पैरालिसिस अटैक में क्या खाना चाहिए

  1. हाइपर कैलेमिक पीरियोडिक पैरालिसिस में क्या खाना चाहिए तथा क्या नहीं
  2. Factors that Worsen Cardiovascular Health : युवाओं में इन 5 कारणों से बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा, समय रहते हो जाएं सावधान
  3. Paralysis Stroke Symptoms Cause Recovery And Treatment Brain Stroke Lakwa
  4. घबराहट के लक्षण, कारण और रोकने का तरीका
  5. एक दिन में कितना नमक खाना चाहिए, जानिए डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन
  6. लकवा (पैरालिसिस) होने के कारण, लक्षण, बचाव की जानकारी
  7. लकवा का उपचार के 10 घरेलु तरीके और आयुर्वेदिक देसी उपाय


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हाइपर कैलेमिक पीरियोडिक पैरालिसिस में क्या खाना चाहिए तथा क्या नहीं

पिछले पोस्ट में हमने “ हाइपोकैलेमिक पीरियोडिक पैरालिसिस” के रोगियों के लिए उचित आहार बताया था इस आर्टिकल में हम हाइपर कैलेमिक पीरियोडिक पैरालिसिस के मरीजो को क्या खाना चाहिए और किन चीजो को नहीं खाना चाहिए, यह बतायेंगे | वैसे तो हम लकवे की बीमारी के कारण, लक्षण तथा लकवे के विभिन्न प्रकारों को पहले की बता चुके हैं फिर भी एक बार फिर से इस रोग के बारे में थोडा संक्षिप्त में जान लेते है | आमतौर पर शरीर के बाएं या दाएं भाग की मांसपेशियों व नसों की कार्यशक्ति, गतिशीलता कम या समाप्त हो जाती है, तो उस रोग को पक्षाघात या लकवा के नाम से जाना जाता है। यह मुख्य रूप से पूरे शरीर का, आधे शरीर का या केवल चेहरे का लकवा होता है। आयुर्वेद के मतानुसार पक्षाघात का मुख्य कारण शरीर में वात दोष का प्रकुपित हो जाना है। हाइपर कैलेमिक पीरियोडिक पैरालिसिस के कारण : पक्षाघात के उत्पन्न होने के प्रमुख कारणों में उच्च रक्तचाप का अधिक बढ़ना, चोट के कारण मस्तिष्क में रक्त का थक्का बनना, रक्ताल्पता, विषम आहार-विहार, अत्यधिक व्यायाम या परिश्रम, तेज मस्तिष्क शोथ, सिर में रक्तस्राव, मस्तिष्क के अन्य रोग, मिर्गी, माइग्रेन, हिस्टीरिया, डायबिटिक कामा, मस्तिष्क आवरण शोथ, आकस्मिक घटना के कारण अत्यंत हर्ष या तनाव की स्थिति, स्नायु रोग, अधिक शराब का सेवन, देर रात तक जागने की आदत, गठिया, अधिक ठंडे माहौल में रहना, वात उत्पन्न करने वाले पदार्थों का अधिक सेवन आदि होते हैं। पैरालिसिस के लक्षण : पक्षाघात के प्रमुख लक्षणों में शरीर के प्रभावित अंग में क्रियाहीनता, दुर्बलता, इच्छानुसार अंग न उठा पाना, संज्ञानाश, सुन्नता, आंख से धुंधला दिखना, एक वस्तु के दो प्रतिबिंब दिखाई पड़ना, चक्कर आना, कमजोरी, बोलने की क्षमता घटना, अस्प...

Factors that Worsen Cardiovascular Health : युवाओं में इन 5 कारणों से बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा, समय रहते हो जाएं सावधान

Written by |Published : June 14, 2023 11:01 AM IST • • • • • Factors that Worsen Cardiovascular Health : भारत में हार्ट अटैक के मामलों में लगातार तेजी देखी जा रही है। हाल ही में हार्ट अटैक के तीन ऐसे मामले आए हैं, जो बेहद ही चौंका देने वाले हैं। गुजरात में 41 साल की उम्र में एक हृदय रोग विशेषज्ञ की मौत हो गई। वहीं, नोएडा में 52 साल के एक व्यक्ति की बैडमिंटन खेलने के दौरान हो गई। इसके अलावा ब्रेकिंग बैड स्टार माइक बटायेह की मौत भी हार्ट अटैक से हुई है, ये तीनों मामले बहुत ही चौंका देने वाले हैं। इसके अलावा कई ऐसे मामले हैं, जिनकी रिपोर्ट सामने नहीं आई है। आज के समय में युवाओं में हार्ट अटैक का खतरा काफी ज्यादा बढ़ रहा है। आइए जानते हैं किन कारणों से युवाओं में हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ता है? लगातार सीटिंग वर्क करना लंबे समय से वर्क फ्रॉम होम प्रैक्टिस और लगातार कई घंटों तक शरीर को एक्टिव न रखने की वजह से भी हार्ट डिजीज का खतरा रहता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में फिजिकल एक्टिविटी के लिए गाइडलाइंस जारी की थी। कई अध्ययन और स्वास्थ्य विशेषज्ञ लोगों को रोजाना शारीरिक गतिविधि की सलाह देते हैं। वहीं, प्रति सप्ताह कम से कम 150 मिनट की एक्सरसाइज करने की सलाह देते हैं, जो बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। डायबिटीज भी है हार्ट डिजीज का कारण कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि इन दिनों Also Read • • • गलत तरीके से जिम करना वर्कआउट निश्चित रूप से शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत ही जरूरी है। लेकिन अगर आप गलत तरीके से जिम की आदत डालते हैं, तो इससे स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है। उदाहरण के लिए वर्कआउट शुरू करने से पहले वार्मअप नहीं करना और एक्सरसाइज के बाद कूलिंग न करना आपके ल...

Paralysis Stroke Symptoms Cause Recovery And Treatment Brain Stroke Lakwa

Paralysis Stroke Cause: लकवा मारने के बारे में तो आपने सुना ही होगा. ज्यादातर उम्र बढ़ने और शरीर में बीमारियों होने पर लकवा मारने का खतरा रहता है. हालांकि आजकल युवाओं में भी ये समस्या बढ़ रही है. आपने बड़े-बुजुर्गों में लकवा की स्थिति देखी होगी. इस बीमारी में शरीर का एक हिस्सा काम करना बंद कर देता है. इस पक्षघात भी कहते हैं इसमें एक तरफ का हाथ, पैर, मुंह और आंख प्रभावित होते हैं. लकवा के बारे में पहले से कुछ पता नहीं चलता है ये सिर्फ कुछ मिनटों में ही शरीर को प्रभावित कर सकता है. ऐसे में कई बार मन में ये सवाल आता है कि लकवा मारने का खतरा किन लोगों को रहता है और इसके क्या लक्षण होते हैं. लकवा क्या होता है? लकवा जिसे ब्रेन स्ट्रोक भी कहते हैं. इस स्थिति में अचानक ब्रेन के किसी हिस्से में डैमेज होने या खून की सप्लाई रुकने पर एक तरफ के अंग काम करना बंद कर देते हैं. इसे लकवा कहते हैं. कई बार हल्का स्ट्रोक आने पर शरीर के एक ओर के हिस्से में काफी कमजोरी आ जाती है. क्यों मारता है लकवा? लकवा मारने के आम तौर पर 2 कारण माने जाते हैं, जिसमें एक है ब्रेन हैम्ब्रेज है यानी दिमाग में जाने वाली ब्लड का पाइप फट जाना. दूसरा कारण है कि दिमाग में खून की सप्लाई करने वाले पाइप में किसी न किसी तरह की ब्लॉकेज आ जाना. ज्यादातर मामलों में पाइप ब्लॉक होने की वजह से ये समस्या होती है. रिपोर्ट्स की मानें तो 85 फीसदी लकवा के केस में ब्लड पाइप ब्लॉक होने के कारण सामने आते हैं. लकवा मारने का खतरा किसे ज्यादा है? अगर बात करें रिस्क फैक्टर की तो ब्लड प्रेशर के मरीज, डायबिटीज के मरीज, लिपिड प्रोफाइल बढ़ने पर लकवा मारने का खतरा ज्यादा रहता है. जिन लोगों को हार्ट से संबधी परेशानी रहती है और ब्लड का थक्का जमने...

घबराहट के लक्षण, कारण और रोकने का तरीका

Table of Contents • • • • • • पैनिक अटैक (घबराहट होना) क्या होता है? – Panic Attack in Hindi पैनिक अटैक अचानक, भय, घबराहट या पैनिक अटैक (घबराहट) का कारण – Ghabrahat Kyon koti Hai पैनिक अटैक यानि घबराहट होने के कारण कई हो सकते हैं और कभी-कभी ये बिना किसी स्पष्ट कारण के होते हैं। फिर भी यहां बताये गए कुछ कारणों के चलते पैनिक अटैक हो सकते हैं। – पैनिक डिसऑर्डर होना – ऐसी परिस्थितियां जो आपको आपके जीवन में अतीत या वर्तमान तनाव की याद दिलाती हैं। पैनिक अटैक यानि घबराहट के लक्षण – Panic Attack Symptoms in Hindi घबराहट के लक्षण (panic attack symptoms in hindi) बिना किसी चेतावनी के शुरू हो जाते हैं, और मिनटों में चरम पर पहुंच जाते हैं। अगर आपको पैनिक अटैक है, तो यहां कुछ लक्षण दिए गए हैं जिनका आप अनुभव कर सकते हैं- – एक तेज़ दिल, धड़कन, या तेज़ दिल की दर – पसीना आना घबराहट रोकने का तरीका – Ghabrahat Dur Karne ke Upay पैनिक अटैक (panic meaning in hindi) डरावने हो सकते हैं और आपको जल्दी मार सकते हैं। हम यहां आपको घबराहट रोकने का तरीका (panic attack treatment in hindi) बता रहे हैं, जिसका उपयोग आप पैनिक अटैक को रोकने या प्रबंधित करने के लिए कर सकते हैं। ये कुछ पल में आपकी मदद कर सकते हैं, जबकि इनमें से कुछ लंबी अवधि में मदद कर सकते हैं। गहरी सांसे लें गहरी सांस लेने से हमले के दौरान घबराहट के लक्षण कम हो सकते हैं। गहरी सांस लेने के कई प्रभाव हो सकते हैं। यह विश्राम, आराम और सतर्कता की भावनाओं में सुधार कर सकता है और उत्तेजना संबंधी चिंता, अवसाद, क्रोध और भ्रम के लक्षणों को कम कर सकता है। अगर आप अपनी सांस को नियंत्रित करने में सक्षम हैं, तो आपको हाइपरवेंटीलेटिंग का अनुभव होने की संभावन...

एक दिन में कितना नमक खाना चाहिए, जानिए डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन

Recommended Amounts of salt: नमक दो चीजों से बनता है. सोडियम और पोटैशियम. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक हम जो नमक (Salt) खाते है उसमें अक्सर सोडियम (Sodium) की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जबकि पोटैशियम (Potassium) की मात्रा बहुत कम होती है. दुनिया भर में सोडियम की मात्रा का ज्यादा सेवन करने के कारण लाखों लोग ब्लड प्रेशर (Blood pressure) के शिकार हो जाते हैं और इनपर हमेशा हार्ट अटैक (Heart attack) और स्ट्रोक (Stroke) का खतरा रहता है. डब्ल्यूएचओके मुताबिक अधिकांश लोग 9 से 12 ग्राम तक नमक का सेवन रोजाना करते हैं जिसके कारण दुनिया भर में ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. लोगों के भोजन से नमक कम करने के लिए डब्ल्यूएओ ने एक कार्यक्रम बनाया है. इसके तहत यूनाइटेड नेशन (United Nation) के सदस्य देशों ने 2025 तक नमक की खपत को आधा करने का फैसला किया है. अगर इस लक्ष्य को हासिल कर लिया जाता है तो विश्व में हर साल नमक के कारण होने वाली 25 लाख मौतों को कम किया जा सकता है. इसे भी पढ़ेंः क्या कहता है डब्ल्यूएचओ और हार्वर्ड डब्ल्यूएओ के मुताबिक रोजाना एक वयस्क इंसान को 4 ग्राम से ज्यादा नमक नहीं खाना चाहिए. हालांकि नमक में दो तत्व होते हैं. सोडियम और क्लोराइड. हार्वर्ड मेडिकल जर्नल के मुताबिक सामान्य नमक में 40 प्रतिशत सोडियम और 60 प्रतिशत क्लोराइड होता है. हमें इनमें से सिर्फ 500 मिलीग्राम सोडियम की जरूरत होती है. इससे ज्यादा सोडियम हमारे लिए परेशानी पैदा कर सकती है. इससे हमें ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाएगा. साथ ही हड्डियों से कैल्शियम (calcium) का रिसाव शुरू हो जाएगा. अमेरिका में अमूमन 1.5 चम्मच नमक लोग रोजाना खा लेते हैं. इसमें करीब 3400 मिलीग्राम...

लकवा (पैरालिसिस) होने के कारण, लक्षण, बचाव की जानकारी

लकवा (पैरालिसिस) loss of muscle function यह रोग शरीर के स्नायुओं और स्नायु केंद्र, दिमाग का रोग है। जिस इंसान के शरीर का स्नायुमंडल, स्नायु केंद्र और मस्तिष्क अच्छी तथा स्वाभाविक दशा में रहते हैं, उसे लकवा कभी नहीं होता। आरंभ से ही यदि प्राकृतिक जीवन पद्धति को अपनाया जाए, संयम, नियम से काम किया जाए, स्वास्थ्यवर्धक एवं उपयुक्त आहार-विहार का आश्रय लिया जाए तथा हर प्रकार के मानसिक तनावों एवं चिंताओं से बचा जाए तो लकवा होने की संभावना बहुत कम हो जाती है। लकवा आने से बहुत पहले ही मस्तिष्क कमजोर पड़ जाता है। शरीर के स्नायु जगह-जगह कमजोर एवं शक्तिहीन हो जाते हैं। इससे आंख तथा कान आदि इंद्रियों की कार्यक्षमता मंद पड़ जाती है। थोड़ा सा काम या बातें करने पर ही थकान महसूस होने लगती है। इस प्रकार के लक्षण दिखाई देने लगे तो ये पैरालिसिस होने के लक्षण हो सकते है। जब ऐसा हो तो तुरंत सजग हो जाएँ और जरूरी उपचार लेना आरंभ कर दें। और सभी कार्य बंद करके शारीरिक एवं मानसिक आराम करें। प्राकृतिक आहार विहार अपनाएँ। कम परिश्रम करें | यह बीमारी ज्यादातर 30 से ज्यादा की उम्र वालों को होता है | यह एक ऐसा रोग हैं जो की व्यक्ति को असहाय कर देता हैं, जिसको लकवा हुआ होता हैं उसकी और देखा भी नहीं जा सकता, रोगी की ऐसी हालत हो जाती हैं. ऐसे में लकवा का रोगी लाचार असहाय-सा दूसरे व्यक्तियों के मुंह की तरह देखता रहता हैं | हम यहां आपको पैरालिसिस के संबंध में जानकारी देंगे जो की एक लकवा ग्रस्त रोगी के लिए जरुरी होती हैं, जैसे :- लकवा के लक्षण, लकवा होने के कारण, इसके इलाज के लिए आयुर्वेदिक घरेलु नुस्खे आदि | लकवा : कारण, लक्षण, बचाव, खानपान और उपचार लकवा रोग • मांसपेशियों में एक विशेष प्रकार का ऊतक है जो हमारे ...

लकवा का उपचार के 10 घरेलु तरीके और आयुर्वेदिक देसी उपाय

लकवा का उपचार के घरेलु तरीके: लकवा को पैरालिसिस अटैक या स्ट्रोक भी कहते है जिसकी वजह से व्यक्ति चलने फिरने और लकवा ग्रस्त अंग को महसूस कर पाने की ताकत खो देता है। चेहरे (face) पर lakwa होने से मरीज का मुँह आधा टेढ़ा हो जाता है और बोलने पर मुँह से आवाज नहीं निकलती। आजकल लोगों को कई बीमारियों के होने का खतरा बना रहता है| कुछ बीमारियों का इलाज आसानी से हो जाता है, लेकिन कुछ बीमारी ऐसी होती हैं, जिसमें इंसान को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है | आयुर्वेद में लकवा के इलाज की कई विधियां बताई गई हैं साथ ही आहार और दिनचर्या में बदलाव से भी लकवा के असर को कम किया जा सकता है। आइये जानते हैं कि लकवा के मरीजों को अपने खानपान में क्या बदलाव लाने चाहिए। लकवा रोगी को रोजाना दूध में छुहारे भिगोकर देते रहना चाहिए | इससे लकवा ठीक होने लगता है |इन दोनों का मिश्रण रोगी के लिए बहुत ज्यादा लाभकारी होता है| जब हमारे शरीर का कोई अंग या फिर पूरे शरीर की मांसपेशियां काम करना बंद कर दे तो उस अवस्था को फालीज, पक्षाघात या फिर लकवा कहते है। अगर पैरालिसिस अटैक शरीर के एक तरफ के हिस्सा पर हुआ है तो इसे अधरंग कहते है जिसमे शरीर का आधा हिस्सा काम करना बंद कर देता है। इस लेख में हम जानेंगे लकवा का उपचार घरेलु उपाय और आयुर्वेदिक नुस्खे अपना कर कैसे करे, paralysis attack treatment in hindi. लकवा किसी भी उम्र में किसी भी व्यक्ति या महिला को हो सकता है पर अधिकतर ये ज़्यादा उम्र के लोगों में देखा जाता है। इस बीमारी से उबरने में काफी समय लग सकता है और कई बार ये लाइलाज रोग बन जाता है। • जाने बीपी हाई और लो होने के कारण लकवा के लक्षण क्या है : Paralysis Symptoms Contents • • • • • • सिर दर्द होना, चक्कर आना या फिर ...