सरस्वती वंदना डांस

  1. मां सरस्वती वंदना:वसंत पंचमी पर सरस्वती वंदना और मंत्रों से करें ज्ञान की देवी की पूजा
  2. देवी सरस्वती वंदना
  3. Basant Panchami 2023:वसंत पंचमी आज, सरस्वती पूजा के दौरान पढ़ें ये आरती और वंदना
  4. सरस्वती वंदना
  5. Saraswati Vandana in Hindi ; माँ सरस्वती की वंदना


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मां सरस्वती वंदना:वसंत पंचमी पर सरस्वती वंदना और मंत्रों से करें ज्ञान की देवी की पूजा

मां सरस्वती वंदना: वसंत पंचमी पर सरस्वती वंदना और मंत्रों से करें ज्ञान की देवी की पूजा वसंत पंचमी का पर्व आज बड़ी धूमधाम के साथ देशभर में मनाया जा रहा है। लोग सोशल मीडिया पर अपने मित्रों और रिश्तेदारों को वसंत पंचमी की बधाइयां दे रहे हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को प्रतिवर्ष वसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। यह पर्व ज्ञान की देवी मां सरस्वती को समर्पित है। इस अवसर पर सरस्वती वंदना एवं मंत्र से करें ज्ञानदायिनी की आराधना। सरस्वती वंदना या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता। या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥ या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता। सा माम् पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥1॥ शुक्लाम् ब्रह्मविचार सार परमाम् आद्यां जगद्व्यापिनीम्। वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्॥ हस्ते स्फटिकमालिकाम् विदधतीम् पद्मासने संस्थिताम्। वन्दे ताम् परमेश्वरीम् भगवतीम् बुद्धिप्रदाम् शारदाम्॥2॥ सरस्वती उपासना मंत्र सरस्वती नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणी, विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु में सदा। सरस्वती आरती जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता। सद्गुण, वैभवशालिनि, त्रिभुवन विख्याता ।।जय..।। चन्द्रवदनि, पद्मासिनि द्युति मंगलकारी। सोहे हंस-सवारी, अतुल तेजधारी।। जय.।। बायें कर में वीणा, दूजे कर माला। शीश मुकुट-मणि सोहे, गले मोतियन माला ।।जय..।। देव शरण में आये, उनका उद्धार किया। पैठि मंथरा दासी, असुर-संहार किया।।जय..।। वेद-ज्ञान-प्रदायिनी, बुद्धि-प्रकाश करो।। मोहज्ञान तिमिर का सत्वर नाश करो।।जय..।। धूप-दीप-फल-मेवा-पूजा स्वीकार करो। ज्ञान-चक्षु दे माता, सब गुण-ज्ञान भरो।।जय..।। माँ सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे। हितकार...

देवी सरस्वती वंदना

Saraswati Vandana हिंदू धर्मात विद्येची आराध्यदैवत म्हणून संबोधल्या जाणाऱ्या देवी सरस्वती ज्ञान, कला, संगीत, विद्या आणि शिक्षणाच्या देवी आहेत. या ज्ञानाच्या देवीचे पूजन हिंदू धार्मिक पंचागानुसार माघ महिन्यातील शुक्ल पक्षाच्या वसंत पंचमीच्या दिवशी आणि अश्विन महिन्यातील शुक्ल पक्षाच्या दशमी तिथीला विजयादशमीच्या दिवशी केलं जाते. यापैकी, वसंत पंचमीला उत्तरप्रदेश राज्यात सरस्वती पूजन केलं जाते तर, महाराष्ट्र राज्यात सरस्वती पूजन हे विजयादशमीच्या दिवशी केलं जाते. सरस्वती पूजन निमित्ताने लहान मुले पाटीवर किंवा कागदावर लेखणी किंवा पेन्सिलच्या साह्याने सरस्वतीची प्रतिमा रेखाटून तिचे पूजन करतात. सरस्वती देवीला विद्येची आराध्यदैवत मानलं जात असल्याने विद्यार्थी आपल्या पुस्तकांची पूजा करतात, तर साहित्यिक, ग्रंथकार आपल्या ग्रंथाची पूजा करीत असतात. ज्या ज्या गोष्टींपासून आपल्याला ज्ञान मिळते त्या सर्व गोष्टींची आपण पूजा करीत असतो. ज्ञानरूपी महासागर असलेल्या देवी सरस्वतीची कृपा आपल्यावर सदैव राहावी याकरिता आपण नियमित देवी सरस्वतीची वंदना केली पाहिजे. आपल्यावर देखील देवी सरस्वतीची कृपादृष्टी असावी याकरिता आम्ही या लेखात देवी सरस्वती यांची वंदना करण्यासाठी काही श्लोकांचे लिखाण केलं आहे. तरी, आपण या श्लोकांचे नियमित पठन करून देवी सरस्वती यांची आराधना करावी. देवी सरस्वती वंदना – Saraswati Vandana Marathi Saraswati Vandana या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकराया श्वेतपद्मासना। या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता सामां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥ देवी सरस्वती यांच्या उत्पतिविषयी पुराणांत अनेक दत्त कथा देखील प्रसिद्ध आहेत. काही ग्रंथांमध्ये देव...

Basant Panchami 2023:वसंत पंचमी आज, सरस्वती पूजा के दौरान पढ़ें ये आरती और वंदना

Basant Panchami 2023: आज वसंत पंचमी है और इस दिन मां सरस्वती की विशेष पूजा होती है। वसंत पंचमी का दिन मां सरस्वती को अत्यंत प्रिय है। इस दिन जीवन में सुख-शांति और सफलता की कामना के साथ मां सरस्वती का पूजन किया जाता है। शस्त्रों के अनुसार, इसी दिन मां सरस्वती हाथों में पुस्तक, विणा और माला लिए श्वेत कमल पर विराजमान हो कर प्रकट हुई थीं। वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान, वाणी और शिक्षा संबंधी सभी परेशानियां दूर होती हैं। वसंत पंचमी के दिन स्कूलों और मंदिरों में सरस्वती पूजा का आयोजन किया जाता है। मां शारदा की कृपा पाने के लिए विधि-विधान से पूजा आराधना की जाती है। ऐसे में वसंत पंचमी की पूजा के दौरान मां सरस्वती की वंदना और आरती भी करना चाहिए। मां सरस्वती की वंदना और आरती इस प्रकार है... सरस्वती वंदना या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता, या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना। या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता, सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥ शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं, वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्। हस्ते स्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्, वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥ मां सरस्वती की आरती जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता। सद्गुण, वैभवशालिनि, त्रिभुवन विख्याता।। जय सरस्वती माता… चन्द्रवदनि, पद्मासिनि द्युति मंगलकारी। सोहे हंस-सवारी, अतुल तेजधारी।। जय सरस्वती माता… बायें कर में वीणा, दूजे कर माला। शीश मुकुट-मणि सोहे, गले मोतियन माला।। जय सरस्वती माता… देव शरण में आये, उनका उद्धार किया। पैठि मंथरा दासी, असुर-संहार किया।। जय सरस्वती माता… वेद-ज्ञान-प्रदायि...

सरस्वती वंदना

माँ सरस्वती की उपासना के लिए वैसे तो अनेकों मन्त्र, स्तोत्र आदि हैं जिनका विभिन्न प्रकार से जप, पाठ एवं अनुष्ठान किया जाता है। यहाँ विद्यार्थियों एवं माँ सरस्वती के उपासकों के लिए सरस्वती वंदना अत्यन्त सरल रूप में संस्कृत और हिंदी में दी गई है। ॥ सरस्वती वंदना : या कुन्देन्दु तुषार हार धवला ॥ या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना। या ब्रह्माच्युतशङ्करप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा। अर्थ – जो कुन्द के फूल, चन्द्रमा और बर्फ के समान श्वेत हैं। जो शुभ्र वस्त्र धारण करती हैं। जिनके हाथ उत्तम वीणा से सुशोभित हैं। जो श्वेत कमल के आसन पर बैठती हैं। शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमामाद्यां जगद्व्यापिनीं वीणापुस्तकधारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्। हस्ते स्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थितां वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्। अर्थ – जिनका रूप श्वेत है, जो ब्रह्म विचार की परम तत्व हैं, आदि शक्ति हैं, सारे संसार में व्याप्त हैं, हाथों में वीणा और पुस्तक धारण किये रहती हैं, भक्तों को अभय देती हैं, मूर्खतारूपी अंधकार को दूर करती हैं, हाथ में स्फटिक मणि की माला लिये रहती हैं, कमल के आसन पर विराजमान हैं और बुद्धि देनेवाली हैं, उन परमेश्वरी भगवती सरस्वती की मैं वंदना करता हूँ। ॥ सरस्वती वंदना : हे हंस वाहिनी ज्ञान दायिनी ॥ हे हंस वाहिनी ज्ञान दायिनी अम्ब विमल मति दे, अम्ब विमल मति दे… जग सिर मौर बनाएँ भारत वह बल विक्रम दे, अम्ब विमल मति दे… साहस शील हृदय में भर दे, जीवन त्याग तपोमय कर दे, संयम सत्य स्नेह का वर दे, स्वाभिमान भर दे हे हंस वाहिनी ज्ञान दायिनी अम्ब विमल मति दे, अम्ब विमल मति दे… ल...

Saraswati Vandana in Hindi ; माँ सरस्वती की वंदना

Saraswati Vandana 2021, Saraswati Vandana in Hindi, माँ सरस्वती की पूजा के लिए सरस्वती वंदना गीत का विशेस महत्व है| माँ सरस्वती ज्ञान की देवी और भगवान ब्रह्मा की मानसपुत्री हैं| ज्ञानदायिनी माँ सरस्वती श्वेत वस्त्र धारण करती हैं और उनके हाथों में सदैव वीणा शोभायमान रहती है| समस्त छात्रों और ज्ञानार्जन के इच्छुक व्यक्तियों को माँ सरस्वती की वंदना करनी चाहिए, क्यूंकि माँ ज्ञान का दात्री हैं उन्हीं की कृपा से हमारी बुद्धि और मन Hindi कार्य करते हैं| इसी चीज़ को ध्यान में रख-कर आप सभी विद्यार्थियों के लिए माँ सरस्वती की वंदना Maa Saraswati Vandana Hindi में लेकर आए है जिन्हें आप सभी विध्यार्थी निचे दिए गए लेख के माध्यम से पढ़ सकते है :- • बसंत पंचमी के बारे में जानें : Saraswati Vandana in Hindi :- माँ सरस्वती जी की वंदना निचे से पढ़े :- हे विद्या की देवी सरस्वती मैया हम पर उपकार करो विद्या का दान हमें देकर मैया हमरा उद्धार करो माँ हमको भी बुद्धि दे दो मन को हमारे शुद्धि दे दो करती हो माँ काहे देरी समझो मैया विपदा मेरी सुन लो माता विनती हमारी आ जाओ कर हंस सवारी हम हैं माँ मूरख अज्ञानी हम तो तुम्हरी पूजा न जानी फिर भी हैं हम लाल आपके विनती मेरी स्वीकार करो माँ हर युग में सदा आपकी जय जयकार हुई है सारा ब्रह्मांड है माँ तुमसे ए वेद पुराण सभी हैं माँ तुम्हरे बिन ब्रह्म देव भी भाग्य नहीं लिख पाते बिना आपके कुम्भकर्ण को निन्द्राशन कैसे दिलाते माँ बसो मेरे अन्तर्मन में मुझ में भी चमत्कार करो हे वीणा वादिनी शारदे माँ वीणा की तान सुना दीजै उलझ गया संसार में हूँ मुझमें मुस्कान माँ ला दीजै हर रात चाँदनी हो मेरी हर दिन को माँ त्यौहार करो माँ है अथाह संसार का सागर क्या खोया क्या मैंने पाकर कृप...