अलंकार कितने प्रकार के होते हैं

  1. अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण सहित पूरी जानकारी
  2. अलंकार किसे कहते हैं, अलंकार कितने होते हैं ?, रूपक अलंकार, यमक अलंकार
  3. Alankar Kise Kahate Hain
  4. अलंकार किसे कहते हैं परिभाषा और उदाहरण सहित
  5. अलंकार कितने प्रकार के होते हैं? । Alamkar kitne prakar ke hote hain?
  6. अलंकार कितने प्रकार के होते हैं? Alankar Kitane prakar ke Hote Hain:
  7. अलंकार किसे कहते हैं, अलंकार कितने होते हैं ?, रूपक अलंकार, यमक अलंकार
  8. अलंकार किसे कहते हैं परिभाषा और उदाहरण सहित
  9. अलंकार कितने प्रकार के होते हैं? Alankar Kitane prakar ke Hote Hain:
  10. अलंकार कितने प्रकार के होते हैं? । Alamkar kitne prakar ke hote hain?


Download: अलंकार कितने प्रकार के होते हैं
Size: 52.77 MB

अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण सहित पूरी जानकारी

अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है किआभूषण, यह दो शब्दों से मिलकर बनता है-अलम + कार। जिस प्रकार स्त्री की शोभाआभूषणों से होती है उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि जो शब्द आपके वाक्यांश को अलंकृत करें वह अलंकार कहलाता है। Alankar के बारे में विस्तार से जानने के लिए पूरा ब्लॉग पढ़ें। This Blog Includes: • • • • • • • • • • • • • • • • • अलंकार किसे कहते हैं? Alankar किसी काव्यांश-वाक्यांश की सुंदरता को बढ़ाने वाले शब्द होते हैं जैसे अपने शब्दों के माध्यम से किसी की सुंदरता को चांद की उपाधि देना यह बिना अलंकार के संभव नहीं है। भाषा को शब्दार्थ से सुसज्जित और सुंदर बनाने का काम Alankar का ही है। अलंकरोति इति अलंकार भारतीय साहित्य के अंदर जिन शब्दों के द्वारा किसी वाक्य को सजाया जाता है उन्हें Alankar कहते हैं। • अनुप्रास • उपमा • रूपक • यमक • श्लेष • उत्प्रेक्षा • संदेह • अतिशयोक्ति आदि ये भी पढ़ें : क्लॉज़िज़ अलंकार के भेद Alankar को व्याकरण के अंदर उनके गुणों के आधार पर तीन हिस्सों में बांटा गया है। • शब्दालंकार • अर्थालंकार • उभयालंकार शब्दालंकार अलंकार शब्दालंकार दो शब्दों से मिलकर बना होता है – शब्द + अलंकार , जिसके दो रूप होते हैं – ध्वनी और अर्थ। जब Alankar किसी विशेष शब्द की स्थिति में ही रहे और उस शब्द की जगह पर कोई और पर्यायवाची शब्द का इस्तेमाल कर देने से उस शब्द का अस्तित्व ही न बचे तो ऐसी स्थिति को शब्दालंकार कहते हैं। अर्थात जिस Alankar में शब्दों का प्रयोग करने से कोई चमत्कार हो जाता है और उन शब्दों की जगह पर समानार्थी शब्द को रखने से वो चमत्कार कहीं गायब हो जाता है तो, ऐसी प्रक्रिया को शब्दालंकार कहा जाता है। शब्दालंकार के भेद शब्द ...

अलंकार किसे कहते हैं, अलंकार कितने होते हैं ?, रूपक अलंकार, यमक अलंकार

अलंकार किसे कहते हैं, अलंकार कितने होते हैं? हिंदी साहित्य के अलंकार. अलंकार PDF. अलंकार in English. अलंकार मराठी, अलंकार Class 9. अनुप्रास अलंकार, श्लेष अलंकार अलंकार के बारे में पूरी जानकारी यहाँ दी गई है. अलंकार किसे कहते हैं अलंकार किसे कहते हैं– काव्य की शोभा बढ़ाने वाले तत्त्वों को अलंकार कहते हैं। अलंकार के मुख्य दो भेद हैं—शब्दालंकार और अर्थालंकार। जहाँ शब्दों के कारण चमत्कार आ जाता है वहाँ शब्दालंकार तथा जहाँ अर्थ के कारण रमणीयता आ जाती है वहाँ अर्थालंकार होता है। (Alankar kise kahate hain) शब्दालंकार के प्रकार शब्दालंकार के तीन भाग हैं- • अनुप्रास अलंकार • यमक अलंकार • श्लेष अलंकार अनुप्रास अलंकार किसे कहते हैं अनुप्रास अलंकार– जहाँ व्यंजनों की बार-बार आवृत्ति हो, चाहे उनके स्वर मिलें या न मिलें वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है। अनुप्रास अलंकार के पाँच भेद होते हैं- • छेकानुप्रास • वृत्त्यनुप्रास • श्रुत्त्यनुप्रास • लाटानुप्रास • अन्त्यानुप्रास छेकानुप्रास अलंकार उदाहरण सहित जहाँ एक या अनेक वर्णों की आवृत्ति केवल एक बार होती है वहाँ छेकानुप्रास होता है। उदाहरण- राधा के बर बैन सुनि चीनी चकित सुभाइ। दाख दुखी मिसरी मुई सुधा रही सकुचाइ। यहाँ ब, च, द, म और स वर्णों की एक एक बार आवृत्ति हुई है, अतः छेकानुप्रास है। वृत्त्यनुप्रास अलंकार जहाँ एक अथवा अनेक वर्णों की आवृत्ति दो या दो से अधिक बार हो, वहाँ वृत्त्यनुप्रास होता है। उदाहरण- तरनि-तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाये। इसमें शब्द और अर्थ वही है, परन्तु अन्वय करने से अर्थ में भिन्नता आ जाने के कारण लाटानुप्रास है। विशेष– लाट प्रदेश के कवियों द्वारा खोजे और फिर प्रचलित किये जाने के कारण यह अलंकार लाटानुप्रास कहलाता है. गुजरात ...

Alankar Kise Kahate Hain

Alankar:- हिंदी भाषा अन्‍य किसी भाषा से अधिक समृद्ध मानी जाती हैं। इसमें विचारों को अभिव्‍यक्‍त करने के लिए शब्‍दों का अथाह भंडार हैं। साथ ही अभिव्‍यक्ति के लिए बहुत से तरीके भी हैं। अभिव्‍यक्ति को भाषा की सहायता से और बेहतर बनाने और उसे समझाने के लिए हिंदी व्‍याकरण में बहुत से घटक होते हैं। जिनमें से एक हैं- अलंकार (Alankar) । अलंकार का भाषा में अपना एक अलग ही महत्‍व होता हैं। इस लेख के माध्‍यम से हम अलंकार के बारे में पढ़ेंगे। अलंकार क्‍या होते हैं? और इसके कितने प्रकार होते हैं? ये सब हम इस लेख के जरिये उदाहरण सहित समझेंगे। Contents • • • • • • • • • • • • • • • • अलंकार किसे कहते हैं? (Alankar Kise Kahate Hain) काव्‍य की शोभा बढ़ानेवाले उपकरणों को अलंकार करते हैं। जैसे अलंकरण धारण करने से शरीर की शोभा बढ़ जाती है, वैसे ही अलंकरण के प्रयोग से काव्‍य में चमक उत्‍पन्‍न हो जाती है। संस्‍कृत आचार्य दंडी के अनुसार ‘अलंकार काव्‍य का शोभाकारक धर्म है’ और आचार्य वामन के अनुसार ‘अलंकार ही सौंदर्य है। आचार्य रामचंद्र शुक्‍ल के अनुसार, “कथन की रोचक, सुंदर और प्रभावपूर्ण प्रणाली अलंकार है। गुण और अलंकार में यह अंतर है की गुण सीधे रस का उत्‍कर्ष करते हैं, अलंकार सीधे रस का उत्‍कर्ष नहीं करते हैं। अलंकार की परिभाषा (Alankar Ki Paribhasa) अलंकार दो शब्‍दों से मिलकर बना है- ‘अलम’ और ‘कार’ । जहा ‘अलम’ का शाब्दिक अर्थ है, आभूषण और ‘कार’ का अर्थ है धारण करना। जिस प्रकार स्त्रिया अपने शरीर की शोभा बढ़ाने के लिए आभूषण को पहनती है उसी प्रकार किसी भाषा या कविता को सुन्‍दर बनाने के लिए अलंकार का प्रयोग किया जाता है। दूसरे शब्‍दों में कहे तो जो “शब्‍द काव्‍य की शोभा को बढ़ाते हैं उसे अलंकार कहत...

अलंकार किसे कहते हैं परिभाषा और उदाहरण सहित

1 • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Alankar kise Kahate Hain आप इस पोस्ट में अलंकार किसे कहते हैं,अलंकार की परिभाषा, अलंकार के कितने भेद होते हैं, तथा प्रमुख अलंकारों के बारे में जानेंगे हिंदी व्याकरण में अलंकार परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण अध्याय होता है। अलंकार किसे कहते हैं ( Alankar kise Kahate Hain ) Alankar in hindi काव्य की शोभा बढ़ाने वाले धर्म को अलंकार कहते है। काव्यशोभा करान् धर्मानलकार प्रचक्षते (काव्यादर्श) अर्थात् काव्य की शोभा करने वाले धर्मों , को अलंकार कहा जाता है। अलंकार का शब्दार्थ होता है-आभूषण या गहना। आभूषण द्वारा शरीर को सजाया जाता है जिससे वह अधिक आकर्षक प्रतीत हो। अलंकारों द्वारा भाषा में लालित्य एवं चमत्कार का समावेश होता है। गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा है कि “बिधुवदनी सब भाँति सेवारी, सोह न जथा बसन बिन नारी।” । अलंकारगत शोभा कभी शब्द में होती है और कभी अर्थ में। अलंकार की परिभाषा (Alankar Ki Paribhasha) काव्य की शोभा बढ़ाने वाले धर्म को अलंकार कहते है। काव्यशोभा करान् धर्मानलकार प्रचक्षते (काव्यादर्श) अर्थात् काव्य की शोभा करने वाले धर्मों , को अलंकार कहा जाता है। अलंकार कितने प्रकार के होते हैं (Alankar Kitne Prakar Ke Hote Hain) इस प्रकार अलंकारों को दो वर्गों में विभक्त करते हैं- शब्दालंकार, और (ii) अर्थालंकार शब्दालंकार अलंकार किसे कहते हैं (Sabda Alankar kise Kahate Hain) जब शब्दो द्वारा भाषा में सुन्दरता आती है, तब शब्दालंकार होता है। शब्दालंकारों के मुख्य भेद इस प्रकार माने गए हैं-अनुप्रास, यमक, पुनरुक्तिप्रकाश, वीप्सा, श्लेष और वक्रोक्ति। यमक अलंकार किसे कहते हैं (Yamak Alankar kis...

अलंकार कितने प्रकार के होते हैं? । Alamkar kitne prakar ke hote hain?

आज इस आर्टिकल में हम अलंकार के कितने भेद होते हैं? (Alankar ke kitne bhed hote Hain), अलंकार कितने प्रकार के होते हैं? (Alankar kitne prakar ke hote hain?) अलंकार क्या है? इसके के बारे में जानेंगे। किसी भी भाषा का सही और गहन अध्ययन के लिए उसका व्याकरण आधार होता है। इसी प्रकार हिंदी भाषा मे भी व्याकरण बहुत ही प्रमुख होता है। हिंदी भाषा में और उसमें भी खास तौर पर कविता और कहानियों में भी अलंकार का इस्तेमाल होता है। कविता में पंक्तियों को सजाने के लिए अलंकार का इस्तेमाल होता है। आज इस लेख में हम अलंकार के बारे में ही जानेंगे। अलंकार क्या है? अलंकार कितने प्रकार के होते हैं यानी अलंकार के कितने भेद हैं? इसे और इसके सभी भेदो को एक-एक करके उदाहरण सहित समझने का प्रयास करेंगे – शाब्दिक अर्थ में अलंकार का मतलब होता है आभूषण। हम जो कुछ भी कहते हैं या लिखते हैं उस कथन को में सुंदर शब्दों का प्रयोग करके उसे प्रभावी और सुंदर बनाना चाहते हैं और इसी के लिए अलंकार का इस्तेमाल किया जाता है, बल्कि शब्दों को सजाना और प्रभावी बनाना ही अलंकार है। मुख्य तौर से अलंकार का इस्तेमाल काव्य यानी कविताओं में ही किया जाता है। इसीलिए उस कारक को अलंकार कहा जाता है, जो काव्य यानी कविता की शोभा को बढ़ाते हैं। ‘ तौपे वारू उर्वशी, तू तो प्रभु के उर वशि ‘ ऊपर दी गई कविता की पंक्ति में अलंकार का इस्तेमाल है। अलंकार के कितने भेद होते हैं? (Alankar kitne prakar hote hain?) वैसे तो अलंकार के भेदो और उपभेदो की संख्या काव्य शास्त्रियों के अनुसार सैकड़ों हैं। परंतु मुख्य रूप से कुछ सीमित और निर्धारित भेेदों को ही अलंकार के भेदों के अंतर्गत पढ़ा जाता है। मुख्य रूप से अलंकार के तीन भेद ही होते हैं, तथा उनके कई सारे उप...

अलंकार कितने प्रकार के होते हैं? Alankar Kitane prakar ke Hote Hain:

अलंकार किसे कहते हैं अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है- आभूषण जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषण से उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है अर्थात जो किसी वस्तु को अलंकृत करें वह अलंकार कहलाता है। संक्षेप में हम कह सकते हैं काव्यशरीर, अर्थात भाषा को शब्दार्थ से सुसज्जित तथा सुंदर बनाने वाले चमत्कार पूर्ण मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते हैं। अलंकार दो शब्दों से मिलकर बना होता है- आलम + कार यहां पर अलम का अर्थ होता है' आभूषण मानव समाज बहुत ही सुंदर उपासक हैं उसके प्रवृत्ति ने ही नए अलंकारों को जन्म दिया गया है। अलंकार, कविता कामिनी के सुंदर को बढ़ाने वाले तत्व होते हैं। उदाहरण: भूषण बिना ना सोहई कविता, बनिता मित्त अलंकार कितने प्रकार की होते हैं अलंकार के चार भेद हैं- 1 शब्दालंकार 2 अर्थालंकार 3 उभयालंकार 4 पश्चात्य अलंकार 1 . जिस अलंकार में शब्दों को प्रयोग करने से चमत्कार हो जाता है और उन शब्दों की जगह पर समानर्थी शब्द को रखने से वह चमत्कार समाप्त हो जाए वहां शब्द अलंकार होता है। शब्दालंकार के मुख्यत: छह: प्रकार होते हैं - • अनुप्रास अलंकार • यमक अलंकार • पुनरिक्त अलंकार • विप्सा अलंकार • वक्रोक्ति अलंकार • श्लेष अलंकार 2. अर्थालंकार जब किसी वाक्य के किसी शब्द की या किसी भी तरह के लेखन की अर्थ के आधार पर शोभा बढ़ाई जाती है उसके अर्थ को हिसाब से उसको सुंदर बनाया जाता है. उसको अच्छा बनाया जाता है. तो उसे अर्थालंकार कहा जाता है. जहां पर अर्थ के माध्यम से काव्य में चमत्कार होता हो वहां अर्थ अलंकार होता है। यह प्रकार निम्नलिखित हैं- • उपमा अलंकार • रूपक अलंकार • उत्प्रेक्षा अलंकार • दृष्टांत अलंकार • संदेह अलंकार • अतिशयोक्ति अलंकार • उपमेयोपमा अलंकार • प्रतीप अलंकार • अनन्वय अलंकार • ...

अलंकार किसे कहते हैं, अलंकार कितने होते हैं ?, रूपक अलंकार, यमक अलंकार

अलंकार किसे कहते हैं, अलंकार कितने होते हैं? हिंदी साहित्य के अलंकार. अलंकार PDF. अलंकार in English. अलंकार मराठी, अलंकार Class 9. अनुप्रास अलंकार, श्लेष अलंकार अलंकार के बारे में पूरी जानकारी यहाँ दी गई है. अलंकार किसे कहते हैं अलंकार किसे कहते हैं– काव्य की शोभा बढ़ाने वाले तत्त्वों को अलंकार कहते हैं। अलंकार के मुख्य दो भेद हैं—शब्दालंकार और अर्थालंकार। जहाँ शब्दों के कारण चमत्कार आ जाता है वहाँ शब्दालंकार तथा जहाँ अर्थ के कारण रमणीयता आ जाती है वहाँ अर्थालंकार होता है। (Alankar kise kahate hain) शब्दालंकार के प्रकार शब्दालंकार के तीन भाग हैं- • अनुप्रास अलंकार • यमक अलंकार • श्लेष अलंकार अनुप्रास अलंकार किसे कहते हैं अनुप्रास अलंकार– जहाँ व्यंजनों की बार-बार आवृत्ति हो, चाहे उनके स्वर मिलें या न मिलें वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है। अनुप्रास अलंकार के पाँच भेद होते हैं- • छेकानुप्रास • वृत्त्यनुप्रास • श्रुत्त्यनुप्रास • लाटानुप्रास • अन्त्यानुप्रास छेकानुप्रास अलंकार उदाहरण सहित जहाँ एक या अनेक वर्णों की आवृत्ति केवल एक बार होती है वहाँ छेकानुप्रास होता है। उदाहरण- राधा के बर बैन सुनि चीनी चकित सुभाइ। दाख दुखी मिसरी मुई सुधा रही सकुचाइ। यहाँ ब, च, द, म और स वर्णों की एक एक बार आवृत्ति हुई है, अतः छेकानुप्रास है। वृत्त्यनुप्रास अलंकार जहाँ एक अथवा अनेक वर्णों की आवृत्ति दो या दो से अधिक बार हो, वहाँ वृत्त्यनुप्रास होता है। उदाहरण- तरनि-तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाये। इसमें शब्द और अर्थ वही है, परन्तु अन्वय करने से अर्थ में भिन्नता आ जाने के कारण लाटानुप्रास है। विशेष– लाट प्रदेश के कवियों द्वारा खोजे और फिर प्रचलित किये जाने के कारण यह अलंकार लाटानुप्रास कहलाता है. गुजरात ...

अलंकार किसे कहते हैं परिभाषा और उदाहरण सहित

1 • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Alankar kise Kahate Hain आप इस पोस्ट में अलंकार किसे कहते हैं,अलंकार की परिभाषा, अलंकार के कितने भेद होते हैं, तथा प्रमुख अलंकारों के बारे में जानेंगे हिंदी व्याकरण में अलंकार परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण अध्याय होता है। अलंकार किसे कहते हैं ( Alankar kise Kahate Hain ) Alankar in hindi काव्य की शोभा बढ़ाने वाले धर्म को अलंकार कहते है। काव्यशोभा करान् धर्मानलकार प्रचक्षते (काव्यादर्श) अर्थात् काव्य की शोभा करने वाले धर्मों , को अलंकार कहा जाता है। अलंकार का शब्दार्थ होता है-आभूषण या गहना। आभूषण द्वारा शरीर को सजाया जाता है जिससे वह अधिक आकर्षक प्रतीत हो। अलंकारों द्वारा भाषा में लालित्य एवं चमत्कार का समावेश होता है। गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा है कि “बिधुवदनी सब भाँति सेवारी, सोह न जथा बसन बिन नारी।” । अलंकारगत शोभा कभी शब्द में होती है और कभी अर्थ में। अलंकार की परिभाषा (Alankar Ki Paribhasha) काव्य की शोभा बढ़ाने वाले धर्म को अलंकार कहते है। काव्यशोभा करान् धर्मानलकार प्रचक्षते (काव्यादर्श) अर्थात् काव्य की शोभा करने वाले धर्मों , को अलंकार कहा जाता है। अलंकार कितने प्रकार के होते हैं (Alankar Kitne Prakar Ke Hote Hain) इस प्रकार अलंकारों को दो वर्गों में विभक्त करते हैं- शब्दालंकार, और (ii) अर्थालंकार शब्दालंकार अलंकार किसे कहते हैं (Sabda Alankar kise Kahate Hain) जब शब्दो द्वारा भाषा में सुन्दरता आती है, तब शब्दालंकार होता है। शब्दालंकारों के मुख्य भेद इस प्रकार माने गए हैं-अनुप्रास, यमक, पुनरुक्तिप्रकाश, वीप्सा, श्लेष और वक्रोक्ति। यमक अलंकार किसे कहते हैं (Yamak Alankar kis...

अलंकार कितने प्रकार के होते हैं? Alankar Kitane prakar ke Hote Hain:

अलंकार किसे कहते हैं अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है- आभूषण जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषण से उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है अर्थात जो किसी वस्तु को अलंकृत करें वह अलंकार कहलाता है। संक्षेप में हम कह सकते हैं काव्यशरीर, अर्थात भाषा को शब्दार्थ से सुसज्जित तथा सुंदर बनाने वाले चमत्कार पूर्ण मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते हैं। अलंकार दो शब्दों से मिलकर बना होता है- आलम + कार यहां पर अलम का अर्थ होता है' आभूषण मानव समाज बहुत ही सुंदर उपासक हैं उसके प्रवृत्ति ने ही नए अलंकारों को जन्म दिया गया है। अलंकार, कविता कामिनी के सुंदर को बढ़ाने वाले तत्व होते हैं। उदाहरण: भूषण बिना ना सोहई कविता, बनिता मित्त अलंकार कितने प्रकार की होते हैं अलंकार के चार भेद हैं- 1 शब्दालंकार 2 अर्थालंकार 3 उभयालंकार 4 पश्चात्य अलंकार 1 . जिस अलंकार में शब्दों को प्रयोग करने से चमत्कार हो जाता है और उन शब्दों की जगह पर समानर्थी शब्द को रखने से वह चमत्कार समाप्त हो जाए वहां शब्द अलंकार होता है। शब्दालंकार के मुख्यत: छह: प्रकार होते हैं - • अनुप्रास अलंकार • यमक अलंकार • पुनरिक्त अलंकार • विप्सा अलंकार • वक्रोक्ति अलंकार • श्लेष अलंकार 2. अर्थालंकार जब किसी वाक्य के किसी शब्द की या किसी भी तरह के लेखन की अर्थ के आधार पर शोभा बढ़ाई जाती है उसके अर्थ को हिसाब से उसको सुंदर बनाया जाता है. उसको अच्छा बनाया जाता है. तो उसे अर्थालंकार कहा जाता है. जहां पर अर्थ के माध्यम से काव्य में चमत्कार होता हो वहां अर्थ अलंकार होता है। यह प्रकार निम्नलिखित हैं- • उपमा अलंकार • रूपक अलंकार • उत्प्रेक्षा अलंकार • दृष्टांत अलंकार • संदेह अलंकार • अतिशयोक्ति अलंकार • उपमेयोपमा अलंकार • प्रतीप अलंकार • अनन्वय अलंकार • ...

अलंकार कितने प्रकार के होते हैं? । Alamkar kitne prakar ke hote hain?

आज इस आर्टिकल में हम अलंकार के कितने भेद होते हैं? (Alankar ke kitne bhed hote Hain), अलंकार कितने प्रकार के होते हैं? (Alankar kitne prakar ke hote hain?) अलंकार क्या है? इसके के बारे में जानेंगे। किसी भी भाषा का सही और गहन अध्ययन के लिए उसका व्याकरण आधार होता है। इसी प्रकार हिंदी भाषा मे भी व्याकरण बहुत ही प्रमुख होता है। हिंदी भाषा में और उसमें भी खास तौर पर कविता और कहानियों में भी अलंकार का इस्तेमाल होता है। कविता में पंक्तियों को सजाने के लिए अलंकार का इस्तेमाल होता है। आज इस लेख में हम अलंकार के बारे में ही जानेंगे। अलंकार क्या है? अलंकार कितने प्रकार के होते हैं यानी अलंकार के कितने भेद हैं? इसे और इसके सभी भेदो को एक-एक करके उदाहरण सहित समझने का प्रयास करेंगे – शाब्दिक अर्थ में अलंकार का मतलब होता है आभूषण। हम जो कुछ भी कहते हैं या लिखते हैं उस कथन को में सुंदर शब्दों का प्रयोग करके उसे प्रभावी और सुंदर बनाना चाहते हैं और इसी के लिए अलंकार का इस्तेमाल किया जाता है, बल्कि शब्दों को सजाना और प्रभावी बनाना ही अलंकार है। मुख्य तौर से अलंकार का इस्तेमाल काव्य यानी कविताओं में ही किया जाता है। इसीलिए उस कारक को अलंकार कहा जाता है, जो काव्य यानी कविता की शोभा को बढ़ाते हैं। ‘ तौपे वारू उर्वशी, तू तो प्रभु के उर वशि ‘ ऊपर दी गई कविता की पंक्ति में अलंकार का इस्तेमाल है। अलंकार के कितने भेद होते हैं? (Alankar kitne prakar hote hain?) वैसे तो अलंकार के भेदो और उपभेदो की संख्या काव्य शास्त्रियों के अनुसार सैकड़ों हैं। परंतु मुख्य रूप से कुछ सीमित और निर्धारित भेेदों को ही अलंकार के भेदों के अंतर्गत पढ़ा जाता है। मुख्य रूप से अलंकार के तीन भेद ही होते हैं, तथा उनके कई सारे उप...