महाराणा प्रताप की छतरी

  1. 19.4 महाराणा प्रताप मेवाड़ इतिहास के सबसे प्रतापी शासक
  2. महाराणा प्रताप की छत्री, चावण्ड
  3. चित्तौड़गढ़
  4. Rajasthan CM Ashok Gehlot Approve Maharana Pratap Board Rajasthan Elections 2023 Ann
  5. Rajasthan GK Maharanna Pratap Ki Chhatri Hai
  6. चित्तौड़गढ़
  7. Rajasthan GK Maharanna Pratap Ki Chhatri Hai
  8. Rajasthan CM Ashok Gehlot Approve Maharana Pratap Board Rajasthan Elections 2023 Ann
  9. महाराणा प्रताप की छत्री, चावण्ड
  10. 19.4 महाराणा प्रताप मेवाड़ इतिहास के सबसे प्रतापी शासक


Download: महाराणा प्रताप की छतरी
Size: 41.27 MB

19.4 महाराणा प्रताप मेवाड़ इतिहास के सबसे प्रतापी शासक

1.1.3 दिवेर का युद्ध मेवाड़ इतिहास के सबसे प्रतापी शासक महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) • इनका शासनकाल 1572 से 1507 तक रहा । • इनको ‘मेवाड़ का केसरी’ कहते है । • इनका बचपन का नाम कीका था । • इनका जन्म कुम्भलगढ़ दुर्ग (राजसमन्द) में 9 मई 1540 को हुआ । • इनका राज्याभिषेक गोगुन्दा (उदयपुर) में 28 फरवरी 1572 को हुआ । • इनका विधिवत् राज्याभिषेक कुम्भलगढ (राजसमन्द) में हुआ । • इनकी मृत्यु चावण्ड (उदयपुर) में 19 जनवरी 1597 में 19 जनवरी 1597 को हुई । • इनकी छतरी बाण्डोली, उदयपुर में (8 खम्भों की) बनी है । • इनकी छतरी का निर्माण बख्तावर सिंह ने करवाया था । • ये 32 वर्ष की अवस्था में शासक बना और 57 वर्ष जीवित रहा । • इन्होंने 25 वर्ष तक शासन किया । • इनके पिता ‘उदयसिंह’ थे । • इनकी माता ‘जैवन्ता बाई’ थी । • जैवन्ता बाई को ‘राजस्थान की जीजा बाई’ कहते है । • इनकी पत्नी का नाम अजब दे पवार है । • उदयसिंह की पत्नी जैवन्ता बाई से महाराणा प्रताप उत्पन्न हुआ, जो बडा पुत्र था । • उदयसिंह की रानी भटयाणी, जिसका वास्तविक नाम धीरबाई था, उससे जगमाल उत्पन्न हुआ । • उदयसिंह रानी भटयाणी के प्रभाव में आकर अपने छोटे बेटे जगमाल को मेवाड़ का शासक घोषित किया । • महाराणा प्रताप अखेराज सोनवा की मदद से जगमाल को हटाकर शासक बना । • इनकी कमर पर कटार कृष्ण दास ने बाँधी । • जगमाल रूठकर अकबर की सेवा में चला गया और मेवाड़ का दुश्मन बन गया । • जगमाल 1503 में सिरोही में हुए दन्ताणी के युद्ध में मारा गया । • जब इनका राज्यभिषेक हुआ, उस समय मारवाड़ का शासक उपस्थित था । • उदयसिंह ‘राजस्थान का प्रथम शासक’ था, जिसने छापामार प्रणाली अपनाई । चार संधि वार्ताकार • अकबर ने महाराणा प्रताप से अधिनता स्वीकार करवाने के लिए चार संधि...

महाराणा प्रताप की छत्री, चावण्ड

तहसील सराड़ा, जिला उदयपुर​, राजस्थान महाराणा प्रताप का निर्वाण स्थल क्षतिग्रस्त शिलालेख महाराणा प्रताप का निर्वाण स्थल जन्म ९ मइ १५४० महाप्रयाण १९ जनवरी १५९७ महाराणा प्रताप की मूल छतरी स्मारक महाराणा अमरसिंह द्वारा निर्मित कराई गई। बण्डोली गाँव के केजड़ तालाब (प्रातापसागर) के निर्माण के समय इसे उपर उठाकर इसका पुननिर्माण महाराणा भोपालसिंह ने कर वाया। यहाँ से प्रताप की राजधानी मात्र २ किलोमीटर दूर स्थित है, जहाँ प्रताप के महल के भग्नावशेष हैं। ____ हर के रूप में और प्राताप की आदमकद प्रतिमा ____ एकता के प्रेरणा स्त्रोत हैं।

चित्तौड़गढ़

अनुक्रम • 1 विवरण • 2 सार्विक जानकारी • 3 मौसम • 4 चित्तौड़गढ़ का दुर्ग • 5 राणा पूंजा भवन • 6 बीका खोह • 7 भाक्सी • 8 घोड़े दौड़ाने के चौगान • 9 पद्मिनी का महल • 10 खातन रानी का महल • 11 गोरा - बादल की घुमरें • 12 राव रणमल की हवेली • 13 कालिका माता का मंदिर • 14 सूर्यकुण्ड (सूरज कुण्ड) • 15 पत्ता तथा जैमल की हवेलियाँ • 16 गौमुख कुण्ड • 17 समिद्धेश्वर (समाधीश्वर) महादेव का मंदिर • 18 महासती (जौहर स्थल) • 19 विजय स्तम्भ, जय स्तम्भ • 20 कीर्ति स्तंभ • 21 जटाशंकर महादेव देवालय • 22 कुम्भस्वामी (कुंभश्याम) का मंदिर • 23 मीराबाई का मंदिर • 24 जैन सातबीस देवरी • 25 महाराणा कुंभा के महल • 26 फतह प्रकाश • 27 मोती बाजार • 28 शृंगार चौरी (सिंगार चौरी) • 29 महाराणा साँगा का देवरा • 30 तुलजा भवानी का मंदिर • 31 बनवीर की दीवार • 32 नवलखा भण्डार • 33 पातालेश्वर महादेव का मंदिर • 34 भामाशाह की हवेली • 35 आल्हा काबरा की हवेली • 36 नगरी • 37 इन्हें भी देखें • 38 बाहरी कड़ियाँ • 39 सन्दर्भ विवरण [ ] चित्तौड़गढ़ शूरवीरों का शहर है जो पहाड़ी पर बने दुर्ग के लिए प्रसिद्ध है। चित्तौड़गढ़ की प्राचीनता का पता लगाना कठिन कार्य है, किन्तु माना जाता है कि चित्तौड़गढ़, वह वीरभूमि है जिसने समूचे भारत के सम्मुख शौर्य, देशभक्ति एवम् बलिदान का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। यहाँ के असंख्य राजपूत वीरों ने अपने देश तथा धर्म की रक्षा के लिए असिधारारुपी तीर्थ में स्नान किया। वहीं राजपूत वीरांगनाओं ने कई अवसर पर अपने सतीत्व की रक्षा के लिए अपने बाल-बच्चों सहित जौहर की अग्नि में प्रवेश कर आदर्श उपस्थित किये। इन स्वाभिमानी देशप्रेमी योद्धाओं से भरी पड़ी यह भूमि पूरे भारत वर्ष के लिए प्रेरणा स्रोत बनकर रह गयी है। य...

Rajasthan CM Ashok Gehlot Approve Maharana Pratap Board Rajasthan Elections 2023 Ann

Rajasthan Elections:मेवाड़ (Mewar) के वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के बोर्ड के गठन को मंजूरी मिल गई है. सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने 24 दिन पहले 22 मई को उदयपुर दौरे पर महाराणा प्रताप (Maharana Pratap Board) के बोर्ड गठन की घोषणा की थी. अब इस बोर्ड को सीएम गहलोत की मंजूरी मिल गई है. बोर्ड में क्या होगा, कैसे कार्यकारिणी बनेगी, किस तरह से कार्य होंगे सभी फाइनल हो चुका है. महाराणा प्रताप बोर्ड गठन की मंजूरी के बाद मेवाड़ में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. सीएम अशोक गहलोत लगातार मेवाड़ का दौरे कर रहे हैं. सिर्फ दौरे ही नहीं साथ में कई घोषणाएं भी कर रहे हैं. घोषणाओं पर तुरंत पालन भी हो रहा है. इसी साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और सीएम अशोक गहलोत की नजर मेवाड़ की 28 सीटों पर टिकी हुई है क्योंकि कांग्रेस को यहां से मंजूरी मिले.बोर्ड के गठन का मुख्य उद्देश्य आने वाली पीढ़ी को वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के इतिहास के बारे में जानकारी देना और जन-जन तक पहुंचाना है. इस बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और 7 सदस्य होंगे. इनके अलावा सचिव और कार्यकारी स्टाफ अलग से होगा. यह बोर्ड महाराणा प्रताप के ऐतिहासिक स्थलों का संरक्षण करेगा और उनका नव निर्माण करेगा. साथ ही उन पर रचित शोध और साहित्य का संरक्षण कर उनको जन-जन तक पहुंचाएगा.महाराणा प्रताप बोर्ड के गठन की घोषणा के बाद चर्चाएं शुरू हो गई कि सीएम गहलोत ने मेवाड़ में राजपूत वोट को साधने के लिए यह घोषणा की है क्योंकि यहां बड़ी संख्या में राजपूत वोट हैं. मेवाड़ पर गहलोत की नजर है इसलिए घोषणाएं कर रहे हैं. अभी 22 जून को भी बड़ा किसान सम्मेलन होने वाला है जिसमें सीएम गहलोत आएंगे. ऐसी चर्चा है कि सीएम गहलोत किसी भी पक्ष को छोड़ना नहीं चा...

Rajasthan GK Maharanna Pratap Ki Chhatri Hai

महाराणा प्रताप की छतरी है - - Maharana Pratap's umbrella - Maharanna Pratap Ki Chhatri Hai -Rajasthan GK in hindi, इतिहास कला एवं संस्कृतिbandoli question answers in hindi pdf KunbhalGadh questions in hindi, Know About Gogunda Rajasthan GK online test Rajasthan GK MCQS Online Coaching in hindi quiz book Chittor Anonymous on 01-01-1900

चित्तौड़गढ़

अनुक्रम • 1 विवरण • 2 सार्विक जानकारी • 3 मौसम • 4 चित्तौड़गढ़ का दुर्ग • 5 राणा पूंजा भवन • 6 बीका खोह • 7 भाक्सी • 8 घोड़े दौड़ाने के चौगान • 9 पद्मिनी का महल • 10 खातन रानी का महल • 11 गोरा - बादल की घुमरें • 12 राव रणमल की हवेली • 13 कालिका माता का मंदिर • 14 सूर्यकुण्ड (सूरज कुण्ड) • 15 पत्ता तथा जैमल की हवेलियाँ • 16 गौमुख कुण्ड • 17 समिद्धेश्वर (समाधीश्वर) महादेव का मंदिर • 18 महासती (जौहर स्थल) • 19 विजय स्तम्भ, जय स्तम्भ • 20 कीर्ति स्तंभ • 21 जटाशंकर महादेव देवालय • 22 कुम्भस्वामी (कुंभश्याम) का मंदिर • 23 मीराबाई का मंदिर • 24 जैन सातबीस देवरी • 25 महाराणा कुंभा के महल • 26 फतह प्रकाश • 27 मोती बाजार • 28 शृंगार चौरी (सिंगार चौरी) • 29 महाराणा साँगा का देवरा • 30 तुलजा भवानी का मंदिर • 31 बनवीर की दीवार • 32 नवलखा भण्डार • 33 पातालेश्वर महादेव का मंदिर • 34 भामाशाह की हवेली • 35 आल्हा काबरा की हवेली • 36 नगरी • 37 इन्हें भी देखें • 38 बाहरी कड़ियाँ • 39 सन्दर्भ विवरण [ ] चित्तौड़गढ़ शूरवीरों का शहर है जो पहाड़ी पर बने दुर्ग के लिए प्रसिद्ध है। चित्तौड़गढ़ की प्राचीनता का पता लगाना कठिन कार्य है, किन्तु माना जाता है कि चित्तौड़गढ़, वह वीरभूमि है जिसने समूचे भारत के सम्मुख शौर्य, देशभक्ति एवम् बलिदान का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। यहाँ के असंख्य राजपूत वीरों ने अपने देश तथा धर्म की रक्षा के लिए असिधारारुपी तीर्थ में स्नान किया। वहीं राजपूत वीरांगनाओं ने कई अवसर पर अपने सतीत्व की रक्षा के लिए अपने बाल-बच्चों सहित जौहर की अग्नि में प्रवेश कर आदर्श उपस्थित किये। इन स्वाभिमानी देशप्रेमी योद्धाओं से भरी पड़ी यह भूमि पूरे भारत वर्ष के लिए प्रेरणा स्रोत बनकर रह गयी है। य...

Rajasthan GK Maharanna Pratap Ki Chhatri Hai

महाराणा प्रताप की छतरी है - - Maharana Pratap's umbrella - Maharanna Pratap Ki Chhatri Hai -Rajasthan GK in hindi, इतिहास कला एवं संस्कृतिbandoli question answers in hindi pdf KunbhalGadh questions in hindi, Know About Gogunda Rajasthan GK online test Rajasthan GK MCQS Online Coaching in hindi quiz book Chittor Anonymous on 01-01-1900

Rajasthan CM Ashok Gehlot Approve Maharana Pratap Board Rajasthan Elections 2023 Ann

Rajasthan Elections:मेवाड़ (Mewar) के वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के बोर्ड के गठन को मंजूरी मिल गई है. सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने 24 दिन पहले 22 मई को उदयपुर दौरे पर महाराणा प्रताप (Maharana Pratap Board) के बोर्ड गठन की घोषणा की थी. अब इस बोर्ड को सीएम गहलोत की मंजूरी मिल गई है. बोर्ड में क्या होगा, कैसे कार्यकारिणी बनेगी, किस तरह से कार्य होंगे सभी फाइनल हो चुका है. महाराणा प्रताप बोर्ड गठन की मंजूरी के बाद मेवाड़ में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. सीएम अशोक गहलोत लगातार मेवाड़ का दौरे कर रहे हैं. सिर्फ दौरे ही नहीं साथ में कई घोषणाएं भी कर रहे हैं. घोषणाओं पर तुरंत पालन भी हो रहा है. इसी साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और सीएम अशोक गहलोत की नजर मेवाड़ की 28 सीटों पर टिकी हुई है क्योंकि कांग्रेस को यहां से मंजूरी मिले.बोर्ड के गठन का मुख्य उद्देश्य आने वाली पीढ़ी को वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के इतिहास के बारे में जानकारी देना और जन-जन तक पहुंचाना है. इस बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और 7 सदस्य होंगे. इनके अलावा सचिव और कार्यकारी स्टाफ अलग से होगा. यह बोर्ड महाराणा प्रताप के ऐतिहासिक स्थलों का संरक्षण करेगा और उनका नव निर्माण करेगा. साथ ही उन पर रचित शोध और साहित्य का संरक्षण कर उनको जन-जन तक पहुंचाएगा.महाराणा प्रताप बोर्ड के गठन की घोषणा के बाद चर्चाएं शुरू हो गई कि सीएम गहलोत ने मेवाड़ में राजपूत वोट को साधने के लिए यह घोषणा की है क्योंकि यहां बड़ी संख्या में राजपूत वोट हैं. मेवाड़ पर गहलोत की नजर है इसलिए घोषणाएं कर रहे हैं. अभी 22 जून को भी बड़ा किसान सम्मेलन होने वाला है जिसमें सीएम गहलोत आएंगे. ऐसी चर्चा है कि सीएम गहलोत किसी भी पक्ष को छोड़ना नहीं चा...

महाराणा प्रताप की छत्री, चावण्ड

तहसील सराड़ा, जिला उदयपुर​, राजस्थान महाराणा प्रताप का निर्वाण स्थल क्षतिग्रस्त शिलालेख महाराणा प्रताप का निर्वाण स्थल जन्म ९ मइ १५४० महाप्रयाण १९ जनवरी १५९७ महाराणा प्रताप की मूल छतरी स्मारक महाराणा अमरसिंह द्वारा निर्मित कराई गई। बण्डोली गाँव के केजड़ तालाब (प्रातापसागर) के निर्माण के समय इसे उपर उठाकर इसका पुननिर्माण महाराणा भोपालसिंह ने कर वाया। यहाँ से प्रताप की राजधानी मात्र २ किलोमीटर दूर स्थित है, जहाँ प्रताप के महल के भग्नावशेष हैं। ____ हर के रूप में और प्राताप की आदमकद प्रतिमा ____ एकता के प्रेरणा स्त्रोत हैं।

19.4 महाराणा प्रताप मेवाड़ इतिहास के सबसे प्रतापी शासक

1.1.3 दिवेर का युद्ध मेवाड़ इतिहास के सबसे प्रतापी शासक महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) • इनका शासनकाल 1572 से 1507 तक रहा । • इनको ‘मेवाड़ का केसरी’ कहते है । • इनका बचपन का नाम कीका था । • इनका जन्म कुम्भलगढ़ दुर्ग (राजसमन्द) में 9 मई 1540 को हुआ । • इनका राज्याभिषेक गोगुन्दा (उदयपुर) में 28 फरवरी 1572 को हुआ । • इनका विधिवत् राज्याभिषेक कुम्भलगढ (राजसमन्द) में हुआ । • इनकी मृत्यु चावण्ड (उदयपुर) में 19 जनवरी 1597 में 19 जनवरी 1597 को हुई । • इनकी छतरी बाण्डोली, उदयपुर में (8 खम्भों की) बनी है । • इनकी छतरी का निर्माण बख्तावर सिंह ने करवाया था । • ये 32 वर्ष की अवस्था में शासक बना और 57 वर्ष जीवित रहा । • इन्होंने 25 वर्ष तक शासन किया । • इनके पिता ‘उदयसिंह’ थे । • इनकी माता ‘जैवन्ता बाई’ थी । • जैवन्ता बाई को ‘राजस्थान की जीजा बाई’ कहते है । • इनकी पत्नी का नाम अजब दे पवार है । • उदयसिंह की पत्नी जैवन्ता बाई से महाराणा प्रताप उत्पन्न हुआ, जो बडा पुत्र था । • उदयसिंह की रानी भटयाणी, जिसका वास्तविक नाम धीरबाई था, उससे जगमाल उत्पन्न हुआ । • उदयसिंह रानी भटयाणी के प्रभाव में आकर अपने छोटे बेटे जगमाल को मेवाड़ का शासक घोषित किया । • महाराणा प्रताप अखेराज सोनवा की मदद से जगमाल को हटाकर शासक बना । • इनकी कमर पर कटार कृष्ण दास ने बाँधी । • जगमाल रूठकर अकबर की सेवा में चला गया और मेवाड़ का दुश्मन बन गया । • जगमाल 1503 में सिरोही में हुए दन्ताणी के युद्ध में मारा गया । • जब इनका राज्यभिषेक हुआ, उस समय मारवाड़ का शासक उपस्थित था । • उदयसिंह ‘राजस्थान का प्रथम शासक’ था, जिसने छापामार प्रणाली अपनाई । चार संधि वार्ताकार • अकबर ने महाराणा प्रताप से अधिनता स्वीकार करवाने के लिए चार संधि...