Kartik maas ki katha

  1. कार्तिक मास की तीन पौराणिक कहानियां
  2. Satyaprem Ki Katha
  3. कार्तिक माह माहात्म्य सोलहवां अध्याय
  4. Kartik Maas ki Katha in Hindi
  5. Kartik Maas Vrat Ki Katha
  6. कार्तिक माह में यमराज की कहानी
  7. Kartik Maas Vrat Katha
  8. Kartik Maas Vrat Ki Katha
  9. कार्तिक माह माहात्म्य सोलहवां अध्याय
  10. कार्तिक मास की तीन पौराणिक कहानियां


Download: Kartik maas ki katha
Size: 16.73 MB

कार्तिक मास की तीन पौराणिक कहानियां

4/5 - (1 vote) kartik maas ki kahani, kartik maas ki kahani hindi mein, kartik maas ki kahani in hindi, kartik snan ki katha, kartik mahine ki katha, कार्तिक मास की कथा, र्तिक मास की कहानी, kartik maas ki katha पहली कार्तिक मास की कहानी कार्तिक स्नान एक बुढिया माई थी जों चातुर्मास में पुष्कर स्नान किया करती थी । उसके एक बेटा और बहु थे । सास ने बहु को फलाहार बनाने को कहा तो बहु ने खाली टिफिन ही रख दिया । बेटा माँ को पहुचाने के लिए पुष्कर गया । रास्ते में माँ से बोला माँ फलाहार कर लो जहाँ पानी मिला वही फलाहार करने बेठ गई तो भगवान की कृपा से खाली टिफिन फलो से भर गया , माँ ने फलाहार कर लिया । पुष्कर माँ के रहने के लिए झोपडी बना कर बेटा वापस घर आ गया । रात्रि में श्रावण मास आया और बोला बुढिया माई दरवाजा खोल तब बुढिया माई ने पूछा आप कौन है ? मैं श्रावणमास , बुढिया ने तुरंत दरवाजा खोल दिया । बुढिया माई ने शिव पार्वती की पूजा अर्चना की बेलपत्र से अभिषेक किया । जाते समय श्रावणमास ने बुढिया माई को आशीर्वाद दिया और झोपडी की एक दीवार सोने की हो गई । भाद्रपद मास आया उसने भी दरवाजा खोलने को कहा , बुढियामाई ने दरवाजा खोला सत्तु बना कर कजरी तीज मनाई । भाद्रपदमास ने बुढिया माई कोआशीवाद दियाऔर झोपडी की दूसरी दीवार भी सोने की हो गई । फिर आशिवन मास आया और उसने भी दरवाजा खोलने को कहा , बुढिया माई ने दरवाजा खोला , पितरो का तर्पण कर ब्राह्मण भोज करा कर श्राद्ध किया । नव रात्रि में माँ दुर्गा को अखंड ज्योति जलाकर प्रसन्न किया सत्य की विजय दिवस के रूप में बुराई का अंत की ख़ुशी में दशहरा मनाया । आशिवन मास ने जाते समय प्रसन्न होकर तीसरी दिवार भी बहुमूल्य रत्नों से जडितकर दी और बुढिया माई को सदैव प्र...

Satyaprem Ki Katha

• 29June2023 ( 2023-06-29) Country India Language Hindi Satyaprem Ki Katha ( lit.transl. True Love's Story) is an upcoming Indian The film was announced in June 2021. Cast [ ] • • • • • • • • Shikha Talsania Production [ ] Development [ ] The film was officially announced with a motion poster on 23 June 2021 by Satyanarayan Ki Katha. Satyaprem Ki Katha due to controversy. Casting [ ] Filming [ ] The film went on floors on 3 September 2022 in The film was shot in Music [ ] The film's music is composed by The first single titled "Naseeb Se" was released on 27 May 2023. No. Title Lyrics Music Singer(s) Length 1. "Naseeb Se" 3:04 2. "Aaj Ke Baad" Manan Bhardwaj Manan Bhardwaj Manan Bhardwaj, 3:37 3. "Gujju Pataka" Meet Bros, Star Boy LOC 4:27 Release [ ] The film's teaser was released on 18 May 2023. Satyaprem Ki Katha is scheduled for a theatrical release on 29 June 2023. References [ ] • IANS (20 December 2022). ". Koimoi . Retrieved 2 January 2023. • Indulgexpress . Retrieved 23 August 2022. • IANS (23 June 2021). ". ABP Live . Retrieved 23 August 2022. • TimesNow. August 2022 . Retrieved 23 August 2022. • . Retrieved 23 August 2022. • Satyanarayan Ki Katha | Kartik Aaryan | Sameer Vidwans | Sajid Nadiadwala | Namah Pictures , retrieved 23 August 2022 • Dainik Jagran (in Hindi) . Retrieved 24 August 2022. • Hungama, Bollywood (31 July 2022). . Retrieved 23 August 2022. • • Bollywood Hungama. 29 April 2023 . Retrieved 30 April 2023. • • • NDTV . Retrieved 27 May 2023. • 'Aaj...

कार्तिक माह माहात्म्य सोलहवां अध्याय

कार्तिक माह माहात्म्य सोलहवां अध्याय Chapter – 16 Click Here For Download Now सुनो लगाकर मन सभी, संकट सब मिट जायें । कार्तिक माहात्म का “कमल” पढो़ सोलहवां अध्याय ।। राजा पृथु ने कहा – हे नारद जी! ये तो आपने भगवान शिव की बडी़ विचित्र कथा सुनाई है । अब कृपा करके आप यह बताइये कि उस समय राहु उस पुरूष से छूटकर कहां गया ? नारद जी बोले उससे छूटने पर वह दूत बर्बर नाम से विख्यात हो गया और अपना नया जन्म पाकर वह धीरे-धीरे जलन्धर के पास गया। वहां जाकर उसने शंकर की सब चेष्टा कही। उसे सुनकर दैत्यराज ने सब दैत्यों को सेना द्वारा आज्ञा दी। लनेमि और शुम्भ-निशुम्भ आदि सभी महाबली दैत्य तैयार होने लगे। एक से एक महाबली दैत्य करोडों – करोडों की संख्या में निकल युद्ध के लिए जुट पड़े। महा प्रतापी सिन्धु पुत्र शिवजी से युद्ध करने के लिए निकल पड़ा। आकाश में मेघ छा गये और बहुत अपशकुन होने लगे। शुक्राचार्य और कटे सिर वाला राहु सामने आ गये। उसी समय जलंधर का मुकुट खिसक गया, परंतु वह नहीं रूका। उधर इन्द्रादि सब देवताओं ने कैलाश पर शिवजी के पास पहुंच कर सब वृतांत सुनाया और यह भी कहा कि आपने जलंधर से युद्ध करने के लिए भगवान विष्णु को भेजा था। वह उसके वशवर्ती हो गये हैं और विष्णु जी लक्ष्मी सहित जलंधर के अधीन हो उनके घर में निवास करते हैं। अब देवताओं को भी वहीं रहना पड़ता है। अब वह बली सागर पुत्र आपसे युद्ध करने आ रहा है। अतएव आप उसे मारकर हम सबकी रक्षा कीजिये। यह सुनकर शंकरजी ने विष्णु जी को बुलाकर पूछा हे ऋषिकेश! युद्ध में आपने जलंधर का संहार क्यों नहीं किया और बैकुण्ठ छोड़ आप उसके घर में कैसे चले गये? यह सुन कर विष्णु जी ने हाथ जोड़ कर नम्रतापूर्वक भगवान शंकर से कहा – उसे आपका अंशी ओर लक्ष्मी का भ्राता ...

Kartik Maas ki Katha in Hindi

• Issuu Features - Fullscreen Sharing • Issuu Features - Social Posts • Issuu Features - Articles • Issuu Features - Embed • Issuu Features - Statistics • Issuu Features - InDesign Integration • Issuu Features - Cloud Storage Integration • Issuu Features - GIFs • Issuu Features - AMP Ready • Issuu Features - Add Links • Issuu Features - Teams • Issuu Features - Video • Issuu Features - Web-ready Fonts • Explore Issuu Content • • Explore - Arts & Entertainment • Explore - Business • Explore - Education • Explore - Family & Parenting • Explore - Food & Drink • Explore - Health & Fitness • Explore - Hobbies • Explore - Home & Garden • Explore - Pets • Explore - Religion & Spirituality • Explore - Science • Explore - Society • Explore - Sports • Explore - Style & Fashion • Explore - Technology & Computing • Explore - Travel • Explore - Vehicles

Kartik Maas Vrat Ki Katha

कार्तिक मास व्रत की कथा, Kartik Maas Vrat Ki Katha, Kartik Maas Vrat Ki Kahani, Kartik Maas Vrat Ki Katha Pdf, Kartik Maas Vrat Katha Ki Pdf Download, Kartik Maas Vrat Katha Ki Lyrics, कार्तिक मास व्रत कथा, Kartik Maas Vrat Katha, Kartik Maas Vrat Kahani, Kartik Maas Vrat Katha Pdf, Kartik Maas Vrat Katha Pdf Download, Kartik Maas Vrat Katha Lyrics, कार्तिक मास व्रत का महत्व, Kartik Maas Vrat Ka Mahatva, Kartik Maas Vrat Ka Punya, कार्तिक मास व्रत के स्नान का महत्व, Kartik Maas Vrat Ke Snan Ka Mahatva, कार्तिक मास व्रत कब है, Kartik Maas Vrat Kab Hai, #कार्तिक मास व्रत कथा, #Kartik Maas Vrat Katha, #Kartik Maas Vrat Ki Katha, #Pandit Lalit Trivedi, #कार्तिकमासव्रतकथा, #KartikMaasVratKatha, #KartikMaasVratKiKatha, #PanditLalitTrivedi. 10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री ( Lal Kitab Horoscope ) बनवाए केवल 500/- ( Only India Charges ) में ! Mobile & Whats app Number : +91-9667189678 साधना Whatsapp ग्रुप्स तंत्र-मंत्र-यन्त्र Whatsapp ग्रुप्स ज्योतिष व राशिफ़ल Whatsapp ग्रुप्स Daily ज्योतिष टिप्स Whatsapp ग्रुप्स हर महीनें का राशिफल, व्रत, ज्योतिष उपाय, वास्तु जानकारी, मंत्र, तंत्र, साधना, पूजा पाठ विधि, पंचांग, मुहूर्त व योग आदि की जानकारी के लिए अभी हमारे Youtube Channel Pandit Lalit Trivedi को Subscribers करना नहीं भूलें, क्लिक करके अभी Subscribers करें : Click Here कार्तिक मास व्रत कब है || Kartik Maas Vrat Kab Hai ? Kartik Maas Vrat अक्टूबर महीने की 14 तारीख, वार सोमवार से शुरू होकर नवम्बर महीने की 12 तारीख, वार मंगलवार को समाप्त होगे ! कार्तिक मास व्रत का मह...

कार्तिक माह में यमराज की कहानी

एक नगर में एक साहूकार अपनी पत्नी के साथ रहता था लेकिन वह नि:संतान थे. वह दोनो भगवान शंकर की पूजा किया करते थे. एक दिन पार्वती जी कहने लगी कि यह आपकी इतनी पूजा करते हैं फिर आप इनकी इच्छा पूरी क्यूँ नहीं करते हैं? शंकर जी कहते हैं कि इन्हें संतान सुख नही है इसलिए ये इतनी पूजा करते हैं. पार्वती जी बोली कि आप इन्हें पुत्र क्यूँ नहीं दे रहे हैं. शंकर जी ने कहा कि इनके भाग्य में पुत्र का सुख नही है लेकिन पार्वती जी नहीं मानी और वह जिद करने लगी. शंकर भगवान बोले कि ठीक है इन्हें पुत्र की प्राप्ति हो जाएगी लेकिन वह केवल बारह वर्ष तक ही जीवित रहेगा. साहूकार शंकर-पार्वती जी की बात सुन रजा था. कुछ समय बाद साहूकारनी ने पुत्र को जन्म दिया लेकिन साहूकार को कोई खुशी नही हुई. पूरे परिवार में इसका जश्न मनाया गया. उनका बेटा बड़ा हुआ तो साहूकारनी कहने लगी कि मैं अपने बेटे का ब्याह रचाऊँगी. साहूकार ने उसे बहुत मना किया लेकिन वह नहीं मानी तो साहूकार ने उसे कहा कि हमारे बेटे की आयु केवल बारह वर्ष तक ही है. साहूकारनी कहने लगी कि कोई बात नहीं. मैं इसका ब्याह करके अपने मन की तो कर लूँ! साहूकार ने बेटे का विवाह कर दिया, घर में बहू आ गई और उन्होंने बहू को सारी बात बता दी कि उनके बेटे की आयु केवल 12 वर्ष की है. बहू ने कहा कि कोई बात नहीं, मेरे भाग्य में जो लिखा था वह हुआ. अब हम तीनों मिलकर पूजा किया करेगें और उन्होंने हर रोज पूजा आरंभ कर दी. एक दिन ऎसा भी आ गया जब लड़के की आयु पूरी हो गई. यमराज साहूकार के बेटे को लेने आ गए तो साहूकार कहने लगा कि मेरा पुत्र अपनी पत्नी के साथ है. यमराज उसकी पत्नी के पास गए तो वह बोली – अभी तो मेरे पति ने जीवन का कोई सुख नहीं देखा और आप उसे लेने आ गए. यमराज बोले इसकी इतन...

Kartik Maas Vrat Katha

कार्तिक मास व्रत कथा, Kartik Maas Vrat Katha, Kartik Maas Vrat Kahani, Kartik Maas Vrat Kab Hai 2022, Kartik Maas Vrat Katha Ka Punya, Kartik Maas Vrat Katha Pdf, Kartik Maas Vrat Katha Lyrics, Kartik Maas Vrat Katha Mp3 Download. 10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री ( Lal Kitab Horoscope ) बनवाए केवल 500/- ( Only India Charges ) में ! Mobile & Whats app Number : +91-9667189678 नोट : यदि आप अपने जीवन में किसी कारण से परेशान चल रहे हो तो ज्योतिषी सलाह लेने के लिए अभी ज्योतिष आचार्य पंडित ललित त्रिवेदी पर कॉल करके अपनी समस्या का निवारण कीजिये ! +91- 9667189678 ( Paid Services ) 30 साल के फ़लादेश के साथ वैदिक जन्मकुंडली बनवाये केवल 500/- ( Only India Charges ) में ! Mobile & Whats app Number : +91-9667189678 कार्तिक मास व्रत की कथा || Kartik Maas Vrat Ki Katha कार्तिक मास व्रत कब है 2022 || Kartik Maas Vrat Kab Hai ? 2022 कार्तिक मास व्रत अक्टूबर महीने की 10 तारीख, वार सोमवार से शुरू होकर नवम्बर महीने की 08 तारीख, वार मंगलवार को समाप्त होगे | कार्तिक मास व्रत का महत्व || Kartik Maas Vrat Ka Mahatva हिंदू पंचांग अनुसार हर वर्ष का आठवां महीना कार्तिक होता है। कार्तिक का महीना बारह महीनों में से श्रेष्ठ महीना है। पुराणों में कार्तिक मास को स्नान, व्रत व तप की दृष्टि से मोक्ष ओए कल्याण प्रदान करने वाला बताया गया है। कार्तिक मास में पूरे माह स्नान, दान, दीप दान, तुलसी विवाह, कार्तिक कथा का माहात्म्य आदि सुनते हैं। ऎसा करने से अत्यत शुभ फलों की प्राप्ति व पापों का नाश होता है ( Kartik Maas Vrat Ka Mahatva ) । पुराणों अनुसार जो व्यक्ति इस कार्तिक माह में स्नान, दान तथा ...

Kartik Maas Vrat Ki Katha

कार्तिक मास व्रत की कथा, Kartik Maas Vrat Ki Katha, Kartik Maas Vrat Ki Kahani, Kartik Maas Vrat Ki Katha Pdf, Kartik Maas Vrat Katha Ki Pdf Download, Kartik Maas Vrat Katha Ki Lyrics, कार्तिक मास व्रत कथा, Kartik Maas Vrat Katha, Kartik Maas Vrat Kahani, Kartik Maas Vrat Katha Pdf, Kartik Maas Vrat Katha Pdf Download, Kartik Maas Vrat Katha Lyrics, कार्तिक मास व्रत का महत्व, Kartik Maas Vrat Ka Mahatva, Kartik Maas Vrat Ka Punya, कार्तिक मास व्रत के स्नान का महत्व, Kartik Maas Vrat Ke Snan Ka Mahatva, कार्तिक मास व्रत कब है, Kartik Maas Vrat Kab Hai, #कार्तिक मास व्रत कथा, #Kartik Maas Vrat Katha, #Kartik Maas Vrat Ki Katha, #Pandit Lalit Trivedi, #कार्तिकमासव्रतकथा, #KartikMaasVratKatha, #KartikMaasVratKiKatha, #PanditLalitTrivedi. 10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री ( Lal Kitab Horoscope ) बनवाए केवल 500/- ( Only India Charges ) में ! Mobile & Whats app Number : +91-9667189678 साधना Whatsapp ग्रुप्स तंत्र-मंत्र-यन्त्र Whatsapp ग्रुप्स ज्योतिष व राशिफ़ल Whatsapp ग्रुप्स Daily ज्योतिष टिप्स Whatsapp ग्रुप्स हर महीनें का राशिफल, व्रत, ज्योतिष उपाय, वास्तु जानकारी, मंत्र, तंत्र, साधना, पूजा पाठ विधि, पंचांग, मुहूर्त व योग आदि की जानकारी के लिए अभी हमारे Youtube Channel Pandit Lalit Trivedi को Subscribers करना नहीं भूलें, क्लिक करके अभी Subscribers करें : Click Here कार्तिक मास व्रत कब है || Kartik Maas Vrat Kab Hai ? Kartik Maas Vrat अक्टूबर महीने की 14 तारीख, वार सोमवार से शुरू होकर नवम्बर महीने की 12 तारीख, वार मंगलवार को समाप्त होगे ! कार्तिक मास व्रत का मह...

कार्तिक माह माहात्म्य सोलहवां अध्याय

कार्तिक माह माहात्म्य सोलहवां अध्याय Chapter – 16 Click Here For Download Now सुनो लगाकर मन सभी, संकट सब मिट जायें । कार्तिक माहात्म का “कमल” पढो़ सोलहवां अध्याय ।। राजा पृथु ने कहा – हे नारद जी! ये तो आपने भगवान शिव की बडी़ विचित्र कथा सुनाई है । अब कृपा करके आप यह बताइये कि उस समय राहु उस पुरूष से छूटकर कहां गया ? नारद जी बोले उससे छूटने पर वह दूत बर्बर नाम से विख्यात हो गया और अपना नया जन्म पाकर वह धीरे-धीरे जलन्धर के पास गया। वहां जाकर उसने शंकर की सब चेष्टा कही। उसे सुनकर दैत्यराज ने सब दैत्यों को सेना द्वारा आज्ञा दी। लनेमि और शुम्भ-निशुम्भ आदि सभी महाबली दैत्य तैयार होने लगे। एक से एक महाबली दैत्य करोडों – करोडों की संख्या में निकल युद्ध के लिए जुट पड़े। महा प्रतापी सिन्धु पुत्र शिवजी से युद्ध करने के लिए निकल पड़ा। आकाश में मेघ छा गये और बहुत अपशकुन होने लगे। शुक्राचार्य और कटे सिर वाला राहु सामने आ गये। उसी समय जलंधर का मुकुट खिसक गया, परंतु वह नहीं रूका। उधर इन्द्रादि सब देवताओं ने कैलाश पर शिवजी के पास पहुंच कर सब वृतांत सुनाया और यह भी कहा कि आपने जलंधर से युद्ध करने के लिए भगवान विष्णु को भेजा था। वह उसके वशवर्ती हो गये हैं और विष्णु जी लक्ष्मी सहित जलंधर के अधीन हो उनके घर में निवास करते हैं। अब देवताओं को भी वहीं रहना पड़ता है। अब वह बली सागर पुत्र आपसे युद्ध करने आ रहा है। अतएव आप उसे मारकर हम सबकी रक्षा कीजिये। यह सुनकर शंकरजी ने विष्णु जी को बुलाकर पूछा हे ऋषिकेश! युद्ध में आपने जलंधर का संहार क्यों नहीं किया और बैकुण्ठ छोड़ आप उसके घर में कैसे चले गये? यह सुन कर विष्णु जी ने हाथ जोड़ कर नम्रतापूर्वक भगवान शंकर से कहा – उसे आपका अंशी ओर लक्ष्मी का भ्राता ...

कार्तिक मास की तीन पौराणिक कहानियां

4/5 - (1 vote) kartik maas ki kahani, kartik maas ki kahani hindi mein, kartik maas ki kahani in hindi, kartik snan ki katha, kartik mahine ki katha, कार्तिक मास की कथा, र्तिक मास की कहानी, kartik maas ki katha पहली कार्तिक मास की कहानी कार्तिक स्नान एक बुढिया माई थी जों चातुर्मास में पुष्कर स्नान किया करती थी । उसके एक बेटा और बहु थे । सास ने बहु को फलाहार बनाने को कहा तो बहु ने खाली टिफिन ही रख दिया । बेटा माँ को पहुचाने के लिए पुष्कर गया । रास्ते में माँ से बोला माँ फलाहार कर लो जहाँ पानी मिला वही फलाहार करने बेठ गई तो भगवान की कृपा से खाली टिफिन फलो से भर गया , माँ ने फलाहार कर लिया । पुष्कर माँ के रहने के लिए झोपडी बना कर बेटा वापस घर आ गया । रात्रि में श्रावण मास आया और बोला बुढिया माई दरवाजा खोल तब बुढिया माई ने पूछा आप कौन है ? मैं श्रावणमास , बुढिया ने तुरंत दरवाजा खोल दिया । बुढिया माई ने शिव पार्वती की पूजा अर्चना की बेलपत्र से अभिषेक किया । जाते समय श्रावणमास ने बुढिया माई को आशीर्वाद दिया और झोपडी की एक दीवार सोने की हो गई । भाद्रपद मास आया उसने भी दरवाजा खोलने को कहा , बुढियामाई ने दरवाजा खोला सत्तु बना कर कजरी तीज मनाई । भाद्रपदमास ने बुढिया माई कोआशीवाद दियाऔर झोपडी की दूसरी दीवार भी सोने की हो गई । फिर आशिवन मास आया और उसने भी दरवाजा खोलने को कहा , बुढिया माई ने दरवाजा खोला , पितरो का तर्पण कर ब्राह्मण भोज करा कर श्राद्ध किया । नव रात्रि में माँ दुर्गा को अखंड ज्योति जलाकर प्रसन्न किया सत्य की विजय दिवस के रूप में बुराई का अंत की ख़ुशी में दशहरा मनाया । आशिवन मास ने जाते समय प्रसन्न होकर तीसरी दिवार भी बहुमूल्य रत्नों से जडितकर दी और बुढिया माई को सदैव प्र...