सतपुड़ा ताप विद्युत केंद्र

  1. मध्य प्रदेश के ताप विद्युत केंद
  2. 250 मेगावाट की यूनिट 10 ने 100 दिन लगातार बिजली का किया उत्पादन
  3. मध्यप्रदेश के ताप विद्युत केन्द्र
  4. सारनी की यूनिट 10 ने बनाया 100 दिनों का सतत् बिजली उत्पादन का नया रिकार्ड
  5. सारणी ताप विद्युत केंद्र
  6. सतपुड़ा थर्मल पावर स्टेशन
  7. तापीय ऊर्जा क्या है


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मध्य प्रदेश के ताप विद्युत केंद

मध्य प्रदेश के ताप विद्युत केंद्र- MP POWER STATION IN NOTES हेलो दोस्तों में अनिल कुमार palashiya आज फिर आपके लिए एक महत्वपूर्ण पोस्ट को लेकर आ रहा हु , इस पोस्ट में हम मध्यप्रदेश के ताप विद्युत् केंद्र - MP POWER STATION IN NOTES की एक महत्वपूर्ण पोस्ट को लेकर आ रहा हु इस पोस्ट में हम सभी ताप केंद्र के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे . मध्य प्रदेश के ताप विद्युत केंद्र [ MP POVER STATION IN NOTES ] ताप विद्युत किसी भी देश या राज्य की रीड की हड्डी होता है किसी राज्य के विकास में उर्जा का महत्वपूर्ण योगदान होता है , , ताप का मतलव विजली का उत्पादन ,, होना है . इसके माध्यम से किसी भी देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर देता है .देश भी देश या प्रदेश की उन्नति में उसके [ उर्ज्जा स्त्रोत ] मुख्य आधार तत्व माने जाते है . READ MORE कुछ महत्वपूर्ण तथ्य - • मध्यप्रदेश उर्जा संसाधन,, की द्रष्टि से सम्पन राज्य है लेकिन उनके दोहन के मामले में पिछड़ा हुआ है . मध्यप्रदेश में 10 दिसम्बर ,1948 को विद्युत प्रदाय अधिनियम लागू किया था और 1 दिसम्बर 1950 को,, विद्युत मंडल ,, का गठन किया गया . 1 अप्रैल 1957 को मध्यप्रदेश राज्य ,, की स्थापित ,,विद्युत क्षमता ,,मात्र 81.5 मेगावाट थी • राज्य में सबसे पहले ग्लावियर .में 1905 में 240 किलोवाट .की विधुत की स्थापना की थी .और इसके बाद इंदोर में 1906 में सवा दो लाख रूपए की लागत दे विद्युत यंत्र के निर्माण के कार्य प्रारम्भ किया गया था प्रदेश में दो प्रकार के उर्जा संसाधन है . एक पारम्परिक उर्जा तथा दूसरा गैर पारम्परिक उर्जा स्त्रोत है . • परम्परिक उर्जा स्त्रोत - वे स्त्रोत जो पारम्परिक स्त्रोत उर्जा संसाधनहै जो नियमित रूप कई वर्षो तक उपयोग किये जाते है और ग...

250 मेगावाट की यूनिट 10 ने 100 दिन लगातार बिजली का किया उत्पादन

मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी ने नया कीर्तिमान रचा हैं। 250 मेगावाट स्थापित क्षमता की यूनिट क्रमांक 10 ने तमाम विपरीत परिस्थि‍तियों के बीच 100 दिनों का लगातार विद्युत उत्पादन किया है। यह यूनिट पिछले 22 जनवरी 2022 से आज तक निर्बाध बिजली उत्पादन कर रही है। इस दौरान यूनिट का प्लांट अवलेबिलिटी फेक्टर (पीएएफ) 100.09 प्रतिशत, प्लांट लोड फेक्टर (पीएलएफ) 97.36 प्रतिशत व ऑक्जलरी कंजम्पशन 7.86 प्रतिशत रहा। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी की यह यूनिट 2013 को क्र‍ियाशील हुई थी। दो यूनिट भी कर रही सतत बिजली उत्पादन मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी की दो विद्युत यूनिट भी सतत बिजली उत्पादन करने के नए रिकार्ड कायम किए। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी की 250 मेगावाट क्षमता की यूनिट क्रमांक 11 पिछले 185 दिनों से व सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना डोंगलिया की 600 मेगावाट क्षमता की यूनिट क्रमांक एक पिछले 165 दिनों से लगातार बिजली उत्पादन कर रही हैं।

मध्यप्रदेश के ताप विद्युत केन्द्र

• बैतूल जिले के पाथरखेड़ा कोयला क्षेत्र में स्थित है। जहां का कोयला और तवा नदी का पानी यह उपयोग करता है। यह राजस्थान , मध्य्रपदेश का सम्मिलत उपक्रम है। इसकी क्षमता 1142.5 मेगवाट से बढ़कर 1437 हो गयी है , जिसमें म.प्र. राजस्थान का हिस्सा 3 : 2 हैं. स्थापना वर्ष 1967 में अमेमरिका के वित्तीय सहयोग से हुआ था। विध्यांचल वृहद ताप विद्युत केन्द्र • बैढ़न (सिंगरौली) में स्थित राष्ट्रीय ताप विद्युत गृह की नवी 1982 में इंदिरा गांधी ने रखी थी। यह सिंगरोली का कायेला और रिहिन्द जलाश्य का पानी प्रयुक्त करता हैं प्रथम चरण सोवियत संघ एवं द्वितीय चरण विश्व बैंक की सहायता से पूर्ण हुआ। इसकी कुल क्षमता 4760 मेगवाट है। जबकि 2018 में संचालन क्षमता 3760 मेगावाट थी। म.प्र. स्थित सबसे बड़ा ताप विद्युत गृह है। यह 5 राज्यों एवं दमन-द्वीव को आपूर्ति करता है। जबलपुर ताप विद्युत केन्द्र • विध्यांचल (बैढन सिंगरौली) राज्य का सबसे बड़ा ताप विद्युत केन्द्र है। यह एनटीपीसी द्वारा संचालित हैं • सौर ऊर्जा का अधिक प्रयोग प्रदेश में झाबुआ के ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाता हैं • प्रदेश में सर्वाधिक पवन चक्कियां इंदौर में हैं। मध्य प्रदेश के ताप विद्युत गृहों की क्षमता Capacity of thermal power houses of Madhya Pradesh

सारनी की यूनिट 10 ने बनाया 100 दिनों का सतत् बिजली उत्पादन का नया रिकार्ड

Posted on 03 May, 2022 10:32 am मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी की 250 मेगावाट स्थापित क्षमता की यूनिट क्रमांक-10 ने विपरीत परिस्थितियों के बीच 100 दिनों तक लगातार विद्युत उत्पादन करने का नया कीर्तिमान बनाया है। यह यूनिट 22 जनवरी 2022 से आज तक निर्बाध बिजली उत्पादन कर रही है। इस दौरान यूनिट का प्लांट एवलेबिलिटी फेक्टर (पीएएफ) 100.09 प्रतिशत, प्लांट लोड फेक्टर (पीएलएफ) 97.36 प्रतिशत और ऑक्जलरी कंजम्पशन 7.86 प्रतिशत रहा। उल्लेखनीय है कि सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी की यह यूनिट 13 अगस्त 2013 को क्रियाशील हुई थी। दो यूनिट कर रही 185 और 165दिन से सतत् बिजली उत्पादन मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी की दो विद्युत यूनिट ने भी सतत् बिजली उत्पादन करने के नए रिकार्ड कायम किए हैं। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी की 250 मेगावाट क्षमता की यूनिट क्रमांक-11 पिछले 185 दिनों से और श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना डोंगलिया (खंडवा) की 600 मेगावाट क्षमता की यूनिट क्रमांक-1 पिछले 165 दिनों से लगातार बिजली उत्पादन कर रही हैं। ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी की यूनिट 10 द्वारा 100 दिनों के सतत् विद्युत उत्पादन के कीर्तिमान पर हर्ष व्यक्त किया है। उन्होंने सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी के समस्त अभियंताओं और कार्मिकों को बधाई देते हुए आशा व्यक्त की है कि भविष्य में भी सारनी ताप विद्युत गृह बिजली उत्पादन के नए कीर्तिमान स्थापित करने की दिशा में अग्रसर रहेगा। साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

सारणी ताप विद्युत केंद्र

सतपुड़ा थर्मल पावर प्लांट मध्य प्रदेश के बेतुल जिले के घोरादोंगरी रेलवे स्टेशन के पास सरनी शहर में स्थित है। बिजली संयंत्र एमपीपीजीसीएल के कोयला आधारित बिजली संयंत्रों में से एक है पावर प्लांटसतपुरा थर्मल पावर स्टेशन की स्थापित क्षमता 1330 मेगावाट है। पहली इकाई अक्टूबर 1 9 67 में कमीशन की गई थी। संयंत्र के लिए पानी निकटता तवा धमन झील क्षेत्र से खरीदा गया है, जो 2,893 एकड़ (11.71 किमी 2) में फैल गया। संयंत्र के लिए कोयला पश्चिमी कोयला क्षेत्रों से रेल / सड़क / बेल्ट द्वारा खरीदा गया है। 250 मेगावाट की दो और इकाइयां स्टैप्स में हैं।

सतपुड़ा थर्मल पावर स्टेशन

सतपुड़ा थर्मल पावर प्लांट मध्य प्रदेश के बेतुल जिले के घोरादोंगरी रेलवे स्टेशन के पास सरनी शहर में स्थित है। बिजली संयंत्र एमपीपीजीसीएल के कोयला आधारित बिजली संयंत्रों में से एक है पावर प्लांट [ ] सतपुरा थर्मल पावर स्टेशन की स्थापित क्षमता 1330 मेगावाट है। पहली इकाई अक्टूबर 1 9 67 में कमीशन की गई थी। [1] संयंत्र के लिए पानी निकटता तवा धमन झील क्षेत्र से खरीदा गया है, जो 2,893 एकड़ (11.71 किमी 2) में फैल गया। संयंत्र के लिए कोयला पश्चिमी कोयला क्षेत्रों से रेल / सड़क / बेल्ट द्वारा खरीदा गया है। 250 मेगावाट की दो और इकाइयां स्टैप्स में हैं। इन्हें भी देखें [ ] • • सन्दर्भ [ ]

तापीय ऊर्जा क्या है

तापीय ऊर्जा संयंत्र भारत में विद्युत के सबसे बड़े ऊर्जा स्रोत में से एक हैं। तापीय ऊर्जा संयंत्र में, जीवाश्म ईंधन जैसे (कोयला, ईंधन तेल एवं प्राकृतिक गैस) में स्थित रासायनिक ऊर्जा को क्रमशः तापीय ऊर्जा, यांत्रिक ऊर्जा एवं अंततः विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है। भारत में ऊर्जा विकास की शुरुआत कहीं चरणों में हुई है तापीय ऊर्जा स्टेशन छोटे नेटवर्क कनेक्शन के साथ शुरू किया गया था उसके बाद में कई छोटी इकायो बनाईं गई है और सबसे पहले दामोदर घाटी निगम परियोजना के तहत झारखंड में 60 मेगा वाट के चार ऊर्जा स्टेशनों की स्थापना की गई थी भारत में बड़े पैमाने पर ऊर्जा के विकास की दिशा में प्रथम कदम था भारत में ताप ऊर्जा को लेकर पॉवर स्टेशन का विकास किया गया तापीय ऊर्जा स्टेशनों की वृहद श्रृंखला का अगुवा रहा । Advertisements यह भी पढ़े : भारत में मुख्य ताप विद्युत केंद्र :- हरियाणा – पानीपत और फरीदाबाद दिल्ली – दिल्ली उत्तर-प्रदेश – हरदुआगंज, परीछा, रिहंद, पनकी, दादरी, औरैया और ओबरा राजस्थान – कोटा, अन्ता गुजरात – गांधीनगर, साबरमती, धुवरण, अहमदाबाद, वनखाड़ी, उकई और कवास केरल – कायमकुलम मध्य प्रदेश – सिंगरौली और सतपुड़ा बिहार – बरौनी, कहलगांव झारखण्ड – बोकारो, चंद्रपुर और सुवर्णरेखा छत्तीसगढ़ – कोरबा, विन्ध्याचल और अमरकंटक पश्चिम बंगाल – दुर्गापुर, संतालदिह, बुंदेल, फरक्का, रालाघाट, टीटागढ़ और कोलकाता असम – बोंगाईगांव और नामरूप मणिपुर – लोकटक ओडीशा – तलचर और बालीमेला महाराष्ट्र – मुसवल, कोरडी, चंद्रपुर, नासिक, ट्राम्बे, उरन, बल्लारशाह और पुरली आन्ध्र-प्रदेश – रामागुंडम, भद्राचलम, मनुगुरु, कोठगुदम और विजयवाड़ा तमिलनाडु – ऐन्नोर, नेवेली और तूतीकोरिन भारत में थर्मल पावर का वितरण अपरिवर्तनी...