उनके मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ा। उनका देश के प्रति अगाध प्रेम और उनका शक्तिशाली चरित्र इन्हीं संस्कारों का परिणाम था। शिवाजी एक वीर पुरुष थे और छापामार युद्ध की कला में भी प्रवीण थे। मुगल इन्हें ‘पहाड़ी चूहा’ कहते थे। औरंगजेब जब इन्हें हराने में असफल रहा तो उन्हें धोखे से उसने कैद कर लिया। वहां शिवाजी एक मिठाई के टोकरे म...

छत्रपति शिवाजी महाराज पर निबंध

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