यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची 2022

  1. UNESCO in hindi
  2. भारत में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की पूरी सूची एवं नोट्स
  3. रम्माण उत्सव : यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में है शामिल
  4. भारतीय स्थल यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल होने का दावा
  5. [Solved] यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल 40वीं भ�
  6. [Solved] निम्नलिखित में से किसे वर्ष 2022 में यूनेस्को की
  7. युनेस्को
  8. विश्व विरासत नामांकन 2022


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UNESCO in hindi

इस पोस्ट में हम UNESCOक्या है ? , UNESCO full form , UNESCO sthapna , UNESCO Headquarter , यूनेस्कोअध्यक्ष , यूनेस्कोके उद्देश्य , यूनेस्कोके प्रमुख अंग ,UNESCOके कार्य , unescosites in india , World UNESCO HERITAGE Sites , India’s UNESCO Tentative तथा भारत में युनेस्को के अमूर्त विरासत आदि के बारे में विस्तृत अध्ययन करेंगे । Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • UNESCOfull form UNESCO – United Nations Educational, Scientific & Cultural Organisation ( संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक , वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संस्था ) UNESCOक्या है ? संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक , वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संस्था UNESCO संयुक्त राष्ट्र संघ का एक विशिष्ट अभिकरण है यह अंतरराष्ट्रीय स्तर में सांस्कृतिक गतिविधियों की महत्वपूर्ण और प्रतिनिधि संस्था है । UNESCOki sthapna UNESCO की स्थापना 4 नवम्बर 1946 ई. को हुई थी। UNESCO Headquarter यूनेस्को का मुख्यालय – पेरिस, फ्रांस में है । यूनेस्कोअध्यक्ष 2022 ( UNESCO chairman ) महानिदेशक – आन्द्रे एजोले यूनेस्को के उद्देश्य क्या है ? यूनेस्को का मुख्य उद्देश्य शिक्षा , विज्ञान एवं संस्कृति के माध्यम से न्याय विधि के शासन एवं मानवीय अधिकार और मौलिक स्वतंत्रताओं के प्रति सम्मान उत्पन्न करके शांति तथा सुरक्षा की स्थापन के क्षेत्र में योगदान देना। विश्व के ऐसे स्थलों को चयनित एवं संरक्षित करना है जो विश्व संस्कृति की दृष्टि से मानवता के लिए महत्वपूर्ण है । विश्व में शांति तथा सुरक्षा स्थापित करने हेतु सदस्य देशों के मध्य शिक्षा विज्ञान तथा संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देना । अन्तर्राष्ट्रीय शांति तथा मानव जाति के कल्याण हेतु UNESCO का न...

भारत में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की पूरी सूची एवं नोट्स

List of UNESCO World Heritage Sites in India भारत में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की पूरी सूची . UNESCO World Heritage Sites in India. Complete List of UNESCO World Heritage Sites in India in Hindi. GS Special Notes PDF. सभी प्रतियोगी परीक्षा जैसे UPSC, SSC, Railways, PCS, Banking और State Level परीक्षाओं के लिए सामान्य जागरूकता सामान्य अध्ययन के लिए कई अलग-अलग विषयों पर ज्ञान की आवश्यकता होती है, ऐसा ही एक विषय UNESCO World Heritage Sites in India (भारत में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की पूरी सूची ) है। हालाँकि भारत में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों से संबंधित परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या अपेक्षाकृत कम होती है, लेकिन यह उचित है कि प्रत्येक इच्छुक को भारत में महत्वपूर्ण यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों का महत्व (Importance of UNESCO World Heritage Sites) भारत में 38 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल (UNESCO World Heritage Sites in India) हैं जिन्हें संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा 2018 के रूप में मान्यता प्राप्त है। भारत के ये यूनेस्को धरोहर स्थल सांस्कृतिक या प्राकृतिक विरासत के महत्व के स्थान हैं। भारत के पास अब यूनेस्को द्वारा सूचीबद्ध 38 विश्व धरोहर स्थल हैं और यह भारत को विश्व विरासत स्थलों की संख्या के मामले में विश्व के शीर्ष देशों में से एक बनाता है। यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की पहचान उन स्थानों के रूप में करता है जो दुनिया के सभी लोगों से संबंधित हैं, चाहे वे जिस क्षेत्र में स्थित हों। इसका मतलब है कि भारत के इन विश्व धरोहर स्थलों को दुनिया में अत...

रम्माण उत्सव : यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में है शामिल

“रम्माण” चमोली जिले के सलूड़ गांव में प्रतिवर्ष अप्रैल में आयोजित होने वाला उत्सव है। इस गांव के अलावा डुंग्री, बरोशी, सेलंग गांवों में भी रम्माण का आयोजन किया जाता है। इसमें सलूड़ गांव का रम्माण ज्यादा लोकप्रिय है। इसका आयोजन सलूड़-डुंग्रा की संयुक्त पंचायत करती है। रम्माण मेला कभी 11 दिन तो कभी 13 दिन तक भी मनाया जाता है। रम्माण उत्सव की तस्वीर यह विविध कार्यक्रमों, पूजा और अनुष्ठानों की एक शृंखला है। इसमें सामूहिक पूजा, देवयात्रा, लोकनाट्य, नृत्य, गायन, मेला आदि विविध रंगी आयोजन होते हैं। इसमें परम्परागत पूजा-अनुष्ठान तथा मनोरंजक कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं। यह भूम्याल देवता के वार्षिक पूजा का अवसर भी होता है एवं परिवारों और ग्राम-क्षेत्र के देवताओं से भेंट करने का मौका भी होता है। रम्माण मेले का समापन पारंपरिक ढंग से सम्पन्न हो गया है। इस बार हजारों की संख्या में लोग इसे देखने पहुंचे। रम्माण मेले का आयोजन बुधवार को विश्व प्रसिद्ध सलूड़ डुंग्रा गांव में हुआ। जिसमें भूमि क्षेत्रपाल की पूजा अर्चना और 18 पत्तर का नृत्य और 18 तालों पर राम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान का नृत्य होता है। संयुक्त राष्ट्र संघ के संगठन यूनेस्को द्वारा साल 2009 में इस रम्माण को विश्व की सांस्कृतिक धरोहर का दर्जा दिया गया था। 7 जोड़े पारंपरिक ढोल-दमाऊं की थाप पर मोर-मोरनी नृत्य, बण्या-बाणियांण, ख्यालरी, माल नृत्य सबको रोमांचित करने वाला होता है और कुरजोगी सबका मनोरंजन करता है। अंत मे भूमि क्षेत्रपाल देवता अवतरित होकर 1 साल तक के लिए अपने मूल स्थान पर विराजित हो गए। विकासखंड जोशीमठ में पैनखंडा पट्टी के सलूड़, डुंग्रा तथा सेलंग आदि गावों में प्रतिवर्ष अप्रैल (बैशाख ) के महीने में आयोजित किया जाता है। रम्माण...

भारतीय स्थल यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल होने का दावा

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[Solved] यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल 40वीं भ�

सही जबाब गुजरात है। Key Points • यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल 40वीं भारतीय धरोहर गुजरात में स्थित है। • धोलावीरा, कच्छ के रण, गुजरात में हड़प्पा शहर के लिए भारत का नाम यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल हुआ है। • दो स्थलों के शामिल होने के बाद भारत में विश्व धरोहरों की संख्या 40 हो गई है। • जबकि धोलावीरा इस सूची में शामिल गुजरात का चौथा और भारत का 40वां स्थल है, लेकिन भारत की प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता (IVC) से शामिल होने वाला पहला स्थल है। • कुल मिलाकर यूनेस्को के स्ठलों में 167 देशों के 121 स्मारक शामिल हैं। • सिन्धु घाटी सभ्यता का सबसे पुराना स्थल भिरड़ाना, और सबसे बड़ा स्थल राखीगड़ी, भारतीय राज्य हरियाणा में स्थितहैं। • इसके अलावा, पाकिस्तान में सिंधु नदी के किनारे प्राचीन नागरिक केंद्रों में 90 अंकित वस्तुओं और मुहरों को स्थापित किया गया था, मुख्यतः हड़प्पा (पंजाब) और मोहनजो-दारो (सिंध)। Additional Information • धोलावीरा पश्चिमी भारत के गुजरात राज्य में कच्छ जिले के भचाऊ तालुका में खादिर बेट में पुरातात्विक स्थल है। • स्थानीय रूप से कोटा दाटिम्बा के रूप में भी जाना जाता है, इस स्थल पर प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता की मेगासिटी के अवशेष हैं। • धोलावीरा की स्थिति कर्क रेखा पर है। • यह पांच सबसे बड़े हड़प्पा स्थलों में से एक है और सिंधु घाटी सभ्यता से संबंधित भारत में सबसे प्रमुख पुरातात्विक स्थलों में से एक है। • भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) में से एक, जेपी जोशी द्वारा 1967- 68 में"आधिकारिक तौर पर" इस स्थल की खोज की गई थी। Important Points • यूनेस्को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक सं...

[Solved] निम्नलिखित में से किसे वर्ष 2022 में यूनेस्को की

सही उत्तर विकल्प 5 है। Key Points यूनेस्को की विश्व धरोहर: • यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल एक ऐसा स्थान है जिसे संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन द्वारा विशिष्ट सांस्कृतिक या भौतिक महत्व के रूप में मान्यता प्राप्त है जिसे मानवता के लिए उत्कृष्ट मूल्य माना जाता है। • यूनेस्को वि श्वभर में प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण, पहचान और रखरखाव को प्रोत्साहित करने का प्रयास करता है। • यह 1972 में यूनेस्को द्वारा स्वीकार किए गए विश्व सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर के संरक्षण के संबंध में कन्वेंशन द्वारा अनुकरणीय है। • भारत में यूनेस्को के 40 विश्व धरोहर स्थल हैं। • 2021 में 'सांस्कृतिक' श्रेणी के तहत सूची में धोलावीरा और रामप्पा मंदिर नवीनतम जोड़ हैं। • 27 जुलाई 2021 - कच्छ के रण में हड़प्पा शहर धोलावीरा, भारत का 40वां यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल बन गया। • 25 जुलाई 2021 - यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थलों की सूची में वारंगल, तेलंगाना के पालमपेट में स्थित रुद्रेश्वर मंदिर (रामप्पा मंदिर) को अंकित किया है। • वर्ष 2022 में, भारत से कोई स्थलयूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में नहीं जोड़ागयाहै। अतः विकल्प 5 सही उत्तर है। • यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी सूची में भारत के 46 स्थल हैं। Additional Information सांस्कृतिक विश्व धरोहर स्थल राज्य अधिसूचना का वर्ष नालंदा महाविहार का पुरातात्विक स्थल (नालंदा विश्वविद्यालय) बिहार 2016 बोधगया में महाबोधि मंदिर परिसर बिहार 2002

युनेस्को

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन प्रकार विशेषज्ञ संस्था संक्षिप्ति UNESCO अध्यक्ष UNESCO की वर्तमान में प्रमुख आंद्रे अजोले वर्तमान स्थिति सक्रिय स्थापना 16 नवंबर 1945 (भारत 1946 में इसका सदस्य बना) जालस्थल .unesco .org संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) संयुक्त राष्ट्र का एक घटक निकाय है। इसका कार्य शिक्षा, प्रकृति तथा समाज विज्ञान, संस्कृति तथा संचार के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देना है। संयुक्त राष्ट्र की इस विशेष संस्था का गठन 16 नवम्बर 1945 को हुआ था। इसका उद्देश्य शिक्षा एवं संस्कृति के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से शांति एवं सुरक्षा की स्थापना करना है, ताकि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में वर्णित न्याय, कानून का राज, मानवाधिकार एवं मौलिक स्वतंत्रता हेतु वैश्विक सहमति बने। परिचय [ ] यूनेस्को के 195 सदस्य देश हैं और 8 सहयोगी सदस्य देश और दो पर्यवेक्षक सदस्य देश हैं। इसके कुछ सदस्य स्वतंत्र देश भी नहीं हैं। इसका मुख्यालय पेरिस (फ्रांस) में है। इसके ज्यादार क्षेत्रीय कार्यालय क्लस्टर के रूप में है, जिसके अंतर्गत तीन-चार देश आते हैं, इसके अलावा इसके राष्ट्रीय और क्षेत्रीय कार्यालय भी हैं। यूनेस्को के 27 क्लस्टर कार्यालय और 21 राष्ट्रीय कार्यालय हैं। यूनेस्को मुख्यतः शिक्षा, प्राकृतिक विज्ञान, सामाजिक एवं मानव विज्ञान, संस्कृति एवं सूचना व संचार के जरिये अपनी गतिविधियां संचालित करता है। वह साक्षरता बढ़ानेवाले कार्यक्रमों को प्रायोजित करता है और वैश्विक धरोहर की इमारतों और पार्कों के संरक्षण में भी सहयोग करता है। यूनेस्को की विरासत सूची में हमारे देश के कई ऐतिहासिक इमारत और पार्क शामिल हैं। जिनकी संख्या 40 है। 40...

विश्व विरासत नामांकन 2022

टैग्स: • • • प्रिलिम्स के लिये: विश्व धरोहर स्थल, होयसल वास्तुकला, नागर एवं द्रविड़ वास्तुकला। मेन्स के लिये: भारतीय विरासत एवं संस्कृति। चर्चा में क्यों? हाल ही में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने वर्ष 2022-2023 के लिये ‘विश्व धरोहर स्थल’ के रूप में विचार करने हेतु होयसल मंदिरों के पवित्र स्मारकों को नामित किया है। • 12वीं-13वीं शताब्दी में निर्मित होयसल मंदिर कर्नाटक में बेलूर, हलेबीडु और सोमनाथपुर के तीन घटकों द्वारा चिह्नित हैं। ये तीनों होयसल मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के संरक्षित स्मारक हैं। • ‘होयसला के पवित्र स्मारक’ 15 अप्रैल, 2014 से यूनेस्को की संभावित सूची में शामिल हैं और भारत की समृद्ध ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत के साक्षी हैं। • इससे पहले यूनेस्को के विश्व धरोहर केंद्र (WHC) ने अपनी वेबसाइट पर भारत के ‘यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों’ के हिंदी विवरण प्रकाशित करने पर सहमति व्यक्त की थी। बेलूर, हलेबीडु और सोमनाथपुरा मंदिरों की विशेषताएँ: • चेन्नाकेशव मंदिर, बेलूर: • यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, जिन्हें ‘चेन्नाकेशव’ के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ है- ‘सुंदर’ (चेन्ना) एवं ‘विष्णु’ (केशव)। • मंदिर के बाहरी हिस्से में बड़े पैमाने पर तराशे गए पत्थर विष्णु के जीवन एवं उनके पुनर्जन्म तथा महाकाव्यों- रामायण और महाभारत के दृश्यों का वर्णन करते हैं। • हालाँकि यहाँ शिव से जुड़े कुछ मंदिर भी मौजूद हैं। • होयसलेश्वर मंदिर, हलेबिड (Hoysaleshwara Temple): • हलेबिड में होयसलेश्वर मंदिर वर्तमान में मौजूद होयसलों का सबसे अनुकरणीय स्थापत्य है। • इसका निर्माण होयसल राजा विष्णुवर्धन होयसलेश्वर के शासनकाल के दौरान 1121 ई. में किया गया था। • शिव को समर्पित यह मंदि...