मेरे आस पास के डॉक्टर

  1. कौन सा डॉक्टर चुनना है: पुरुष या महिला?
  2. ‌‌‌इन 5 तरीकों से करें झोलाछाप डॉक्टर की शिकायत
  3. पेट के कैंसर के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार, डॉक्टर, बचाव
  4. गर्भावस्था की जटिलताएं, डॉक्टर को कब बुलाएं
  5. लिंग में खुजली के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार
  6. Anuv Jain
  7. मेरा सपना डॉक्टर पर निबंध
  8. मुंह के कैंसर के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, पहचान, उपचार, डॉक्टर


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कौन सा डॉक्टर चुनना है: पुरुष या महिला?

सहानुभूति दृष्टिकोण सहानुभूति, जो महिलाओं की अधिक विशेषता है, डॉक्टर-रोगी संबंध में संपर्क स्थापित करने में मदद करती है और तदनुसार, अधिक सटीक निदान स्थापित करने में मदद करती है। महिलाएं महिला डॉक्टरों से बात करने में अधिक सहज महसूस करती हैं क्योंकि उनके साथ आत्मविश्वास से बात करना आसान होता है। 1993 में न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक वैज्ञानिक अध्ययन के परिणामों से पता चला कि महिला चिकित्सकों को पैप परीक्षण (गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में परिवर्तन का एक अध्ययन) और मैमोग्राफी के रूप में स्क्रीनिंग प्रक्रियाओं को निर्धारित करने की अधिक संभावना थी। पुरुष सहयोगियों की तुलना में रोगी। आगे के शोध से यह भी पता चला है कि महिला चिकित्सक अधिक रोगी-केंद्रित होती हैं। अभ्यास सुविधाएँ पढ़ाई में जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ पाया गया कि महिला प्राथमिक देखभाल चिकित्सकों ने पुरुष समकक्षों की तुलना में रोगियों को सुनने में अधिक समय बिताया। डॉक्टर पुरुष एक अध्ययन के अनुसार, रोगी को बाधित करने से पहले 47 सेकंड के लिए उसे सुनने में सक्षम हैं। महिला डॉक्टरों के लिए यह अवधि औसतन 3 मिनट की होती है। 2018 में आयोजित अनुसंधान, जिसने साबित किया कि जिन रोगियों को आपातकालीन कक्ष में दिल के दौरे के साथ पेश किया जाता था, वे अधिक बार जीवित रहते थे यदि उनकी उपस्थित चिकित्सक एक महिला थी। रोगी महिला डॉक्टरों के साथ मजबूत दीर्घकालिक संबंध विकसित करते हैं, और परिणामस्वरूप, पुरुष डॉक्टरों के रोगियों की तुलना में उनके रोगियों के गहन देखभाल इकाई में समाप्त होने की संभावना कम होती है। रूढ़िवादी सोच एक युवा महिला डॉक्टर को अक्सर अपनी "अनुभवहीनता" और "पेशे की गलतफहमी" के कारण रोगियो...

‌‌‌इन 5 तरीकों से करें झोलाछाप डॉक्टर की शिकायत

झोलाछाप डॉक्टर के नाम से आप अच्छी तरह से परिचित हैं। झोलाछाप डॉक्टर का मतलब होता है। एक ऐसा डॉक्टर जिसके पास कोई मैडिकल डिग्री नहीं है। और उसके बाद भी वह मरीजों का ईलाज करता है। बहुत बार तो हमे पता ही नहीं होता है कि हम जिससे ईलाज करवा रहे हैं।वह एक झोलाछाप डॉक्टर है। ‌‌‌आमतौर पर मरीज को इस बात से कोई मतलब नहीं होता है कि डॉक्टर के पास डिग्री है या नहीं ?वे उसकी डिग्री देखते भी नहीं हैं जोकि एक बहुत बड़ी गलती है। दोस्तों यदि आप किसी सरकारी डॉक्टर से ईलाज करवाते हैं तो ठीक रहता है। या आप किसी फेमस डॉक्टर से इलाज करवाते हैं तो उसके फर्जी होने की संभावना ‌‌‌नहीं होती है।लेकिन कभी कभी जब आप किसी अंजान डॉक्टर से ईलाज करवाने जाएं तो आपको अधिक सावधान हो जाने की आवश्यकता है। आजकल तो यह झोलाछाप डॉक्टर हर जगह अपना धंधा खोल चुके हैं। फिर चाहे शहर हो या गांव । ‌‌‌लेकिन अधिकतर समस्याएं गांवों के अंदर ही आती हैं।गांवों के अंदर दूर दूर तक कोई भी अस्पताल नहीं होता है। ऐसी स्थिति के अंदर यह झोलाछाप डॉक्टर आसानी से सक्रिय हो जाते हैं । गांव वालों को इसके बारे मे कुछ भी पता नहीं होता है। और पता भी तब चलता है। जब कुछ बड़ी गड़बड़ हो जाती है। झोलाछाप डॉक्टर की शिकायत लोग इस वजह से भी नहीं करते हैं क्योंकि उनको पता है शिकायत करने का कोई फायदा ही नहीं होगा । पुलिस कोई कार्यवाही नहीं करेगी । यदि आप असल मे शिकायत करना चाहते हैं तो आपको सही तरीके को फोलो करना होगा । वरना आपकी शिकायत पर कोई काम ही नहीं होगा । झोलाछाप डॉक्टर की शिकायत करने के कई तरीके हो सकते हैं। और हम आपको यहां पर उन सभी तरीकों के बारे मे बताने वाले हैं। तो आइए जानते हैं कि आप एक झोलाछाप डॉक्टर की शिकायत किस तरह से कर सकते हैं। Tabl...

पेट के कैंसर के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार, डॉक्टर, बचाव

पेट का कैंसर, जिसे गैस्ट्रिक कैंसर के नाम से भी जाना जाता है, कुछ असामन्य (कैंसर-युक्त) कोशिकाओं का समूह होता है जो पेट के एक हिस्से में पेट का कैंसर होने पर पेट में दर्द, मतली और उल्टी, वजन घटना, निगलने में कठीनाई,उल्टी मेंखून आना, मल में खून निकलना, और कम भोजन करने पर भी पेट का फूला हुआ महसूस होना आदि जैसे लक्षण होते हैं। पेट के कैंसर का इलाज ट्यूमर के आकार और स्थान पर निर्भर करता है। इलाज के विकल्प में सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी शामिल हैं। (और पढ़ें - पेट के कैंसर में जीवन-दर विश्व स्वस्थ संगठन (WHO) के मुताबिक दुनियाभर में लगभग 7,23,000 मृत्यु पेट के कैंसर के कारण होती हैं। अगर पेट से बाहर फैलने से पहले इसका निदान और इलाज किया जा सके तो इसके मरीजों की अगले 5 साल तक जीने कादर 67% तक होताहै। अगर कैंसर पेट के आसपास के ऊतकों में फैल जाए तो मरीज की अगले 5 साल तक की जीवन दर 31% तक रह जाती है। और अगर दूर तक फैल जाए तो इस स्थिति में मरीज की अगले 5 साल की जीवन दर 5% रह जाती है। भारत में पेट के कैंसर की स्थिति भारत में पेट के कैंसर विकसित देशों की तुलना में कम देखा गयाहै। हालांकि भारतके कुछ प्रदेश जैसेदक्षिणी और पूर्वोत्तर राज्यों में पेट काकैंसर काफी बड़ी संख्या में देखा गया है। सन् 1991 में पेट का कैंसर भारत में पुरुषों मेंपांचवा सबसे सामान्य कैंसर और महिलाओं में सांतवां सबसे सामान्य कैंसर था। 2012 में टाटा मेमॉरियल सेंटर के अनुसार पेट का कैंसर भारत में कैंसर से मरने वाले लोगों का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। रिपोर्ट्स के मुताबिक 25,200 पुरूषों और 27,500 महिलाओं की इसकी वजह से मृत्यु रिकॉर्ड की गयी। छिपे मामलों का कोई अनुमान उपलब्ध नहीं है। पेट का कैंसर पेट की कोशिकाओं के ...

गर्भावस्था की जटिलताएं, डॉक्टर को कब बुलाएं

सबसे पहले, आप हर चीज के बारे में चेतावनी नहीं दे सकते। दूसरे, यदि आप संभावित जोखिमों को सूचीबद्ध करना शुरू करते हैं, तो इसमें देर नहीं लगेगी और हार्मोन के कारण पहले से ही घबराई हुई महिला को डरा दें ताकि वह हर छींक के लिए एम्बुलेंस को कॉल करना शुरू कर दे। लेकिन कुछ खतरनाक लक्षण अभी भी जानने लायक हैं। खून बह रहा है पहली तिमाही में हल्का रक्तस्राव आम तौर पर सामान्य होता है। गर्भाधान के बाद पहले 12 हफ्तों में डिंब का आरोपण होता है, इस प्रक्रिया से रक्तस्राव होता है - हल्का, दर्द रहित, यह जल्दी बंद हो जाता है। हालांकि, अगर बहुत अधिक रक्त है, और यहां तक ​​कि पेट में भी दर्द होता है, तो यह डॉक्टर को बुलाने का एक कारण है। तथ्य यह है कि इस तरह का रक्तस्राव एक अस्थानिक गर्भावस्था का संकेत हो सकता है जब एक निषेचित अंडे को गर्भाशय के बाहर प्रत्यारोपित किया जाता है। यह स्थिति बहुत खतरनाक है और एक महिला स्वास्थ्य समस्याओं का खर्च उठा सकती है। कमजोर भ्रूण गतिविधि गर्भावस्था के 16वें और 22वें सप्ताह के बीच मां को आमतौर पर पहली हलचल महसूस होती है। और यह सिर्फ "mi-mi-mi" नहीं है, यह बच्चे के विकास का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। अगर अचानक बच्चे की गतिविधि कम हो जाती है, तो आपको डॉक्टर को देखने की जरूरत है। लेकिन ध्यान रखें: जब महिला चलती है, तो बच्चा हिल सकता है और कम लात मार सकता है। आंदोलन उसे ललचाता है, और वह सो जाता है। उसे जगाने के लिए आप एक गिलास कोल्ड ड्रिंक पी सकते हैं या कुछ खा सकते हैं। यदि गतिविधि जल्द ही फिर से शुरू नहीं होती है, तो यह चिंता का कारण है। तेज पेट दर्द गर्भावस्था के दौरान, किसी को विभिन्न अप्रिय संवेदनाओं का सामना करना पड़ता है, और ऐसा बहुत कम ही होता है। हालांकि, तेज,...

लिंग में खुजली के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार

लिंग व उसके आस-पास की त्वचा में ज्यादातर मामलों में लिंग की खुजली कोई बीमारी नहीं होती बल्कि किसी अन्य रोग का एक लक्षण होता है। हालांकि इसके साथ-साथ लिंग में जलन होना, अधिक खुजलाने के कारण यदि खुजली गंभीर नहीं है, तो घर पर ही इसका इलाज किया जा सकता है। गंभीर मामलों में इसे ठीक करने के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता भी पड़ सकती है। खुजली का इलाज करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले स्थिति की जांच करेंगे और उसके कारण का पता लगाएंगे। लक्षणों को शांत करने के लिए कुछ स्टेरॉयड व हाइड्रोकोर्टिसोन क्रीम दी जा सकती हैं। साथ ही खुजली के अंदरुनी कारणो के अनुसार कुछ विशेष प्रकार की दवाएं भी दी जा सकती हैं, जैसे बैक्टीरियल और लिंग या उसके आसपास खुजली होना खुद में ही एक लक्षण है, जो किसी अन्य रोग के कारण विकसित होती है। लिंग में खुजली के साथ कुछ संकेत जुड़े होते हैं जैसे बार-बार जननांगों में खुजली करने का मन करना, घर से बाहर न जाना और बार-बार बाथरूम जाना आदि। इसका कारण बनने वाली अंदरुनी समस्याओं के अनुसार कुछ अन्य लक्षण भी विकसित हो सकते हैं। यदि जननांग संबंधी किसी समस्या के कारण लिंग में खुजली हो रही है, तो इसके साथ निम्न लक्षण भी देखे जा सकते हैं - • प्रभावित जगह पर घाव बनना • मवाद (पस) बन जाना • • • स्खलन के दौरान • प्रभावित • लिंग व उसके आस-पास की त्वचा लाल व छूने पर गर्म महसूस होना • प्रभावित जगह में यदि किसी • शरीर के किसी अन्य हिस्से में भी खुजली व जलन होना • • डॉक्टर को कब दिखाएं? यदि स्थिति गंभीर नहीं है, तो इसे घर पर इलाज से ही ठीक किया जा सकता है। हालांकि, अगर खुजली लगातार गंभीर होती जा रही है या फिर घर पर किए गए सामान्य उपचारों से भी ठीक नहीं हो पा रही है, तो डॉक्टर को दिखा लेना च...

Anuv Jain

["Mazaak" के बोल] [Verse 1] ये भी मज़ाक ही तो है सालों से सड़कों पे सम्भल कर चल रहा था यूँ गालों के गड्ढों में तेरे ना जाने क्यों मैं लड़खड़ाके गिर गया हूँ मुस्कराओ, और ऐसे हंसो मेरी बातों पे गिरता रहूँ तेरी राहों में और इन में ही खो जाऊँगा [Verse 2] ये भी मज़ाक ही तो है कैसे रातों के इरादों में अँधेरा था यूँ आधे से चाँद सी हँसी अंधेरी रातों में अब नूर बन गयी क्यों ए चाँद, अब चाँदनी बनके गिरो ज़रा गिरते रहो मेरे आस-पास, तो तेरा ही हो जाऊँगा [Verse 3] हो जाऊँगा तेरा, एहसास है साँसे हैं जब तक यहां, हो जाऊँ मैं तेरा ये ना मेरा अंदाज़ है देखो मैं खुद हंस रहा अपनी बातों पे यहाँ ऐसे तुम भी हंसो मेरी बातों पे ना जाने क्या हो रहा मुझे मैं तेरा ही हो जाऊँगा, हो जाऊँगा

मेरा सपना डॉक्टर पर निबंध

रूपरेखा प्रस्तावना सभी का बचपन से कुछ न कुछ बनने का सपना होता है। कोई अभिनेता बनना चाहता है तो कोई गायक, किसी को वकील बनना है तो कोईडॉक्टर बनने का सपना देखता है। प्रत्येक मनुष्य का जीवन में कुछ न कुछ बनने का सपना देखता हैजिसके लिए वहमेहनत करता है। मेरे ज़िन्दगी का सपना हैडॉक्टर बनना जिससे मैं बीमार लोगों का इलाज कर सकूँ और उनमेजीवन शक्ति का संचार कर सकूँ। गांव में चिकित्सा का विकास जब मैं डॉक्टर बन जाऊंगा तो सबसे पहले मैंअपने गाँव में चिकित्सा सुविधाओं का प्रसार करूँगाजिनसे अभी तक मेरा गाँव वंचित रहा है। मैं अपने गांव में एक निशुल्क चिकित्सालय खोलूंगा। क्योंकि डॉक्टर बनने के बाद मेरा उद्देश्य सिर्फ पैसा कमाना नहीं होगा बल्कि मैं सच्चे दिल सेलोगो की सहायता करूँगा। जिनके पास इलाजके लिए धन नहीं होगा, मैंउनका मुफ्त इलाज कर दूंगा। मैं गरीबों व लाचार लोगों का मुफ्त इलाज करने की ख्वाहिश रखता हूँ। कहा जाता है की डॉक्टर भगवान् का रूप होता है। जिस प्रकार भगवान हमें जीवन देता है उसी प्रकार एक डॉक्टर भी सही इलाज द्वारा हमें दूसरा जीवन देता है। इस ज़िन्दगी में एक डॉक्टर ही होता है जो एक मर समान व्यक्ति में जीवन का संचार करता है।मैं भी डॉक्टर बनने के बाद लोगों की मदद करके कुछ पुण्य कमानाचाहता हूँ। कड़ी मेहनत हमें अपने लक्ष्य को प्राप्तकरने के लिए शुरुआत से ही कड़ी मेहनत करनी होगी।हमें सही दिशा में पढ़ाई करनी होगी। क्योंकि ईमानदारी और निष्ठा के बिना किसी भी लक्ष्य को पाना असंभव होता है। इसलिए हमें प्रारम्भ से ही जीव विज्ञान और मेडिकल जैसे विषयों में रूचि लेनी होगी। परन्तु इन सब चीज़ों के लिए हमें अपनी खूबियोंऔर कमजोरी को समझना होगा। सफलता की राह आसान बनानेके लिए एक विषय में अपनी क्षमता और ध्या...

मुंह के कैंसर के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, पहचान, उपचार, डॉक्टर

मुंह का कैंसर क्या होताहै? मुंह का कैंसर (ओरल कैंसर) वह कैंसर है जो मुंह या गले के ऊतकों में होता है। यह एक प्रकार का मौखिक कैंसर में होंठ, जीभ, गाल, मुंह का नीचे का हिस्सा, कठोर और नरम तालू, साइनस, और गले के कैंसर शामिल हैं। यदि इनका सही समय पर निदान और उपचार न किया जाए तो यह जानलेवा हो सकते हैं। मुंह का कैंसर होना अब बहुत ही सामान्य है और अगर इसका पता जल्दी चल जाए तो आसानी से इलाज भी किया जा सकता है। अगर आप नियमित रूप से डेंटिस्ट के पास जाते हैं, तो आमतौर पर वह मुंह के कैंसर को शुरुआती चरणों में ही पकड़ लेते हैं। पुरुषों कोमुंह काकैंसर होने काजोखिम महिलाओं की तुलना में दोगुना होता है। 50 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों को सबसे ज़्यादा जोखिम होता है। धूम्रपान और तम्बाकू का उपयोग मुंह के कैंसर का मुख्य कारण है। भारत में मौखिक कैंसर कीस्थिति भारत में, हर 1,00,000 में से 20 लोग मुंह के कैंसर से पीड़ित हैं जो कि सभी प्रकार के कैंसर का 30% हिस्सा है। मुंह के कैंसर के कारण भारत में 5 से अधिक लोग हर घंटे मरते हैं। कैंसर पंजीकरण भारत में अनिवार्य नहीं है, इसलिए वास्तविक आंकड़े और मृत्यु दर अधिक हो सकती हैं क्योंकि कई मामले रिकॉर्ड ही नहीं किए जाते हैं। भारत में मुंह के कैंसर सेहोने वाली मृत्यु का एक-तिहाई हिस्सा तम्बाकू के उपयोग के कारण होता है और इसे रोका जा सकता है। (और पढ़ें - मुंह के कैंसरके शुरुआती लक्षण क्या हैं -मुंह के कैंसर की पहचानक्या है? आप खुद से शीशे के सामने खड़े होकर अपने मुंह के अंदर देख सकते हैं। अगर आपको कोई भी घाव, छाला, गांठ या कोई भी असामन्य बदलाव दिखता है जो कुछ हफ्तों से या इलाज करवाने के बाद भी ठीक न हो रहा हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर जांच करके पहचा...