Schizophrenia ke lakshan in hindi

  1. कुष्ठ रोग के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव
  2. माइग्रेन के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज
  3. सिजोफ्रेनिया (मनोविदलता) के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय
  4. टाइफाइड बुखार के लक्षण, कारण, निदान, इलाज और घरेलू उपचार
  5. डेंगू: कारण, लक्षण, निदान और उपचार
  6. साइटिका क्या है कारण, लक्षण, इलाज और बचाव
  7. गर्भ में लड़का होने के क्या लक्षण हैं?
  8. मनोविदलता


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कुष्ठ रोग के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव

कुष्ठ रोग (leprosy) एक संक्रामक बीमारी है जो धीमी गति से विकसित होने वाले बैक्टीरिया माकोबैक्टीरियम लेप्री (Mycobacterium leprae) के कारण होता है। कुष्ठ रोग को हैनसेन रोग (Hansen’s disease) भी कहा जाता है क्योंकि इसी नाम के वैज्ञानिक ने 1873 में कुष्ठ रोग का पता लगाया था। आज आप जानेंगे कुष्ठ रोग के कारण, लक्षण, इसकी पहचान, यह रोग कैसे फैलता है और कुष्ठ रोग की बीमारी का इलाज क्या है और कुष्ठ रोग से बचाव के बारे में। कुष्ठ रोग का बैक्टीरिया छड़ी के आकार(rod-shaped) का होता है। कुष्ठ रोग सिर्फ त्वचा को ही नहीं बल्कि यह नसों (nerves) की सतह, ऊपरी श्वास नलिका और आंखों को भी प्रभावित करता है। यदि इस रोग का इलाज न किया जाए तो स्नायु कमजोर, त्वचा भद्दी, स्थायी रूप से नसें क्षतिग्रस्त हो सकती हैं और पैरों में सनसनाहट (sensation) खत्म होकर सुन्नता उत्पन्न हो सकती है। 1. 2. 3. 4. 5. कुष्ठ रोग होने के कारण – Causes of leprosy in Hindi kushtarog ke karan in hindi कुष्ठरोग आमतौर पर दो प्रकार का होता है। ट्यूबरकुलॉयड पहले प्रकार का कुष्ठ रोग और लैप्रोमैटस दूसरे प्रकार का कुष्ठ रोग है। दूसरे प्रकार का कुष्ठरोग अधिक घातक होता है और इसके कारण शरीर की त्वचा में बड़े-बड़े उभार और गांठे बन जाती हैं। कुष्ठरोग संक्रामक बीमारी है इसलिए यह छींक और कुष्ठ रोग के जोखिम इस प्रकार हैं- • अधिक भीड़ भाड़ वाली जगहों पर यह बीमारी दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है। • कुपोषण (malnutrition) के कारण भी कुष्ठ रोग हो सकता है। • लंबे समय तक एक ही बिस्तर और चादर का उपयोग करने से भी यह बीमारी हो सकती है। • खुले हुए स्थानों पर स्नान करने से भी यह बीमारी हो सकती है। • खुले जल निकायों में नहाने से भी कुष्ठ रोग होने का जोख...

माइग्रेन के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज

माइग्रेन को लगातार बहुत तेज सिरदर्द के रूप में वर्णित किया जाता है जो सिर के केवल एक तरफ को प्रभावित करता है। यह आमतौर पर एक अशांत दृष्टि, प्रकाश और ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता और मतली के साथ होता है। यह अत्यधिक तेज़ दर्द आमतौर पर बेहद अक्षम होता है। माइग्रेन के चेतावनी संकेतों में आपके चेहरे, पैर या हाथ पर सिहरन की अनुभूति होना, ब्लाइन्ड स्पाट और प्रकाश की चमक शामिल है। कुछ दवाएं लेने से माइग्रेन का दर्द कम हो सकता है। यह आमतौर पर शुरुआती वयस्कता, किशोरावस्था या बचपन में शुरू होता है। सिरदर्द का मुख्य कारण सिर और गर्दन के बीच की मांसपेशियों का संकुचन होता है। यह एक सुस्त दर्द है जो सिर के आर-पार महसूस होता है, हल्के से मध्यम होता है, और अत्यधिक मामलों में, कुछ दिनों तक रह सकता है। सामान्यतः, यह आधे घंटे से लेकर कुछ घंटों तक रहता है। इसके विपरीत, माइग्रेन मध्यम से लेकर तीव्रता में बहुत गंभीर होता है। यह धड़कता हुआ और गंभीर दर्द होता है जो साइड में या सिर के सामने महसूस होता है। यह कुछ दिनों तक रहता है और कुछ अन्य लक्षणों के साथ आता है जिसे ओरा कहते हैं। सिरदर्द के साथ कोई चेतावनी के संकेत नहीं होते हैं। दूसरी ओर, माइग्रेन में औरा(auras) पहले से है। ये दृश्य, अचानक तनाव, चिंता, अवसाद, खराब पोस्चर, थकान, डिहाइड्रेशन, भूख, बदबू, शोर और धूप सिर दर्द के लिए ट्रिगर एजेंट हो सकते हैं। मासिक धर्म, रजोनिवृत्ति, लो ब्लड शुगर, हाइपोग्लाइकेमिया, आहार में उच्च शर्करा, चिंता, व्यायाम, गर्भ निरोधकों, दवाओं, डिहाइड्रेशन, शराब, बहुत अधिक स्क्रीन पर समय देना और डाइट माइग्रेन के ट्रिगर एजेंटों में से हैं। सिरदर्द के दौरान, रोगी को कई अन्य लक्षण नहीं हो सकते हैं। माइग्रेन के हमले के दौरान, मरीज...

सिजोफ्रेनिया (मनोविदलता) के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय

सामाजिक, पारिवारिक और ऑफिस की जिम्मेदारियों का बोझ किसी को भी मानसिक रोगी बना सकता है। वहीं, आज के आधुनिक दौर में भी मानसिक रोग को पागलपन से जोड़कर देखा जाता है, जबकि ऐसा नहीं है। दरअसल, शारीरिक समस्याओं के साथ-साथ मानसिक समस्या का इलाज भी जरूरी है। कुछ मामलों में मानसिक विकार गंभीर रूप तक ले लेता है, जिसे मेडिकल भाषा में सिजोफ्रेनिया कहा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, सिजोफ्रेनिया (मनोविदलता), दिमाग से जुड़ी एक बीमारी है जिससे दुनियाभर में लगभग 2.1 करोड़ लोग पीड़ित हैं। इसके बावजूद, सिजोफ्रेनिया के कारण पीड़ित लगभग 50 प्रतिशत लोगों को सही इलाज नहीं मिल पाता है ( विषय सूची • • • • • • • • • • • • सिजोफ्रेनिया क्या है? – What is Schizophrenia in Hindi सिजोफ्रेनिया (मनोविदलता) एक मानसिक विकार है, जो पीड़ित व्यक्ति के सोचने-समझने की क्षमता को प्रभावित करता है। इस दौरान व्यक्ति एक काल्पनिक दुनिया जीने लगता है। उसे ऐसे आवाजें सुनाई देती हैं, जो वास्तव में होती ही नहीं हैं। सिजोफ्रेनिया के चलते व्यक्ति को बात करने में भी समस्या होने लगती है ( लेख के अगले भाग में सिजोफ्रेनिया के प्रकार के बारे में जानिए। सिजोफ्रेनिया (मनोविदलता) के प्रकार – Types of Schizophrenia in Hindi सिजोफ्रेनिया के पांच प्रकार बताए गए हैं, जो इस प्रकार हैं ( • कैटेटोनिक सिजोफ्रेनिया • डिसआर्गेनाइज्ड सिजोफ्रेनिया • पैरानॉयड सिजोफ्रेनिया • अन्डिफरेन्शिएटिड सिजोफ्रेनिया • रेसिडुअल सिजोफ्रेनिया आइए, अब आपको सिजोफ्रेनिया के चरण के बारे में बताते हैं। सिजोफ्रेनिया के चरण – Stages of Schizophrenia in Hindi सिजोफ्रेनिया (मनोविदलता) को चार चरण में बांटा जा सकता है, जो इस प्रकार हैं ( • पहला चरण : इसे प्रीमॉर्...

टाइफाइड बुखार के लक्षण, कारण, निदान, इलाज और घरेलू उपचार

टाइफाइड बुखार (Typhoid Fever), बैक्टीरिया के कारण होने वाली बीमारी है। इसे आंतों का बुखार भी कहते हैं। यह साल्मोनेला एन्टेरिका सेरोटाइप टाइफी बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बैक्टीरिया खाने और पीने की चीजों के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश करता है और हमें बीमार बना देता है। कुछ देशों में यह महामारी बनकर टूटा है। WHO के अनुसार, टाइफाइड का सबसे हालिया प्रकोप 2015 में युगांडा में हुआ था। • टाइफाइड बुखार (Typhoid Fever) से संक्रमित मरीज के मल के संपर्क में आना। • दूषित पानी व भोजन का सेवन करना। • गंदगी के बीच रहना। • गंदे टॉयलेट का इस्तेमाल करना। • बिना हाथ साफ किए भोजन करना। • लोगों के मल से फर्टिलाइज़्ड कच्ची सब्जियों का सेवन करना। • दूषित दूग्ध उत्पादों का सेवन करना। • साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया से संक्रमित व्यक्ति के साथ ओरल या एनल सेक्स करना। टाइफाइड बुखार (Typhoid Fever) पेट से संबंधित बीमारी है। यह मुख्य रूप से साल्मोनेला टाइफिम्यूरियम बैक्टीरिया से संक्रमित व्यक्ति के मल के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। इसके अलावा यह दूषित जल या भोजन के सेवन से भी होता है। टाइफाइड का बैक्टीरिया आसानी से एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है। इसका सही इलाज न होने पर मरीज की मौत भी हो सकती है। टाइफाइड बुखार (Typhoid fever) का बैक्टीरिया जब एक बार शरीर में प्रवेश कर जाता है, तो यह आंत में लगभग 1-3 सप्ताह तक रहता है। इसके बाद यह धीरे-धीरे खून में रास्ता बनाते हुए अन्य टिश्यू और अंगों तक फैल जाता है। टाइफाइड रैश में छोटे गुलाबी स्पॉट्स होते हैं जिन्हें 'रोज स्पॉट्स' कहा जाता है। टाइफाइड (Typhoid) के बैक्टीरिया का शरीर में रहना इस बात पर भी निर्भर करता है कि यह आपके शरीर में कैसे पहुंच...

डेंगू: कारण, लक्षण, निदान और उपचार

डेंगू: कारण, लक्षण, निदान और उपचार सीडीसी के अनुशार, हर साल 40 करोड़ लोग डेंगू से संक्रमित होते हैं। लगभग 100 मिलियन लोग संक्रमण से बीमार हो जाते हैं, और 22,000 लोग गंभीर डेंगू से मर जाते हैं। डेंगू क्या है | De ngue in Hindi डेंगू एक वायरल बिमारी है जो एक खास प्रजाति के मच्छर के काटने से फैलती है। डेंगू वायरस मुख्य रूप से एडीज एजिप्टी प्रजाति के मादा मच्छरों द्वारा फैलता है और कुछ हद तक एई अल्बोपिक्टस से भी। ये मच्छर चिकनगुनिया, येलो फीवर और जीका वायरस के भी वाहक हैं। डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार भी कहते है क्योकिं इसमे हड्डी टूटने जैसा दर्द होता है और कई दिनो तक रहता है। कम फीसदी मे डेंगू बुखार वाले लोगों को डेंगू रक्तस्रावी बुखार (dengue hemorrhagic fever) नामक बीमारी का एक अधिक गंभीर रूप विकसित कर सकता है। सीडीसी के मुताबिक, डेंगू दुनिया भर के 100 से अधिक देशों में समान्य है। दुनिया की चालीस प्रतिशत आबादी, लगभग 3 अरब लोग, डेंगू के जोखिम वाले क्षेत्रों में रहते हैं। जोखिम वाले क्षेत्रों में डेंगू अक्सर बीमारी का एक प्रमुख कारण होता है। गंभीर डेंगू कुछ एशियाई और लैटिन अमेरिकी देशों में गंभीर बीमारी और मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। इसके लिए चिकित्सा पेशेवरों द्वारा प्रबंधन की ज़रूरत होती है। डेंगू/गंभीर डेंगू के लिए कोई खास इलाज नहीं है। गंभीर डेंगू से जुड़े रोग की प्रगति का जल्दी पता लगाना, और सही चिकित्सा देखभाल तक पहुंच गंभीर डेंगू की मृत्यु दर को 1 फीसदी से कम कर देती है। डब्लूएचओ के अनुशार , विश्व स्तर पर अब तक दर्ज किए गए डेंगू के मामलों की सबसे ज्यादा संख्या 2019 में थी। डेंगू होने का कारण | Dengue Fever Causes in Hindi डेंगू पैदा करने के लिए जिम्मेदार वायरस को डेंगू वाय...

साइटिका क्या है कारण, लक्षण, इलाज और बचाव

Sciatica in Hindi आज आप जानेंगे साइटिका क्या है?, इसकी पहचान, साइटिका के लक्षण, साइटिका होने के कारण और साइटिका का इलाज क्या है Sciatica ke karan, lakshan, ilaj in hindi के बारें में। साइटिका साइटिक तंत्रिका (sciatic nerve) में एक प्रकार का दर्द है जो पीठ से होते हुए कूल्हों, नितंबों और पैर के निचले हिस्से को प्रभावित करती है। आमतौर पर साइटिका शरीर के सिर्फ एक तरफ के भाग को ज्यादा प्रभावित करती है। रीढ़ की हड्डी (spine) जब संकरी हो जाती है तो तंत्रिकाओं में अधिक दबाव पड़ने लगता है जिसके कारण इसमें सूजन और दर्द होता है एवं पैरों में सुन्नता महसूस होने लगती है। साइटिका के मुख्य लक्षण निम्न हैं • कमर में दर्द • पैर के पिछले हिस्से में दर्द होना और बैठने के बाद दर्द गंभीर हो जाना • कूल्हों में दर्द • पैरों में जलन या झुनझुनी का अनुभव • पैर को हिलाने-डुलाने में परेशानी, कमजोरी और सुन्नता का अनुभव • पैर के पिछले भाग में सिर्फ एक तरफ दर्द होना • तीव्र पीड़ा होना और उठने में परेशानी होना साइटिका आमतौर पर शरीर के निचले भाग के सिर्फ एक हिस्से को प्रभावित करता है। साइटिका का दर्द कमर से पैर के जांघों और पैर के निचले हिस्सों में पहुंचता है। इस बीमारी की गंभीरता इस बात पर भी निर्भर करती है कि साइटिक तंत्रिका (sciatic nerve) कितना प्रभावित हुई है। इसके अलावा यह दर्द पैर की उंगलियों तक भी पहुंच सकता है। साइटिका होने के कारण – Causes of sciatica in Hindi sciatica hone ke karan in Hindi साइटिका की बीमारी तब होती है जब तंत्रिका सूख हो जाती है और रीढ़ की हड्डी खिसक जाती है या इसमें चोट लग जाती है। इसके अलावा कशेरूक (vertebrae) में हड्डी अधिक बढ़ जाने के कारण भी यह बीमारी उत्पन्न हो जाती है। ...

गर्भ में लड़का होने के क्या लक्षण हैं?

Category: स्वस्थ शरीर गर्भ में लड़का होने के क्या लक्षण हैं? By: Salan Khalkho | ☺16 min read आसन घरेलु तरीके से पता कीजिये की गर्भ में लड़का है या लड़की (garbh me ladka ya ladki)। इस लेख में आप पढेंगी गर्भ में लड़का होने के लक्षण इन हिंदी (garbh me ladka hone ke lakshan/nishani in hindi)। सम्पूर्ण जनकरी आप को मिलेगी Pregnancy tips in hindi for baby boy से सम्बंधित। लड़का होने की दवा (ladka hone ki dawa) की भी जानकारी लेख के आंत में दी जाएगी। Baby boy symptoms : गर्भ में लड़का होने के क्या लक्षण - In Hindi • गर्भ में लड़के की पहचान है गर्भावस्था में उल्टी और मतली आना • पेट में लड़का है तो हृदय गति (Heart rate) से पता चले • गर्भ में पुत्र हो तो मुँहासे निकलना है आम बात • लड़का होने की निशानी है कुछ विशेष भोजन के प्रति आकर्षण • प्रेगनेंसी में बेबी बॉय का पता पेट की स्थिति से चलता है • गर्भ में लडका होने के लक्षण है व्यक्तित्व में परिवर्तन • मूत्र का रंग से पता लगाएं लड़का है गर्भ मैं • गर्भ में बेटा होने के लक्षण हैं स्तनों का आकर बढ़ना • प्रेगनेंसी में लड़का होने पर ठन्डे पैर रहते हैं • गर्भ में बेबी बॉय हो तो बालों का उगना है स्वाभाविक • बेटे होने के लक्षण है सोने की स्थिति (Sleeping position) • गर्भावस्था में बच्चे के लड़के होने का संकेत मिले सूखे हाँथ से • लेडीस के पेट में लड़का हो वजन का बढ़ना है स्वाभाविक अगर आप यह सोच रही हैं की - कैसे पता लगाएं कि पेट में लड़का है या लड़की? तो आप की दुविधा को हम आसन किये देते हैं! कुछ आसन तरीकों से आप घर पे ही पता लगा सकती हैं की गर्भ में लड़का है या लड़की! गर्भ मे लडका होने के लक्षण इन हिंदी (garbh me ladka hone ke lakshan in hindi) गर्भ म...

मनोविदलता

अनुक्रम • 1 लक्षण • 2 रोगी की सहायता • 3 इलाज • 4 संकेत और लक्षण • 4.1 शेनिडर का वर्गीकरण • 4.2 सकारात्मक और नकारात्मक लक्षण • 5 निदान • 5.1 मानकीकृत मानदंड • 5.2 अन्य स्थितियों के साथ भ्रम • 5.3 उपरूप • 5.4 विवाद एवं अनुसंधान निर्देश • 6 कारण • 6.1 आनुवंशिकता • 6.2 जन्मपूर्व • 6.3 सामाजिक • 6.4 मनोरंजक नशीली दवाओं का उपयोग • 6.5 सिज़ोफ्रेनिया एक सामाजिक निर्माण के रूप में • 7 प्रणाली • 7.1 मानसिक • 7.2 तंत्रिकीय • 8 जांच और निवारण (रोकथाम) • 9 प्रबंधन • 9.1 इलाज/उपचार • 9.2 मनोवैज्ञानिक व सामाजिक हस्तक्षेप • 9.3 अन्य • 10 पूर्वानुमान (प्रॉग्नोसिस) • 10.1 पाठ्यक्रम • 10.2 स्वास्थ्य लाभ को परिभाषित करना • 10.3 अनुमानकर्ता • 10.4 मृत्युदर • 10.5 हिंसा • 11 मरक विज्ञान (इपिडेमियोलॉजी) • 12 इतिहास • 13 समाज व संस्कृति • 13.1 क्षति • 13.2 आईकॉनिक सांस्कृतिक चित्रण • 14 इन्हें भी देखें • 15 सन्दर्भ • 16 आगे पढ़ें • 17 बाहरी कड़ियाँ लक्षण [ ] स्कित्सोफ़्रीनिया के कुछ प्रमुख लक्षण हैं, जैसे कि शुरूआत में:- • रोगी अकेला रहने लगता है। • वह अपनी जिम्मेदारियों तथा जरूरतों का ध्यान नहीं रख पाता। • रोगी अक्सर खुद ही मुस्कुराता या बुदबुदाता दिखाई देता है। • रोगी को विभिन्न प्रकार के अनुभव हो सकते हैं जैसे कि कुछ ऐसी आवाजे सुनाई देना जो अन्य लोगों को न सुनाई दे, कुछ ऐसी वस्तुएँ, लोग या आकृतियाँ दिखाई देना जो औरों को न दिखाई दे, या शरीर पर कुछ न होते हुए भी सरसराहट या दबाव महसूस होना, आदि। • रोगी को ऐसा विश्वास होने लगता है कि लोग उसके बारे में बातें करते हैं, उसके खिलाफ हो गए हैं या उसके खिलाफ कोई षड्यंत्र रच रहे हों। • लोग उसे नुकसान पहुँचाना चाहते हों या फिर उसका भगवान् से कोई सम्बन्ध ह...