नॉर्मल डिलीवरी कैसे होती है

  1. शादी के बाद बच्चा कैसे पैदा होता है
  2. नार्मल डिलीवरी के उपाय
  3. क्या सी सेक्शन के बाद नॉर्मल डिलीवरी हो सकती है? – ElegantAnswer.com
  4. जानें नॉर्मल डिलीवरी और सिजेरियन डिलीवरी कैसे होती है? दोनों में कौन है बेहतर। । BabyChakra
  5. नॉर्मल डिलीवरी में बच्चा कहां से निकलता है
  6. नॉर्मल डिलीवरी (सामान्य प्रसव) के लिए 11 टिप्स
  7. नार्मल डिलीवरी कैसे होती है वीडियो के साथ


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शादी के बाद बच्चा कैसे पैदा होता है

एक बच्चे के पैदा होने से शुरू से अंत तक, आनेको अड़चने आया करती है। जिस महिला को बच्चा होने वाला होता है वह भी बहुत परेशानियों से गुजर कर, एक स्वस्थ, सुंदर और बलाशिय बच्चे को जन्म देती है। बच्चा पैदा करने childbirth के लिए केवल महिला ही जिम्मेदार नहीं होती, बल्कि पुरुष, दोनों पार्टनर बच्चे के जन्म में समान रूप से भागीदार होते हैं। जब तक baby birth नहीं हो जाता, उसका सही से पालन पोषण माता-पिता को ही करना होता है। इस बात का भी ध्यान रखना होता है कभी अनजाने अगर कोई समस्या आ जाती है कैसे बच्चे को सुरक्षित रखा जाए, baby birth – एक बच्चे का जन्म तब तक नहीं हो सकता है जब तक माता के गर्भ में शिशु 9 महीने विकसित ना हो जाए, बच्चे पैदा करने की विधी की पहली शुरुआत महिला के गर्भधारण करने से होती हैं। गर्भधारण कैसे होता है – वैसे इसपर एक बहुत अच्छा लेख हमारी वेबसाइट पर पहले ही मौजूद है आप चाहे तो वह लेख गर्भधारण कैसे होता है पढ़ सकते हैं इस लेख में हम bacha kaise paida hota hai, baby delivery kaise hota hai जानेंगे…. बच्चें की डिलीवरी कितने प्रकार से होती हैं | Types of delivery of baby. kaise hota hai baccha वैसे जन्म की बात करें तो, आज का समय ऐसा है जहां baby birth (शिशु के जन्म) के लिए अनेकों मेथड उपलब्ध हैं जैसे – होम डिलीवरी मेरा मतलब Home birth, सीजेरियन डिलीवरी, नॉर्मल डिलीवरी, वाटर बर्थ… नॉर्मल डिलीवरी या normal labour में शिशु का जन्म प्राकृतिक रूप से होता हैं यहां baby birth में किसी तरह की समस्या नहीं आती मगर सीजेरियन डिलीवरी से childbirth तब किया जाता हैं जब बच्चा खुद को गर्भनाल से फंसा ले अथवा माता या शिशु दोनों में किसी को खतरा हो… आइए जानते हैं यदि कोई महिला नॉर्मल डिलीवरी...

नार्मल डिलीवरी के उपाय

नार्मल डिलीवरी के उपाय | सामान्य प्रसव के तरीके | Normal Delivery in Hindi आज के टाइम मे ज़्यादातर देखा गया है की बहुत कम महिलाओ की सामान्य डिलीवरी होती है। इसका प्रमुख कारण उनका रहन – सहन और ग़लत ख़ान पान है। जिसके चलते हर कोई महिला आज के समय में प्रसव के समय अस्पताल मे रहती है। सामान्य प्रसव सुरक्षित माना जाता है क्यूंकि इसमे महिला को कोई ज़्यादा परेशानी नही होती है। इसलिए बिना सर्जरी के सेहतमंद तरीके से बच्चे को जन्म देने के लिए नॉर्मल डिलीवरी के लिए आसान उपाय बताने जा रहे है। जानिए नॉर्मल डिलीवरी कैसे होती है प्रेगनेंसी टिप्स और किस तरह से आप अपने बच्चे को सामान्य पैदा कर सकती है। सामान्य प्रसव के लिए क्या करें: हर कोई महिला चाहती है कि उसका बच्चा सामान्य हो। हर कोई महिला यही चाहती है की उसे बिना दर्द के उसका बच्चा मिल जाए और वे सीजेरियन प्रसव पसंद करती है। लेकिन सामान्य प्रसव सबसे बेस्ट बात है सामान्य प्रसव के बाद उस महिला को कभी भी कोई परेशानी नही होती है।क्यूंकि सामान्य प्रसव का दर्द कु्छ समय तक ही होता है। देखा जाए तो सीजेरियन प्रसव के बाद मे ज़्यादा ध्यान देने की ज़रूरत होती है। सामान्य प्रसव मे भी आपको हर बात का ध्यान रखना पडता है लेकिन सिजेरियन प्रसव से कम। सामान्य प्रसव मे आपको कु्छ समय तक ही परेशानियो का सामना करना पढ़ता है, जबकि सिजेरियन प्रसव मे आपको बहुत समय तक परेशानियो का सामना करना पड़ता है। इसलिए बेस्ट है की आप सामान्य की अपेक्षा करे और अपने शरीर को इतना स्वस्थ और मजबूत बनाए जिससे ना सिर आपको कोई परेशानी हो ना ही आपको और ना ही आपके गर्भ में पल रहे शिशु को। नार्मल डिलीवरी के लिए सही आहार ले: गर्भावस्था मे महिला को अपनी वास्तविक भूख से ज़्यादा भूख लगती है ...

क्या सी सेक्शन के बाद नॉर्मल डिलीवरी हो सकती है? – ElegantAnswer.com

क्या सी सेक्शन के बाद नॉर्मल डिलीवरी हो सकती है? इसे सुनेंरोकेंसिजेरियन के बाद आपकी नॉर्मल डिलीवरी होगी या नहीं, इससे ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण आपकी और शिशु की सुरक्षा है। ऑपरेशन से डिलीवरी करवाने वाली हर महिला की दूसरी बार नॉर्मल डिलीवरी हो सकती है। अगर आपकी पहले ऑपरेशन से डिलीवरी हुई है तो अगली बार आप नॉर्मल डिलीवरी करवा सकती हैं। इसे वजाइनल बर्थ आफ्टर सिजेरियन कहते हैं। ऑपरेशन से डिलीवरी होने के बाद कितने दिन तक? अगर आपका ऑपरेशन से बच्‍चा हुआ है, तो डिलीवरी के तुरंत बाद इन चीजों को का सेवन करें : • डेयरी उत्‍पाद : दूध, पनीर और चीज प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन बी एवं डी का बेहतरीन स्रोत होते हैं। • ओटस :डिलीवरी के बाद कब्‍ज की परेशानी होना आम बात है। • रागी : इसमें उच्‍च मात्रा में आयरन और कैल्शियम होता है। नार्मल डिलीवरी के लिए स्कार थिकनेस कितनी होनी चाहिए? इसे सुनेंरोकेंकम से कम 70 से 80 पर्सेंट… बच्चे की डिलीवरी कैसे होती है दिखाओ? इसे सुनेंरोकें​असिस्टिड वैजाइनल डिलीवरी इसमें डॉक्‍टर शिशु के सिर पर प्‍लास्टिक कप लगाकर बर्थ कैनाल से बाहर खींचते हैं। एपिसिओटोमी : इसमें योनि मुख और गुदा के बीच के ऊतक पर एक कट लगाया जाता है। इस ऊतक को पेरिनियम कहते हैं। जब शिशु को जल्‍दी से डिलीवर करवाना होता है, तभी इस तरह की डिलीवरी करवाई जाती है। इसे सुनेंरोकेंअगर आपकी पहले ऑपरेशन से डिलीवरी हुई है तो अगली बार आप नॉर्मल डिलीवरी करवा सकती हैं। इसे वजाइनल बर्थ आफ्टर सिजेरियन कहते हैं। सिजेरियन डिलीवरी में पेट और गर्भाशय पर बड़ा कट लगाकर सर्जरी कर के बच्‍चा निकाला जाता है। सिजेरियन के बाद 10 में से 7 महिलाओं की नॉर्मल डिलीवरी सफल होती है। डिलीवरी ऑपरेशन कैसे होता है दिखाओ? इसे सुनेंरोकेंउस सि...

जानें नॉर्मल डिलीवरी और सिजेरियन डिलीवरी कैसे होती है? दोनों में कौन है बेहतर। । BabyChakra

Mousumi Dutta Author | 387 Articles Follow अगर आप जल्द माँ बनने वाली हैं तो जाहिर है, आप इस बात को लेकर टेंशन में होंगी कि नॉर्मल डिलीवरी करना चाहिए या सिजेरियन डिलीवरी। इसके लिए आपको यह समझने की जरूरत है कि नॉर्मल डिलीवरी और सिजेरियन डिलीवरी कैसे होती है? या नॉर्मल या सिजेरियन डिलीवरी के फायदे कौन-कौन-से हैं? इन दोनों में कौन-सा डिलीवरी का ऑप्शन आपके लिए सेफ है, इन सब बातों को समझने की जरूरत है। नॉर्मल डिलीवरी और सिजेरियन डिलीवरी कैसे होती है, यह जानने के लिए सबसे पहले जान लेते हैं कि नॉर्मल डिलीवरी और सिजेरियन डिलीवरी क्या होता है। नॉर्मल डिलीवरी या वजाइनल डिलीवरी क्या होता है? । What is Normal or Vaginal Delivery in Hindi विभिन्न प्रकार की नॉर्मल डिलीवरी होती हैं: स्पॉन्टेनियस वजाइनल डिलीवरी , इंडयूस्ड वजाइनल डिलीवरी और असिस्टेंट वजाइनल डिलीवरी। स्पॉन्टेनियस वजाइनल डिलीवरी: एक योनि प्रसव जो अपने आप होता है और लेबर इंड्युसिंग मेडिसन देने की जरूरत नहीं होती है। इंडयूस्ड वजाइनल डिलीवरी : दवाएं या अन्य तकनीकें लेबर पेन शुरू करवाने में मदद करती हैं और आपके सर्विक्स को तैयार करती हैं। इसे लेबर इंडक्शन भी कहा जाता है। असिस्टेंड वजाइनल डिलीवरी: इस प्रक्रिया में बच्चे को बाहर निकालने के लिए फोरसेप्स या वैक्यूम डिवाइस की मदद ली जाती है। स्पॉन्टेनियस और इंडयूस्ड वजाइनल डिलीवरी दोनों में सहायता करता है। सिजेरियन डिलीवरी क्या होता है?। What is Cesarean Delivery in Hindi सिजेरियन डिलीवरी करने का प्लान इन हालातों में किया जाता है- • सेफालो पेल्विक डिस्प्रापोर्शन (सीपीडी) • पिछला डिलीवरी सी-सेक्शन होना • मल्टीपल बर्थ होने की संभावना • प्लेसेंटा प्रेविया • ट्रांसवर्स लाई • ब्रीच प्रेजें...

नॉर्मल डिलीवरी में बच्चा कहां से निकलता है

हेलो दोस्तों आप सभी का स्वागत है हमारे इस नए ब्लॉग में तो आज के इस आर्टिकल में आपको एक और अहम डिटेल मिलने वाली है तो आज के इस आर्टिकल में आपको नॉर्मल डिलीवरी में बच्चा कहां से निकलता है इसकी डिटेल यहाँ पर मिलने वाली है , बहुत से लोगो को इसके बारे में थोड़ा बहुत अंदाजा होता है पर खुले रूप से इसके बारे में न ही हमारे स्कूल में बताया जाता है और न ही समाज में इसके बारे में कुछ बताया जाता है अगर छोटा बच्चा पूछ भी ले तो परिया छोटे बच्चो को माँ के ाचल में छोड़ देती है या फिर इस ही तरह का कोई सेन्स नहीं होता है वो जवाब देती है फिर बाद में यह वह से जानकारी मिलती है सही जानकारी देने वाला कोई मिलता ही नहीं है जिस की वजह से अधूरा ज्ञान मिलता है और आपको तो पता ही है एक बार ज्ञान न हो तो चल जाता है पर ादुरा ज्ञान ये सब से खरनाक होता है इस ही बात का ध्यान रखते हुए हम आपको नॉर्मल डिलीवरी के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए इसकी भी जानकारी भी जितनी हो सकती है उतनी आसान शब्दों में देने की यहाँ पर कोशिश करने वाले है । Table of Contents • • • • • • • • • • नॉर्मल डिलीवरी में बच्चा कहां से निकलता है नॉर्मल डिलीवरी में बच्चा कहां से निकलता है इस सवाल का जवाब हम आपको एक आसान शब्द में बता दे तो महिला की योनि से बच्चा ये इस दुनिया में आता है पर ये जितना सुनने को आसान लगता है उतना आसान नहीं है इसमें भी बहुत सारे स्टेप्स होते है वो भी आपको जान लेना बहुत ही जरुरी है क्यू की जैसे की हमने पहले ही कहा है अधूरा ज्ञान ये हमको विनाश की तरफ ही लेकर जाता है । डिलीवरी के प्रकार अभी हम बहुत ही शार्ट में ये देख लेते है की आखिर ये डिलीवरी के प्रकार कितने होते है वो देख लेते है तो सब से बेस्ट ये नार्मल डेलिवरी ये हो...

नॉर्मल डिलीवरी (सामान्य प्रसव) के लिए 11 टिप्स

Image: Shutterstock • नॉर्मल डिलीवरी क्या है? • नॉर्मल डिलीवरी की संभावना को बढ़ाने वाले कारक • नॉर्मल डिलीवरी के संकेत और लक्षण • नॉर्मल डिलीवरी कैसे होती है? • नॉर्मल डिलीवरी का पहला चरण : • नॉर्मल डिलीवरी का दूसरा चरण – बच्चे का बाहर आना • नॉर्मल डिलीवरी का तीसरा चरण – गर्भनाल का बाहर आना • नॉर्मल डिलीवरी में कितना समय लगता है? • नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ाने के लिए 11 टिप्स • नॉर्मल डिलीवरी के लिए क्या करें और क्या न करें? • नॉर्मल डिलीवरी के लिए खानपान की चीजों से जुड़े टिप्स • नॉर्मल डिलीवरी के लिए व्यायाम से जुड़े टिप्स • नॉर्मल डिलीवरी के लिए योगासन से जुड़े टिप्स • पेरिनियल मालिश कब शुरू करें? • नॉर्मल डिलीवरी का विकल्प क्यों चुनना चाहिए? • अक्सर पूछे जाने वाले सवाल हर गर्भवती महिला को चिंता होते है कि उसकी नॉर्मल डिलीवरी होगी या सिजेरियन। आमतौर पर डॉक्टर नॉर्मल डिलीवरी कराने की ही सलाह देते हैं। वहीं, नॉर्मल डिलीवरी में होने वाले दर्द के मद्देनजर बीते कुछ वर्षों में गर्भवती महिलाएं सिजेरियन डिलीवरी का विकल्प चुन रही हैं। नेशनल हेल्थ फैमिली सर्वे (वर्ष 2015-16) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 5 सालों में शहरी इलाकों में 28.3 प्रतिशत महिलाओं ने सी-सेक्शन के जरिए डिलीवरी कराने का विकल्प चुना। वहीं गांव-देहात में 12.9 प्रतिशत महिलाओं ने सी-सेक्शन से डिलीवरी कराई, जबकि साल 2005-06 में कुल सिजेरियन डिलीवरी (शहर और गांव दोनों जगहों पर हुई सिजेरियन डिलीवरी) का आंकड़ा महज 8.5 प्रतिशत था मॉमजंक्शन के इस लेख में हम नॉर्मल डिलीवरी के संबंध में ही बात करेंगे। आइए, लेख की शुरुआत करते हैं और नॉर्मल डिलीवरी की परिभाषा को समझते हैं। नॉर्मल डिलीवरी क्या है? यह प्रसव या डिलीवरी की ऐ...

नार्मल डिलीवरी कैसे होती है वीडियो के साथ

Normal delivery in Hindi नार्मल डिलीवरी का मतलब होता है प्राकृतिक प्रसव के द्वारा बच्चे का जन्म होना। प्रेगनेंसी का सोच कर ही कई महिलाओं को 2005-06 के बीच में सिजेरियन डिलीवरी का आकड़ा जहां सिर्फ 8.5 प्रतिशत था वहीं 2015-16 तक यह आकड़ा 28.3 प्रतिशत तक पहुँच गया है, जो बहुत ही चिंताजनक बात है। इसलिए आज इस लेख में हम आपको सामान्य प्रसव नार्मल डिलीवरी क्या है, नार्मल डिलीवरी कैसे कराई जाती है, नॉर्मल डिलीवरी वीडियो इन इंडिया, सामान्य प्रसव के लक्षण, प्रकार, फायदे और रिस्क क्या है इसके बारे में बतायेंगे। विषय सूची • • • • • • • • • • • • • नार्मल डिलीवरी क्या है – What is normal delivery in Hindi नार्मल डिलीवरी का अर्थ होता है प्राकृतिक तरीके से महिला की योनी के द्वारा ही बच्चे का जन्म होना। नार्मल डिलीवरी के लिए किसी तरह की दवा या सर्जरी का उपयोग नहीं किया जाता है। अगर महिला के साथ स्वास्थ्य सम्बंधित कोई समस्या ना हो तो उस महिला को आराम से नार्मल डिलीवरी हो सकती है। इस प्रक्रिया में सामान्य तरीके से महिला की योनी से ही बच्चे का जन्म होता। (और पढ़े – नार्मल डिलीवरी के लक्षण – Normal delivery symptoms in Hindi एक स्वस्थ महिला आराम से सामान्य प्रसव के द्वारा बच्चे को जन्म दे सकती है। एक स्वस्थ और नियमित जीवनशैली अपनाकर, सामान्य रक्तचाप और भ्रूण के सही स्थिति को नार्मल डिलीवरी का ही संकेत और सबसे अच्छा लक्षण माना जाता है। नार्मल डिलीवरी के अन्य लक्षण है- • 30-34 सप्ताह के बीच में भ्रूण अपनी स्थिति को बदलकर सिफिलिक (cephalic) पोजीशन या सिर को नीचे की तरफ ले आता है जिससे ऐसा महसूस होता है की बच्चा नीचे आ रहा है। • बार बार पेशाब जाने की इच्छा होगी क्योकि बच्चे का सिर पेल्विस और ब्लैडर ...