लिवाइस जींस

  1. Levi's की यह जींस 71 लाख रुपए में हुई नीलाम, जानिए आखिर क्यों है इतनी कीमती?
  2. वॉश्ड और रिप्ड जींस पहनने का है शौक? आज देख लीजिए कैसे नई जींस बन जाती है फटी
  3. World Most Precous and Oldest Jeans bid at 63 lakh rupees
  4. Know The History Of Small Buttons Of Jeans Pockets Or Rivets rsup
  5. 100 साल पुरानी 2 फटी जींस 62 लाख में बिकीं, जमीन के अंदर थीं दफन!
  6. ג'ינס ליוויס נשים
  7. Jeans Facts: ज्यादातर जीन्स का रंग नीला ही क्यों होता है, यह है इसकी वजह
  8. Fashion Tips Jeans History And Facts In Hindi


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Levi's की यह जींस 71 लाख रुपए में हुई नीलाम, जानिए आखिर क्यों है इतनी कीमती?

1880's Levi's dirty jeans: जींस जो दुनिया में सबसे ज्यादा पसंदीदा आउटफिट में शुमार है। जो हर ऐज ग्रुप की पहली पसंद होती है। उसकी क्वालिटी पर उसकी कीमत डिपेंड करती है। अमूमन इसकी कीमत सौ से लेकर हजारों तक में होती है, लेकिन सोशल मीडिया पर इन दिनों एक जींस चारों तरफ चर्चा हो रही है, जिसकी कीमत में कोई भी शख्स एक आलीशान बंगला खरीद सकता है। जी हां, जिस जींस की कीमत की बात यहां हो रही है, वो एक दो लाख नहीं बल्कि 71.67 लाख रुपए की है। सैन डिएगो के रहने वाले शख्स ने खरीदी बेशक आप कीमत सुनकर शॉक्ड जरूर हो गए होंगे। और इस जींस को अमेरिका के कैलिफोर्निया स्टेट के सैन डिएगो के रहने वाले शख्स ने खरीदी है। जिसकी तस्वीरें शेयर इंस्टाग्राम पर शेयर की गई। फोटो में जींस अपने हालत खुद-ब-खुद बयां कर रही है। जींस पूरी तरह से मैली है और फटी हुई। अब तक की सबसे महंगी जींस वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, इस जींस को खरीदने वाले शख्स का नाम काइल हाउपर्ट है। जिसकी उम्र करीब 23 साल है। जो कैलिफोर्निया के सैन डिएगो का रहने वाला है, जो विंटेज कपड़ों का डीलर है। 71 लाख रुपए में काइल हाउपर्ट द्वारा खरीदी गई यह जींस अबतक की सबसे महंगी बिकने वाली जींस है। पड़ी खदान में दबी मिली Levi's की दुर्लभ जींस यह जींस इतनी महंगी क्यों बिकी है, दरअसल यह जींस 1880 के दशक की है, जो अमेरिका में मौजूद बंद पड़ी खदान में दबी मिली थी। जिसके बाद इसकी नीलामी की गई, नीलामी में काइल हाउपर्ट ने सबसे ज्यादा बोली लगाकर इस जींस के पेयर को 71 लाख रुपए की कीमत का भुगतान करके अपने नाम किया है। कहते हैं कि ये 1880 के दशक की Levi's की जीन्स इतनी दुर्लभ हैं कि आज के समय के कुछ अन्य जोड़े ही मौजूद हैं। यह जींस पहनने वाली स्थिति मे...

वॉश्ड और रिप्ड जींस पहनने का है शौक? आज देख लीजिए कैसे नई जींस बन जाती है फटी

Interesting Video Of Jeans Making: सोशल मीडिया और इंटरनेट के होते हुए शायद ही कुछ चीज़ें ऐसी हैं, जो इंसान की नज़रों से छिपी हुई हैं. फिर भी कई बार हम जिन सवालों को दिमाग में रखते हैं, उनके रैंडम जवाब मिल जाते हैं. एक ऐसा ही वीडियो इस वक्त वायरल हो रहा है, जिसमें आपको देखने को मिलेगा कि वॉश्ड और रिप्ड जींस आखिर बनती कैसे हैं, जिस पर कई बार राजनैतिक तो कई बार सामाजिक चर्चा हो चुकी है. फैशन के इस दौर में लोगों को अजीबोगरीब चीज़ें पसंद आ रही हैं, जिनमें से एक वॉश्ड और रिप्ड जींस है. आज हम आपको दिखाएंगे कि नई-नवेली जींस को कैसे फैक्ट्री में फटी-पुरानी बना दिया जाता है. ये वीडियो ट्विटर पर @cooltechtipz नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है, जिसमें फैक्ट्री में जींस की मेकिंग को बताया गया है, जो हममें से काफी लोगों के लिए बिल्कुल नई चीज़ है. स्टोन नहीं लेज़रवॉश होती है जींस वायरल हो रहे वीडियो में आप देख सकते हैं कि जिस जींस को हम स्टोनवॉश्ड के टैग से खरीदते हैं, वो दरअसल स्टोन नहीं बल्कि लेज़र से वॉश होता है. वीडियो किसी फैक्ट्री का है, जहां जींस की फिनिशिंग हो रही है. यहां जींस को फोल्ड करके रखा गया गया और इसके ऊपर से लेज़र बीम के ज़रिये रंग को उड़ाया जा रहा है और वो वॉश्ड लगने लगती है. फिर लेजर के ज़रिये ही जींस को रिप्ड भी किया जाता है. इस वीडियो को देखकर आप ये समझ जाएंगे कि जींस की वॉश्ड एंड रिप्ड डिज़ाइन तैयार कैसे की जाती है. This is how jeans are stonewashed and ripped — HOW_THlNGS_ACTUALLY_WORK (@cooltechtipz) कहां से आई जींस? आज भले ही जींस अमीर और गरीब, हर तबके के लोग अपनी च्वाइस के मुताबिक पहनते हैं लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि जींस को सबसे पहले फैशनेबल पहनावे के तौर...

World Most Precous and Oldest Jeans bid at 63 lakh rupees

World Most Expensive and Old Jeans: जींस मौजूदा समय में सबसे ज्यादा पॉपुलर आउटफिट्स है. इसे दुनियाभर में बच्चे, यूथ और बुजुर्ग तक हर एज कैटेगरी के लोग पसंद करते हैं और इसे ही पहनना पसंद करते हैं. क्वॉलिटी के हिसाब से इसकी कीमत की रेंज होती है, लेकिन कोई एक जोड़ी जींस करीब 63 लाख रुपये में खरीदे, क्या आप ये कल्पना कर सकते हैं. सुनकर आपको थोड़ा अजीब जरूर लगेगा, लेकिन यह सच है. 1 अक्टूबर को न्यू मैक्सिको में एक नीलामी में एक व्यक्ति ने वर्ष 1880 की एक जोड़ी जींस खरीदी है. यह जींस लिवाइस कंपनी की है. इसे खरीदने वाले ने इसके लिए 76,000 डॉलर यानी करीब 63 लाख रुपये का भुगतान किया है. वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, इस जींस को खरीदने वाले शख्स का नाम काइल हाउपर्ट है. 23 साल का यह युवक सैन डिएगो, कैलिफोर्निया का रहने वाला है और विंटेज कपड़ों का डीलर है. काइल ने जितने रुपये देकर जींस खरीदी है वह विंटेज जींस के लिए चुकाई गई अब तक की सबसे ज्यादा कीमत है. यह एक जोड़ी जींस अमेरिका में मौजूद निर्जन खदान से 1880 के दशक में दबी मिली थीं. मिस्टर हौपर्ट ने वॉल स्ट्रीट जर्नल को बताया कि वह अभी भी एक तरह से हतप्रभ हैं. उन्हें इसे खरीदने के लिए खुद पर आश्चर्य हो रहा है. बोली के बाद उन्हें फाइनल डील में इस जींस के लिए बायर्स प्रीमियम को मिलाकर कुल 87400 डॉलर का भुगतान करना पड़ा. यह महंगी जींस हवाई जहाज, ट्रैफिक लाइट और रेडियो के आने से पहले की है. अपने स्टोर के इंस्टाग्राम अकाउंट पर, मिस्टर हाउपर्ट ने नीलामी की तस्वीरें और जीन्स की जोड़ी की तस्वीरें भी पोस्ट की हैं. उन्होंने लिखा है, ‘$76,000 की जीन्स, वो भी वर्ष 1880 की. उन्होंने आगे लिखा, यह लिवाइस के सबसे पुराने ज्ञात जोड़ों में से एक...

Know The History Of Small Buttons Of Jeans Pockets Or Rivets rsup

नई दिल्ली: आजकल की फैशन की बात की जाए, तो जींस काफी आम बात है. पुरुष हो या महिला दोनों ही जींस पहनते हैं. जींस की अपनी कई खासियत है. उसे प्रेस नहीं करना पड़ता. ये जल्द खराब भी नहीं होते हैं. कुल मिलाकर एक किस्म का रफ एंड टफ कपड़ा होता है. साथ ही साथ जींस में कई बटन होते हैं. कुछ छोटे-छोटे बटन जेब के किनारों पर लगे होते हैं. दरअसल, ये फैशन के लिए नहीं होते हैं, बल्कि जींस को रफ एंड टफ बनाने का काम करते हैं. आइए जानते हैं... क्या है जेब के किनारों पर लगे छोटे-छोटे बटन का राज इन छोटे बटन्स का राज जींस के इतिहास से जुड़ा हुआ है. जींस का इस्तेमाल पहले खदान में काम करने वाले मजदूर किया करते थे. जींस का कपड़ा रफ एंड टफ होने के कारण आसानी से नहीं फटता था. लेकिन इसकी जेब के साथ मजदूरों को शिकायत थी. पैंट की जेब जल्द ही फट जाती थी. ऐसे में टेलर जेकब डेविस ने एक जुगाड़ निकाला. उन्होंने जींस की जेब के किनारों पर छोटे-छोटे मेटल के पुर्जे लगा दिए. इन बटन्स को Rivets कहते हैं... यह जुगाड़ कामयाब रहा और धीरे-धीरे बटन की शक्ल ले ली. इन बटन्स को रिवेट्स (Rivets) कहा जाता है. इसके साथ एक और दिलचस्प कहानी है. दरअसल, जेकब के पास इसे पेंटट कराने के पैसे नहीं थे. उन्होंने लिवाइस स्ट्रॉस को एक चिट्ठी लिखकर इस खोज के बारे में जानकारी दी. लिवाइस ने मेटल के पुर्जों को कॉपर के बटन्स से बदल दिया. साथ ही जेबक को अपनी कंपनी का प्रोडक्शन मैनेजर बना दिया. By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device and the processing of information obtained via those cookies (including about your preferences, device and online activity) by us and our commercial partners to enhance ...

100 साल पुरानी 2 फटी जींस 62 लाख में बिकीं, जमीन के अंदर थीं दफन!

वॉल स्‍ट्रीट जर्नल के अुनसार- एक जोड़ी जींस की बिक्री अमेरिका के न्‍यू मैक्सिको में हुईं. रिपोर्ट में कहा गया है कि Levi Strauss & Co ब्रांड की जींस 'गोल्‍ड रश' दौर की हैं. जींस की नीलामी के दौरान इस बात की जानकारी दी गई. इन जींस को लेकर ऐसा माना जा रहा है कि ये 1880 के दशक की हैं. किसने खरीदी जींस वैसे ये एक जोड़ी जींस केल हॉपर्ट ने जिप स्‍टीवंसन के साथ मिलकर खरीदी. एक खरीदार के प्रीमियम को जोड़ने के बाद, दोनों ने जींस के लिए कुल 71लाख रुपए का भुगतान किया. केल हॉपर्ट विंटेज क्‍लोथिंग डीलर हैं. एक जोड़ी जींस को खरीदे जाने के बाद सोशल मीडिया पर चर्चा नजर आई. कई लोग इनकी इतनी ज्‍यादा कीमत पर हैरान नजर आए. 1853 में हुई थी Levi's की स्‍थापना अमेरिकी क्‍लोथिंग कंपनी Levi's की स्‍थापना 1853 में हुई, यह कंपनी दुनिया भर में डेनिम जींस के लिए फेमस है. कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर जो जानकारी है, उसके अनुसार- बवेरियन (जर्मनी) में जन्मे लेवी स्ट्रॉस 'गोल्ड रश युग' में सैन फ्रांसिस्को आए थे, यहां आकर उन्‍होंने फैब्रिक बेचने का बिजनेस (ड्राय गुड्स बिजनेस) शुरू किया. वह कपड़े, जूते और अन्‍य सामान बेचते थे. उन्‍होंने ही सबसे पहले ब्‍लू जींस बनाई थी.

ג'ינס ליוויס נשים

ג’ינס ליוויס – להקפיץ את המראה שלנו ג’ינסים קצרצרים לקיץ, ג’ינסים צמודים ומחמיאים. ג’ינסים שאפשר להתנהל איתם בנינוחות במהלך היום וגם כאלה שמתאימים לשעות הערב, כשמחפשים לוק מושקע ומסוגנן יותר. הג’ינסים של levis הם פתרון נהדר לכל אישה ודרך נפלאה להקפיץ את המראה. ליביס גינס מביא אתו סטייל שקשה לתאר במילים וגם איכות גבוהה. אחד הדגמים הפופולאריים והאהובים כיום הוא גינס ליווס 501, שנחשב לכזה מזה לא מעט מעט. גינס ליויס זה מתאים לכל מי שרוצה פריט אופנתי מאד, כזה שאפשר להתאים כמעט לכל בגד אחר. ג’ינס Levis נותן דגש לאיכות וגם לנראות. ככזה הוא כולל בד ג’ינס איכותי במיוחד, העמיד בכביסות רבות. בנוסף, הגזרה הנפלאה שלו, היותו מחמיא מאד וגם כזה שמגיע בטווח רחב של מידות, הופכים אותו לפריט שהוא בגדר חובה ובייחוד עבור נשים חובבות ג’ינסים. תודות לשלל הדוגמאות והמחירים הנוחים, אפשר כיום ליהנות ממנו ביום יום ובכל שעה של היום וכך לשדרג את המראה. אצלנו, באופנת זיקו, חנות וותיקה בתחומה, תמצאו מגוון רחב של מכנסי ג’ינס, לרבות גינס ליויס. את הג’ינסים ניתן לרכוש ישירות כאן, באתר, או להגיע אל חנות המפעל הפיזית שלנו, שיושבת באזור התעשייה נוף גליל ובה לבצע את הרכישה. לסקירת הג’ינסים של levis, לחצו

Jeans Facts: ज्यादातर जीन्स का रंग नीला ही क्यों होता है, यह है इसकी वजह

Jeans Facts: ज्यादातर जीन्स का रंग नीला ही क्यों होता है, यह है इसकी वजह Why most jeans are blue: जीन्स का इतिहास करीब 200 साल पुराना है. समय के साथ लिवाइस ने अपनी जींस में छोटे-छोटे बदलाव किए गए, लेकिन एक बात सबसे कॉमन रही. वो है जींस का रंग. दुनियाभर में करीब 80 फीसदी जींस का रंग नीला होता है. जानिए, ज्यादातर जींस का रंग नीला ही क्यों है... जीन्‍स का इतिहास करीब 200 साल पुराना है. आज भी जींस का वही रूप है जो पहली बार लिवाइस कंपनी ने बनाया था. समय के साथ लिवाइस ने अपनी जींस में छोटे-छोटे बदलाव किए, लेकिन एक बात सबसे कॉमन रही. वो है जींस का रंग. दुनियाभर में करीब 80 फीसदी जींस का रंग नीला होता है. कभी सोचा है कि सबसे ज्‍यादा जींस का रंग नीला ही क्‍यों हैं? जानिए इसका सीक्रेट… उस दौर में जींस को ब्‍लू रंग देने के लिए नेचुरल इंडिगो डाई का प्रयोग किया गया. यह एक तरह की केमिकल डाई होती है. दशकों से जींस को ब्‍लू रंग देने के लिए इसका ही इस्‍तेमाल किया जाता रहा है. जींस को रंगने के लिए इसी रंग का इस्‍तेमाल इसलिए किया गया क्‍योंकि जब जींस को रंगा जाता है तो नेचुरल इंडिगो डाई का रंग इसके एक तरफ ही चढ़ता है और जींस के अंदर की तरफ यह नहीं चढ़ता. इसके अलावा कई ऐसे कारण है जिसके लिए इसका रंग ब्‍लू चुना गया. एक चौंकाने वाली बात यह भी है कि शुरुआती दौर में जींस अमेरिका में वर्कर्स के लिए बनाई गई थी. तब इसके लिए कोई रंग तय नहीं किया गया था, लेकिन जब इसे रंगने के लिए इंडिगो डाई का प्रयोग करना शुरू किया गया तो जैसे-जैसे इसे धुला गया यह सॉफ्ट होती चली गई. इस तरह इस रंग के साथ इससे पहनने का अनुभव बेहतर होता गया. जींस बनाने वाली इसी ल‍िवाइस कंपनी ने जींस में सबसे छोटी पॉकेट देने का चलन शुरू क...

Fashion Tips Jeans History And Facts In Hindi

History Of Jeans: घर हो या बाहर, ऑफिस हो या पार्टी, महिला हो या पुरुष, कपड़े चुनते समय सबकी फेवरेट होती है जींस. कई बार तो जींस के ब्रांड को देखकर लोग सामने वाले की हैसियत या स्टैंडर्ड का पता लगा लेते हैं. जींस किसी को भी ट्रेंडी लुक देता और स्टाइलिश बनाता है. इसे हर उम्र के लोग कैरी करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इतना सख्त, पहनने में आरामदायक और मजबूत धागों की इस फैब्रिक का इतिहास (History of Jeans) क्या है. यह कैसे सबकी पसंद में शामिल हुआ और फैशन ट्रेंड कैसे बना, आइए सब बताते हैं... तब मजदूरी करने वाले लोगों के कपड़े जल्दी फट जाते थे. मजदूर लोग अपने औजारों को अक्सर कपड़ों में ही रख लेते थे, जिसकी वजह से उनके कपड़े जल्दी फट जाते थे. ऐसे में उन्हें इस तरह के मजबूत कपड़े चाहिए थे जो बेहद मजबूत हों और जल्दी न फटें. मजदूरों की जरूरतों को ध्यान में रखकर लिवाइस (Levi's) कंपनी के मालिक लिवाए ने एक मजबूत कपड़े को बनाया. हालांकि मजदूरों के लिए बने होने की वजह से उन्होंने खुद कभी जींस नहीं पहना. महिलाओं के लिए जींस सबसे पहले साल 1934 में बनकर आई. नीले रंग की इस जींस को पहनने के लिए लॉन्च करने के साथ ही पोस्टर के जरिए इसका प्रचार भी जगह-जगह पर किया गया था. इसकी खास बात यह थी कि महिलाओं की इस जींस में जिप आगे की तरफ रखा गया जिसे बहुत सारे पुरुषों ने खारिज कर दिया. इस बात को लेकर लोग दो खेमों में भी बंट गए थे. कुछ लोगों का कहना था कि इस तरह की जींस की डिजाइन ठीक नहीं है. हालांकि, इन सब तरह के विरोध होने के बावजूद लिवाइस कंपनी ने महिलाओं की जींस को बनाना जारी रखा. समय के साथ-साथ ये डिजाइन इतनी लोकप्रिय हो गई कि इसे पैंट में भी इस्तेमाल किया जाने लगा. लिवाइस की नीले रंग की इन जींस...