रमेश बैस का जीवन परिचय

  1. रमेश बैस होंगे महाराष्ट्र के नए गवर्नर, राष्ट्रपति ने बदले 13 राज्यों के राज्यपाल
  2. दिविक रमेश का जीवन परिचय
  3. रमेश बैस
  4. Jharkhand Politics Know Inside Story About Governor And Government Going On For Two Months
  5. हिंदी साहित्य के लेखक, भारत के बेहतरीन लेखक और उनकी रचनाएँ
  6. रमेश भाई
  7. रमेश कुमार का जीवन परिचय


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रमेश बैस होंगे महाराष्ट्र के नए गवर्नर, राष्ट्रपति ने बदले 13 राज्यों के राज्यपाल

रमेश बैस होंगे महाराष्ट्र के नए गवर्नर, राष्ट्रपति ने बदले 13 राज्यों के राज्यपाल Maharashtra New Governor: द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया। जिसके बाद अब रमेश बैस को महाराष्ट्र के नए राज्यपाल के तौर पर नियुक्त किया गया है। रमेश बैस 1999 से अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री थे। इसके अलावा बैस लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं। बैस 2019 से 2021 तक त्रिपुरा के राज्यपाल भी रह चुके हैं • • • • • • Maharashtra New Governor: रमेश बैस को महाराष्ट्र के नए राज्यपाल के तौर पर नियुक्त किया गया है। बता दें कि पिछले कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखते हुए अपना पद छोड़ने की इच्छा जाहिर की थी। जिसके बाद अब रमेश बैस को उनकी जगह महाराष्ट्र का नया सीएम नियुक्त किया गया है। इससे पहले रमेश बैस झारखंड के राज्यपाल थे। द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया। जिसके बाद अब रमेश बैस को महाराष्ट्र के नए राज्यपाल के तौर पर नियुक्त किया गया है। रमेश बैस 1999 से अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री थे। इसके अलावा बैस लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं। बैस 2019 से 2021 तक त्रिपुरा के राज्यपाल भी रह चुके हैं और जुलाई 2021 में उन्होंने झारखंड के 10वें राज्यपाल का पदभार ग्रहण किया था। भगत सिंह कोश्यारी ने पिछले महीने जनवरी में एक चौंकाने वाला ऐलान करते हुए महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से हटने की इक्षा जाहिर की थी। कोश्यारी ने पीएम मोदी से खुद को सभी पदों से हटाने का आग्रह किया था। अधिकारिक सूचनाओं के अनुसार कोश्या...

दिविक रमेश का जीवन परिचय

दिविक रमेश का जन्म वर्ष 1946 में दिल्ली के किराड़ी गाँव में हुआ। उनका मूल नाम रमेश शर्मा है। 11वीं कक्षा से ही शिक्षा के साथ-साथ आजीविका के लिए संघर्षरत रहे। दिल्ली विश्वविद्यालय से पीएचडी के साथ प्राध्यापन के पेशे से संबद्ध हुए और मोती लाल नेहरू कॉलेज, दिल्ली के प्राचार्य पद तक पहुँचे। उन्होंने दक्षिण कोरिया में अतिथि आचार्य के रूप में भी कार्य किया। इससे पूर्व लगभग दो दशक दूरदर्शन से जुड़े रहे जहाँ विविध कार्यक्रमों के संचालन में योगदान किया। उन्होंने कविता, काव्य-नाटक, आलोचना एवं बाल-साहित्य जैसी विभिन्न विधाओं में लेखन किया है। ‘रास्ते के बीच’, ‘खुली आँखों में आकाश’, ‘हल्दी-चावल और अन्य कविताएँ’, ‘गेहूँ घर आया है’, ‘वह भी आदमी तो होता है’, ‘छोटा-सा हस्तक्षेप’ उनके प्रमुख काव्य-संग्रह हैं। ‘खंड-खंड अग्नि’ उनका काव्य-नाटक है। उनका आलोचनात्मक योगदान ‘नए कवियों के काव्य-शिल्प सिद्धांत’, ‘कविता के बीच से’, ‘साक्षात त्रिलोचन’,‘संवाद भी विवाद भी’, ‘निषेध के बाद’, ‘हिंदी कहानी का समकालीन परिवेश’, ‘कथा-पड़ाव’ के रूप में प्रकाशित है। ‘फूल भी और फल भी’ लेखकों से बारे में उनके आत्मीय संस्मरण की क़िताब है। बाल-साहित्य श्रेणी में कविताओं और कहानियों की उनकी दर्जनाधिक पुस्तकें प्रकाशित हैं। उन्होंने कोरियाई कवयित्री किम यांग शिक एवं अन्य की कविताओं के हिंदी अनुवाद किए हैं। उनकी कविताओं के अँग्रेज़ी, कोरियाई और मराठी अनुवाद पुस्तकों के रूप में प्रकाशित हुए हैं। वह ‘सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार’ से सम्मानित हैं।

रमेश बैस

कार्यकाळ १९९६–२३ मे २०१९ मागील विद्या चरण शुक्ला पुढील सुनील कुमार सोनी मतदारसंघ कार्यकाळ १९८९–१९९१ मागील केयुर भूषण पुढील विद्या चरण शुक्ला जन्म ( 1947-08-02) (वय:७५) राष्ट्रीयत्व राजकीयपक्ष पत्नी श्रीमती. रमाबाई अपत्ये ३ शिक्षण वाणिज्य शाखेत पदवी धर्म वैयक्तिक जीवन [ ] रमेश खोमलाल बैस यांचा जन्म २ ऑगस्ट १९४७ रोजी राजकीय कारकीर्द [ ] राज्यस्तरीय [ ] • १९७८: नगरसेवक, महानगरपालिका, रायपूर • १९८०-८५: आमदार, • १९८०-८२: सदस्य, अंदाज समिती, मध्य प्रदेश विधानसभा • १९८२-८५: सदस्य, ग्रंथालय समिती, मध्य प्रदेश विधानसभा • १९८२-८८: प्रदेश मंत्री, • १९८५ च्या मध्य प्रदेश विधानसभा निवडणुकीत त्यांचे राष्ट्रीय [ ] • १९८९: • १९८९-९० आणि १९९४-९६: उपाध्यक्ष, • १९९०-९७: सदस्य, लोकलेखा समिती सदस्य, सल्लागार समिती, पोलाद आणि खाण मंत्रालय • १९९३ नंतर: सदस्य, राष्ट्रीय कार्यकारिणी, भारतीय जनता पक्ष • १९९४ नंतर: सदस्य, कार्यकारी समिती, भारतीय जनता पक्ष, मध्य प्रदेश • १९९६: • सदस्य, कृषी समिती • सदस्य, याचिका समिती • सदस्य, सल्लागार समिती, उद्योग मंत्रालय • १९९८: • १९९८-९९: केंद्रीय पोलाद आणि खाण राज्यमंत्री ( • १९९९: • १३ ऑक्टोबर १९९९ - ३० सप्टेंबर २०००: केंद्रीय राज्यमंत्री, रसायने आणि खते • ३० सप्टेंबर २००० - २९ जानेवारी २००३: केंद्रीय राज्यमंत्री, माहिती आणि प्रसारण • २९ जानेवारी २००३- ८ जानेवारी २००४: केंद्रीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), खाण मंत्रालय • ९ जानेवारी २००४ - मे २००४: केंद्रीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पर्यावरण आणि वन मंत्रालय • २००४: • सदस्य, पेट्रोलियम आणि नैसर्गिक वायू समिती • सदस्य, लोकलेखा समिती • सदस्य, सल्लागार समिती, ऊर्जा मंत्रालय • सदस्य, हिंदी सलाहकार समिती, कोळसा...

Jharkhand Politics Know Inside Story About Governor And Government Going On For Two Months

Jharkhand Politics: तकरीबन 22 साल 11 महीने पहले राज्य के तौर पर अस्तित्व में आए झारखंड (Jharkhand) में अब तक 10 राज्यपाल नियुक्त हुए हैं. इनमें से वर्ष 2004 से 2009 के बीच राज्यपाल रहे सैयद सिब्ते रजी और अब दसवें राज्यपाल के रूप में कार्यरत रमेश बैस (Ramesh) का कार्यकाल राजनीतिक विवादों के लिए याद किया जाएगा. पूर्व राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी (Syed Sibtey Razi) की भूमिका पर वर्ष 2005 में उस वक्त जोरदार विवाद खड़ा हुआ था, जब उन्होंने विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी के नेता के बजाय यूपीए के लीडर शिबू सोरेन (Shibu Soren) को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी थी. बहुमत साबित ना कर पाने के कारण 9 दिनों बाद ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था और तब अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) ने सीएम पद की शपथ ली थी. चल रही है सियासी रस्साकशी मौजूदा राज्यपाल रमेश बैस का कार्यकाल 7 जुलाई 2021 से शुरू हुआ है. इनके अब तक के लगभग सवा वर्षों के कार्यकाल में राजभवन और राज्य सरकार के बीच कम से कम 4 से मौकों पर मतभेद-तनाव और असहमति की खबरें सामने आ चुकी हैं. बीते 2 महीने से राज्य में भारत के निर्वाचन आयोग की एक चिट्ठी को लेकर सियासी रस्साकशी चल रही है. इसमें एक सिरे पर राज्यपाल रमेश बैस हैं तो दूसरे सिरे पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन. अपने-अपने तर्क ये सीलबंद चिट्ठी बीते 25 अगस्त को नई दिल्ली से रांची स्थित राजभवन पहुंची. चुनाव आयोग की ये चिट्ठी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की योग्यता-अयोग्यता तय किये जाने के संबंध में है, लेकिन 2 महीने बीत जाने के बाद भी इसका आधिकारिक तौर पर खुलासा नहीं हुआ है कि इस चिट्ठी का मजमून क्या है? मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्य के सत्ताधारी गठबंधन का आरोप है कि इस...

हिंदी साहित्य के लेखक, भारत के बेहतरीन लेखक और उनकी रचनाएँ

हिंदी साहित्य काव्यांश तथा गद्यांशओं का सोने का पिटारा है । जैसे आभूषण के बिना स्त्री अधूरी होती है ठीक उसी प्रकार हिंदी साहित्य के बिना हिंदी भाषा अधूरी है। हिंदी साहित्य को सुनहरा बनाने वाले हैं हिंदी साहित्य के लेखक। हिंदी साहित्य के लेखक ने गद्यांशओ को इतना रुचिकर और आकर्षक लिख दिया है की हिंदी साहित्य को पढ़ना सभी को अच्छा लगने लगा है। हिंदी साहित्य आज से नहीं चला रहा है कहा जाता है कि आदिमानव के द्वारा पहला साहित्य प्राप्त हुआ था। ऐसा लगता है कि हिंदी साहित्य के लेखक द्वारा शब्दों को हिंदी साहित्य में मानों सुनहरे अक्षरों से लिखा हो,तो इसी के साथ आइए जानते हैं हिंदी साहित्य के लेखकों के बारे में। This Blog Includes: • • • • • • • • • • • • • • • • हिन्दी साहित्य का इतिहास हिंदी साहित्य का आरंभ आठवीं शताब्दी से माना जाता है। यह वह समय है जब सम्राट् हर्ष की मृत्यु के बाद देश में अनेक छोटे-छोटे शासन केंद्र स्थापित हो गए थे जो परस्पर संघर्षरत रहा करते थे। विदेशी मुसलमानों से भी इनकी टक्कर होती रहती थी। हिन्दी साहित्य के विकास को आलोचक सुविधा के लिये पाँच ऐतिहासिक चरणों में विभाजित कर देखते हैं, जो क्रमवार निम्नलिखित हैं:- • भक्ति काल (1375-1700) • रीति काल (1700-1900) • आधुनिक काल (1850 ईस्वी के बाद) • भक्ति काल (1375 – 1500) भक्ति काल (1375-1700) हिन्दी साहित्य का भक्ति काल 1375 वि0 से 1500 वि0 तक माना जाता है। यह काल प्रमुख रूप से भक्ति भावना से ओतप्रोत काल है। इस काल को समृद्ध बनाने वाली दो काव्य-धाराएं हैं – • निर्गुण भक्तिधारा • सगुण भक्तिधारा निर्गुण भक्तिधारा को आगे दो हिस्सों में बांटा जा सकता है, संत काव्य (जिसे ज्ञानाश्रयी शाखा के रूप में जाना जाता है, इस शाखा ...

रमेश भाई

पूरा नाम रमेश चन्द श्रीवास्तव अन्य नाम रमेश भाई जन्म जन्म भूमि थमरवा गांव, मृत्यु मृत्यु स्थान पति/पत्नी संतान अनुराग और स्व. रश्मि गुरु कर्म भूमि कर्म-क्षेत्र समाज सुधारक नागरिकता भारतीय संबंधित लेख रमेश भाई के प्रेरक प्रसंग अन्य जानकारी रमेश भाई ( Ramesh bhai, जन्म: जीवन परिचय रमेश भाई का जन्म 1 मई, 1951 को आश्रम की स्थापना सर्वोदय कार्यकर्ता के लिए संगठन क्षमता विनोबा भावे के ' मृत्यु पुण्य स्मरण

रमेश कुमार का जीवन परिचय

रमेश कुमार भारत के क्रिकेट खिलाड़ी है, जो कि घरेलू टीम पंजाब के लिए खेलते है. वह बाएं हाथ से बल्लेबाजी और बाएं हाथ से मध्यम तेज गेंदबाजी करते है, इनको लम्बे और ऊँचे शोर्ट लगाना पसंद है. यह जलालाबाद में नारायण जलालाबाद के नाम से जाने जाते है. इन्होने पंजाब में होने वाले टेनिस बॉल क्रिकेट मैच खेलते वक्त 10 गेंद में 50 रन बनाए थे, इनकी यह पारी की विडियो यूट्यूब पर काफी वायरल हुई थी. उनको आईपीएल 2022 में कोलकाता नाईट राइडर्स ने 20 लाख के बेस प्राइस पर अपनी टीम ने शामिल किया है. रमेश को जब कोलकाता नाइट राइडर्स में ट्रायल देने के लिए बुलाया था, तब इनके गुरु अमित ने रमेश को ट्रायल की लिए तैयार किया था. जन्म और परिचय रमेश कुमार का जन्म 1 जनवरी 1999 को पंजाब के जलालाबाद में हुआ था. उनके पिता जूते सिलने का काम करते है और उनकी माँ चुडिया बेचने का काम करती है. उनके परिवार में उनके दो छोटे भाई भी है. रमेश एक गरीब परिवार से आते है, उनको माँ-बाप का इस तरह से काम करना पसंद नहीं था, लेकिन घर की परिस्थिति को देखर वह कुछ कर भी नहीं सकते थे. उनकी जिंदगी में खुशियाँ तब आई जब उनको आईपीएल में कोलकाता नाईट राइडर्स ने 20 लाख में खरीदा, यह भले ही आईपीएल में एक कम प्राइस हो, लेकिन इस प्राइस से रमेश की पूरी जिंदगी बदल गई . उनके माता-पिता उनकी इस सफलता से बहुत खुश है. पूरा नाम रमेश कुमार अन्य नाम नारायण जलालाबाद जन्म 1जनवरी 1999 जन्म स्थान जलालाबाद, पंजाब, भारत उम्र (2022में) 23साल बल्लेबाजी की शैली बाएं हाथ से बल्लेबाजी गेंदबाजी की शैली बाएं हाथ से माध्यम तेज गुरु अमित जी घरेलू टीम पंजाब क्रिकेट टीम आईपीएल टीम कोलकाता नाईट राइडर्स (2022में) आईपीएल प्राइस 20 लाख रूपए (2022में) ऊंचाई 5’ 10” फीट वजन 68 ...