सबसे बड़ा वेद कौन सा है

  1. वेद का दूसरा नाम क्या है?
  2. सबसे बड़ा वेद कौन सा है जाने खासियत
  3. [Solved] सबसे पुराना वेद कौन सा है?
  4. Sabse Purana Ved Kaun Sa Hai
  5. वेद का दूसरा नाम क्या है?
  6. Sabse Purana Ved Kaun Sa Hai
  7. [Solved] सबसे पुराना वेद कौन सा है?
  8. सबसे बड़ा वेद कौन सा है जाने खासियत
  9. सबसे बड़ा वेद कौन सा है जाने खासियत
  10. Sabse Purana Ved Kaun Sa Hai


Download: सबसे बड़ा वेद कौन सा है
Size: 74.36 MB

वेद का दूसरा नाम क्या है?

वहीं यदि हम इन वेदों की उत्पत्ति के ऊपर ध्यान दें तब हमें ये जानने को मिलेगा की असल में इन वेदों को किसी इंसान द्वारा नहीं लिखा गया है. यही कारण है की इन्हें “अपौरुषेय ( Apaurusheya)” भी कहा जाता है. इसलिए बहुत से जानकारों का मानना है की वेद मानव जाती की शुरुआती पुस्तकें में गिनी जाती हैं और इन्हें विश्व साहित्य में अद्वितीय स्थान भी प्रदान किया गया है. तो फिर आज के इस आर्टिकल में हम ये जानेंगे की वेद को किस दूसरे नाम से जाना जाता है। वेदों के रचयिता कौन है? वेद का दूसरा नाम क्या होता है? वेद का दूसरा नाम है “ श्रुति“. श्रुति का अर्थ होता है सुनना. क्योंकि वेद सृष्टि के सृजनहार ब्रह्म जी के द्वारा ऋषि, मुनियों को सुनाए गए ज्ञान पर आधारित है. यही कारण है की इसे श्रुति के नाम से भी जाना जाता है. वहीं बाद में इसे ऋषि और मुनियों द्वारा लिपिबद्ध कराया गया है। 1. ऋग्वेद 2. यजुर्वेद 3. सामवेद 4. अथर्ववेद इन सभी वेदों का संकलन महर्षि कृष्ण व्यास द्वैपाजन जी ने किया था। वेद का अर्थ क्या है? वेद का असल अर्थ है होता है ज्ञान. पूरे संसार को इन वेदों में बतायी गयी शिक्षा से ही ज्ञान प्राप्त हुआ है. इसलिए हम वेद को ज्ञान का भंडार भी कह सकते हैं. दरअसल ‘वेद’ शब्‍द की उत्‍पत्‍ति संस्‍कृत भाषा के ‘विद्’ धातु से हुई है. इस प्रकार वेद का शाब्‍दिक अर्थ है ‘ज्ञान के ग्रंथ’। • • इसी ‘विद्’ धातु से ‘विद्वान’ (ज्ञानी), ‘विद्या’ (ज्ञान) और ‘विदित’ (जाना हुआ) शब्‍द की उत्‍पत्‍ति भी हुई है. कुल मिलाकर ‘वेद’ का अर्थ है ‘ जानने योग्‍य ज्ञान के ग्रंथ‘। वेद की परिभाषा वेद सबसे पुराने हिंदू पवित्र ग्रंथ हैं, जिन्हें की कई लोगों द्वारा सभी ग्रंथों का मूल भी माना जाता है. ये सबसे पुराने ज्ञात ग्रंथ भी हैं ...

सबसे बड़ा वेद कौन सा है जाने खासियत

अनुक्रम • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • वेद कितने प्रकार के होते हैं दोस्तों सबसे बड़ा वेद जाने से पहले आपको यह जानना जरूरी है कि वेद कितने प्रकार के होते है वेद चार प्रकार के होते हैं जैसे ; 1. ऋग्वेद ऋक का अर्थ स्थिति और ज्ञान होता है। ऋग्वेद पहला वेद है जो श्लोक है। इसके 10 अध्याय में 1028 सूक्त हैं, जिनमें 11 हजार मंत्र हैं। इस वेद की 5 शाखाएँ हैं: शाकल्प, वास्कल, अश्वलायन, शंखयान, मंडुकायन। ऋग्वेद के ऋचाओं में देवताओं की प्रार्थना, स्तुति का वर्णन और देवलोक की स्थिति शामिल है। इसमें जल चिकित्सा, वायु चिकित्सा, सूर्य चिकित्सा, मानसिक चिकित्सा और हवन द्वारा उपचार आदि की जानकारी भी उपलब्ध है। ऋग्वेद के दसवें मण्डल में औषध सूक्त अर्थात औषधियों का उल्लेख है। इसमें औषधियों की संख्या लगभग 125 बताई गई है, जो 107 स्थानों पर पाई जाती है। चिकित्सा में सोम का विशेष वर्णन मिलता है। ऋग्वेद में च्यवन ऋषि के पुनर्जन्म की भी कथा है। 2. यजुर्वेद यजुर्वेद का शब्दार्थ यत् + जू = यजु। यत् का अर्थ है गतिशील और जू का अर्थ है आकाश होता है। यजुर्वेद में यज्ञ अनुष्ठान और यज्ञों के प्रयुक्त मंत्र शामिल हैं। यज्ञ के अतिरिक्त तत्त्वज्ञान (रहस्यमय ज्ञान।) का भी वर्णन है। ब्रह्म, आत्मा, ईश्वर और पदार्थ का ज्ञान। यज्ञ की वास्तविक प्रक्रिया के लिए गद्य मंत्र शामिल हैं। इस वेद की दो शाखाएं हैं, शुक्ल और कृष्ण। कृष्ण: – वैशम्पायन ऋषि कृष्ण से संबंधित हैं। कृष्ण की चार शाखाएं हैं। शुक्ल : –शुक्ल ऋषि याज्ञवल्क्य से संबंधित हैं। शुक्ल की दो शाखाएँ हैं। इसमें 40 अध्याय हैं। यजुर्वेद के एक मन्त्र में बृहधन्यास का वर्णन मिलता है। इसके अलावा दिव्य वैद्य और कृषि विज्ञान का विषय भी इसमें मौजूद है। 3. ...

[Solved] सबसे पुराना वेद कौन सा है?

सही उत्तर ऋग्वेद है। Key Points • वेद • वेद भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे पुराना जीवित साहित्य है। • चार वेद हैं: ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद। • इनमें से ऋग्वेद सबसे पुराना है और इसकी रचना लगभग 3500 वर्ष पूर्व हुई थी। अत: विकल्प 4 सही है। • अन्य सभी वेद इस पर आधारित हैं और इसमें बड़ी मात्रा में विभिन्न भजन शामिल हैं। • इसमें विभिन्न द्रष्टाओं के एक हजार ऐसे भजन शामिल हैं, प्रत्येक भजन औसतन लगभग दस छंद हैं। • ऋग्वेद संस्कृत या किसी इंडो-यूरोपीय भाषा की सबसे पुरानी किताब भी है। Additional Information • ऋग्वेद: • सबसे प्राचीन वेद ऋग्वेद है। इसमें 1028 सूक्त हैं जिन्हें 'सूक्त' कहा जाता है और यह 'मंडल' नामक 10 पुस्तकों का संग्रह है। • यह वेद का सबसे पुराना रूप है और सबसे पुराना ज्ञात वैदिक संस्कृत पाठ (1800 - 1100 ईसा पूर्व) है। • 'ऋग्वेद' शब्द का अर्थ है स्तुति ज्ञान • इसमें 10600 श्लोक हैं • भजन बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले मीटर गायत्री, अनुष्ठुभ, त्रिष्टुभ और जगती (त्रिष्टुभ और गायत्री सबसे महत्वपूर्ण हैं) हैं। • सामवेद: • धुनों और मंत्रों के वेद के रूप में जाना जाने वाला सामवेद 1200-800 ईसा पूर्व का है। इस वेद का संबंध लोक पूजा से है। • 1549 श्लोक हैं (75 श्लोकों को छोड़कर सभी ऋग्वेद से लिए गए हैं) • सामवेद में दो उपनिषद सन्निहित हैं - छान्दोग्य उपनिषद और केना उपनिषद • सामवेद को भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य का मूल माना जाता है • इसे मधुर मंत्रों का भण्डार माना जाता है • यजुर्वेद: • 'पूजा ज्ञान' का अर्थ है, यजुर्वेद 1100-800 ईसा पूर्व का है; सामवेद के अनुरूप। यह अनुष्ठान-अर्पण मंत्रों / मंत्रों का संकलन करता है। ये मंत्र पुजारी द्वारा एक ऐसे व्यक्ति के साथ पेश क...

Sabse Purana Ved Kaun Sa Hai

सनातन हिन्दू धर्म का मूलाधार वेद है। वेदों से ही मनुष्य को जीवन जीने की राह मिली है। वेद शब्द का निर्माण संस्कृत भाषा के विद धातु से हुआ है, जिसका अर्थ है ज्ञान। इस प्रकार वेद कर अर्थ “ज्ञान” होता है। माना जाता है, कि वेदों का निर्माण ईश्वर द्वारा किया गया है। परमात्मा द्वारा सबसे पहले ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेदका ज्ञान क्रमशः अग्नि, वायु, आदित्य और अंगिरा ऋषियों को प्रदान किया था और उन महर्षियों ने ब्रह्मा जी को यह ज्ञान दिया। इस लेख में हम जानेंगे कि Sabse Purana Ved Kaun Sa Hai – सबसे पुराना वेद कौन सा है? सबसे पुराना वेद कौन सा है (Sabse Purana Ved Kaun Sa Hai) सबसे पुराना वेद ऋग्वेद है। यह सबसे प्रथम वेद है जिसमे देवताओं का वर्णन है और उनकी स्तुति की विधि लिखी है। इसमेंमण्डलों की संख्या 10, 1028 सूक्त और 10,462मंत्र हैं। यज्ञ के समय देवताओं के आह्वान के लियेमंत्र दिए गएहैं। इतिहासकारों के अनुसार ऋग्वेद हिन्द व यूरोपियन भाषा क्षेत्र की पहली रचना है। यह ग्रन्थ इतने प्राचीन होकर भी वर्तमान समय में अपनी मान्यता बनाए हुए है। ऋग्वेद की विशेष बातें – ऋग्वेद की कुछ विशेष बातें निम्नलिखित है- • ॠग्वेद में 10 मण्डल, 1028 सूक्त और 10580 ऋचाएं हैं। • वर्तमान में उपलब्ध विश्व का सबसे प्राचीन ग्रन्थ है। • इसमें हिन्दू धर्म के 33 प्रकार के देवी- देवताओं का वर्णन है। • इन्द्र को सर्वमान्य व शक्तिशाली देवता माना गया है। • ऋग्वेद केनासदीय सूक्तमेंनिर्गुण ब्रह्मका वर्णन है। • ऋग्वेद में छोटी-बड़ी 25 नदियों का उल्लेख मिलता है। सबसे पवित्र सरस्वती नदी को बताया है और सिन्धु नदी को अधिक महत्व दिया गया है। यमुना नदी का 3 बार व गंगा का 1 बार उल्लेख किया गया है। • ऋग्वेद में कुछ कन्या...

वेद का दूसरा नाम क्या है?

वहीं यदि हम इन वेदों की उत्पत्ति के ऊपर ध्यान दें तब हमें ये जानने को मिलेगा की असल में इन वेदों को किसी इंसान द्वारा नहीं लिखा गया है. यही कारण है की इन्हें “अपौरुषेय ( Apaurusheya)” भी कहा जाता है. इसलिए बहुत से जानकारों का मानना है की वेद मानव जाती की शुरुआती पुस्तकें में गिनी जाती हैं और इन्हें विश्व साहित्य में अद्वितीय स्थान भी प्रदान किया गया है. तो फिर आज के इस आर्टिकल में हम ये जानेंगे की वेद को किस दूसरे नाम से जाना जाता है। वेदों के रचयिता कौन है? वेद का दूसरा नाम क्या होता है? वेद का दूसरा नाम है “ श्रुति“. श्रुति का अर्थ होता है सुनना. क्योंकि वेद सृष्टि के सृजनहार ब्रह्म जी के द्वारा ऋषि, मुनियों को सुनाए गए ज्ञान पर आधारित है. यही कारण है की इसे श्रुति के नाम से भी जाना जाता है. वहीं बाद में इसे ऋषि और मुनियों द्वारा लिपिबद्ध कराया गया है। 1. ऋग्वेद 2. यजुर्वेद 3. सामवेद 4. अथर्ववेद इन सभी वेदों का संकलन महर्षि कृष्ण व्यास द्वैपाजन जी ने किया था। वेद का अर्थ क्या है? वेद का असल अर्थ है होता है ज्ञान. पूरे संसार को इन वेदों में बतायी गयी शिक्षा से ही ज्ञान प्राप्त हुआ है. इसलिए हम वेद को ज्ञान का भंडार भी कह सकते हैं. दरअसल ‘वेद’ शब्‍द की उत्‍पत्‍ति संस्‍कृत भाषा के ‘विद्’ धातु से हुई है. इस प्रकार वेद का शाब्‍दिक अर्थ है ‘ज्ञान के ग्रंथ’। • • इसी ‘विद्’ धातु से ‘विद्वान’ (ज्ञानी), ‘विद्या’ (ज्ञान) और ‘विदित’ (जाना हुआ) शब्‍द की उत्‍पत्‍ति भी हुई है. कुल मिलाकर ‘वेद’ का अर्थ है ‘ जानने योग्‍य ज्ञान के ग्रंथ‘। वेद की परिभाषा वेद सबसे पुराने हिंदू पवित्र ग्रंथ हैं, जिन्हें की कई लोगों द्वारा सभी ग्रंथों का मूल भी माना जाता है. ये सबसे पुराने ज्ञात ग्रंथ भी हैं ...

Sabse Purana Ved Kaun Sa Hai

सनातन हिन्दू धर्म का मूलाधार वेद है। वेदों से ही मनुष्य को जीवन जीने की राह मिली है। वेद शब्द का निर्माण संस्कृत भाषा के विद धातु से हुआ है, जिसका अर्थ है ज्ञान। इस प्रकार वेद कर अर्थ “ज्ञान” होता है। माना जाता है, कि वेदों का निर्माण ईश्वर द्वारा किया गया है। परमात्मा द्वारा सबसे पहले ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेदका ज्ञान क्रमशः अग्नि, वायु, आदित्य और अंगिरा ऋषियों को प्रदान किया था और उन महर्षियों ने ब्रह्मा जी को यह ज्ञान दिया। इस लेख में हम जानेंगे कि Sabse Purana Ved Kaun Sa Hai – सबसे पुराना वेद कौन सा है? सबसे पुराना वेद कौन सा है (Sabse Purana Ved Kaun Sa Hai) सबसे पुराना वेद ऋग्वेद है। यह सबसे प्रथम वेद है जिसमे देवताओं का वर्णन है और उनकी स्तुति की विधि लिखी है। इसमेंमण्डलों की संख्या 10, 1028 सूक्त और 10,462मंत्र हैं। यज्ञ के समय देवताओं के आह्वान के लियेमंत्र दिए गएहैं। इतिहासकारों के अनुसार ऋग्वेद हिन्द व यूरोपियन भाषा क्षेत्र की पहली रचना है। यह ग्रन्थ इतने प्राचीन होकर भी वर्तमान समय में अपनी मान्यता बनाए हुए है। ऋग्वेद की विशेष बातें – ऋग्वेद की कुछ विशेष बातें निम्नलिखित है- • ॠग्वेद में 10 मण्डल, 1028 सूक्त और 10580 ऋचाएं हैं। • वर्तमान में उपलब्ध विश्व का सबसे प्राचीन ग्रन्थ है। • इसमें हिन्दू धर्म के 33 प्रकार के देवी- देवताओं का वर्णन है। • इन्द्र को सर्वमान्य व शक्तिशाली देवता माना गया है। • ऋग्वेद केनासदीय सूक्तमेंनिर्गुण ब्रह्मका वर्णन है। • ऋग्वेद में छोटी-बड़ी 25 नदियों का उल्लेख मिलता है। सबसे पवित्र सरस्वती नदी को बताया है और सिन्धु नदी को अधिक महत्व दिया गया है। यमुना नदी का 3 बार व गंगा का 1 बार उल्लेख किया गया है। • ऋग्वेद में कुछ कन्या...

[Solved] सबसे पुराना वेद कौन सा है?

सही उत्तर ऋग्वेद है। Key Points • वेद • वेद भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे पुराना जीवित साहित्य है। • चार वेद हैं: ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद। • इनमें से ऋग्वेद सबसे पुराना है और इसकी रचना लगभग 3500 वर्ष पूर्व हुई थी। अत: विकल्प 4 सही है। • अन्य सभी वेद इस पर आधारित हैं और इसमें बड़ी मात्रा में विभिन्न भजन शामिल हैं। • इसमें विभिन्न द्रष्टाओं के एक हजार ऐसे भजन शामिल हैं, प्रत्येक भजन औसतन लगभग दस छंद हैं। • ऋग्वेद संस्कृत या किसी इंडो-यूरोपीय भाषा की सबसे पुरानी किताब भी है। Additional Information • ऋग्वेद: • सबसे प्राचीन वेद ऋग्वेद है। इसमें 1028 सूक्त हैं जिन्हें 'सूक्त' कहा जाता है और यह 'मंडल' नामक 10 पुस्तकों का संग्रह है। • यह वेद का सबसे पुराना रूप है और सबसे पुराना ज्ञात वैदिक संस्कृत पाठ (1800 - 1100 ईसा पूर्व) है। • 'ऋग्वेद' शब्द का अर्थ है स्तुति ज्ञान • इसमें 10600 श्लोक हैं • भजन बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले मीटर गायत्री, अनुष्ठुभ, त्रिष्टुभ और जगती (त्रिष्टुभ और गायत्री सबसे महत्वपूर्ण हैं) हैं। • सामवेद: • धुनों और मंत्रों के वेद के रूप में जाना जाने वाला सामवेद 1200-800 ईसा पूर्व का है। इस वेद का संबंध लोक पूजा से है। • 1549 श्लोक हैं (75 श्लोकों को छोड़कर सभी ऋग्वेद से लिए गए हैं) • सामवेद में दो उपनिषद सन्निहित हैं - छान्दोग्य उपनिषद और केना उपनिषद • सामवेद को भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य का मूल माना जाता है • इसे मधुर मंत्रों का भण्डार माना जाता है • यजुर्वेद: • 'पूजा ज्ञान' का अर्थ है, यजुर्वेद 1100-800 ईसा पूर्व का है; सामवेद के अनुरूप। यह अनुष्ठान-अर्पण मंत्रों / मंत्रों का संकलन करता है। ये मंत्र पुजारी द्वारा एक ऐसे व्यक्ति के साथ पेश क...

सबसे बड़ा वेद कौन सा है जाने खासियत

अनुक्रम • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • वेद कितने प्रकार के होते हैं दोस्तों सबसे बड़ा वेद जाने से पहले आपको यह जानना जरूरी है कि वेद कितने प्रकार के होते है वेद चार प्रकार के होते हैं जैसे ; 1. ऋग्वेद ऋक का अर्थ स्थिति और ज्ञान होता है। ऋग्वेद पहला वेद है जो श्लोक है। इसके 10 अध्याय में 1028 सूक्त हैं, जिनमें 11 हजार मंत्र हैं। इस वेद की 5 शाखाएँ हैं: शाकल्प, वास्कल, अश्वलायन, शंखयान, मंडुकायन। ऋग्वेद के ऋचाओं में देवताओं की प्रार्थना, स्तुति का वर्णन और देवलोक की स्थिति शामिल है। इसमें जल चिकित्सा, वायु चिकित्सा, सूर्य चिकित्सा, मानसिक चिकित्सा और हवन द्वारा उपचार आदि की जानकारी भी उपलब्ध है। ऋग्वेद के दसवें मण्डल में औषध सूक्त अर्थात औषधियों का उल्लेख है। इसमें औषधियों की संख्या लगभग 125 बताई गई है, जो 107 स्थानों पर पाई जाती है। चिकित्सा में सोम का विशेष वर्णन मिलता है। ऋग्वेद में च्यवन ऋषि के पुनर्जन्म की भी कथा है। 2. यजुर्वेद यजुर्वेद का शब्दार्थ यत् + जू = यजु। यत् का अर्थ है गतिशील और जू का अर्थ है आकाश होता है। यजुर्वेद में यज्ञ अनुष्ठान और यज्ञों के प्रयुक्त मंत्र शामिल हैं। यज्ञ के अतिरिक्त तत्त्वज्ञान (रहस्यमय ज्ञान।) का भी वर्णन है। ब्रह्म, आत्मा, ईश्वर और पदार्थ का ज्ञान। यज्ञ की वास्तविक प्रक्रिया के लिए गद्य मंत्र शामिल हैं। इस वेद की दो शाखाएं हैं, शुक्ल और कृष्ण। कृष्ण: – वैशम्पायन ऋषि कृष्ण से संबंधित हैं। कृष्ण की चार शाखाएं हैं। शुक्ल : –शुक्ल ऋषि याज्ञवल्क्य से संबंधित हैं। शुक्ल की दो शाखाएँ हैं। इसमें 40 अध्याय हैं। यजुर्वेद के एक मन्त्र में बृहधन्यास का वर्णन मिलता है। इसके अलावा दिव्य वैद्य और कृषि विज्ञान का विषय भी इसमें मौजूद है। 3. ...

सबसे बड़ा वेद कौन सा है जाने खासियत

अनुक्रम • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • वेद कितने प्रकार के होते हैं दोस्तों सबसे बड़ा वेद जाने से पहले आपको यह जानना जरूरी है कि वेद कितने प्रकार के होते है वेद चार प्रकार के होते हैं जैसे ; 1. ऋग्वेद ऋक का अर्थ स्थिति और ज्ञान होता है। ऋग्वेद पहला वेद है जो श्लोक है। इसके 10 अध्याय में 1028 सूक्त हैं, जिनमें 11 हजार मंत्र हैं। इस वेद की 5 शाखाएँ हैं: शाकल्प, वास्कल, अश्वलायन, शंखयान, मंडुकायन। ऋग्वेद के ऋचाओं में देवताओं की प्रार्थना, स्तुति का वर्णन और देवलोक की स्थिति शामिल है। इसमें जल चिकित्सा, वायु चिकित्सा, सूर्य चिकित्सा, मानसिक चिकित्सा और हवन द्वारा उपचार आदि की जानकारी भी उपलब्ध है। ऋग्वेद के दसवें मण्डल में औषध सूक्त अर्थात औषधियों का उल्लेख है। इसमें औषधियों की संख्या लगभग 125 बताई गई है, जो 107 स्थानों पर पाई जाती है। चिकित्सा में सोम का विशेष वर्णन मिलता है। ऋग्वेद में च्यवन ऋषि के पुनर्जन्म की भी कथा है। 2. यजुर्वेद यजुर्वेद का शब्दार्थ यत् + जू = यजु। यत् का अर्थ है गतिशील और जू का अर्थ है आकाश होता है। यजुर्वेद में यज्ञ अनुष्ठान और यज्ञों के प्रयुक्त मंत्र शामिल हैं। यज्ञ के अतिरिक्त तत्त्वज्ञान (रहस्यमय ज्ञान।) का भी वर्णन है। ब्रह्म, आत्मा, ईश्वर और पदार्थ का ज्ञान। यज्ञ की वास्तविक प्रक्रिया के लिए गद्य मंत्र शामिल हैं। इस वेद की दो शाखाएं हैं, शुक्ल और कृष्ण। कृष्ण: – वैशम्पायन ऋषि कृष्ण से संबंधित हैं। कृष्ण की चार शाखाएं हैं। शुक्ल : –शुक्ल ऋषि याज्ञवल्क्य से संबंधित हैं। शुक्ल की दो शाखाएँ हैं। इसमें 40 अध्याय हैं। यजुर्वेद के एक मन्त्र में बृहधन्यास का वर्णन मिलता है। इसके अलावा दिव्य वैद्य और कृषि विज्ञान का विषय भी इसमें मौजूद है। 3. ...

Sabse Purana Ved Kaun Sa Hai

सनातन हिन्दू धर्म का मूलाधार वेद है। वेदों से ही मनुष्य को जीवन जीने की राह मिली है। वेद शब्द का निर्माण संस्कृत भाषा के विद धातु से हुआ है, जिसका अर्थ है ज्ञान। इस प्रकार वेद कर अर्थ “ज्ञान” होता है। माना जाता है, कि वेदों का निर्माण ईश्वर द्वारा किया गया है। परमात्मा द्वारा सबसे पहले ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेदका ज्ञान क्रमशः अग्नि, वायु, आदित्य और अंगिरा ऋषियों को प्रदान किया था और उन महर्षियों ने ब्रह्मा जी को यह ज्ञान दिया। इस लेख में हम जानेंगे कि Sabse Purana Ved Kaun Sa Hai – सबसे पुराना वेद कौन सा है? सबसे पुराना वेद कौन सा है (Sabse Purana Ved Kaun Sa Hai) सबसे पुराना वेद ऋग्वेद है। यह सबसे प्रथम वेद है जिसमे देवताओं का वर्णन है और उनकी स्तुति की विधि लिखी है। इसमेंमण्डलों की संख्या 10, 1028 सूक्त और 10,462मंत्र हैं। यज्ञ के समय देवताओं के आह्वान के लियेमंत्र दिए गएहैं। इतिहासकारों के अनुसार ऋग्वेद हिन्द व यूरोपियन भाषा क्षेत्र की पहली रचना है। यह ग्रन्थ इतने प्राचीन होकर भी वर्तमान समय में अपनी मान्यता बनाए हुए है। ऋग्वेद की विशेष बातें – ऋग्वेद की कुछ विशेष बातें निम्नलिखित है- • ॠग्वेद में 10 मण्डल, 1028 सूक्त और 10580 ऋचाएं हैं। • वर्तमान में उपलब्ध विश्व का सबसे प्राचीन ग्रन्थ है। • इसमें हिन्दू धर्म के 33 प्रकार के देवी- देवताओं का वर्णन है। • इन्द्र को सर्वमान्य व शक्तिशाली देवता माना गया है। • ऋग्वेद केनासदीय सूक्तमेंनिर्गुण ब्रह्मका वर्णन है। • ऋग्वेद में छोटी-बड़ी 25 नदियों का उल्लेख मिलता है। सबसे पवित्र सरस्वती नदी को बताया है और सिन्धु नदी को अधिक महत्व दिया गया है। यमुना नदी का 3 बार व गंगा का 1 बार उल्लेख किया गया है। • ऋग्वेद में कुछ कन्या...