Pregnancy me sardi ho to kya kare

  1. गर्भावस्था में कब्ज (Constipation) का इलाज व घरेलू उपचार
  2. sardi meri baby girl ko sardi hai kya kare 8 month ki hai
  3. पैरों में सूजन के क्या क्या कारण हो सकते हैं, इससे कैसे बचें
  4. सर्दी जुकाम के घरेलू उपाय और नुस्खे
  5. सिर दर्द के मुख्य कारण और बिना दवा के इलाज.


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गर्भावस्था में कब्ज (Constipation) का इलाज व घरेलू उपचार

Image: Shutterstock गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कब्ज होना आम बात है। ऐसा शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण होता है। हालांकि, इस समस्या से संतुलित भोजन व अच्छी जीवनशैली से निपटा जा सकता है, लेकिन कब्ज अधिक होने पर कई परेशानियां हो सकती हैं। इससे महिला के लिए गर्भावस्था काल कष्टदायक साबित हो सकता है। मॉमजंक्शन के इस आर्टिकल में हम गर्भावस्था में कब्ज के कारण, लक्षण व घरेलू उपचार के बारे में विस्तार से बताएंगे। गर्भावस्था में कब्ज की समस्या कब होती है? शरीर में जैसे ही प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का स्तर अधिक होता है, कब्ज की समस्या शुरू हो जाती है। ऐसा दूसरे या तीसरे महीने में होता है। फिर जैसे-जैसे गर्भाशय का आकार बढ़ता है, कब्ज की समस्या भी बढ़ने लगती है आगे हम बता रहे हैं कि गर्भवती महिला को किन कारणों से कब्ज हो सकती है। गर्भावस्था में कब्ज होने के कारण गर्भावस्था में निम्नलिखित कारणों से कब्ज की समस्या हो सकती है • हार्मोन में बदलाव : गर्भावस्था के दौरान कब्ज का सबसे अहम कारण प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का बढ़ना है। • आहार में फाइबर का कम होना : अगर गर्भवती महिला अपने भोजन में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल नहीं करती है, तो कब्ज हो सकती है। फाइबर पाचन तंत्र को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है। • पानी की कमी : प्रतिदिन कम मात्रा में पानी पीने से भी कब्ज हो सकती है। साथ ही पहली तिमाही में मॉर्निंग सिकनेस के कारण भी डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है, जो कब्ज का कारण बनती है। • कम शारीरिक गतिविधि : बेशक, गर्भावस्था में महिला के स्वभाव में बदलाव होता है और कई बार थकान भी महसूस होती है, लेकिन रोज कुछ देर की सैर भी जरूरी है। इससे खाना हजम होता है और पेट आराम से साफ हो जाता है।...

sardi meri baby girl ko sardi hai kya kare 8 month ki hai

hi Utvashi Satpute ! kya aapke bacche ko jhukam aur khansi dono hai? agar sirf jhukaam hai to nose mai nasal saline drops ka istamaal kijiye. magar agar khansi bhi hai to sarson ke tel mai lehsun garam karey aur usey feet ke sole par massage karey. aap bachey ko thoda ajwain ka paani ubaal aur chaan kar bhi de saktey hai.

पैरों में सूजन के क्या क्या कारण हो सकते हैं, इससे कैसे बचें

आज के समय में लोगों की दिनचर्या ही उनके पैरों में सूजन का कारण बन रही है बहुत ज्यादा शारीरिक श्रम करना या बिल्कुल भी शारीरिक श्रम ना करना। आज के समय में लोग अपने शरीर को चीजों के ऊपर इतना निर्भर करते जा रहे है जो आने वाले समय में उनके लिए एक बड़ी मुसीबत बन सकता है। पैरों में सूजन कई प्रकार की होती है यह पहले तो आपके पंजो से शुरू होती है, उसके बाद उंगलियों में होने लगती है। लेकिन कुछ लोगों को यह समस्या पैरों की उंगलियों से शुरू होकर उनके पंजो टखने और पिंडली तक में होने लगती है। ये किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है। पैरों में सूजन क्या है? (What is feet swelling  in Hindi) इंसान के शरीर में कई तरह की à¤...

सर्दी जुकाम के घरेलू उपाय और नुस्खे

सर्दी जुकाम को ठीक करने का कोई सटीक उपाय नहीं है। हालाँकि ये बात सही भी है कि इसका इलाज हमेशा भी नहीं किया जा सकता क्योंकि इलाज जुकाम से संबंधित लक्षणों के अनुसार किया जाता है। सर्दीजुकाम एक तरह का संक्रमण है जो कई तरह के वाइरस के कारण होता है। सर्दीजुकाम के कुछ सामान्य कारण जैसे (और पढ़ें- तो आइये आपको बताते हैं ऐसे कुछ घरेलू उपाय जिनके इस्तेमाल करने से आपको किसी भी तरह का नुकसान नहीं होगा। • • • • • • • • • • • • • • • • • • सामग्री– • 1/2 चम्मच दालचीनी पाउडर। • 1 चम्मच शहद। विधि– • दालचीनी को शहद के साथ मिला लें। • मिलाने के बाद इसे खा जाएँ। दालचीनी का इस्तेमाल कब तक करें– इस प्रक्रिया को पूरे दिन में दो बार ज़रूर दोहराएं। दालचीनी के फायदेसर्दी जुकाम के लिए– दालचीनी में एंटीवाइरल और सूजनरोधी गुण होते हैं जो संक्रमण और सर्दीजुकाम के लक्षणों का इलाज करने में मदद करते हैं। (और पढ़ें - बचपन में अक्सर जब हमें बुखार हो जाता था तो मम्मी अक्सर हमें सिकी हुई किशमिश देती थी, ताकि मुंह का स्वाद भी अच्छा हो जाए और बुखार से लड़ने के लिए शरीर को ताक़त भी मिले। (और पढ़ें – सर्दी के घरेलू उपाय में भी किशमिश का नाम शामिल है। ना केवल स्कूल जाने वाले बच्चों बल्कि बड़ों के लिए भी यह अच्छा उपाय है। प्रयोग के लिए किशमिश को तवे पर थोड़ा नमक डालकर सेंके। ठंडा होने के बाद इसका सेवन करें। इस घरेलू नुस्खे से ना केवल आपका वायरल इन्फेक्शन ठीक होगा बल्कि गले को भी आराम मिलेगा। उपर बताए गये पाँचो उपाय करने में काफ़ी आसान हैं। यह चीज़े आपको आसानी से अपने ही घर में मिल जाएंगी, आपको इसके लिए बाजार जाने की भी ज़रूरत शायद ही पड़ेगी, क्योकि यह चीज़ें अक्सर घर में ही मौजूद होती हैं। जब भी आपकी सर्दी बहुत ज़्या...

सिर दर्द के मुख्य कारण और बिना दवा के इलाज.

सर दर्द का इलाज – sir dard ka ilaj अक्सर ही लोग सर दर्द से परेशान रहते हैं. मगर वो इस बात को जाने बिना ही कि उनको सर दर्द क्यूँ हो रहा है, सीधे सीधे pain किलर उठा कर खा लेते हैं. ऐसे में pain किलर का सेवन अत्यंत खतरनाक है. सिर दर्द का असल कारण पता होना चाहिए और उस कारण की ही दवा करनी चाहिए. अन्यथा भयंकर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. आज हम आपको यही बताने जा रहें हैं के सिर दर्द किन विशेष कारणों के कारण से होता है. आइये जाने सिर दर्द के कारण. सिर दर्द, ललाट, कनपटियों, सिर के पीछे के भाग, ऊपर के हिस्से, सारे सिर में कहीं भी हो सकता है. सिरदर्द कुछ बिमारियों में तो एक लक्षण मात्र होता है, जैसे – ज्वर, फ्लू, माता आदि में. कभी स्वतंत्र रूप से केवल सिर दर्द होता है. ऐसा सिरदर्द स्वयं एक रोग है. मगर सिरदर्द की सीधे सीधे गोली खाने से बचना चाहिए और पहले इनके कारणों का पता होना चाहिए. सिरदर्द के मुख्य कारण – sir dard ka karan • मस्तिष्क की शिराओं में रक् संचय होने से सिरदर्द होता है. अर्थात ब्लड क्लोटिंग भी एक कारण है. ऐसे में गोली खाना बेहद खतरनाक है. अगर हमेशा सिरदर्द रहता हो तो इसकी जांच ज़रूर करवा लेनी चाहिए. • ब्लड प्रेशर की वृद्धि होने से लगातार सिरदर्द रहने का लक्षण रहता है. और ब्लड प्रेशर कम रहने से मस्तिष्क को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती जो भी एक कारण है सिरदर्द का. तो ऐसे में पहले ब्लड प्रेशर की जांच अवश्य करवा लेनी चाहिए. • क्रोध आदि तीव्र मानसिक आवेश से कपाल की धमनियों में शैथिल्य होकर सिरदर्द होता है. चिंता से चेहरे और कपाल की मांस पेशियों में तनाव बढ़ जाने से सिरदर्द रहता है जो पिछले भाग में होता है. • ज्वरों में सिरदर्द मस्तिष्क आवरणगत धमनियों के फ़ैल जाने से होता है. • नींद कम आन...