वीर कितने दिन में निकलना चाहिए

  1. बाल महाभारत कक्षा 7
  2. Planning To Travel Know Which Day And Direction According To Panchang And Use Compass To Know About Your Safe Journey
  3. सीमेंट की तराई कितने दिन करनी चाहिए, Curing process का सही तरीका
  4. अभिजीत मुहूर्त क्या होता है
  5. सूर्य ग्रहण 2020


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बाल महाभारत कक्षा 7

उत्तर-दुर्योधन ने पांडवों को जल-क्रीड़ा का न्योता दिया। खेलने व तैरने से थकने के बाद सभी को भोजन कराया गया। दुर्योधन ने चालाकी से भीम के भोजन में विष मिला दिया। भोजन करके सब अपने डेरों में सोने के लिए चले गए किंतु भीम विष के प्रभाव से गंगा-तट पर रेत में गिर गया। ऐसी हालत में दुर्योधन ने भीम के हाथ-पैर बांधकर उसे गंगा में बहा दिया। उत्तर-"द्रोणाचार्य ने पास में पड़ी हुई सींक उठा ली और उसे पानी में फेंका। सींक गेंद को ऐसे जाकर लगी. जैसे तीर और फिर इस तरह लगातार कई सींकें वे कुएँ में डालते गए। सींकें एक-दूसरे के सिरे से चिपकती गईं। जब आखिरी सींक का सिरा कुएँ के बाहर तक पहुँच गया, तो द्रोणाचार्य ने उसे पकड़कर खींच लिया और गेंद निकल आई।" उतर- पलभर भी विश्राम किए बगैर भीम और जरासंध तेरह दिन और तेरह रात लगातार लड़ते रहे। चौदहवें दिन जरासंध थककर जरा देर को रुक गया। इस पर ठीक मौका देखकर श्रीकृष्ण ने भीम को इशारे से समझाया और भीगसेन ने फौरन जरासंध को उठाकर चारों ओर घुमाया और उसे जमीन पर जोर से पटक दिया। इस प्रकार अजेय जरासंध का अंत हो गया। उत्तर - शकुनि ने कहा-"दुर्योधन! युधिष्ठिर को चौसर के खेल का बड़ा शौक है। पर उसे खेलना नहीं आता है। हम उस खेलने के लिए न्योता दें तो युधिष्ठिर अवश्य मान जाएगा। तुम तो जानते ही हो कि मैं मंझा हुआ खिलाड़ी हूँ। तुम्हारी ओर से मैं खेलूंगा और युधिष्ठिर को हराकर उसका सारा राज्य और ऐश्वर्य, बिना युद्ध के आसानी से छीनकर तुम्हारे हवाले कर दूंगा। उत्तर- विदुर ने वर्णन करते हुए कहा-"कुंती-पुत्र युधिष्ठिर कपड़े से चेहरा ढककर जा रहे हैं। भीमसेन अपनी दोनों भुजाओं को निहारता, अर्जुन हाथ में कुछ बालू लिए उसे बिखेरता, नकुल और सहदेव सारे शरीर पर धूल रमाए हुए, क्रमश: ...

Planning To Travel Know Which Day And Direction According To Panchang And Use Compass To Know About Your Safe Journey

Compass: यदि आप कहीं लंबी यात्रा में निकल रहे हों या किसी शुभ काम को करने के लिए जा रहें हैं तो एक बार दिशा शूल को लेकर विचार कर लेंगे तो यात्रा शुभ और मंगलकारी साबित होगी. अकसर लोग घर से निकल तो जाते हैं परंतु अनजाने में सही दिन और दिशा न होने के कारण रास्ते में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यह परेशानियां किस कारण से आ सकती है, दिशा का अर्थ डायरेक्शन और शूल का अर्थ है कांटा. जो कि चुभता है, कष्टकारी होता है. अब यदि आपके मार्ग में कांटे बिछे हो तो आप उस मार्ग पर जाना पसंद नहीं करेंगे. वहीं साथ ही कांटो भरे रास्ते से जिस कार्य के लिए आप जा रहे हैं, तकलीफों की वजह से उसकी सफलता में भी संदेह होगा. यानी जिस काम के लिए जाए वह काम ही न हो तो यात्रा करने का कोई फायदा नहीं है. रोजमर्रा के जीवन में दिशा शूल का ध्यान न दें परंतु आप यदि किसी शुभ कार्य, नए कार्य एवं लम्बी यात्रा के लिए जा रहे हों तो दिशा शूल विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए. दिशा शूल के महत्व और उसके मर्म को देश काल परिस्थिति के अनुसार समझना बहुत ही जरूरी है. आज हम लोग दिशा शूल के विषय में बात करते हैं. रोजमर्रा के काम में दिशा शूल का महत्व नहीं है . जैसे ऑफिस जाना है आप दिशा शूल देखेंगे तो बात गड़बड़ हो सकती है. बच्चे स्कूल जाने में दिशा शूल देखना ठीक नहीं. दैनिक कार्यों को दिशा शूल में शामिल करके खुद कंफ्यूज न हो. अब यह जानना जरूरी है कि आखिर दिशाशूल क्या होता है ? दिशाशूल वह दिशा है जिस तरफ यात्रा नहीं करना चाहिए, क्योंकि उससे मनोवांछित लाभ मिलने में संदेह होता है. यात्रा का फल अच्छा नहीं होता है. खास बात यह कि हर दिन किसी एक दिशा की ओर दिशाशूल होता है. इनसे संबंधित कुछ पुरानी कहावतें भी है : - सोम सनीचर पूर...

सीमेंट की तराई कितने दिन करनी चाहिए, Curing process का सही तरीका

घर बनवाने पर हमे कई सारी बातों को ध्यान में रखना होता है. उन्ही में से एक ध्यान रखने वाली बात यह है कि, सीमेंट की तराई कितने दिन करनी चाहिए. चाहे दीवार की या छत की तराई करनी हो. अच्छी से अच्छी तराई कैसे करें कि सीमेंट हमेशा मजबूत रहे. इस आर्टिकल में हम आपको बताएगें कि, सीमेंट की तराई क्या है, सीमेंट की तराई क्यों करनी चाहिए, सीमेंट की तराई कितने दिन करनी चाहिए, तराई कैसे करें. जिससे सीमेंट पलस्तर बेहद मजबूत हो जाए. Jump On Query -: • • • • • • • • सीमेंट की तराई कितने दिन करनी चाहिए सीमेंट प्लास्टर होने के बाद पानी से उसकी समय समय पर तराई करनी चाहिए होती है. प्लास्टर करने के 7-8 घंटे बाद तराई शुरू कर देनी चाहिए. यहाँ हम आपको बताएगें कि OPC सीमेंट और PPC सीमेंट की तराई कितने दिनों तक करनी चाहिए. साथ ही बताएगें कि, सामन्य मौसम में और गर्मी के मौसम में तराई कितने दिन तक करनी चाहिए. साधारण पोर्टलैंड सीमेंट यानी OPC सीमेंट की बात करें तो, सामन्य मौसम में इसकी तराई लगातार 7 दिन तक करनी चाहिए. यदि गर्मी के मौसम बात करें तो, गर्मी में इसकी तराई 10 दिन तक लगातार करनी चाहिए. पोज़ोलोना पोर्टलैंड सीमेंट यानी PPC सीमेंट की तराई की कितने दिन करनी चाहिए. सामन्य मौसम में इसकी तराई लगातार 10 दिन तक करनी चाहिए. वही यदि गर्मी के मौसम में इसकी तराई 14 दिन तक लगातार करनी चाहिए. उपरोक्त जानकारी IS CODE 456-2000 के अनुसार बताई गई है. छत की तराई कितने दिन करनी चाहिए छत सीमेंट की तराई सही तरीके से करना बेहद जरुरी होता है. क्योंकि यदि छत की सीमेंट कमजोर हो गई तो, भविष्य में आपके घर पर खतरा हो सकता है. छत की तराई कैसे करनी चाहिए और कितने दिन तक करनी चाहिए. क्यारियां बनाकर तराई करना छत की तराई करने का...

अभिजीत मुहूर्त क्या होता है

हिन्दू धर्म में प्रत्येक कार्य मुहूर्त के अनुसार किया जाता है। माना जाता है कि सही मुहूर्त में किया गया कार्य सफल होता है एवं शुभ फल देता है। एक दिन में 15 व एक रात में 15 मुहूर्त होते है इस प्रकार कुल 30 मुहूर्त होते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि अभिजीत मुहूर्त क्या होता है (What is Abhijeet Muhurat) एवं इसके क्या परिणाम होते हैं। Table of Contents • • • • अभिजीत मुहूर्त क्या होता है? Abhijit Muhurat Kya Hota Hai What is Abhijeet Muhurat: अभिजीत शब्द का अर्थ होता है “विजेता”। सनातन हिन्दू धर्म में समय का बहुत महत्व है। माना जाता है, सही समय से किये गए कार्य की सफलता निश्चित है। तिथि, मुहूर्त, नक्षत्र आदि के आधार पर ही यह पता लगाया जाता है कि किस समय पर किस कार्य को करने से सफलता मिलेगी। मुहूर्त का पता लगाना किसी सामान्य व्यक्ति के समझ की बात नहीं है इसलिए अभिजीत मुहूर्त को सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त माना जाता है। यह दिन में एक बार अवश्य आता है और किसी भी प्रकार का शुभ कार्य करने के लिए यह अच्छा माना जाता है। कब आता है अभिजीत मुहूर्त? हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार सूर्योदय से दुसरे दिन के सूर्योदय तक कुल 30 मुहूर्त होते है, जिसमें से 15 सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक तथा 15 सूर्यास्त से लेकर अगले सूर्योदय तक होते हैं। इनमे अभिजीत मुहूर्त अत्यंत ही शुभ तथा फलदायी है। अभिजीत मुहूर्त दिन के मध्य समय से करीब 24 मिनट पहले प्रारम्भ होता है और मध्य समय से 24 मिनट बाद समाप्त होता है। यदि सूर्योदय ठीक 5:30 बजे हुआ हो तो दोपहर 11:30 बजे से ठीक 24 मिनट पहले प्रारम्भ होकर यह दोपहर 11:54 पर समाप्त होगा। यहाँ यह कहा जा सकता है कि अभिजीत मुहूर्त का समय सूर्योदय के अनुसार परिवर्तित होता है। अभिजीत...

सूर्य ग्रहण 2020

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने बजे लगेगा Solar Eclipse 2020, सूर्य ग्रहण 2020 में इस बार जून महीने के अंत में आपको नजर आने वाला है. ग्रहण का अगर अर्थ निकाले तो इसका हिंदी में शाब्दिक अर्थ पकड़ने की एक क्रिया या फिर किसी की प्रतिष्ठा को धब्बा लगाना या अंगीकार करना, स्वीकार करना होता है. जब ग्रहण सूर्य, पृथ्वी, और चंद्रमा से जुड़ा होता है तब इसका अर्थ इन्हीं शब्दों में से कोई एक होता है. ग्रहण एक नकारात्मक शब्द है जिसके अंदर नकारात्मकता की झलक मिलती है. ग्रहण लगना एक खगोलीय घटना बताई गई है वैज्ञानिक लगातार ग्रहण के ऊपर अध्ययन करते आ रहे हैं वहीं ज्योतिष विद्या में ग्रहण का अपना एक अलग महत्व है और इसको भिन्न-भिन्न दृष्टि से देखा जाता रहा है. धरती पर जब सूर्य या फिर चंद्र ग्रहण लगता है तो इसका असर पृथ्वी पर रहने वाले हर प्राणी पर पड़ता है इंसान के अलावा जानवर और पेड़-पौधों पर भी इसका असर पड़ता हुआ नजर आता है. Youngisthan आपके सामने आज ग्रहण से जुड़ी हुई बेहद जरूरी और अहम जानकारी लेकर आया है. हम आज आपको बताने वाले हैं कि आखिर ग्रहण क्या होता है और साल 2020 में सूर्य ग्रहण किस तारीख को पड़ने वाला है और किस समय सूर्य ग्रहण शुरू हो जाएगा. साथ ही हम आपको बताएंगे कि सूर्य ग्रहण के दिन कौन से काम किए जाते हैं और कौन से काम नहीं किए जाएंगे- • Table Of Content • Surya Grahan | Surya Grahan 2020 Date and Timing in Hindi • सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है | Surya Grahan 2020 kb hai • Surya Grahan ki Kahani | सूर्य ग्रहण की पौराणिक कथा • सूर्य ग्रहण समय (Surya Grahan Date And Timing) • सूर्य ग्रहण समय (Surya Grahan Date And Timing) • आज ...