दैनिक भास्कर मध्यप्रदेश भोपाल today

  1. जलती चिताओं की फोटो छाप दैनिक भास्कर ने लिखा, मौत का आंकड़ा छुपा रही मध्यप्रदेश सरकार
  2. दैनिक भास्कर News In Hindi, दैनिक भास्कर की ताज़ा ख़बर, ब्रेकिंग न्यूज़
  3. भोपाल में ‘दैनिक भास्कर’ पहले और ‘पत्रिका’ दूसरे नंबर पर मौजूद
  4. 3 दिन में रिपोर्ट देगी जांच टीम; मानवाधिकार आयोग ने कलेक्टर, कमिश्नर और नगर निगम को भेजे नोटिस
  5. 3 दिन में रिपोर्ट देगी जांच टीम; मानवाधिकार आयोग ने कलेक्टर, कमिश्नर और नगर निगम को भेजे नोटिस
  6. जलती चिताओं की फोटो छाप दैनिक भास्कर ने लिखा, मौत का आंकड़ा छुपा रही मध्यप्रदेश सरकार
  7. दैनिक भास्कर News In Hindi, दैनिक भास्कर की ताज़ा ख़बर, ब्रेकिंग न्यूज़
  8. भोपाल में ‘दैनिक भास्कर’ पहले और ‘पत्रिका’ दूसरे नंबर पर मौजूद


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जलती चिताओं की फोटो छाप दैनिक भास्कर ने लिखा, मौत का आंकड़ा छुपा रही मध्यप्रदेश सरकार

दैनिक भास्कर ने शमशान घाट के फोटो छापने के साथ ही सरकार पर कड़ी टिपप्णी करते हुए लिखा हैं, “सरकार, आप कोरोना संक्रमितों के आंकड़े नहीं छिपाते तो शायद आज हम भोपाल वालों को अपनों की इतनी चिताएं नहीं जलानी पड़तीं”. अखबार ने अपनी खबर में शहर के दो शमशान घाटों और एक कब्रिस्तान से आंकडे़ जुटाए हैं जिसके मुताबिक, शहर में गुरुवार को कोरोना से कुल 112 लाशें शमशान घाट और कब्रिस्तान पहुंचीं. जबकि इसी दौरान सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ चार मौतें हुई हैं. मौत के आंकड़े छुपाने का काम सिर्फ मध्यप्रदेश में ही नहीं हो रहा है बल्कि यह काम लखनऊ में भी हो रहा है और सरकार कह रही है कि सब ठीक है. लखनऊ के भैंसाकुंड शमशान में जलती हुई चिताओं के वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन ने शमशान घाट को टिन शेड से ढकवा दिया, ताकि वहां से वीडियो रिकार्ड ना किया जा सकें. बता दें कि देश में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या दो लाख 17 हजार के पार चली गई है. इस बीच सरकार लॉकडाउन तो नहीं लगा रही है लेकिन एहतियातन के तौर पर कुछ राज्यों में शुक्रवार शाम से सोमवार सुबह तक बंद करने के आदेश दिए गए हैं. वहीं कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण ही सीबीएसई समेत कई अन्य राज्य सरकारों ने 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को भी रद्द करने का आदेश जारी कर दिया है. Also see

दैनिक भास्कर News In Hindi, दैनिक भास्कर की ताज़ा ख़बर, ब्रेकिंग न्यूज़

कई बार सोशल मीडिया पर हमें ऐसी खबरें पढ़ने को मिल जाती हैं, जिन्हें पढ़ने के बाद हम अपनी हंसी को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं. अभी हाल ही में यूपी के बांदा से एक अजीबो-गरीब खबर सामने आई है. दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यहां सांप ने एक किसान को काट लिया था, बदले में किसान ने भी सांप को काट लिया. • जो लोग अरसे से 'दैनिक भास्कर' पढ़ते रहे हैं, वे पिछले कुछ महीनों से भास्कर में आए बदलावों को लेकर कुछ चकित थे. यह साफ़ नज़र आ रहा था कि 'दैनिक भास्कर' पत्रकारिता के धर्म के मुताबिक लगातार वे ख़बरें खोज और दे रहा है जिसे देने से दूसरे बच रहे थे. कोविड के दूसरे दौर में गंगा के पाट पर बनी क़ब्रों की तस्वीर बिल्कुल दहलाने वाली थी. पिछले दिनों उसने टीकाकरण की सुस्त रफ़्तार पर भी विस्तार से रिपोर्टिंग की. ऐसा नहीं कि वह सारी ख़बरें केंद्र सरकार या बीजेपी को निशाना बनाकर कर रहा था. जयपुर में होने के नाते उसने राजस्थान की गहलोत सरकार के ख़िलाफ़ भी लगातार ख़बरें कीं. उसी की ख़बर से यह बात खुली थी कि राजस्थान में बहुत सारे टीके बिना इस्तेमाल फेंक दिए गए हैं. सरकार ने इसका खंडन भी किया, लेकिन भास्कर लगातार इस बात के प्रमाण देता रहा कि उसकी ख़बर सही है. • समाचार पत्र दैनिक भास्कर पर मारे गए छापे पर अनुराग ठाकुर ने कहा कि हम इस पर संसद में भी जवाब देंगे. उन्होंने कहा कि एजेंसियां अपना काम करती हैं. इस पर हम कोई टिप्पणी नहीं करते, जो जानकारी दी जा रही है वह जरूरी नहीं कि सच हो. टैक्स चोरी के आरोप में मीडिया ग्रुप दैनिक भास्कर और उत्तर प्रदेश के एक न्यूज चैनल पर आज सुबह कई शहरों में इनकम टैक्स की टीमों ने छापेमारी की. जैसे ही महत्वपूर्ण मीडिया आउटलेट्स पर छापेमारी शुरू हुई विपक्षी दलों ने ...

भोपाल में ‘दैनिक भास्कर’ पहले और ‘पत्रिका’ दूसरे नंबर पर मौजूद

मध्यप्रदेश के भोपाल में कई प्रिंट मीडिया प्लेर्यस मौजूद हैं। हर कोई अपनी पाठक संख्या बढ़ाने की हरसंभव कोशिश करता है। भोपाल में, ‘दैनिक भास्कर’, ‘पत्रिका’, ‘राज एक्सप्रेस’, ‘नवदुनिया’, ‘दैनिक जागरण’, ‘नवभारत’(एमपी) और ‘देश बंधु’ जैसे अखबार हैं। ‘इंडियन रीडरशिप सर्वे’ के एआईआर आंकड़ो के अनुसार, ‘दैनिक भास्कर’, 3 लाख 16 हजार पाठकों के साथ, नंबर वन पर है। इसकी पाठक संख्या, दूसरी तिमाही की अपेक्षा इस बार बढ़ी है। दूसरे नंबर पर, पत्रिका रहा जिसकी पाठक संख्या इस बार 2 लाख 55 हजार है। ‘दैनिक भास्कर’ और ‘पत्रिका’ में 61 हजार पाठकों का अंतर है। वहीं तीसरे नंबर पर, ‘राज एक्सप्रेस’ रहा जिसकी पाठक संख्या, एक लाख से ऊपर पहुंच कर 1 लाख 5 हजार हो गई है। चौथे स्थान पर, ‘नवदुनिया’ रहा जिसकी पाठक संख्या 68 हजार है। पांचवे स्थान पर, ‘दैनिक जागरण’ है। जहां इसकी पाठक संख्या 48 हजार है। अगर, भोपाल एडिशन के साथ रेवा एडिशन की पाठक संख्या भी जोड़ दी जाए तो दोनों संस्करणों की कुल पाठक संख्या 1 लाख 43 हजार है। भोपाल में सांतवें नंबर पर, ‘नवभारत’ (एमपी) रहा। जिसकी पाठक संख्या 9 हजार हो गई है। और सबसे आखिरी और आंठवें नंबर पर ‘देश बंधु’ रहा जिसकी पाठक संख्या कुल 3 तीन हजार है। ‘प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण’ (Securities Appellate Tribunal) ने ‘एस्सेल’ (Essel) समूह के चेयरमैन डॉ. सुभाष चंद्रा और ‘जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड’ (ZEEL) के प्रबंध निदेशक व सीईओ पुनीत गोयनका को बाजार नियामक ‘भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड’ (SEBI) के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया है। सेबी ने अपने इस आदेश में डॉ. सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका को किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में एक साल तक ...

3 दिन में रिपोर्ट देगी जांच टीम; मानवाधिकार आयोग ने कलेक्टर, कमिश्नर और नगर निगम को भेजे नोटिस

भोपाल में मध्यप्रदेश सरकार के दूसरे सबसे बड़े सरकारी दफ्तर सतपुड़ा भवन में सोमवार शाम करीब 3.30 बजे लगी आग मंगलवार दोपहर 12 बजे तक पूरी तरह बुझाई जा सकी। मंगलवार सुबह 8 बजे तक टीम ने आग पर काबू पा लिया था, लेकिन 6वें फ्लोर से धुआं उठ रहा था। इसी फ्लोर पर सुबह 9.25 बजे फिर आग भड़क गई। इससे पहले भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह ने आग पर पूरी तरह काबू पाने की जानकारी दी थी। सतपुड़ा भवन में संचालित होने वाले सरकारी दफ्तरों में मंगलवार को छुट्टी रही। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किए थे। उधर, राज्य मानवाधिकार आयोग ने भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह, कमिश्नर मालसिंह भयड़िया और नगर निगम को नोटिस भेजे हैं। इसमें आग लगने की घटना पर तीन सप्ताह में जवाब मांगा गया है। आयाेग ने सवाल उठाया है कि निगम की फायर ब्रिगेड में 80% दमकलकर्मी हैं? आग बुझाते वक्त अमला बेबस नजर क्यों आया? आग पर काबू नहीं पाने की बड़ी वजह अनट्रेंड फायर फाइटर्स और अधूरे आउटडेटेड संसाधन रहे। ऐसा क्यों? इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना को लेकर सुबह 10 बजे सीएम हाउस में रिव्यू मीटिंग की। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने बताया, 'सीएम ने जांच के लिए हाई लेवल कमेटी गठित की है।' उन्होंने कांग्रेस के आरोपों पर कहा, 'वहां कोई भी ऐसे महत्वपूर्ण दस्तावेज नहीं थे, जो इस तरह का काम किया जाए। कांग्रेस के आरोप बेबुनियाद है। सतपुड़ा भवन में 4000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं, कोई इस तरह की साजिश क्यों करेगा।' जांच समिति ने किया सतपुड़ा भवन का निरीक्षण मुख्यमंत्री के निर्देश पर गठित हाई लेवल कमेटी घटना की जांच में जुटी है। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा के नेतृत्व वाली समिति ने मंगलवार को सतपुड़ा भवन में त...

3 दिन में रिपोर्ट देगी जांच टीम; मानवाधिकार आयोग ने कलेक्टर, कमिश्नर और नगर निगम को भेजे नोटिस

भोपाल में मध्यप्रदेश सरकार के दूसरे सबसे बड़े सरकारी दफ्तर सतपुड़ा भवन में सोमवार शाम करीब 3.30 बजे लगी आग मंगलवार दोपहर 12 बजे तक पूरी तरह बुझाई जा सकी। मंगलवार सुबह 8 बजे तक टीम ने आग पर काबू पा लिया था, लेकिन 6वें फ्लोर से धुआं उठ रहा था। इसी फ्लोर पर सुबह 9.25 बजे फिर आग भड़क गई। इससे पहले भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह ने आग पर पूरी तरह काबू पाने की जानकारी दी थी। सतपुड़ा भवन में संचालित होने वाले सरकारी दफ्तरों में मंगलवार को छुट्टी रही। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किए थे। उधर, राज्य मानवाधिकार आयोग ने भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह, कमिश्नर मालसिंह भयड़िया और नगर निगम को नोटिस भेजे हैं। इसमें आग लगने की घटना पर तीन सप्ताह में जवाब मांगा गया है। आयाेग ने सवाल उठाया है कि निगम की फायर ब्रिगेड में 80% दमकलकर्मी हैं? आग बुझाते वक्त अमला बेबस नजर क्यों आया? आग पर काबू नहीं पाने की बड़ी वजह अनट्रेंड फायर फाइटर्स और अधूरे आउटडेटेड संसाधन रहे। ऐसा क्यों? इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना को लेकर सुबह 10 बजे सीएम हाउस में रिव्यू मीटिंग की। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने बताया, 'सीएम ने जांच के लिए हाई लेवल कमेटी गठित की है।' उन्होंने कांग्रेस के आरोपों पर कहा, 'वहां कोई भी ऐसे महत्वपूर्ण दस्तावेज नहीं थे, जो इस तरह का काम किया जाए। कांग्रेस के आरोप बेबुनियाद है। सतपुड़ा भवन में 4000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं, कोई इस तरह की साजिश क्यों करेगा।' जांच समिति ने किया सतपुड़ा भवन का निरीक्षण मुख्यमंत्री के निर्देश पर गठित हाई लेवल कमेटी घटना की जांच में जुटी है। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा के नेतृत्व वाली समिति ने मंगलवार को सतपुड़ा भवन में त...

जलती चिताओं की फोटो छाप दैनिक भास्कर ने लिखा, मौत का आंकड़ा छुपा रही मध्यप्रदेश सरकार

दैनिक भास्कर ने शमशान घाट के फोटो छापने के साथ ही सरकार पर कड़ी टिपप्णी करते हुए लिखा हैं, “सरकार, आप कोरोना संक्रमितों के आंकड़े नहीं छिपाते तो शायद आज हम भोपाल वालों को अपनों की इतनी चिताएं नहीं जलानी पड़तीं”. अखबार ने अपनी खबर में शहर के दो शमशान घाटों और एक कब्रिस्तान से आंकडे़ जुटाए हैं जिसके मुताबिक, शहर में गुरुवार को कोरोना से कुल 112 लाशें शमशान घाट और कब्रिस्तान पहुंचीं. जबकि इसी दौरान सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ चार मौतें हुई हैं. मौत के आंकड़े छुपाने का काम सिर्फ मध्यप्रदेश में ही नहीं हो रहा है बल्कि यह काम लखनऊ में भी हो रहा है और सरकार कह रही है कि सब ठीक है. लखनऊ के भैंसाकुंड शमशान में जलती हुई चिताओं के वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन ने शमशान घाट को टिन शेड से ढकवा दिया, ताकि वहां से वीडियो रिकार्ड ना किया जा सकें. बता दें कि देश में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या दो लाख 17 हजार के पार चली गई है. इस बीच सरकार लॉकडाउन तो नहीं लगा रही है लेकिन एहतियातन के तौर पर कुछ राज्यों में शुक्रवार शाम से सोमवार सुबह तक बंद करने के आदेश दिए गए हैं. वहीं कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण ही सीबीएसई समेत कई अन्य राज्य सरकारों ने 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को भी रद्द करने का आदेश जारी कर दिया है. Also see

दैनिक भास्कर News In Hindi, दैनिक भास्कर की ताज़ा ख़बर, ब्रेकिंग न्यूज़

कई बार सोशल मीडिया पर हमें ऐसी खबरें पढ़ने को मिल जाती हैं, जिन्हें पढ़ने के बाद हम अपनी हंसी को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं. अभी हाल ही में यूपी के बांदा से एक अजीबो-गरीब खबर सामने आई है. दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यहां सांप ने एक किसान को काट लिया था, बदले में किसान ने भी सांप को काट लिया. • जो लोग अरसे से 'दैनिक भास्कर' पढ़ते रहे हैं, वे पिछले कुछ महीनों से भास्कर में आए बदलावों को लेकर कुछ चकित थे. यह साफ़ नज़र आ रहा था कि 'दैनिक भास्कर' पत्रकारिता के धर्म के मुताबिक लगातार वे ख़बरें खोज और दे रहा है जिसे देने से दूसरे बच रहे थे. कोविड के दूसरे दौर में गंगा के पाट पर बनी क़ब्रों की तस्वीर बिल्कुल दहलाने वाली थी. पिछले दिनों उसने टीकाकरण की सुस्त रफ़्तार पर भी विस्तार से रिपोर्टिंग की. ऐसा नहीं कि वह सारी ख़बरें केंद्र सरकार या बीजेपी को निशाना बनाकर कर रहा था. जयपुर में होने के नाते उसने राजस्थान की गहलोत सरकार के ख़िलाफ़ भी लगातार ख़बरें कीं. उसी की ख़बर से यह बात खुली थी कि राजस्थान में बहुत सारे टीके बिना इस्तेमाल फेंक दिए गए हैं. सरकार ने इसका खंडन भी किया, लेकिन भास्कर लगातार इस बात के प्रमाण देता रहा कि उसकी ख़बर सही है. • समाचार पत्र दैनिक भास्कर पर मारे गए छापे पर अनुराग ठाकुर ने कहा कि हम इस पर संसद में भी जवाब देंगे. उन्होंने कहा कि एजेंसियां अपना काम करती हैं. इस पर हम कोई टिप्पणी नहीं करते, जो जानकारी दी जा रही है वह जरूरी नहीं कि सच हो. टैक्स चोरी के आरोप में मीडिया ग्रुप दैनिक भास्कर और उत्तर प्रदेश के एक न्यूज चैनल पर आज सुबह कई शहरों में इनकम टैक्स की टीमों ने छापेमारी की. जैसे ही महत्वपूर्ण मीडिया आउटलेट्स पर छापेमारी शुरू हुई विपक्षी दलों ने ...

भोपाल में ‘दैनिक भास्कर’ पहले और ‘पत्रिका’ दूसरे नंबर पर मौजूद

मध्यप्रदेश के भोपाल में कई प्रिंट मीडिया प्लेर्यस मौजूद हैं। हर कोई अपनी पाठक संख्या बढ़ाने की हरसंभव कोशिश करता है। भोपाल में, ‘दैनिक भास्कर’, ‘पत्रिका’, ‘राज एक्सप्रेस’, ‘नवदुनिया’, ‘दैनिक जागरण’, ‘नवभारत’(एमपी) और ‘देश बंधु’ जैसे अखबार हैं। ‘इंडियन रीडरशिप सर्वे’ के एआईआर आंकड़ो के अनुसार, ‘दैनिक भास्कर’, 3 लाख 16 हजार पाठकों के साथ, नंबर वन पर है। इसकी पाठक संख्या, दूसरी तिमाही की अपेक्षा इस बार बढ़ी है। दूसरे नंबर पर, पत्रिका रहा जिसकी पाठक संख्या इस बार 2 लाख 55 हजार है। ‘दैनिक भास्कर’ और ‘पत्रिका’ में 61 हजार पाठकों का अंतर है। वहीं तीसरे नंबर पर, ‘राज एक्सप्रेस’ रहा जिसकी पाठक संख्या, एक लाख से ऊपर पहुंच कर 1 लाख 5 हजार हो गई है। चौथे स्थान पर, ‘नवदुनिया’ रहा जिसकी पाठक संख्या 68 हजार है। पांचवे स्थान पर, ‘दैनिक जागरण’ है। जहां इसकी पाठक संख्या 48 हजार है। अगर, भोपाल एडिशन के साथ रेवा एडिशन की पाठक संख्या भी जोड़ दी जाए तो दोनों संस्करणों की कुल पाठक संख्या 1 लाख 43 हजार है। भोपाल में सांतवें नंबर पर, ‘नवभारत’ (एमपी) रहा। जिसकी पाठक संख्या 9 हजार हो गई है। और सबसे आखिरी और आंठवें नंबर पर ‘देश बंधु’ रहा जिसकी पाठक संख्या कुल 3 तीन हजार है। ‘प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण’ (Securities Appellate Tribunal) ने ‘एस्सेल’ (Essel) समूह के चेयरमैन डॉ. सुभाष चंद्रा और ‘जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड’ (ZEEL) के प्रबंध निदेशक व सीईओ पुनीत गोयनका को बाजार नियामक ‘भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड’ (SEBI) के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया है। सेबी ने अपने इस आदेश में डॉ. सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका को किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में एक साल तक ...