सुंदरकांड पाठ के नियम

  1. गर्भवती महिलाएं 'सुंदरकांड' का पाठ करें, रामायण पढ़ें: तेलंगाना की राज्यपाल सौंदरराजन – ThePrint Hindi
  2. जानिए सुंदरकांड पाठ करने के अद्भुत लाभ
  3. Budhwa Mangal 2023:ज्येष्ठ माह का तीसरा मंगलवार आज, जानिए सुंदरकांड करने के लाभ और नियम
  4. sundarkand path ke niyam know how to read sundarkand on tuesday mangalwar ke upay
  5. Sundarkand Path Ke Niyam:इस विधि से करें सुंदरकांड का पाठ, हनुमान जी की कृपा से बनेंगे सभी बिगड़े काम


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गर्भवती महिलाएं 'सुंदरकांड' का पाठ करें, रामायण पढ़ें: तेलंगाना की राज्यपाल सौंदरराजन – ThePrint Hindi

नयी दिल्ली, 11 जून (भाषा) तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने रविवार को कहा कि गर्भवती महिलाएं मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ बच्चे को जन्म देने के लिए ‘सुंदरकांड’ का पाठ करें और उन्हें रामायण जैसे महाकाव्यों को भी पढ़ना चाहिए। सौंदरराजन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े एक संगठन के ‘गर्भ संस्कार’ कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए यह टिप्पणी की। वह स्त्री रोग विशेषज्ञ और भ्रूण संबंधी चिकित्सक भी हैं। संवर्धिनी न्यास द्वारा आयोजित ‘गर्भ संस्कार’ कार्यक्रम के तहत, संगठन से संबद्ध चिकित्सक गर्भवती माताओं को ‘वैज्ञानिक और पारंपरिक’ उपायों के बारे में बतायेंगे, ताकि वे ‘संस्कारी और देशभक्त’ बच्चों को जन्म दे सकें। ऑनलाइन माध्यम से जारी किए ‘गर्भ संस्कार’ मॉड्यूल के अनुसार, इन उपायों में भगवद् गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना, संस्कृत मंत्रों का जाप करना और योगाभ्यास शामिल होंगे। यह प्रक्रिया गर्भाधान के पहले से लेकर प्रसव के चरण तक शुरू होगी और तब तक जारी रहेगी, जब तक कि बच्चा दो साल का नहीं हो जाता। इसके अनुसार, कार्यक्रम के दौरान गर्भवती महिलाओं के परिवार के सदस्यों का भी मार्गदर्शन किया जाएगा। संवर्धिनी न्यास, राष्ट्र सेविका समिति की एक इकाई है, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का समानांतर संगठन है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सौंदरराजन ने ‘गर्भ संस्कार’ कार्यक्रम मॉड्यूल विकसित करने में संवर्धिनी न्यास के प्रयासों की सराहना की और कहा कि गर्भावस्था के प्रति इस ‘वैज्ञानिक और समग्र दृष्टिकोण’ के कार्यान्वयन से ‘निश्चित रूप से’ सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। उन्होंने कहा, “गांवों में, हमने गर्भवती महिलाओं को रामायण, महाभारत और अन्य महाकाव्यों के साथ-साथ अच्छी...

जानिए सुंदरकांड पाठ करने के अद्भुत लाभ

महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में सात काण्ड हैं – बालकांड, अयोध्याकांड, अरण्यकांड, किष्किंधा कांड, सुंदरकांड, युद्ध कांड और उत्तरकांड। रामायण के प्रत्येक अध्याय या कांड के मुख्य पात्र भगवान श्री राम हैं। ऋषि वाल्मीकि ने रामायण को संस्कृत भाषा में एक कविता के रूप में लिखा था। बाद में गोस्वामी तुलसीदास ने इसे अवधि भाषा में अनुवादित करके रामचरितमानस की रचना की। शास्त्रों और पुराणों में रामायण पढ़ने के लाभ बताए गए हैं। आइये जानते हैं सुंदरकांड पाठ के लाभ। जानें सुंदरकांड क्या है ? रामायण का पांचवा कांड सुन्दरकाण्ड मुख्य रूप से प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त हनुमान जी पर आधारित है। इसका मूल अर्थ है – सौन्दर्य की पुस्तक। सुन्दरकाण्ड में रहस्योद्घाटन है और पूरी रामायण की सभ्यता इसमें दर्शायी गई है। इसमें भगवान राम और दैत्य रावण के बीच का संघर्ष भी दर्शाया गया है। जानें पौराणिक कथाओं में सुन्दरकाण्ड का महत्व सुन्दरकाण्ड में अनेक ऐतिहासिक घटनाओं का वर्णन किया गया है। इसमें बताया गया है कि कैसे भगवान हनुमान ने समुद्र पार कर के कठिन यात्रा की और लंका में माता सीता को खोजने के लिए कठिनाइयों का सामना किया। यह कांड हनुमान जी की बुद्धिमत्ता और शक्ति पर भी प्रकाश डालता है। जानें सुंदरकांड पाठ के लाभ सुन्दरकाण्ड का पाठ करने के अनेक फायदे हैं। आइये इन्स्टाएस्ट्रो के ज्योतिष से जानते हैं सुंदरकांड के लाभ : • इसमें व्यक्ति को गलत राह पर जाने से रोकने की शक्ति होती है। • जीवन में सुख-समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है। तथा जीवन की सभी बाधाएं भी दूर हो जाती हैं। • इसमें भगवान राम की रावन के ऊपर जीत का उल्लेख है इसलिए इसका पाठ करने से शत्रुओं से लड़ने की प्रेरणा मिलती है। • इसका पाठ करने से मान...

Budhwa Mangal 2023:ज्येष्ठ माह का तीसरा मंगलवार आज, जानिए सुंदरकांड करने के लाभ और नियम

Budhwa Mangal 2023: ज्येष्ठ माह का तीसरा मंगलवार आज, जानिए सुंदरकांड करने के लाभ और नियम विस्तार Bada mangal 2023: आज ज्येष्ठ माह का तीसरा मंगलवार है। सनातन धर्म में भगवान राम के प्रिय भक्त श्री हनुमान जी की पूजा सभी संकटों, शोक, भय और रोग आदि को दूर करने वाली मानी गई है। मान्यता है कि नकारात्मक शक्तियां भी हनुमानजी के भक्तों को परेशान नहीं करती। सप्तचिरंजीवी में से एक श्री हनुमान जी एक ऐसे देवता हैं जो हर युग में मौजूद रहते हैं और अपने भक्तों द्वारा सुमिरन करने मात्र पर ही उनकी रक्षा करने के लिए दौड़े चले आते हैं। तुलसीदास द्वारा रचित सुंदरकांड सबसे ज्यादा लोकप्रिय और महत्वपूर्ण माना गया है,जिसको करने से साधक पर शीघ्र ही हनुमत कृपा बरसती है और जीवन में सब सकारात्मक होने लगता है। सुंदरकांड करने के नियम मंगलवार या शनिवार के दिन सुंदरकांड पाठ के माध्यम से शुभ फलों की प्राप्ति के लिए साधक को तन और मन से शुद्ध होकर रामदरबार या हनुमान जी की प्रतिमा या फोटो के सामने विधि-विधान से पूजा करने के बाद इसका पाठ करना चाहिए।ध्यान रहे पाठ का उच्चारण एकदम शुद्ध होना चाहिए। पाठ की शुरुआत करने के पहले प्रथम पूज्य गणेशजी एवं भगवान श्री राम का ध्यान अवश्य करना चाहिए और जब पाठ पूरा हो जाए तो हनुमान जी की शुद्ध घी से बने दीपक या कपूर से आरती करना चाहिए।भगवान का भोग लगाकर प्रसाद को वितरित करने के बाद स्वयं भी ग्रहण कर लें। सुंदरकांड के लाभ • धार्मिक मान्यता के अनुसार मंगलवार और शनिवार के दिन विशेष रूप से श्री सुंदरकांड का पाठ करने पर श्री हनुमान जी की शीघ्र ही कृपा मिलती है। इस पाठ को करने से जीवन में आ रही सभी प्रकार की परेशानियां शीघ्र ही दूर होती हैं और साधक को श्री हनुमान जी से बल, बुद्धि औ...

sundarkand path ke niyam know how to read sundarkand on tuesday mangalwar ke upay

sundarkand path ke niyam know how to read sundarkand on tuesday mangalwar ke upay | Sundarkand Path Ke Niyam : सुंदरकांड के पाठ को लेकर हैं सख्त नियम, पालन नहीं करने पर दंड देते हैं बजरंग बली | Hindi News Sundarkand Path Ke Niyam : सुंदरकांड के पाठ को लेकर हैं सख्त नियम, पालन नहीं करने पर दंड देते हैं बजरंग बली Mangalwar Ke Upay: सुंदर कांड तुलसीदास जी रचित श्रीरामचरितमानस का वह हिस्सा है जिसमें हनुमान जी की अपार महिमा बताई गई है. हिंदू धर्म में शुभ अवसर पर सुंदरकांड (Sundarkand) का पाठ किया जाता है. मान्यता है कि सुन्दर कांड का पाठ करने से मनुष्य के सब कष्ट दूर होते हैं तथा मनोकामना पूर्ण होती है. लेकिन सुंदर कांड का पाठ करने के धर्म-ज्‍योतिष में कुछ नियम जिनका पालन करने से बजरंगबली आपके सारे संकट को दूर कर देते हैं. सुंदरकांड का नित्यप्रति पाठ करना हर प्रकार से लाभदायक होता है. इसके अनंत लाभ हैं, लेकिन यह पाठ तभी फलदायी होता है. - अकारण किसी काम में आ रही अड़चन या परेशानी दूर हो जाती हैं. - सुंदर कांड का पाठ करने या सुनने से मानसिक शक्ति में वृद्धि होती है. - आत्म-विश्वास की कमी या इच्छा शक्ति में कमी दूर होती है. - सुंदरकांड के मंगलाचरण का रोजाना पाठ करने से व्यापार और नौकरी में तरक्की होती है. - जीवन में आ रही अत्यधिक परेशानियाँ कम हो जाती हैं. - सुंदर कांड के साथ हनुमान चालीसा का पाठ करने से धन धान्य में बढ़ोतरी होती है. - सुंदर कांड का पाठ करके एक जटा युक्त नारियल अपने ऊपर से सात बार उतार कर हनुमान जी के मंदिर में चढ़ाने से राहु की शांति होती है. इस नारियल पर सरसों या तिल का तेल छिड़क कर चढ़ाने से शनि का प्रकोप शांत होता है. सुंदरकांड पाठ के नियम मन में यह विश्वास रखकर कि...

Sundarkand Path Ke Niyam:इस विधि से करें सुंदरकांड का पाठ, हनुमान जी की कृपा से बनेंगे सभी बिगड़े काम

Sundarkand Path Ke Niyam aur Labh: महाबली हनुमान कलयुग में एक मात्र ऐसे जागृत और साक्षात देवता हैं, जिनके सामने कोई भी मायावी शक्ति नहीं टिक पाती है। इनकी कृपा से बड़े से बड़ा संकट भी टल जाता है, इसलिए हनुमान जी को संकट मोचन भी कहा जाता है। आठों सिद्धियों और नौ निधियों के दाता की कृपा पाने के लिए सुंदरकांड का पाठ करना भी बेहद उत्तम माना जाता है। सुंदरकांड तुलसीदास जी रचित श्रीरामचरितमानस का वह हिस्सा है, जिसमें भगवान हनुमान की अपार महिमा बताई गई है। सुंदरकांड के पाठ से महाबली हनुमान जल्द प्रसन्न होते हैं। हालांकि इसका का पाठ करने के लिए कुछ जरूरी नियम भी बताए गए हैं, जिनका पालन करना बहुत जरूरी होता है। आइए जानते हैं सुंदरकांड के लाभ और नियम... सुंदरकांड के पाठ की विधि • सुंदरकांड का पाठ करने के लिए एक स्वच्छ स्थान पर पटरी लेकर उस पर हनुमान जी की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित करें। • हनुमान जी को पुष्प आदि चढ़ाएं। • उसके बाद गणेश जी भगवान श्री राम, हनुमान जी और शिव जी का ध्यान करके आवाहन करें। • चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर हनुमान जी का तिलक करें। • फिर हनुमान जी के चरणों में पीपल के सात पत्ते रखें। • हनुमान जी के समक्ष दीपक प्रज्वलित करें। ये दीपक पूरे सुंदरकांड पाठ के समय जलते रहना चाहिए। • तत्पश्चात पाठ आरंभ कर दें। • पाठ के समापन के बाद हनुमान जी और राम जी की आरती करें उनको बूंदी या फिर गुड़ चना का भोग लगाकर लोगों में वितरित करें।