यूनाइटेड स्टेट्स राष्ट्रपति

  1. यूनाइटेड स्टेट्स राष्ट्रपति चुनाव
  2. अमेरिकी सांसद ने की NATO PLUS में भारत को शामिल करने की पैरवी, चीन को मिलेगी कड़ी चुनौती
  3. संविधान अनुच्छेद 164
  4. अमेरिका का महावाणिज्य दूतावास, मुंबई
  5. लिंग, कानून और असमानता: भारत और यू.एस.ए के बीच तुलना
  6. Where Is Nithyanandas Kailasa Is It A Recognised Country All You Need To Know NDTV Hindi NDTV India
  7. Prime Minister Narendra Modi To Address Joint Meeting United States Congress On June 22


Download: यूनाइटेड स्टेट्स राष्ट्रपति
Size: 49.24 MB

यूनाइटेड स्टेट्स राष्ट्रपति चुनाव

• English (USA) • Português (Brasil) • English (UK) • Русский • English (India) • Türkçe • English (Canada) • ‏العربية‏ • English (Australia) • Ελληνικά • English (South Africa) • Svenska • English (Philippines) • Suomi • English (Nigeria) • עברית • Deutsch • 日本語 • Español (España) • 한국어 • Español (México) • 简体中文 • Français • 繁體中文 • Italiano • Bahasa Indonesia • Nederlands • Bahasa Melayu • Português (Portugal) • ไทย • Polski • Tiếng Việt हम आपको यूजर्स के साथ जुड़ने, अपना द्रष्टिकोण बांटन तथा लेखकों तथा एक-दूसरे से प्रश्न पूछने के लिए टिप्पणियों का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। हालांकि, बातचीत के उच्च स्तर को बनाये रखने के लिए हम सभी मूल्यों तथा उमीदों की अपेक्षा करते हैं, कृपया निम्नलिखित मानदंडों को ध्यान में रखें: • स्तर बढाएंबातचीत का • अपने लक्ष्य की ओर सचेत रहे। केवल वही सामग्री पोस्ट करें जो चर्चा किए जा रहे विषय से संबंधित हो। • आदर करें। यहाँ तक कि नकारात्मक विचारों को भी सकारात्मक तथा कुशलतापूर्वक पेश किया जा सकता है। • स्टैण्डर्ड लेखन शैली का उपयोग करें। पर्ण विराम तथा बड़े तथा छोटे अक्षरों को शामिल करें। • ध्यान दें: टिपण्णी के अंतर्गत स्पैम तथा/या विज्ञापनों के संदेशों को हटा दिया जायेगा। • धर्म निंदा, झूठी बातों या व्यक्तिगत हमलों से बचें लेखक या किसी अन्य यूजर की और। • बातचीत पर एकाधिकार न रखें। हम आवेश तथा विशवास की सराहना करते हैं, लेकिन हम सभी को उनके विचारों को प्रकट करने के लिए एक मौका दिए जाने पर भी अटूट विश्वास करते हैं। इसलिए, सामाजिक बातचीत के अलावा, हम टिप्पणीकर्ताओं से उनके विचारों को संक्षेप में तथा विनम्रतापूर्वक रखने की उम्मीद करते ...

अमेरिकी सांसद ने की NATO PLUS में भारत को शामिल करने की पैरवी, चीन को मिलेगी कड़ी चुनौती

वॉशिंगटन. भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि भारत और अमेरिका को अपनी ताकत का लाभ उठाते हुए चीन के अधिनायकवादी मॉडल के खिलाफ एक व्यवहार्य विकल्प पेश करना चहिए. सांसद कृष्णमूर्ति ‘स्ट्रैटजिक काम्पिटिशन बिटविन यूनाइटेड स्टेट्स एंड चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी)’ पर प्रतिनिधि सभा में एक शक्तिशाली समिति के सदस्य हैं. उनका यह बयान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस माह अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के आमंत्रण पर हो रही अमेरिका यात्रा से पहले आया है. कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘मेरा मानना है कि यात्रा (मोदी) भारत और अमेरिका के संबंधों की ताकत को प्रदर्शित करती है और मुझे यह इस वक्त राजनीति से ऊपर दिखाई देती है. हमें इसे मजबूत करना है, प्रगाढ़ करना है और यह सुनिश्चित करना है कि हम इसे नयी ऊंचाइयों पर ले जाएं.’ उन्होंने कहा, ‘हमें यह सुनिश्चित करना है कि हम अपनी ताकत का इस्तेमाल यह स्पष्ट करने में करें कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी दुनिया के सामने एक अधिनायकवादी तानाशाही मॉडल पेश कर रही है, लेकिन उसके सामने एक व्यवहार्य विकल्प है. लोकतंत्र, मानवाधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता ,बहुलवाद के लिए प्रतिबद्धता बेहद जरूरी है.’ ‘स्ट्रैटजिक काम्पिटिशन बिटवीन यूनाइटेड स्टेट्स एंड चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी)’ ने ताइवान की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने तथा भारत को शामिल करने सहित नाटो प्लस को मजबूत करने के लिए हाल में एक नीति प्रस्ताव को अंगीकार किया था. ‘नाटो प्लस’ वर्तमान में ‘नाटो प्लस 5’ है और एक प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था है जो उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) तथा पांच सहयोगी देशों- ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड,जापान,इजराइल और दक्षिण कोरिया को साथ लाता है. भारत को इसमें शामिल करने...

संविधान अनुच्छेद 164

आज के इस आर्टिकल में मै आपको “ मंत्रियों के बारे में अन्य उपबंध | भारतीय संविधान अनुच्छेद 164 | Article 164 of Indian Constitution in Hindi | Article 164 in Hindi | भारतीय संविधान का अनुच्छेद 164 | Other provisions as to Ministers” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की – भारतीय संविधान अनुच्छेद 164 | Article 164 of Indian Constitution in Hindi [ Indian Constitution Article 164 in Hindi ] – मंत्रियों के बारे में अन्य उपबंध — (1) मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करेगा और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राज्यपाल , मुख्यमंत्री की सलाह पर करेगा तथा मंत्री, राज्यपाल के प्रसादपर्यंत अपने पद धारण करेंगे : परंतु बिहार, मध्य प्रदेश और उड़ीसा राज्यों में जनजातियों के कल्याण का भारसाधक एक मंत्री होगा जो साथ ही अनुसूचित जातियों और पिछड़े वर्गों के कल्याण का या किसी अन्य कार्य का भी भारसाधक हो सकेगा । [5][(1क) किसी राज्य की मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या उस राज्य की विधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या के पंद्रह प्रतिशत से अधिक नहीं होगी : परंतु किसी राज्य में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की संख्या बारह से कम नहीं होगी : परंतु यह और कि जहां संविधान (इक्यानवेवां संशोधन) अधिनियम,2003 के प्रारंभ पर किसी राज्यकी मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या, यथास्थिति, उक्त पंद्रह प्रतिशत या पहले परंतु क में विनिर्दिष्ट संख्या से अधिक है वहां उस राज्य में मंत्रियों की कुल संख्या ऐसी तारीख[6] से, जो राष्ट्रपति लोक अधिसूचना द्वारा नियत करे छह मास के भीतर इस खंड के उपबंधों के अनुरूप लाई जाएगी । (1ख) किसी राज...

अमेरिका का महावाणिज्य दूतावास, मुंबई

अनुक्रम • 1 स्थान • 2 इतिहास • 3 यह भी देखें • 4 संदर्भ • 5 बाहरी कड़ियाँ स्थान [ ] महावाणिज्य दूतावास सी-49 जी-ब्लॉक, बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स, बांद्रा (पूर्व) में स्थित है। इतिहास [ ] वाणिज्य दूतावास की स्थापना १८३८ में हुई थी। १८४३ में, राष्ट्रपति मार्टिन वैन ब्यूरन ने ५ अक्टूबर १८३८ को न्यूयॉर्क के फिलेमोन एस. पार्कर को कौंसुल के रूप में एक आयोग जारी किया। कभी-कभी १९वीं और २०वीं शताब्दी की शुरुआत में, कराची में एक कांसुलर एजेंसी इसके अधिकार क्षेत्र में थी। 1 जुलाई 1945 से प्रभावी, इसे कॉन्सल जनरल हॉवर्ड डोनोवन के साथ प्रमुख अधिकारी के रूप में एक वाणिज्य दूतावास के रूप में उठाया गया था। वांकानेर हाउस से संचालित वाणिज्य दूतावास, बाद में 1957 से दक्षिण मुंबई में ब्रीच कैंडी में स्थित लिंकन हाउस का नाम बदल दिया गया। (कांसुलर निवास अल्टामाउंट रोड पर वाशिंगटन हाउस था)। विरासत स्थल के रूप में घोषित इमारत, महाराजा वांकानेर का एक पूर्व महल है। भारत के स्वतंत्र होने के बाद, अपने करों का भुगतान करने के लिए धन जुटाने के लिए महल को अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को सौंप दिया गया था। 2002 में, वाणिज्य दूतावास ने सुरक्षा कारणों से अपने कार्यालय को उत्तरी उपनगरों में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया। 21 नवंबर 2011 से, अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास मुंबई के सभी खंड बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में एक नई सुविधा में स्थित हैं। 2012 में, अमेरिकी वाणिज्यिक सेवा व्यापार सूचना केंद्र का उद्घाटन महावाणिज्य दूतावास में किया गया था। यह भी देखें [ ] • • • • संदर्भ [ ]

लिंग, कानून और असमानता: भारत और यू.एस.ए के बीच तुलना

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • परिचय (इंट्रोडक्शन) भारत में एक आदमी अपने दोस्त के घर में प्रवेश करता है और सब से अच्छी तरह से हाथ या गले मिलकर उनका अभिवादन (ग्रीटिंग) करता है। जब वह घर की महिला को देखता है, तो वह अपने हाथ जोड़कर ‘नमस्ते’ कहता है जिसका शाब्दिक अर्थ है “मैं आपको नमन करता हूं”। यह एक अभिवादन है जो व्यक्ति के प्रति श्रद्धा (रेवरेंस) दर्शाता है। यह भी एक देवता या देवी के प्रति दिखाई गई विनम्रता (ह्यूमिलिटी) का प्रतीक है। भारत की सच्ची संस्कृति (कल्चर) एक समय में ऐसी ही रही है। भारत में, महिलाओं के साथ भगवान के समान सम्मान और श्रद्धा का व्यवहार किया जाता है। हालाँकि, संस्कृति में प्रचलित (प्रीवेलेंट) यह सम्मान शायद ही दो लिंगों (सेक्सेस) के बीच समानता के रूप में सामने आता है। अन्य देशों में, कोई भी संस्कृति और समानता की तुलना करने में मदद नहीं कर सकता है, विशेष रूप से वे जो विकसित (डेवलप्ड) राष्ट्र हैं और जिन्होंने लंबे समय तक लैंगिक (जेंडर) समानता पर ध्यान केंद्रित किया है जैसे यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका। यह तुलना उपयुक्त है क्योंकि ये दोनों देश दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र (डेमोक्रेसीज) हैं। क्या किसी देश की संस्कृति के परिणामस्वरूप लिंग के बीच असमानता हो सकती है (केन द कल्चर ऑफ ए कंट्री रिजल्ट इन डिस्पेरिटी बिटवीन द जेंडर)? भारत, कई वर्षों से पुरुष-प्रधान (मेल डॉमिनेटेड) देश रहा है और अभी तक, महिलाएं जो पुरुषों के समान क्षेत्रों में काम करने में सक्षम थीं, उनको समान रूप से देखने में विफल रहा है। यह पैट्रीआर्कल संस्कृति के कारण है जिसका पालन हमारे देश में धर्म, पौराणिक कथाओं (माइथोलॉजी) और अन्य सा...

भारत

"भारत-अमेरिका सम्बन्ध" यहाँ पुनर्प्रेषित होता है। दक्षिण अमेरिकी देशों से भारतीय समबंधों पर लेख के लिए, भारतीय–अमेरिकी सम्बन्ध Diplomatic Mission Envoy भारत-संयुक्त राज्य सम्बन्ध से आशय 2016 में, भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए और भारत को संयुक्त राज्य का एक प्रमुख रक्षा भागीदार घोषित किया गया। अनुक्रम • 1 इतिहास • 1.1 अमेरिकी क्रांति और ईस्ट इंडिया कंपनी • 1.2 ब्रिटिश राज के तहत (1858-1947) • 1.3 द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान • 1.4 स्वतंत्रता (1947-1997) • 1.4.1 एनडीए I और II सरकारें (1998-2004) • 1.5 यूपीए I और II सरकारें (2004-2014) • 1.6 सामरिक और सैन्य निर्धारक • 1.7 भारत के खिलाफ अमेरिकी जासूसी अभियानों के खुलासे • 1.8 विदेश नीति के मुद्दे • 1.9 देवयानी खोबरागड़े घटना • 1.10 अमेरिकी सरकार और नरेंद्र मोदी के बीच संबंध (2001-2014) • 1.11 एनडीए सरकार (2014-वर्तमान) • 1.12 राष्ट्रपति ट्रम्प के तहत संबंध (2017-2021) • 1.13 मोदी-बिडेन संबंध (2021 से आगे) • 1.14 यूएसएस जॉन पॉल जोन्स घुसपैठ • 1.15 समकक्षों द्वारा राज्य का दौरा (2014 से आगे) • 1.15.1 मोदी की अमेरिका यात्रा, 2014 • 1.15.2 ओबामा की भारत यात्रा, 2015 • 1.16 मोदी की अमेरिका यात्रा, 2015 • 1.16.1 मोदी की अमेरिका यात्रा, 2016 • 1.16.2 मोदी की अमेरिका यात्रा, 2017 • 1.16.3 मोदी की अमेरिका यात्रा, 2019 • 1.16.4 ट्रंप की भारत यात्रा, 2020 • 1.16.5 मोदी की अमेरिका यात्रा, 2021 • 2 सैन्य संबंध • 3 पृष्ठभूमि • 4 परमाणु सहयोग • 4.1 पोखरण टेस्ट • 4.2 तनाव को कम करना • 4.3 पोस्ट-सितंबर 11 • 5 आर्थिक संबंध • 5.1 व्यापारिक संबंध • 6 वर्तमान दौर • 7 भारत अमरीकी संबंध...

Where Is Nithyanandas Kailasa Is It A Recognised Country All You Need To Know NDTV Hindi NDTV India

कैलासा कहां है...? क्या यह एक मान्यता प्राप्त देश है, जानिए- भगोड़े नित्‍यानंद की नगरी के बारे में सबकुछ यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा के ट्विटर हैंडल ने गुरुवार को ई-नागरिकता के लिए ई-वीजा के लिए आवेदन मांगे. यूएसके एक ध्वज, एक संविधान, एक आर्थिक प्रणाली, एक पासपोर्ट और एक प्रतीक भी होने का दावा करता है. नई दिल्‍ली: विवादास्पद भगोड़े स्‍वयंभू धर्मगुरु नित्यानंद (Nithyananda) अपने तथाकथित देश 'यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा' (USK) के प्रतिनिधियों के पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक बैठक में शामिल होने के बाद खबरों में हैं. बलात्कार और अपहरण का आरोपी नित्यानंद 2019 में भारत से भाग गया और एक साल बाद अपना देश स्थापित करने के दावे के साथ उभरा. हालांकि, ये बहुत कम लोग जानते होंगे कि यह काल्पनिक देश कहां है? नित्‍यानंद के अनुयायियों की सोशल मीडिया पर काफी उपस्थिति है, जहां वे अपने देश में हो रहे विकास पर अपडेट पोस्ट करते रहते हैं. बीबीसी के मुताबिक, नित्यानंद ने इक्वाडोर के तट के करीब एक द्वीप खरीदा, जहां वह 'कैलासा' स्थापित करने का दावा करता है, लेकिन सोशल मीडिया के अलावा इसके दृश्य मिलना बेहद मुश्किल है. यह भी पढ़ें • नित्यानंद के 'कैलासा' ने 'सिस्टर सिटी' स्कैम के जरिए से 30 अमेरिकी शहरों को ठगा : रिपोर्ट • जिनेवा बैठकों में भगोड़े नित्यानंद के कैलासा का 'अप्रासंगिक' व्याख्यान UN ने किया खारिज • कौन है विजयप्रिया नित्यानंद, जानिए- कैलासा के विवादास्पद स्‍वयंभू धर्मगुरु 'नित्यानंद' से क्‍या है रिश्‍ता? आखिर कैलासा कहां है...? ये सवाल कई लोगों के जेहन में होगा कि आखिर नित्‍यानंद का कैलासा कहां है? कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि नित्यानंद का देश इक्वाडोर के पास एक द्वीप पर ...

Prime Minister Narendra Modi To Address Joint Meeting United States Congress On June 22

PM Modi US Visit: प्रधानमंत्री यूनाइटेड स्टेट्स हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स और यूनाइटेड स्टेट्स सीनेट की ओर से शुक्रवार (2 जून) को संयुक्त बयान में कहा गया कि पीएम मोदी का अमेरिकी संसद को संबोधित करना हमारे लिए गर्व की बात होगी. दोनों देशों के बीच साझेदारी लगातार बढ़ रही है. पीएम मोदी इस दौरान भारत के भविष्य के लिए अपने दृष्टिकोण और दोनों देशों के सामने आने वाली वैश्विक चुनौतियों पर अपनी बात रखेंगे. राष्ट्रपति जो बाइडन करेंगी पीएम की मेजबानी बयान पर प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष मैककार्थी, सीनेट के बहुमत नेता चक स्कमर, सीनेट के रिपब्लिकन नेता मिच मैककॉनवेल और प्रतिनिधि सभा के डेमोक्रेटिक नेता हकीम जेफरीज ने हस्ताक्षर किए हैं. राष्ट्रपति जो बाइडन, प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर उनकी मेजबानी करेंगे, जिसमें 22 जून को एक राजकीय डिनर भी शामिल है. दूसरी बार करेंगे अमेरिकी संसद को संबोधित ये दूसरा मौका है जब पीएम मोदी अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे. पीएम मोदी ने इससे पहले 2016 में अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था. केंद्र सरकार ने एक बयान में कहा था कि राष्ट्रपति जो बाइडेन और फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन के निमंत्रण पर पीएम मोदी अमेरिका जाएंगे. 2014 में पीएम के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से मोदी की यह छठी अमेरिका यात्रा होगी. दोनों नेताओं की हाल ही में मई के महीने में जापान के हिरोशिमा में जी7 और क्वाड शिखर सम्मेलन में भी मुलाकात हुई थी. ये भी पढ़ें: Published at : 02 Jun 2023 09:01 PM (IST) Tags: हिंदी समाचार,