गुरु अर्जुन देव शहीदी दिवस 2023

  1. चंडीगढ़ में 23 मई को गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस पर अवकाश घोषित, guru arjun dev martyrdom day 2023 holiday in chandigarh latest news
  2. गुरु अर्जन देव शहीदी दिवस मनाने पाकिस्तान जाएंगे 215 सिख तीर्थयात्री!
  3. श्री गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस का इतिहास
  4. Money Martyrdom Day of Sikh Guru Arjun Dev Ji Maharaj


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चंडीगढ़ में 23 मई को गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस पर अवकाश घोषित, guru arjun dev martyrdom day 2023 holiday in chandigarh latest news

चंडीगढ़: चंडीगढ़ प्रशासन ने आधिकारिक तौर पर 23 मई को सभी सरकारी कार्यालयों, बोर्डों, निगमों और संस्थानों में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है. इसमें चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकार क्षेत्र में काम करने वाले औद्योगिक प्रतिष्ठान भी शामिल हैं. सिखों के पांचवें गुरु, गुरु अर्जुन देव का शहादत दिवस के सम्मान और स्मृति में यह निर्णय लिया गया है. चंडीगढ़ प्रशासक द्वारा एक आदेश जारी कर 23 मई को चंडीगढ़ में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है. इसका उद्देश्य गुरु अर्जुन देव जी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए पूरे चंडीगढ़ में आयोजित कार्यक्रमों और प्रार्थनाओं में नागरिकों की भागीदारी को सुविधाजनक बनाना है. जिन्हें आदि ग्रंथ को संकलित करने के लिए व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है, जिसे बाद में सिख गुरु ग्रंथ साहिब में विस्तारित किया गया. हालांकि इस दिन आवश्यक सेवाएं बिना किसी रुकावट के चलती रहेंगी. पढ़ें : हरियाणा में दिव्यांगों के लिए खुला रोजगार का पिटारा, लगभग 35 हजार दिव्यांगों को मिलेगा रोजगार आपको बता दें कि गुरु अर्जुन देव गुरु रामदास और माता बीवी भानी के पुत्र थे और इनका जन्म 15 अप्रैल 1563 को हुआ था. गुरु अमरदास ने ही अर्जुन देव को गुरमुखी की शिक्षा दी थी. वे 1581 में सिखों के पांचवें गुरु बने थे और उन्होंने ही हरमंदिर साहिब गुरुद्वारा की अमृतसर में नींव रखवाई थी. इसी मंदिर को स्वर्ण मंदिर के नाम से जाना जाता है. श्री गुरु ग्रंथ साहिब में भी गुरु अर्जुन देव के हजारों शब्द हैं और उन्होंने रागों के आधार पर गुरु वाणियों का भी वर्गीकरण किया था. पढ़ें : Haryana Weather Today: हरियाणा में आज से फिर बढ़ेगा गर्मी का सितम, जानिए मौसम का ताजा हाल गुरु अर्जुन देव ने अपना पूरा जीवन मानव सेवा को समर्पित कर ...

गुरु अर्जन देव शहीदी दिवस मनाने पाकिस्तान जाएंगे 215 सिख तीर्थयात्री!

भारत की राजधानी नई दिल्ली में स्थित पाकिस्तान उच्चायोग ने बताया है कि इस साल गुरु अर्जन देव के ‘शहीदी दिवस’ समारोह में भाग लेने जाने वाले भारत के 215 सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान सरकार की तरफ से वीसा दिया गया है। यह समारोह पाकिस्तान में 8 से 17 जून तक चलने वाला है। पाकिस्तान में अनेक ऐतिहासिक गुरुद्वारे हैं जहां वर्ष भर प्रमुख उत्सवों को आयोजन किया जाता है। गुरुनानक देव ने जीवन के अनेक वर्ष बिताए थे और गुरु ग्रंथ साहिब के अनेक शबद वहीं रचे थे। करतारपुर का भव्य करतारपुर साहिब गुरुद्वारा विश्व प्रसिद्ध है। भारत से वहां तक जाने के लिए भारत की मोदी सरकार ने एक विशेष गलियारा खुलवाया है, जिससे बड़ी संख्या में भारत के श्रद्धालु लाभान्वित हो रह हैं। हर वर्ष वहां उत्सव के दौरान भारत से बड़ी संख्या में सिख श्रद्धालु जाते हैं। इसी प्रकार गुरु अर्जन देव जी का शहीदी दिवस भी पूरी श्रद्धा से मनाया जाता है। पाकिस्तान उच्चायोग ने इस साल इस उत्सव के लिए कुल 215 भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को वीसा दिया है। ये सभी 8 जून को वहां पहुंचकर सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रमों में भाग लेंगे। पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी का कहना है कि पाकिस्तान की सरकार भारत से जाने वाले इन तीर्थयात्रियों को सभी जरूरी सुविधाएं प्रदान करने के प्रति गंभीरता से प्रयास कर रही है। बताया गया है भारत से पाकिस्तान जा रहे ये तीर्थयात्री पाकिस्तान में अपनी यात्रा में गुरुद्वारा पंजा साहिब, गुरुद्वारा ननकाना साहिब तथा गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के साथ ही कई अन्य पवित्र स्थानों पर जा सकेंगे। उल्लेखनीय है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तय प्रोटोकॉल में जो प्रावधान दिए गए हैं उनके अनुसार ही भारत से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पाकिस्तान स...

श्री गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस का इतिहास

“ शहीदी दिवस”, जिसे गुरु अर्जुन देव जी के “शहादत दिवस” ​​​​के रूप में भी जाना जाता है, इस वर्ष 23 मई को होगा। यह आयोजन जेठ के चौबीसवें दिन होता है, जो सिख कैलेंडर का तीसरा महीना है। यह दिन दुनिया भर के सिखों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व रखता है। गुरु अर्जुन देव जी को सिख धर्म में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए सम्मानित किया जाता है और उन्हें इसका पहला शहीद माना जाता है। इस दिन, लोग धार्मिक सभाओं के लिए इकट्ठा होते हैं और “श्री गुरु ग्रंथ साहिब” के अंश पढ़ते हैं। इसके अलावा, वे “गुरुद्वारे” के “लंगर” में भोजन देते हैं, जो एक सांप्रदायिक खाने की परंपरा है जिसमें सभी मेहमानों को मुफ्त भोजन दिया जाता है। श्री गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस का इतिहास गुरु अर्जुन देव की शहीदी दिवस पर विशेष सिखों के पांचवे गुरु अर्जुन देव जी महाराज को मुगल बादशाह जहांगीर ने 1606 को लाहौर में शहीद कर दिया गया था। इस साल शुक्रवार(3 जून) को उनकी शहीदी दिवस जमशेदपुर के सिख समाज के लोग मनाएंगे।1563 के अप्रैल में, गुरु अर्जुन देव जी का जन्म भारतीय शहर गोइंदवाल में हुआ था। उनके पिता श्रद्धेय आध्यात्मिक शिक्षक गुरु रामदास थे, और उनकी माँ योगिनी माता भानी थीं। गुरु अमरदास और गुरु रामदास क्रमशः उनके नाना और परदादा थे। उन दोनों के नाम पर उनका नाम रखा गया था। 1581 में, जब वह केवल 18 वर्ष का था, तब वह अपने पिता के निधन के बाद दस सिख गुरुओं में से पांचवें के रूप में अपने पिता के उत्तराधिकारी बने। 1606 में मुगलों के हाथों उनकी दुखद मृत्यु के कारण उनके बेटे ने छठे गुरु के रूप में कार्यभार संभाला। उनके बेटे के उत्तराधिकार ने बहुत बहस छेड़ दी। संभावित उत्तराधिकारी के रूप में उनके सबसे छोटे बेटे अर्जन के चयन...

Money Martyrdom Day of Sikh Guru Arjun Dev Ji Maharaj

सिखों के गुरु अर्जुन देव जी महाराज के शहीदी दिवस शुक्रवार को मनाया गया। सिंह खालसा दल रामगढ़ की ओर से बिजुलिया दुर्गा मंडप के निकट चना और शरबत का वितरण किया गया। सैकड़ों राहगीरों, मज़दूरों और अन्य लोगों के बीच शरबत और चना का वितरण किया गया। वही सिंह खालसा दल के अध्यक्ष परमजीत सिंह सैनी ने कहा कि गुरु अर्जुन देव जी की आज शहीदी दिवस है। सिखों के पांचवें गुरु अर्जुन देव जी की शहादत अतुलनीय है। वे मानवता के सच्चे सेवक, धर्म के रक्षक, शांत व गंभीर स्वभाव के मालिक थे। उनकी शहीदी को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। मौके पर भाजपा युवा नेता राजीव जायसवालने कहा कि गुरु अर्जन देव जी गुरु परंपरा का पालन करते रहे। कभी भी गलत के आगे नहीं झुके। शरणागत की रक्षा के लिए स्वयं को बलिदान कर देना स्वीकार किया। मुगल शासक जहांगीर के आगे झुके नहीं। वे हमेशा मानव सेवा के पक्षधर रहे। सिख धर्म में उनसे ही सिख धर्म बलिदान की परंपरा का आगाज हुआ। छावनी परिषद की नामित सदस्य कीर्ति गौरव, गुरुद्वारा प्रधान परमदीप सिंह कालरा, पूर्व विधायक प्रत्याशी धनंजय कुमार पुटुस, मीत प्रधान अमरजीत सिंह सैनी, अनमोल सिंह, दुलमी ज़िला परिषद सदस्य प्रीती दीवान, जयसिंह पावला, लवदीप पावला, गुरुदीप सिंह, महेंद्र पाल सिंह, अरविंदर सिंह, ऋतिक गांधी, यश सैनी, इंदरजीत सिंह कोहली सहित सहित कई विशिष्ठ लोग उपस्थित थे।