लक्ष्मी जी का हवन मंत्र

  1. लक्ष्मी नारायण मंत्र
  2. 5 लक्ष्मी शाबर मंत्र : सुख सम्पति,धन लाभ एवं लक्ष्मी जी को प्रसन करने हेतु
  3. श्री सूक्त पाठ
  4. लक्ष्मी मंत्र: महालक्ष्मी मंत्र जाप से पाएँ जीवन में सुख
  5. लक्ष्मी हवन सङ्कल्प
  6. Shree Sukta Havan Vidhi ( श्री सुक्त
  7. हवन यज्ञ 🔥 संक्षिप्त विधि – हवन यज्ञ Havan
  8. लक्ष्मी मंत्र


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लक्ष्मी नारायण मंत्र

नमस्ते मेरा नाम आनंद कुमार हर्षद भाई पाठक है। मैंने संस्कृत पाठशाला में अभ्यास कर (B.A-M.A) शास्त्री - आचार्य की पदवी प्राप्त की हुईं है।।। मेरा परिचय ।। आनंद पाठक (आचार्य) ( साहित्याचार्य ) ब्रह्मरत्न अवार्ड विजेता (2015) B.a-M.a ( शास्त्री - आचार्य ) कर्मकांड भूषण - कर्मकांड विशारद ज्योतिष भूषण - ज्योतिष विशारद • ► (76) • ► (18) • ► (23) • ► (16) • ► (15) • ► (4) • ► (103) • ► (4) • ► (3) • ► (3) • ► (28) • ► (3) • ► (15) • ► (26) • ► (9) • ► (12) • ► (100) • ► (6) • ► (1) • ► (7) • ► (5) • ► (9) • ► (12) • ► (14) • ► (5) • ► (8) • ► (13) • ► (20) • ▼ (117) • ► (9) • ► (7) • ► (11) • ► (6) • ► (1) • ▼ (16) • • • • • • • • • • • • • • • • • ► (5) • ► (11) • ► (10) • ► (24) • ► (8) • ► (9) • ► (152) • ► (6) • ► (6) • ► (9) • ► (8) • ► (12) • ► (25) • ► (18) • ► (55) • ► (13)

5 लक्ष्मी शाबर मंत्र : सुख सम्पति,धन लाभ एवं लक्ष्मी जी को प्रसन करने हेतु

आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में मनुष्य अपने जीवन को चलाने के लिए अपना जीवन निर्वाह के लिए कड़े परिश्रम करता है जिसमें कुछ लोग सफल होते हैं और कुछ लोग असफल हो जाते हैं ऐसे में जो लोग सफल नहीं हो पाते हैं. वह लोग हताश और निराश होकर बैठ जाते हैं और उसके बाद उनके जीवन के प्रति सोचने का नजरिया नकारात्मक हो जाता है जिसकी वजह से उनकी राह और भी जटिल हो जाती है और इसी नकारात्मक सोच की वजह से जीवन मैं इसका कोई भी कार्य सफल नहीं होता है और यही कारण है. कि लोग समाज से पूरी तरह से कट जाते हैं घर परिवार रिश्तेदार तथा मित्रों से इन्हें अपनापन नहीं रहता है ऐसे व्यक्तियों के ऊपर कर्ज भी बढ़ जाता है और लेनदार पीछे पड़ जाते हैं इस तरह से इसका पूरा जीवन उथल-पुथल होने लगता है। ऐसे में व्यक्ति बहुत ही ज्यादा परेशान हो जाता है. तो वह फिर भगवान पर सब कुछ छोड़ देता है अगर वही व्यक्ति किसी उपाय को करने में सक्षम हो तो वह भी अपना जीवन सही से व्यतीत कर सकता है अगर आप भी जीवन में सुख शांति और समृद्धि चाहते हैं तो हमारे द्वारा बताए गए इन लक्ष्मी शाबर मंत्र के अनगिनत लाभ उठा सकते हैं. अगर आप इसका प्रयोग करते हैं तो कर्ज से भी मुक्त रहेंगे दुकान व्यापार से नजर हटती शुरू हो जाएगी शत्रु की बुरी नजर दुकान पर नहीं लगेगी ऐसी कई चीजें हैं जो इसे खत्म हो जाते हैं इस मंत्र के उच्चारण से मस्तिष्क में रक्त का संचालन भी होने लगता है. जिसके कारण आपको जीवन में सही निर्णय लेने की क्षमता आ जाती है अगर आप इन सब चीजों का लाभ उठाना चाहते हैं तो हमारे द्वारा बताए गए इन मंत्रों का प्रयोग जरूर करें या मंत्र बहुत ही प्रभावशाली मंत्र है इन मंत्रों का उच्चारण करते हैं तो घर में पूर्ण रूप से सुख शांति आती है. इस मंत्र को प्रयोग ...

श्री सूक्त पाठ

लेख सारिणी • • • • • • • • श्री सूक्त पाठ इन हिंदी | Shri Suktam Ka Paath – श्री सूक्त पाठ (shri suktam stotra) और मन्त्रों के जप तथा हवन से जातक को सात जन्मों तक निर्धनता नहीं हो सकती है, ऋग्वेद में माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए श्री सूक्त पाठ के लाभ (shri suktam path in Hindi) के अनुसारवाली की रात में 11 बजे से लेकर 1 बजे के बीच- 108 कमल के पुष्प या 108 कमल गट्टे के दाने को गाय के घी में डूबाकर बेलपत्र, पलाश एवं आम की समिधायों से प्रज्वलित यज्ञ में आहुति देने एवं श्रद्धापूर्वक श्री सूक्त संपूर्ण | Shri Sukt Ka Paath सर्व प्रथम इस साधना में संकल्प करना है | जैसे हर एक अनुष्ठान में करते है | संकल्प करने के लिए सर्व प्रथम अपने दाए हाथ में जल पकडे | श्री सूक्त का नित्य संकल्प ॐ मम स कुटुम्बस्य स परिवारस्य नित्य कल्याण प्राप्ति अर्थं अलक्ष्मी विनाशपूर्वकं दशविध लक्ष्मी प्राप्ति अर्थं श्री महालक्ष्मी प्रीत्यर्थं यथा शक्ति श्रीसूक्तस्य पाठे विनियोगः | ( जपे-होमे ) हाथ में पकड़ा हुआ जल छोड़े | अर्थ : मेरे पुरे कुटुंब सहित समग्र परिवार का कल्याण हो तथा अलक्ष्मी का विनाश हो और देश प्रकार की लक्ष्मी की प्राप्ति के लिये महालक्ष्मी की प्रसन्नता के लिये यथा शक्ति पाठ करने का में संकल्प कर रहा हु या कर रही हु | इसके पश्चात श्रीसूक्त का विनियोग पढ़े | विनियोगः ॐ श्री हिरण्यवर्णां इति पञ्चदशर्चस्य श्री सूक्तस्य आद्यमन्त्रस्य लक्ष्मी ऋषिः चतुर्दशमंत्राणां आनंदकर्दमचिक्लीतेईंदिरासुता ऋषयः जात वेदोग्नि दुर्गा श्री महालक्ष्मी देवता आद्यानां तिसृणां अनुष्टुप छन्दः चतुर्थ मंत्रस्य बृहति छन्दः व्यंजनानि बीजानि स्पर्श शक्तयः बिन्दवः कीलकं मम अलक्ष्मी परिहार पूर्वकं दशविधलक्ष्मी प्राप्त्यर्थं ...

लक्ष्मी मंत्र: महालक्ष्मी मंत्र जाप से पाएँ जीवन में सुख

लक्ष्मी मंत्र का नियमित पाठ करना जीवन से आर्थिक अभावों को दूर कर देता है। यदि आप धन से जुड़ी समस्याओं से निरंतर जूझ रहे हैं तो मॉं लक्ष्मी जी के मंत्रों का जाप करना आपकी कई समस्याओं को दूर कर सकता है। दैनिक जीवन में आज धन ही सर्वोपरि है। धन की कमी को लेकर यह पंक्ति बहुत सार्थक है कि ‘यस्य समीपे टका नास्ति स हटाके टकटकायते।’ अर्थात जिस इंसान के पास मुद्रा या धन नहीं है वो बस वस्तुओं को देख सकता है। नीतिशास्त्र में तो यहां तक कहा गया है कि जिस व्यक्ति के पास धन है वही, कुलीन है, शास्त्रों का ज्ञाता है गुणवान है और अच्छा वक्ता है। बात स्पष्ट है कि धन की पर्याप्त मात्रा हर एक के लिए आवश्यक है लेकिन हर किसी के पास धन आसानी से आ जाए यह ज़रूरी नहीं है। इसीलिए धन प्राप्ति के लिए मॉं लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करना अति शुभ माना गया है। मॉं लक्ष्मी का अवतरण मॉं लक्ष्मी को धन-वैभव और समृद्धि की देवी माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार लक्ष्मी मॉं का अवतरण समुद्र मंथन के दौरान हुआ था। समुद्र मंथन की कथा के अनुसार चौदह रत्नों में से आठवें रत्न के रुप में मॉं लक्ष्मी अवतरित हुई थीं। इसके बाद माता लक्ष्मी ने भगवान विष्णु को वरण किया था। देवताओं और दानवों द्वारा किये गये समुद्र मंथन में मन्दराचल पर्वत को मथनी और वासुकी नाग को इसकी डोरी बनाया गया था। राजा बलि ने दैत्यों तथा इंद्र ने देवताओं की अगुवाई की थी। लगभग 1000 ईसा पूर्व में अथर्ववेद की प्रतिलिपियों में लक्ष्मी के बारे में लिखा गया है कि, जन्म के समय सौ लक्ष्मियों का जन्म भी नश्वर शरीर के साथ होता है इनमें कुछ शुभ तो कुछ अशुभ मानी गयी हैं। हालांकि कालांतर में मॉं लक्ष्मी को भाग्य और धन की देवी के रुप में संदर्भित किया गया, जिन्हें विष्ण...

लक्ष्मी हवन सङ्कल्प

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Shree Sukta Havan Vidhi ( श्री सुक्त

ऋग्वेद के दो सूक्त श्री सूक्त और पुरुष सूक्त सर्व प्रसिद्ध हैं जिनका उपयोग सभी बड़े अनुष्ठानों में होता है . भगवान लक्ष्मी पति विष्णु का अभिषेक और पूजन बगैर पुरुष सूक्त के सम्भव नहीं है उसी तरह लक्ष्मी पूजन बगैर श्री सूक्त के सम्भव नहीं है . ऐसा शास्त्रों का कहना है कि श्री सूक्त से छह महीने यदि देवी लक्ष्मी की विधि पूर्व पूजा कर ली जाय तो वे उसके घर में सदैव के लिए स्थिर हो जाती हैं | श्री सूक्त से देवी लक्ष्मी पूजा की विधि का पूर्ण वर्णन किया जा रहा है- ॐ हिरण्य-वर्णामित्यादि-पञ्चदशर्चस्य श्रीसूक्तस्याद्यायाः ऋचः श्री ऋषिः तां म आवहेति चतुर्दशानामृचां आनन्द-कर्दम-चिक्लीत-इन्दिरा-सुताश्चत्वारः ऋचयः, आद्य-मन्त्र-त्रयाणां अनुष्टुप् छन्दः, कांसोऽस्मीत्यस्याः चतुर्थ्या वृहती छन्दः, पञ्चम-षष्ठयोः त्रिष्टुप् छन्दः, ततोऽष्टावनुष्टुभः, अन्त्या प्रस्तार-पंक्तिः छन्दः । श्रीरग्निश्च देवते । हिरण्य-वर्णां बीजं । “तां म आवह जातवेद” शक्तिः । कीर्तिसमृद्धिं ददातु मे” कीलकम् । मम श्रीमहालक्ष्मी-प्रसाद-सिद्धयर्थे जपे विनियोगः । ऋष्यादि-न्यासः- श्री-आनन्द-कर्दम-चिक्लीत-इन्दिरा-सुतेभ्यः ऋषिभ्यो नमः-शिरसि । अनुष्टुप्-बृहती-त्रिष्टुप्-प्रस्तार-पंक्ति-छन्दोभ्यो नमः-मुखे । श्रीरग्निश्च देवताभ्यां नमः – हृदि । हिरण्य-वर्णां बीजाय नमः गुह्ये । “तां म आवह जातवेद” शक्तये नमः – पादयो । कीर्तिसमृद्धिं ददातु मे” कीलकाय नमः नाभौ । मम श्रीमहालक्ष्मी-प्रसाद-सिद्धयर्थे जपे विनियोगाय नमः सर्वांगे । “ॐ आं ह्रीं क्रों यं रं लं वं शं षं सं हौं हंसः श्रीमहा-लक्ष्मी-देवतायाः प्राणाः । ॐ आं ह्रीं क्रों यं रं लं वं शं षं सं हौं हंसः श्रीमहा-लक्ष्मी-देवतायाः जीव इह स्थितः । ॐ आं ह्रीं क्रों यं रं लं वं शं षं सं हौ...

हवन यज्ञ 🔥 संक्षिप्त विधि – हवन यज्ञ Havan

Hawan Yagna 🔥 हवन यज्ञ यज्ञानुष्ठान संक्षिप्त विधि पूजन एवं हवन विधि by Guleria आचमन: निम्न मंत्र पढ़ते हुए तीन बार आचमन करें | ‘ॐ केशवाय नम:, ॐ नारायणाय नम:, ॐ माधवाय नम: | फिर यह मंत्र बोलते हुए हाथ धो लें | ॐ हृषीकेशाय नम: | तिलक : सभी लोग तिलक करें | ॐ चंदनस्य महत्पुण्यं पवित्रं पापनानम | आपदां हरते नित्यं लक्ष्मी: तिष्ठति सर्वदा || रक्षासूत्र (मौली) बंधन : हाथ में मौली बाँध लें | येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल: | तेन त्वां प्रतिबंध्नामि रक्षे मा चल मा चल || दीप पूजन : दीपक जला लें | दीपो ज्योति: परं ब्रम्ह दीपो ज्योति: जनार्दन: | दीपो हरतु में पापं दीपज्योति: नमोऽस्तु ते || गुरुपूजन : हाथ जोडकर गुरुदेव का ध्यान करें | गुरुर्ब्रम्हा गुरुर्विष्णु:…. सद्गुरुं तं नमामि || गुरू जी को तिलक करें | पुष्प व तुलसीदल चढायें | धुप व दीप दिखायें | नैवेध्य (प्रसाद) चढायें | गणेशजी व माँ सरस्वतीजी का स्मरण : वक्रतुंड महाकाय कोटिसूर्यसमप्रभ | निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा || कलश पूजन : हाथ में अक्षत-पुष्प लेकर कलश में ‘ॐ’ वं वरुणाय नम:’ कहते हुए वरुण देवता का तथा निम्न श्लोक पढ़ते हुए तीर्थों का आवाहन करेंगे – गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति | नर्मदे सिंधु कावेरी जलेऽस्मिन सन्निधिं कुरु || (अक्षत –पुष्प कलश के सामने चढ़ा दें | ) कलश को तिलक करें | पुष्प, बिल्वपत्र व दूर्वा चढायें | धुप व दीप दिखायें | प्रसाद चढायें | संकल्प : हाथ में जल, अक्षत व पुष्प लेकर संकल्प करें | नोट : हाथ में लिए जल को देखते हुये ऐसी भावना करें कि जैसे जल व्यापक हैं, ऐसे ही हमारा संकल्प भी व्यापक हो | संकल्प करने के पहले, मध्य में एवं अंत में भगवान विष्णु (वसुदेव) को समर्पित करने की भावना करत...

लक्ष्मी मंत्र

लक्ष्मी मंत्र (Laxmi Mantra) की आराधना मुख्यतः लक्ष्मी माँ को प्रसन्न करने के लिए की जाती है. यदि बहुत सारी तपस्याएँ, साधनाएँ और अनुष्ठान आदि करने के बाद भी आपको धन प्राप्ति या लक्ष्मी प्राप्ति में किसी भी प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है तो आपको अवश्य ही इस मंत्र की साधना करना चाहिए. लक्ष्मी मंत्र (Laxmi Mantra) की सर्वश्रेष्ठ एवं अद्भुत बात यह है कि यह माँ लक्ष्मी मंत्र, लक्ष्मी जी ने स्वयं वशिष्ठ ऋषि को दिया था और वशिष्ठ ऋषि ने इस मंत्र की आराधना कर के लक्ष्मी मंत्र (Laxmi Mantra) अर्थ सहित ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं लक्ष्मीरागच्छा । गच्छ मम मन्दिरे तिष्ठ तिष्ठ स्वाहा ।। अर्थ ॐ=ब्रह्मण (ईश्वर), श्रीं=लक्ष्मी, ह्वीं=धन, क्लीं=दुर्गति नाशिनी, श्रीं=लक्ष्मी, लक्ष्मीरागच्छागच्छ=माँ लक्ष्मी का आगमन, मम=मेरे, मन्दिरे=मंदिर में, तिष्ठ=ठहरना, स्वाहा=सही रीति से पहुंचाना. अर्थात हे ईश्वर, हे लक्ष्मी, हे धन की देवी आप मुझ पर आई दुर्गति का विनाश करे एवं मेरे मंदिर में आप आगमन करें और ठहर कर अपनी कृपा मुझ पर बनाए रखे. लक्ष्मी मंत्र (Laxmi Mantra) जाप करने की विधि माँ लक्ष्मी जी के इस मंत्र को कनक धारा मंत्र (Kanak Dhara Mantra) भी कहा जाता है. इस मंत्र के जाप से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होकर आप पर अपनी कृपा बरसाती है एवं आपकी धन संबंधित समस्या को दूर करती है. तो आईए इस चमत्कारी मंत्र के जाप की विधि के बारे में जानते है. आसन लक्ष्मी मंत्र (Laxmi Mantra) जाप के लिए आप किसी भी आसन का उपयोग कर सकते है. इसके लिए उन या कुश का आसन भी आप इस्तमाल कर सकते है. समय या दिन इस मंत्र की साधना या आराधना आप किसी भी शुक्रवार से प्रारम्भ कर सकते है. शुक्रवार का दिन माँ लक्ष्मी का दिन होता है इसल...